पूजा को उसके घर में चोद दिया
(Pooja Ko Uske Ghar Me Chod Diya)
हेलो दोस्तो, मैं अपनी सच्ची कहानी आपको बता रहा हूँ. मेरा नाम सुशांत है, पटना का रहने वाला 20 साल का एक कुंवारा लड़का हूँ. मस्त लण्ड का भी मालिक हूँ.
ज्यादातर लड़कियाँ मेरी बॉडी और क्यूट फेस पर मर मिटती हैं. वैसे मैं दिल्ली में कोचिंग ले रहा हूँ पर आजकल मैं पटना में ही हूँ.
मुझे इस साईट के बारे में पहले से ही नहीं पता था, मेरे एक दोस्त ने बताया था इस साईट के बारे में, मैंने तो अनदेखा कर दिया उसकी बात को! तो फिर जब मैंने इसे एक दिन पढ़ा तो बस इसका दीवाना हो गया हूँ. मैंने इस पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी, कुछ सच्ची थी और कुछ झूठी भी और इन कहानियों को पढ़कर न जाने कितनी मुठियाँ मैंने मारी हैं.
तो एक दिन मैंने भी सोचा कि मैं भी इस साईट पर अपनी एक कहानी डालूँ! उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी.
बात यूँ शुरू हुई!
एक दिन मैं सुबह सुबह जॉगिंग कर रहा था कि तब अचानक एक लड़की को मैंने देखा, उसने टाईट टॉप और जींस पहनी है और वो भी जोगिंग के लिये आई है.
मैं उसको देखता ही रह गया. वो एक परी जैसी लग रही थी. उसके नाग जैसे काले बाल और गुलाब जैसे उसके होंठ थे. गुलाबी रंग, बड़ी-2 आंखें, खूब फूला हुआ वक्ष, भरे-2 चूतड़ और उनसे नीचे उतरती सुडौल जांघें! सबसे अच्छे तो उसके चूचे थे जो देखे तो उन्हें दबाने के लिए दौड़े. उसके कूल्हे देख कर तो अच्छे अच्छे भी हिल जायें. उसकी फ़िगर 34-28-36 लग रही थी. जब वो दौड़ रही थी तो उसके बूब्स ऊपर नीचे झूल रहे थे.
और पीछे से उसके चूतड़ अच्छे लग रहे थे, मन कर रहा था कि अभी उसके चूतड़ों को दबा कर लाल कर दूँ लेकिन मैं सिर्फ़ उसको देखता ही रहा. वो वापस जाने लगी तो देखा कि वो मेरी ही अपार्टमेंट बिल्डिंग में ही गई तो मैंने उसके बारे में पता निकाला कि वो हमारी नई पड़ोसी है और उसके घर में उसके अलावा उसके मम्मी पापा और 19 साल का उसका एक भाई है.
अब मैं उसको प्राप्त करने का प्लान बनाने लगा. मैंने उसके भाई से दोस्ती कर ली और एक दिन मैं उसके साथ उसके घर गया तब पता चला कि उसका नाम पूजा है और वो मुझसे चार साल बड़ी है और उसने मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर किया हुआ है.
तो मैं बोला- तब तो आप को कम्प्यूटर की पूरी जानकारी होगी?
तो उसने कहा- हाँ!
‘तब तो मुझे कम्प्यूटर से रिलेटेड कुछ प्राब्लम होगी तो मैं आपसे ही पूछ लूँगा.’
तो उसने कहा- ज़रूर!
फिर मैं बाय बोल कर वहाँ से चला आया.
वो अगले दिन जॉगिंग करके लौट रही थी तो मुझे देख कर मुस्कुरा दी और हम ऊपर जाने लगे साथ में तो मैंने पूछा- एक बात पूछ सकता हूँ? आप इतना फिट कैसे रहती हैं सिर्फ़ जॉगिंग करके या?
