दूकान वाली कुंवारी लड़की के साथ ओरल सेक्स का मजा- 1

(Nude Virgin Girl Story)

न्यूड वर्जिन गर्ल स्टोरी में घर के पास एक दूकान वाली जवान कुंवारी लड़की पर मेरा दिल आ गया। मेरी अधेड़ उम्र की जवानी उसकी चूत मारने को लालायित थी। मैंने कैसे उस माल को पटाया?

दोस्तो, मैं हंटर कामदेव फिर हाज़िर हूँ अपने जीवन के कुछ यादगार पल आप लोगों के सामने साझा करने को।
जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूँ कि ऐसे कई सच्चे पल व क्षण आये जहाँ कई महिला मित्रों के साथ सम्भोग का आनंद लेने का मौका मिला।

मेरी पिछली कहानी थी: देसी गर्लफ्रेंड की चूत चुदाई थियेटर में

लेकिन ज़िन्दगी की व्यस्तता के कारण मैं मेरे साथ घटित सच्ची घटनाओं को कहानियों का रूप देने में थोड़ा लेट हो गया।
अब मैं उम्र के 38वें साल को छूने जा रहा हूँ।
शादीशुदा अधेड़ उम्र के व्यक्तियों की तरह मेरी भी दिनचर्या है और मैं अपने तरीके से जी रहा हूँ।

मेरे लिए ऐसा ही एक रूटीन है उठना, नित्य काम करना और हर दूसरे दिन पास के जनरल स्टोर जाकर ब्रेड, दूध आदि सामान लाना।
स्टोर के बाहर काफी जगह है, वहाँ सुबह अच्छी चाय और नाश्ता भी बनाकर बेचते हैं।
बीवी के न होने पर मैं कभी-कभी वहाँ चाय नाश्ता कर लेता हूँ।

उस स्टोर पर जाने का एक और कारण है- रेणुका।

रेणुका उस स्टोर के मालिक की बेटी है।
सुबह वही स्टोर खोलती है।
उसे सब रेणु कहते हैं।

यह न्यूड वर्जिन गर्ल स्टोरी इसी लड़की की है.

वह लगभग 22 साल के करीब की होगी। वो घुँघराले बालों और हल्के से हरे रंग की आँखों वाली गोरी लड़की है लेकिन 16 साल से ज्यादा की लगती नहीं है।
ऐसा नहीं लगता कि वह कोई मेकअप लगाती होगी।

रेणु का शरीर थोड़ा मोटा है जो उसे युवा दिखने में योगदान देता है।
यह ‘बेबी फैट’ जैसा दिखता है।
उसके स्तन छोटे नहीं हैं।

एक दिन मैंने उसे टाइट टी-शर्ट में देखा, उसके निप्पल काफी सूजे हुए थे।
मैं कल्पना कर सकता था कि वे कैसे दिखते होंगे।

बहुत सारे लोग, पुरुष और महिलाएं, उसके बालों पर टिप्पणी करते हैं, जैसा कि मैंने भी किया।
वह हमेशा मुस्कराते हुए इन टिप्पणियों को प्रशंसा के रूप में लेती थी।

मैं आमतौर पर उसे ‘डिअर’, ‘बेबी’ या ‘डॉल’ के रूप में संबोधित करता था और अभी करता हूं।
डॉल बोलने पर वह थोड़ा शर्मा जाती है।

मुझे फ़्लर्ट करना पसंद है और मेरी उम्र में इतना तो चलता है।
तो अब उस पहले वाकये की बात करते हैं।

रेणु के साथ शुरू में ऐसे ही फॉर्मल बातचीत कई दिन चलती रही।

एक दिन मैंने उससे कहा कि उसकी आंखें मेरे द्वारा देखीं गई अब तक की सबसे खूबसूरत आंखें हैं, और यह सच है।
मुझे धन्यवाद देते हुए उसकी गोरी त्वचा लाल हो गई।

