ऑनलाइन दोस्त बना चुदाई पार्टनर
(Online Dost Bana Chudai Partner)
मेरा नाम मानसी पंजाबी है.. मैं पिछले 4 साल से अन्तर्वासना की पाठिका हूँ और मैंने लगभग सारी सेक्स कहानी पढ़ी हैं।
कुछ समय से मेरी भी तमन्ना थी कि मैं अपनी चूत चुदाई की कहानियां यहाँ लिखूँ जिससे आप लोग भी इसका मज़ा ले सकें।
यह कहानी मेरी और मुझे ऑनलाइन मिले मेरे दोस्त अमित के बारे में है। क्योंकि यह मेरी पहली कहानी है.. जो मैं लिख रही हूँ.. तो कोई ग़लती लगे तो माफ़ कर दीजिएगा।
मेरा थोड़े दिन पहले मेरे ब्वॉयफ्रेंड के साथ ब्रेकअप हो गया था.. इसलिए मुझे कभी-कभी रात को नींद नहीं आती थी, जिस कारण से मैं चैट पर अपना अधिक समय बिताने लगी थी।
एक दिन ऐसे ही चैट करते समय एक लड़का मिल गया.. वो मुझसे 5 साल छोटा था.. इसलिए मैंने पहले उससे बात करने से मना कर दिया।
तो उसने बोला- मुझे एक चान्स तो दे कर देखो.. मैं सब कुछ करूँगा।
मैंने सोचा कि चलो इससे मज़े करते हैं.. तो मैंने उसको बोला- मैं घर की मालकिन हूँ और तुम कचरे वाले हो.. अब घर में आकर तुम मेरी चुदाई कैसे करोगे.. वो मुझे बताओ।
तो इस तरह हम दोनों ने ‘रोल-प्ले’ के साथ मज़े लेना शुरू कर दिया।
कभी बीवी.. कभी रंडी और कभी बहन बना कर हम एक-दूसरे को खूब गालियाँ देकर फोन सेक्स भी करने लगे थे।
ऐसे ही दिन बीतते गए और हम दोनों बेस्ट फ्रेंड्स बन गए।
फिर एक दिन वो मुझसे मिलने मेरे शहर आया। उस दिन रविवार था और बहुत बारिश हो रही थी।
मैं उसके साथ गई और हम दोनों ने पहले खाना खाया.. फिर मैं उसको पिक्चर के लिए ले गई।
पिक्चर शुरू होने के थोड़ी देर बाद उसने मेरे बालों में हाथ फेरना चालू कर दिया।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि काफी दिनों से मुझे किसी ने मज़ा नहीं कराया था और मेरी मुनिया उछलने लगी थी।
धीरे-धीरे फिर उसने मेरे पूरे बदन को छूना चालू कर दिया, मेरे बूब्स.. कमर हर जगह मुझे सहलाने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
इंटरवल के बाद मैं अन्दर की ओर बैठ गई और बाद में मैंने अपनी पैन्ट के बटन खोल दिए। उसने उंगली डाल कर मेरा पानी निकलवा दिया।
दूसरी तरफ मैं उसके लण्ड को चूमने से ज़्यादा कुछ कर ही नहीं पाई।
क्योंकि हम दोनों ही अब चुदाई के लिए तड़प रहे थे.. उसके बाद हम दोनों एक होटल के कमरे में गए और वहाँ जाते ही हम दोनों ने एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमना शुरू कर दिया.. जो थोड़ी देर तक चला।
थोड़ी देर में हम दोनों पूरे नंगे होकर बिस्तर पर आ गए थे।
वो मुझे पागलों की तरह मेरे होंठों को.. बूब्स को.. और पेट को चूम रहा था। मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं सीत्कार के अलावा कुछ कर नहीं रही थी।
तभी वो मेरी दोनों टांगों के बीच आ कर मेरी चूत को चाटने लगा।
यहाँ मैं बताना चाहूँगी कि चूत चटवाना मेरी कमज़ोरी है।
थोड़ी देर अपनी चूत चटवाने के बाद मैं उसके ऊपर आ गई और उसको छाती पर काटने लगी। उसने मुझे अपना लौड़ा चूसने को बोला.. पर क्योंकि मुझे वो पसंद नहीं इसलिए मैंने उसके लौड़े पर 5-6 चुम्मे ही लिए और अपने मम्मों को बीच उसके लण्ड को दबाने लगी.. अब सीत्कार करने की बारी उसकी थी।
इस तरह पहले हम दोनों एक-दूसरे के साथ खूब खेले।
थोड़ी देर बार उसने मुझे अपने नीचे ले लिया और मेरी चूत में धीरे-धीरे लण्ड डालना शुरू कर दिया।
मैंने पहले बहुत बार चुदाई की थी और बहुत दिन से प्यासी भी थी, मैंने अपनी गाण्ड उठा कर उसे जल्दी-जल्दी चुदाई करने का इशारा किया.. तो वो धीरे-धीरे अपनी स्पीड तेज करता गया।
मैं सिर्फ़ मजे से भरी हुई सीत्कारें ले रही थी ‘आआहह.. आहह..’
थोड़ी देर में मैंने उसको गालियां देना शुरू कर किया- हरामखोर.. चोद.. चोद.. अपनी जान लगा के.. आआहह.. फक मी.. भोसड़ी के.. फक मी..
ना जाने मैं चुदास की आग को बुझाते हुए उसको क्या-क्या बकती रही।
क्योंकि उसको पता था मुझे चुदवाते वक़्त गाली सुनना पसंद है.. इसलिए वो भी मुझे जवाब में गालियाँ दे रहा था ‘ले रंडी चुद.. चुद.. माँ की लौड़ी.. खा मेरा लण्ड.. बहुत तड़पाती है ना तेरी चूत.. ले खा..मेरा लौड़ा.. आह्ह..’
वो पागलों की तरह बस मेरी भट्टी खोदे जा रहा था। मैं एक बार झड़ भी गई थी.. पर वो छूटने का नाम नहीं रहा था। मैं बस ‘आआ.. आआ.. एयेए..’ के अलावा कुछ नहीं कर सकती थी।
मैं दोबारा झड़ने ही वाली थी कि वो झड़ गया और साथ ही मैं भी झड़ गई।
थोड़ी देर मेरे ऊपर हाँफने के बाद हम दोनों बाथरूम में गए.. एक-दूसरे को साफ़ किया और चूमा-चाटी करके अपने-अपने घर चले गए।
उसके बाद वो जब भी मुझसे मिलने आता है.. तब हम दोनों जी भर के मस्ती करते हैं।
आप मुझे ईमेल करके बताना कि आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी। अगली बार मैं चैट पर कैसे चुदाई करती हूँ.. उसके बारे में बताऊँगी।
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