तो वो बोली- नहीं एक्सरसाइज़ भी करती हूँ छत पर शाम को!
मैं साथ चलने लगा और वो चली गई, मैं फिर से कुछ नहीं कर पाया, सिर्फ़ उसको जाते हुए उसके चूतड़ को देखता रहा.
फिर मैं शाम को छत पर गया तो वो एक्सरसाइज़ कर रही थी. तब वो सफ़ेद टी-शर्ट और हाफ पैंट में थी, जब वो झुक रही थी तब उसके चुच्चे देखने लायक थे, मन कर रहा था कि अभी जाऊँ और इसको पटक कर चोद दूँ.
मेरा लंड खड़ा हो गया वो पेंट को फाड़ कर निकलना चाह रहा था.
इतने में उसकी कसरत ख़त्म हो गई, वो नीचे जाने के लिये सीढ़ी की ओर आने लगी और मैं छत पर जाने लगा और मैं जानबूझ कर उससे टकरा गया और वो मेरे ऊपर गिर गई. उसके दोनों चुच्चे मेरे सीने पर महसूस हुए और उसके होंठ मेरे होंठ से सट गये थे, मेरे दोनों हाथ उसके चूतड़ों पर थे.
मैं हल्के हाथों से उसके चूतड़ को सहलाने लगा और उसके होंठ को अपने होंठ से दबा दिया.
इतने में उसकी चूचियाँ टाइट हो गई और उसके निप्पल मेरे सीने में चुभने लगे.
फिर भी मैं लेटा रहा और धीरे धीरे में अपना एक हाथ उसके पैंट के अंदर डाल दिया और पेंटी के ऊपर से ही उसके चूतड़ मसलने लगा और नीचे उसके चूत के पास मेरा लंड का उसको आभासहोने लगा क्यूंकि मेरा लंड पूरी तरह से तन गया था. लेकिन वो उठने की कोशिश करने लगी और थोड़ा उठ कर फिर गिर गई और उसकी दोनों चूचियाँ मेरे सर के पास आ गई.
मैंने हल्के से उसके एक निप्पल को अपने होंठ से दबा दिया. उसके पूरे बदन से पसीना बह रहा था.
अब तक वो भी गर्म हो चुकी थी और अपना हाथ मेरे लंड की ओर बढ़ाने लगी. तभी नीचे से किसी के आने की आवाज आई तो हम दोनों उठ गये और अपने-अपने कपड़े झाड़ लिए, वो नीचे चली गई और मैं छत पर बाथरूम में जाकर पूजा के नाम से मूठ मार कर ही काम चला कर नीचे आ गया और ऊपर आने वाले को गाली दे रहा था.
फिर में फ्रेश होकर उसके घर गया. तब घर में सिर्फ़ उसकी मॉम और वो थी. मैंने उसकी मॉम से पूछा- पूजा दीदी कहाँ हैं?
तो उन्होंने पूजा को बुलाया, वो मुझे देख कर चौंक गई. वो कुछ बोलती, उससे पहले मैं बोला- दीदी वो थोड़ी प्राब्लम है, समझा दोगी?
वो चिड़ कर बोली- हाँ पूछो!
मैं प्रोब्लम पूछने लगा, वो वहीं समझाने लगी.
फिर उसकी मॉम बोली- रूम में ले जाओ, वहीं बैठा कर समझा देना!
वो मुझे अपने कमरे में ले गई और पूछने लगी- क्यूँ आया है यहाँ?
‘जो ऊपर नहीं हो पाया, उसको पूरा करने को!’
तो वो मुस्कुरा दी और बोली- पहले बैठ कर पढ़ो!
और वो मेरे पास खड़ी होकर बताने लगी. तब वो स्कर्ट और शर्ट जिसके बटन सामने खुलते थे पहने हुए थी. जिसमें उसके बूब्स का उभार गजब ढा रहा था. मेरा ध्यान वहीं पर था.