जब उसने मुझे मेरे छुट्टे दिए तो उसके हाथ थोड़ा ठहर गए मेरे हाथ पर!
उसकी छुअन को याद करते हुए मैं घर की ओर चलते हुए सोचने लगा कि मैं इतना मूर्ख कैसे हो सकता हूँ।
खैर अब तो बात निकल गई थी।

एक सुबह कार से कहीं से आते वक़्त मैं स्टोर गया और उसे काउंटर पर न देखकर निराश हुआ।
लेकिन जैसे ही मैं शेल्फ रैक की एक लाइन में गया, मैंने उसे अपने घुटनों पर एक शेल्फ पर स्टॉक जमाते हुए देखा।

रेणु ने जीन्स और टीशर्ट पहनी हुई थी।
जींस पर उसका कर्वी बदन उभर कर दिख रहा था।
उसके नितम्ब बड़े और गोलाकार थे जिस पर किसी का भी मन डोल जाये।

“गुड मॉर्निंग ब्यूटी.” मैंने कहा।
उसने ऊपर देखा और लाल हो गई और बोली- यह तो कुछ नया है। आप मुझे इतने अच्छे नामों से क्यों बुलाते हो?

मैंने उससे कहा- जब तुम ऐसे नाम सुनकर थोड़ा सा शरमा जाती हो तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। लेकिन घबराओ नहीं, मैं शादीशुदा हूं और मेरे मन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे तुम्हें परेशानी हो।

फिर मैंने बात में आगे बात जोड़ते हुए कहा- लेकिन ये मत सोचना कि ये सब झूठी तारीफें हैं या झूठे नाम हैं, जो मुझे तुम्हारे अंदर दिखता है वही दिल से निकलता है, इसलिए ये सब नाम सच हैं। तुम निश्चित रूप से बहुत खूबसूरत हो और कोई भी लड़का जो तुम्हें एक गर्लफ्रेंड के रूप में पायेगा तो वह भाग्यशाली होगा, और हर दिन तुम्हारी तारीफ करना चाहेगा।

उसने मेरी ओर देखा और कहा- आपकी बातें सुनकर मैं तो बहुत शरमा जाती हूं लेकिन आपको सुबह दुकान पर देखना मुझे भी अच्छा लगता है।
“अच्छा लगता है?” मैंने हैरानी भरे स्वर में पूछा।

फिर कहा- लेकिन मैंने तुम्हें बताया है कि मैं शादीशुदा हूं। और ये भी बता देता हूं कि मेरा एक बच्चा भी है जो 8 साल का हो चुका है।

उसने सहजता से कहा- तो क्या हुआ, मैंने पढ़ा है कि कुछ अधेड़ उम्र के शादीशुदा मर्द वास्तव में जानते हैं कि लड़की के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।

उसका स्टॉक जमाना खत्म हो गया, मैंने उसे हाथ देते हुए उठने में मदद की।
वह बोली- देखा, अगर मेरा बॉयफ्रेंड यहां होता तो वो इस तरह उठने में मेरी मदद नहीं करता जिस तरह आपने बिना बोले ही कर दी!

फिर पांच मिनट के बाद वो बाहर आ गई।
मैंने बाहर निकल कर उसके लिए दरवाजा खोल दिया।

वह बोली- देखा, मैं यही कहना चाह रही थी, बड़े पुरुषों को लड़की का ख्याल रखना आता है।
कहते हुए उसके चेहरे पर अजीब सी मुस्कराहट थी जैसे कह रही हो कि वो मेरे साथ बहुत ही सहज है।

सामान लेकर मैं गाड़ी की तरफ आया तो वो भी पीछे आकर खड़ी हो गई।
मैंने कार विंडो में उसकी छाया देखी।

उसकी चूचियों के निप्पल कार के शीशे में एकदम से तने हुए दिख रहे थे।
मेरी नजर वहां कुछ पल के लिए टिक सी गई थी।

फिर मैं कार में बैठ गया।
मैंने बहुत कोशिश की कि उसकी टीशर्ट में नुकीली उठी चूचियों की घुंडियों को दोबारा न घूरूं लेकिन मन पर काबू रख न सका।

उसने भी मेरी नजर पढ़ ली।
मैंने उसकी आंखों में देखा तो वो शरारत से मुस्करा दी।

वह बोली- अभी तो बहुत छोटी हैं।
मुझे इस टिप्पणी की उम्मीद नहीं थी क्योंकि मेरे लिए उसके मुंह से निकले ये शब्द बहुत बोल्ड थे।

खैर, उसके ये शब्द सीधे लंड तक जाकर लगे लेकिन मैंने वासना को चेहरे पर तैरने का मौका न दिया और प्यार से मुस्कराकर कहा- मेरे लिए तो बहुत सही हैं।

उसने एक गहरी सांस ली।
फिर बोली- मेरा बॉयफ्रेंड है और मैं अभी भी वर्जिन हूं। शादी तक ऐसे ही रहना चाहती हूं। लेकिन मैं उसका ध्यान रखती हूं, भले ही वो न रखता हो। अगर वो भी रखता तो मुझे ज्यादा संतुष्टि मिलती। लेकिन सुना है कि आप जैसे बड़े पुरुष लड़कियों की भावनाओं का ख्याल अच्छे से रखना जानते हैं।

मैंने उसकी बात को स्वीकार किया और बोला- मुझे इन सब का बहुत अनुभव है और मुझे अच्छा लगता है किसी का ख्याल रखना। और तुम जैसी लड़की का भी कोई ख्याल नहीं रखता है तो वह सच में मूर्ख ही है। मैं अगर तु्म्हारी कुछ मदद कर पाऊं तो मुझे तो बड़ी खुशी होगी।

मैं कार में बैठ गया।
वह एक कदम चलकर कार की खिड़की के काफी करीब आ गई; वो कार में अंदर झांकने लगी।
इस स्थिति में उसके चूचे कार की खिड़की पर टिके थे जिनको मैंने बहाने से छू दिया।

उसने नीचे नजर करके मेरा हाथ देखा और फिर पीछे हट गई।
कुछ सोचकर फिर से आगे आ गई।
फिर खुद ही चूचियों को खिड़की पर टिकाकर स्टीयरिंग पर रखे मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया।

मैंने फिर से उसकी चूचियों पर हाथ रखा और हल्के से दबाते हुए कहा- अगर तुम चाहो तो आज से ही हम एक-दूसरे का ख्याल रखना शुरू कर सकते हैं!
उसने धीरे से हाथ कार की खिड़की से अंदर डाला और मेरे लंड पर रख दिया जो पहले से ही पैंट में तन चुका था।
हाथ रखते ही लंड झटके देने लगा।
वह भी थोड़ी और उत्तेजित हुए और भैंस के थन की तरह उसे खींच खींचकर नीचे की तरफ दोहने लगी।

मैंने कहा- तुम्हें इसके साथ ऐसा करने में मजा आता है क्या?
उसने कामुक भाव के साथ सिर हिला दिया।

मैंने कहा- अभी दो दिन मैं फ्री ही हूं। मैं पूरा दिन तुम्हारे नीचे (चूत के पास) रह सकता हूं। मुझे भी वहां चाटना बहुत पसंद है!

वो बोली- मेरे पास पूरा दिन है, लेकिन आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। वैसे ज्यादा टाइम भी नहीं चाहिए। मैं तो कभी-कभी अपने बॉयफ्रेंड को एक मिनट में ही खुश कर देती हूं। हां, उसका (लंड) थोड़ा बदबूदार है, इसलिए मुझे उसे (मुंह में) लेने में ज्यादा अच्छा नहीं लगता है। लेकिन मैं उससे प्यार करती हूं तो उसको हर तरह से खुश करना चाहती हूं।

उसने आगे कहा- आज बहुत काम था, बदन में बहुत पसीना भरा है। घर जाकर नहाऊंगी और फिर आपसे कहीं मिलने आऊंगी।