उसकी दोनों चूचियों के बीच की गहरी लाइन ब्रा के ऊपर से लण्ड को मस्ती दिला रही थी. वो मेरे इतने करीब खड़ी थी कि उसका खुला पेट वाला हिस्सा मेरे मुँह के पास आ चुका था जिसमें से उनकी गोल-गोल गहरी नाभि की महक मेरे नथुनों में मीठा ज़हर घोल रही थी.
फिर उसका पेन हाथ से मेरे सामने गिर गया जिसे लेने वो नीचे झुकी तो दोनों चूचियाँ मेरे मुँह के सामने परस गई. सामने खुला हुआ सीना मेरे दिल की धड़कन बढ़ा रहा था.
मैंने अपना एक हाथ उसके कंधों पर रखा. वो कुछ नहीं बोली, फिर मैंने अपना एक हाथ उसके सीने की तरफ बढ़ाया तो वो काम्पने लगी. धीरे-धीरे मैं उसके चुच्चों को शर्ट के ऊपर से सहलाने लगा.
उसने आँख बंद कर ली. मेरा हाथ उसके निप्पल को ढूँढ रहा था. उसके निप्पल तन कर सख्त हो गए थे. मैंने उसके निप्पल को दबाना शुरू कर दिया. वो थरथराने लगी. अब मेरा हाथ नीचे बढ़ने लगा जैसे ही मेरा हाथ उसके नंगी कमर के पास पहुँचा, वो काम्पने लगी. अब मेरी एक उंगली उसके नाभि के छेद को कुरेद रही थी.
मैंने अपना एक हाथ नीचे उसकी टांगों की तरफ बढ़ाया उसकी गोरी खूबसूरत टाँगें जिन पर बालों का नामोनिशान नहीं था, वो मुझे मदहोश करने लगी.
फिर स्कर्ट को थोड़ा ऊपर उठाया तो उसकी जांघें नज़र आने लगी. मैंने अपने कांपते हाथ उसकी जाँघ पर फेरा तो वो कसमसाने लगी. मुझे लगा कि मैं किसी मखमल पर हाथ फेर रहा हूँ.
थोड़ा और बढ़ा तो हाथ किसी गरम तपती हुई चीज से टकराया वो उसके चूत के ऊपर की पेंटी थी जो गीली हो चुकी थी और मेरे हाथों में कोई चिपचिपाती चीज लगी और मैं ऊपर से ही चूत को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा तभी मुझे उसकी हल्की सिसकारी सुनाई देने लगी.
मैं इसी सिसकारी में डूबा हुआ था तभी फ़ोन की घंटी बजने लगी. पूज ने देखा कि उसके पापा का फ़ोन था. वो फ़ोन लेकर अपनी मॉम के पास गई, मैं भी पीछे गया, तो पूजा की मॉम सजधज कर कहीं जा रही थी, फ़ोन उठा कर बोली- बस आ रही हूँ!
और फ़ोन बन्द कर दिया.
वो मुझसे बोली- बेटा तुम यहीं पूजा के पास रहना, मैं एक पार्टी में जा रही हूँ, इसके पापा और भाई वही हैं. हम रात 10 बजे तक आ जाएँगे.
और वो चली गई.
उनके जाने के बाद पूजा मेरी तरफ देख रही थी, मैंने तुरंत उसे कसकर अपनी बाहों में भर लिया. उफ़ क्या आनन्द था. वो भी लता की तरह मुझसे लिपटी हुई थी. फिर मैंने उसे चूमना शुरू किया गाल, गर्दन, पलकें, ठोढ़ी और होंठ.
मैं उसके पतले-पतले होंठों को अपने होंठों से मिला कर चूसने लगा. उसके होंठ गुलाब जामुन की तरह गर्म और मीठे थे और बहुत रसीले भी! बहुत देर तक उसके होंठों को चूसता रहा, फिर मैंने अपना एक हाथ उसके शर्ट के अंदर डाल दिया और उसके रसीले संतरों को मसलने लगा.