यहां पर मैं रेणु को यह बताने के लिए बड़ा ही उतावला हो रहा था कि मुझे तो पसीने में भीगा बदन, भीगी चूत, और इनकी गंध बहुत ही ज्यादा पसंद है।
लेकिन मैंने खुद को रोक लिया।

मैंने उससे नंबर लिया और व्हाट्सऐप पर घर का एड्रेस दे दिया।
वैसे भी बीवी-बच्चे एक-दो दिन आने वाले नहीं थे।

मैंने उससे कहा- मुझे आज कुछ खास काम नहीं है और तुम सीधे घर आ सकती हो। हम एक साथ नहा सकते सकते हैं। यह मेरी पसंदीदा चीजों में से एक है। हम एक दूसरे के अंगों को धो सकते हैं। मैं तुम्हें खुश करने के लिए और ज्यादा समय देने की कोशिश में हूं। बाहर कहीं मिलेंगे तो यह सब नहीं कर पाएंगे।

“डील!” उसने खिलखिला कर कहा।
फिर बोली- हां आज तो मतलब लॉलीपोप चूसने को मिलेगा। और मैं आपकी कॉलोनी के बारे में जानती हूं। मुझे 30 मिनट लगते हैं वहां तक!

फिर उसने मेरे गाल पर प्यार भरा चुम्बन दिया और लंड को एक बार जोर से रगड़कर स्टोर की तरफ वापस मुड़़ गई।
एक घंटे के बाद वह मेरे घर पहुंच गई।

वह घबराई हुई लग रही थी।
“क्या तुम ठीक हो?” मैंने पूछ लिया।

“थोड़ी नर्वस हूं, लेकिन रेडी! उसने आत्मविश्वास से कहा।
आगे बोली- दरअसल मैंने अपने बॉयफ्रेंड के लिए जो कुछ भी किया वह प्यार में स्वाभाविक और सहज था। हमने कभी भी कुछ भी प्लान नहीं किया। प्लान करके यहाँ आना थोड़ा अजीब लग रहा है, लेकिन मैं तैयार हूं।

मैंने अनिच्छा से पूछा कि क्या वह नहाने के लिए तैयार है।
मैं वास्तव में बस उस प्यारी, पसीने से तर, कुंवारी चूत में गोता लगाना चाहता था।

“प्रॉमिस कोई सेक्स नहीं है ना आपके मन में?” यह पूछते हुए वह बहुत मासूम लग रही थी।
मैंने उसे नहीं चोदने का वादा किया।

“अब मैं जैसा कहता हूँ वैसा साथ दो।” उसको पास बुलाते हुए मैंने कहा।

उसने अपने बदन को ढीला छोड़ दिया।
मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट को बांहों के ऊपर उठा लिया।
उसकी ब्रा मिल टाइप कॉटन की थी जिसमें शायद थोड़ी सी पैडिंग थी।

मैं उसके पीछे पहुंचा और हुक निकाल दिया। मैंने उसके कंधों से पट्टियां नीचे खींचीं तो उसने अपने हाथों से मम्मों को ढक लिया।

मैंने दोनों हाथ हटाए और उसके बड़े-बड़े मम्मों को निहारने लगा।
और उसके मम्में वैसे ही थे जैसा मैंने सोचा था।
उसके मम्मे तने हुए थे, वे अच्छे खासे बड़े, टाइट और हलके लम्बे लेकिन सूजे हुए निप्पलों वाले थे।

मैंने उससे कहा- तुम्हारी चूचियां तो तुम्हारी आंखों की तरह सुंदर हैं।

वह बोली- मेरा बॉयफ्रेंड इन्हें छूता तो है लेकिन इन्हें कभी देखा नहीं उसने। मैं पहले कभी किसी मर्द के सामने नंगी नहीं हुई हूं।

मैंने उसके बेवकूफ बॉयफ्रेंड पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन अपने हाथ उसकी कमर तक ले गया।
मैंने उसकी जींस के बटन को खोल दिया और ज़िप को नीचे खींच दिया।

उसने फिर से मम्मों को हाथों से ढक लिया।

“क्या तुम वास्तव में इसके लिए तैयार हो? यदि चाहो तो मैं रुक जाऊंगा।” मैंने फिर से कंफर्म किया।
“बिल्कुल नहीं, बढ़ो आप आगे!” उसके स्वर में एक वासना से प्रेरित आत्मविश्वास था।

मैंने एक ही बार में उसकी जींस और पैंटी को नीचे खींच लिया और उन्हें उसके पैरों से उतारने के लिए उसके सामने घुटनों के बल आ गया।

उसकी चूत के बाल हल्के भूरे रंग के थे।
उसकी महक इतनी तेज थी कि मैं सचमुच चाटना शुरू कर देना चाहता था।

“एक दम परफेक्ट!” मैंने कहा।
वह शरमा गई, या कहो शर्म से लाल हो गई। वह अब भी सहज नहीं थी और उसने पास पड़े टॉवल से अपने बदन को ढक लिया।

“क्या मैं अब तुम्हारे कपड़े उतार सकती हूँ”, उसने पूछा।
मैंने कहा- बिल्कुल, तुम ऐसा कर सकती हो।

उसने मेरी कमीज़ के बटन खोलना शुरू कर दिया और पूरे समय मेरी आँखों में देखती रही जब तक वह बटनों से लड़खड़ाती रही।
मैंने अपने कंधों से शर्ट उतार दी और उसने मेरे सीने पर हाथ फेरा।

उसने फिर मेरी बेल्ट पर काम करना शुरू कर दिया।
उसके हाथ थोड़े काँप रहे थे।

मैंने उन्हें पकड़ लिया और उससे कहा- रिलैक्स करो, फ्लो के साथ बह निकलो, आनंद ही आनंद है!

एक बार बेल्ट खुलते ही उसने मेरी जींस के बटन खोल दिए और ज़िप खोल दी।
उसने मेरी जींस को मेरे टखनों तक खींच लिया तो मैंने उसे लात मारकर फेंक दिया।

फिर उसने मेरे सामने घुटने टेके और मेरे अंडरवियर को नीचे खींच लिया।
उसने मेरे अभी भी थोड़े शिथिल पड़े लंड को निहारा और मेरी तरफ देखते हुए कहा- ओह माय गॉड। यह तो बहुत बड़ा है!

मेरे बॉय फ्रेंड को लंड मेरे मुँह में देना बहुत पसंद है, लेकिन वह सिर्फ मेरे मुंह तक भरता है। आपका लंड तो गले के नीचे तक जायेगा लगता है! मुझे नहीं लगता कि मैं आपको लंड चूसने का पूरा मजा दे पाऊंगी! क्या कोई आपको पूरा मजा दे पाया है इससे पहले?

मैंने उसे बताया- कुछ औरतें थीं पहले मेरी लाइफ में जो कर सकती थीं, लेकिन आज यह सब उतना जरूरी नहीं है। आज का दिन सिर्फ तुम्हारे लिए है, तुम्हारे बारे में है।

मैंने आगे कहा- जब मेरा लंड वे महिलाएं गले के नीचे तक चूसती थीं तो मैं हैरान रह जाता था और जिज्ञाशावश पूछ लेता था कि कैसे कर लेती हैं! तो उन्होंने मुझे अपने रहस्य बताए। अगर तुम भी ऐसा करना चाहती हो तो मैं तुम्हें उनके तरीकों की ट्रेनिंग दे सकता हूं!