उसके चूचूकों को अपनी दो उँगलियों के बीच लेकर रगड़ने लगा तो उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं. पूजा ने धीरे से कहा- कोई आ जाएगा. पहले दरवाज़ा बंद करो!
मैं जल्दी से उठा और दरवाज़ा बंद करके मैं उसके पास आया और फिर उसके होंठ चूसने लगा. वह भी मेरा साथ दे रही थी और मस्ती में आह आह की आवाजें निकाल रही थी.
मैं चुम्बन के साथ-साथ उसकी जांघें और उसकी कमर को भी सहला रहा था. यह सिलसिला करीब बीस मिनट तक चला. फिर मैंने उसे बिस्तर पर उल्टा लेटा दिया. उसके बहुत ही मुलायम गोल और भारी गांड ऊपर की तरफ थी. मैं बिस्तर पर बैठा, उसकी कमीज़ का पल्लू उठाया और उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा.
और उसकी स्कर्ट को उतार दिया और फिर उसको सीधा करके शर्ट को भी उतार दिया. अब उसके बदन पर सिर्फ़ ब्रा-पेंटी ही थी. मैंने उसके बदन पर निगाह डाली तो देखता ही रह गया.. गुलाबी बदन चमक रहा था! इतनी सेक्सी लग रही थी वो कि मुझे ख़ुद पर कंट्रोल पाना मुश्किल था, लण्ड बेहद तन गया था और दर्द कर रहा था.
तो मैं फ़िर से उसे चुम्बनों से नहलाने लगा. स्तनों से अब थोड़ा नीचे आया, उसके समतल पेट को चूमा और अब उसकी नाभि की ओर बढ़ा, अपनी जीभ को घुमाया उसकी नाभि में और चाटना शुरू किया! हौले-हौले नाभि के आस पास जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसे चाट रहा था… उसके बदन में गर्मी बढ़ रही थी… वो दबे मुँह सिसकारियाँ ले रही थी और उसका गोरा सा बदन मचल रहा था. मगर अब भी वो चुपचाप मजे ले रही थी, कोई हरकत नहीं कर रही थी.
मैं चूमते हुए धीरे धीरे नाभि के नीचे पहुँचा और अब मेरा मुँह उसकी पेंटी के ऊपर था… पेंटी से ही उसकी चूत को चूमा और मुँह को दबाया उसकी चूत पर और तब मैंने देखा कि उसका बदन तेजी से मचल रहा है… मैंने धीरे से उसकी पेंटी को नीचे सरकाया… वाह क्या गुलाबी चूत थी उसकी… बिल्कुल साफ़ सुथरी और थोड़ी सी नम! ऐसा लगता था मानो गुलाब की पंखुड़ियों से बनी हुई है उसकी चूत जो उसकी गोरी सी चिकनी जांघों के बीच सोई पड़ी थी, आज जाग गई है…
मैंने चूत की ऊपर की किनारी से चूमना शुरू किया और गोल गोल मुँह को घुमाते हुए उसकी चूत को चूमने लगा… बहुत ही मीठी खुशबू उसकी चूत से आ रही थी और मैं पागल हुए जा रहा था… उसकी चूत के बीच के हिस्से में मैं चूम रहा था… चूत गीली हो गई थी और फ़ूल गई थी… बीच का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था और उसमें से चूत की गहराई झलक रही थी…
मैंने अपना कंट्रोल खोते हुए दोनों हाथों से चूत को फैला दी और चूत में जीभ घुसेड़ दी और चाटने लगा और चाटते हुए उसकी गांड को सहलाने लगा. उसी वक्त मैंने मेरे लण्ड पर उसके हाथ को महसूस किया और मैं जोर जोर से चूत चाटने लगा, जीभ को पूरा चूत में घुसेड़ दिया और हिलाने लगा.
अब वो अपना आपा खो रही थी और अपनी जुबान मेरे मुँह में डाल रही थी. तब ही मुझे एक झटका लगा, उसने मेरे पैंट को खोला और अन्डरवीयर के अन्दर हाथ डाल कर मेरे लण्ड को सहला रही थी.
और फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे 8 इंच के लंड को देख कर झट से अपने मुँह में डाल दिया. वो उसे अपने गले तक अन्दर ले जाकर चूसे जा रही थी.
कुछ 15 मिनट तक उसने मेरा लौड़ा चूसा होगा, और तब मेरे गोद में आकर मुझे बाहों में लेकर चूमने लगी. मैं चूचियों को हाथ में लेकर दबाने लगा और एक चुचूक मुँह में ले लिया और उस पर जीभ फिराने लगा. पूजा की तो हालत ही खराब हो गई. वो एकदम गर्म हो गई थी. मैंने जोर से चूसना शुरू कर दिया. उसने मेरे सर को अपने वक्ष पर दबा दिया, मैं और तेज चूसने लगा और उन्हें दबाने लगा.
थोड़ी देर उसका जिस्म निहारने के बाद मैंने उसके घुटने मोड़ कर खड़े कर दिये और टाँगें चौड़ी कर दीं. फिर मैं अपना मुँह उसकी टाँगों के बीच करके लेट गया.
उँगलियों से उसकी योनि की फाँको को इतना फैलाया कि उसकी सुरंग का छोटा सा मुहाना दिखाई पड़ने लगा. मैंने सोचा कि इतने छोटे से मुहाने से मेरा इतना मोटा लिंग एक झटके में कैसे अंदर जा पाता.
मैंने अपनी जीभ उस छेद से सटा दी.जुबान अंदर घुसाने की कोशिश, अब उसकी योनि का छेद थोड़ा और खुल गया और मुझे जुबान का अगला हिस्सा अंदर घुसाने में आसानी हुई.
फिर मैंने अपनी जुबान बाहर निकाली और फिर से अंदर डाल दी. उसके शरीर को झटका लगा. उसने अभी भी चूतड़ ऊपर की तरफ उठा रखा था. सो मैंने उसे बेड पर सीधा लिटाया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया जिससे उसकी चूत ऊपर आ गई.
फिर मैंने अपनी तरजनी उंगली उसके छेद में घुसाने की कोशिश की. मेरी जुबान ने पहले ही गुफा को काफी चिकना बना रखा था. तरजनी धीरे धीरे अंदर घुसने लगी.
जब उंगली अंदर चली गई तो मैं उसे अंदर ही मोड़कर उसकी योनि के आंतरिक हिस्सों को छूने लगा. मुझे अपनी उंगली पर गीली रुई जैसा अहसास हो रहा था. कुछ हिस्से थोड़ा खुरदुरे भी थे. उनको उंगली से सहलाने पर पूजा काँप उठती थी.
मैंने सोचा अब दो उँगलियाँ डाल कर देखी जाए. मैं तरजनी और उसके बगल की उंगली एक साथ धीरे धीरे उसकी गुफा में घुसेड़ने लगा.
थोड़ी सी रुकावट और पूजा के मुँह से एक कराह निकलने के बाद दोनों उँगलियाँ भीतर प्रवेश कर गईं. अब पूजा की गुफा से पानी का रिसाव काफी तेजी से हो रहा था.
मैंने तकिया हटाया और उसकी जाँघें अपनी जाँघों पर चढ़ा लीं. फिर मैं अपने लण्ड को उसकी चूत पर फिराने लगा. उसकी चूत तन्दूर की तरह गरम थी. उसने कहा कि उसने कभी चुदवाया नहीं है. मेरा इतना मोटा लण्ड उसकी चूत में कैसे जायेगा. मैंने कहा- थोड़ा सा दर्द होगा, लेकिन बाद में मजा आयेगा.