फिर मैंने उसे अपनी बाँहों में उठाया और कहा- चलो नहाते हैं।
मैं वास्तव में उसकी सारी गंध को नहीं धोना चाहता था, लेकिन आज जैसा वह चाहती थी मैं उसे वो ख़ुशी देना चाहता था।

मैंने शॉवर चालू किया और पूछा कि क्या वह चाहती है कि मैं पहले उसके बाल धो लूं।
उसने कहा कि उन्हें सूखने में बहुत समय लगेगा और वह घर जल्दी जाएगी।

मैंने पूछा- जल्दी क्या है?
मैंने उसे याद दिलाया कि उसने कहा था पूरा दिन है आज।
इतने में मैंने टॉवल हटा दिया और वह पलट कर दीवार की तरफ मुँह करके खड़ी हो गई।

मैंने उसके सिर को सूखा रखा लेकिन उसके बाकी शानदार युवा शरीर को अच्छे से नहलाने में लग गया।

वह दीवार तरफ मुँह कर दोनों हाथों से मम्मों को ढके हुए खड़ी थी।

मैंने शावर बंद कर हैंडशावर से उसके बदन को गीला करना शुरू कर दिया और उसकी पीठ पर शॉवर जैल लगा कर ब्रश से हल्के हल्के से पूरा साफ किया।

जैल से झाग बहुत बन गया था।
मैंने उसकी गांड को मसलना शुरू किया.
रेणु सिसकारियां लेने लगी।

वह यह सब खूब एंजॉय कर रही थी।
फिर ब्रश से जैल उसने गांड में रगड़ा।

मैंने उसकी दोनों जांघों को, फिर पैरों को जैल और ब्रश से मला।
वह यह सब एन्जॉय कर रही थी।
उसकी तेज़ साँसें मैं महसूस कर सकता था।

उसकी गांड मसलने और नंगा बदन देखने से मेरा लंड भी हुँकारने लगा और पूरा तन गया था।
मैंने अपने लंड को उसकी गांड से चिपकाया और उसके मुँह को अपनी तरफ करते हुए फ्रेंच किस करने लगा।

मैं अपने लंड को उसकी गांड की बीच वाली लाइन पर रगड़ने लगा।
रेणु भी सहयोग करने लगी और अपनी गांड हिलाने लगी।
वह तेज साँसें लेते हुए बहुत उत्तेजित हो उठी थी।

वो एक बार झड़ चुकी थी।
मैं झट से उससे अलग हुआ और पलटने का इशारा किया।
वो शरमाते हुए पलटी।

मैंने उसके हाथ हटाए और हैंड शावर से उसके गले पर, मम्मों पर पानी की बौछार गिराने लगा।
उसकी दोनों चूचियों पर पानी की धार काफी देर तक छोड़ने से वो उत्तेजित हो कर दीवार से चिपक कर खड़ी हो गई कर और अपनी आँखें बंद कर लीं।

फिर मैंने उसके नाभि में पानी की धार मारी।
जैसा कि वादा था, आज चुदाई नहीं होगी, तो मैंने अपनी भावनाओं को काबू में किया और हैंडशावर को बंद कर दिया।

अब जैल ब्रश में लेकर मैं उसके पेट पर मलने लगा। गोल आकार बनाते हुए उसके उरोजों पर साबुन का झाग लगाने लगा। एक हाथ से एक मम्मे को मसलता और एक हाथ से जैल लगाता।

उसके हाथों, गले को जैल के झाग से मलने के बाद झांटों को भी जैल से मलने लगा।
रेणु भी मेरे बदन पर शावर जैल लगाने लगी। मेरे पेट और सीने पर ब्रश और झाग से रगड़ने लगी।

मैंने आनंद विभोर होकर कहा- आह्ह … यह स्वर्ग जैसा लग रहा है!

उसने फिर मेरे लंड को हाथ में लिया।
वह एकदम तना हुआ था।
रेणु के स्पर्श में आते ही वह फड़फड़ाने लगा।

मैंने मन को समझाया कि सिर्फ रेणु को खुश रखना है, चोदना नहीं है।

उसने लंड को अच्छे से जैल से साफ़ किया।
फिर हमने अच्छे से शावर लिया, बाहर निकले और मैंने एक और तौलिया लिया।

हमने एक दूसरे को सुखाया और मैं उसे बिस्तर पर ले गया।

दोस्तो, कहानी दूसरे भाग में जारी रहेगी।

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न्यूड वर्जिन गर्ल स्टोरी का अगला भाग: दूकान वाली कुंवारी लड़की के साथ ओरल सेक्स का मजा- 2

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