मैंने अपने लण्ड और उसकी चूत पर क्रीम लगाई और अपना लण्ड धीरे से उसकी चूत में घुसाने लगा. उसकी चूत बहुत टाइट थी.
मेरे लण्ड का सुपाड़ा उसके अन्दर जाते ही वो जोर से बोली- बहुत दर्द हो रहा है!’
मैं वहीं पर रूक गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा और उसके होंठों को चूमने लगा.
थोड़ी देर में पूजा जोश में आ गई और अपने चूतड़ उठाने लगी. मैंने ऊपर से थोड़ा जोर लगाया, मेरा लण्ड उसकी चूत में तीन इन्च घुस गया. वो जोर से चिल्लाने लगी सो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और मैं धीरे धीरे अपने लण्ड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा. उसे भी मजा आने लगा और वो मुझसे ज्यादा चिपकने लगी.
अचानक मैंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा 8 इन्च का लण्ड उसकी चूत में घुसेड़ दिया. वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी.
मैं वहीं पर रूक गया. उसकी चूत में से खून निकलने लगा था. वो जोर जोर से रोने लगी, मैंने उसे प्यार से समझाया कि मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में चल गया है. अभी थोड़ा सा दर्द होगा लेकिन बाद में जो मजा आयेगा वो पूरा दर्द भुला देगा.
मैंने उसके लाख कहने पर भी अपना लण्ड उसकी चूत से नहीं निकाला. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं.
पाँच मिनट तक मैं सिर्फ़ उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ फ़िराता रहा. धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ और उसे जोश आने लगा. वो मुझसे चिपक गई और अपने चूतड़ उठाने लगी.
उसकी चूत मेरे लण्ड को कभी जकड़ती और कभी ढीला छोड़ती. मैं इशारा समझ गया और मैंने धीरे धीरे अपने लण्ड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर मैं उसे भी मजा आने लगा और वो भी हिल हिल कर चुदाइ का मजा लेने लगी. 10 मिनट तक मैं उसे चोदता रहा. इतनी देर में उसकी चूत गीली हो गई और उसका दर्द कम हो गया, और वो बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी.
वो भी नीचे से गांड हिला कर मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी- य्य्य्याआ आआआअ आया तेज और तेज करो बेबी! मुझे चोदते रहो…आआ आआऊऊऊ मम्म म्मन्न न्न्न्न स्सस्स्म्म म्मम् म्मम्म!
फिर मैंने उसके दोनों टॅंग को अपने कंधे पर रख कर फिर से अपना लंड को उसकी चूत में दल दी और तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए. फिर मैंने उसे घोड़ी बना कर चोदा. जो भी सेक्स मुद्राएँ मैं जानता था, सब की…दीवार के साथ खड़ा करके, उसे गोद मैं लेकर चोदा.
फिर वो मेरे ऊपर आ गई. वो सेक्स को पूरा मजा ले रही थी, जैसे इंग्लिश मूवी में करते हैं! उसकी चूत से खून भी निकल रहा था, उसकी सील पूरी टूट गई थी. अब उसकी चूत से पच पच की आवाज आ रही थी और लंड चूत में अंदर जा रहा था, बाहर आ रहा था.
वो भी हर झटके में सिसकारी भर रही थी.
‘मैं अब झरने वाला हूँ!’ बोल कर अपना लन्ड चूत से निकाल कर सारा रस उसके पेट ऊपर ही छोड़ दिया.
करीब दस मिनट तक उसके ऊपर लेटा रहा. हम दोनों की सांसों की आवाज से पूरा कमरा गूँज रहा था.
उसके बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में जाकर उसकी चूत और अपने लण्ड को धोकर साफ़ किया और वापस आकर बेड पर बैठ गये.
आपको मेरी कहानी कैसी लगी और अगर आप के कुछ सवाल हों तो आप मुझे मेल कर सकते हैं.
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