कॉलेज गर्ल की क़सी हुई बुर- 4
(Nude Indian Girl Ki Chut Ki Kahani)
न्यूड इंडियन गर्ल की चूत खोल कर उनमें जीभ से चाटा, उसके दाने को चूसा, इतने से ही वह लड़की आनन्द की सीमा पार करती हुई झड़ गयी.
कहानी के तीसरे भाग
कॉलेज की लड़की की सलवार खोली
में आपने पढ़ा कि मेरे कमरे में एक कॉलेज गर्ल चुदाई के लिए आई. मैं मजा देकर चोदना चाहता था ताकि वह मेरे लंड की कायल हो जाए.
अब आगे न्यूड इंडियन गर्ल की चूत:
अब पूनम की पैंटी उतारने में जो सबसे बड़ा अड़चन थी, वो थी पूनम की कमर का ऊपर उठना।
जो पूनम इतनी आसानी से ऊपर उठाने वाली नहीं थी।
लेकिन मैं भी पैंटी उतारने में मंझा हुआ खिलाड़ी था।
मैंने अपनी उंगलियों को पैंटी में फँसाकर जैसे ही पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को चूमा, पूनम पूरी तरह से मचल उठी।
लेकिन पूनम मेरे इस वार को सह गई और कमर को ऊपर उठने नहीं दिया।
मैंने फिर से उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को चूमना शुरू किया।
पूनम और तेज़ मचलने लगी।
मैं और तेज़ी से उसकी बुर चूमने लगा लेकिन पूनम फिर से मेरे वार को सह गई और कमर ऊपर उठने नहीं दिया।
अब मैं समझ चुका था कि पूनम इतनी आसानी से कमर ऊपर उठाने वाली नहीं है।
अब मुझे राम-बाण चलाना ही होगा।
मैंने जैसे ही पूनम की पैंटी चूमते हुए उसकी बुर की दरार में जीभ फेरी, पूनम के मुँह से जोर की “आह्ह्ह” निकल गई और उसकी कमर थोड़ी ऊपर उठ गई।
लेकिन पैंटी निकालने के लिए यह काफी नहीं था।
मैं धीरे-धीरे उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी बुर की दरार में जीभ ऊपर-नीचे फेरने लगा जिससे पूनम उत्तेजनावश अपनी कमर हल्की-हल्की ऊपर उठाने लगी।
मैंने मौका देखते ही और तेज़ी से जीभ को बुर की दरार में ऊपर-नीचे फेरने लगा।
वो न चाहते हुए भी उत्तेजनावश अपनी कमर हल्की-हल्की ऊपर उठा रही थी।
मैंने मौका देखते ही जोर से अपनी जीभ को बुर की दरार में अंदर की तरफ धक्का दिया।
इस प्रहार को उसके लिए सहना मुश्किल हो गया और उसके मुँह से जोर की “आह्ह्ह” निकल गई।
और उसी के साथ पूनम की कमर भी अपने आप ऊपर उठ गई।
पूनम जब तक कुछ समझ पाती, उसकी पैंटी जाँघों तक सरक चुकी थी।
जैसे ही पूनम की पैंटी उसके जाँघों तक सरकी, जन्नत का द्वार बिल्कुल मेरे सामने आ चुका था।
उसकी फूली हुई बुर उसकी साँसों के साथ लगातार ऊपर-नीचे हो रही थी।
और कामरस का बहाव लगातार जारी था जो उसकी बुर से होते हुए उसकी गांड की दरार की तरफ बढ़ रहा था।
उसकी बुर पावरोटी की तरह बिल्कुल फूली हुई थी।
बुर के होंठ आपस में बिल्कुल सटे हुए थे जिससे उसकी बुर के बीच में एक लकीर-सी दिख रही थी जो उसकी बुर की दरार को दर्शा रही थी।
करीब 3 से 4 इंच तक बुर की दरार रही होगी जो पूरी तरह कामरस में भीग चुकी थी।
बुर पर एक भी बाल नहीं था।
पूनम जब तक कुछ और समझ पाती, मेरी उंगलियों ने उसकी पैंटी को उसके टाँगों से बाहर कर दिया।
जैसे ही उसकी पैंटी मेरे हाथ में आई, मैंने पूनम को उसकी पैंटी दिखाई और बुर के साइड वाला भाग दिखाते हुए बोला, “देखो पूनम, कितनी गीली हो गई है पैंटी तुम्हारी।”
और उसे दिखाते हुए चूम लिया।
जिसे देखकर पूनम शर्म से लाल हो गई।
थोड़ी देर उसकी पैंटी चूमने के बाद उसे भी उसी कोने में फेंक दिया, जहाँ उसकी सलवार फेंकी थी।
पूनम अब पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी।
उसकी दोनों चूचियाँ तनी हुई थी।
पूनम की पैंटी उतारने के बाद मैं फिर से उसकी टाँगों को सहलाते हुए चूमने लगा।
उसकी टाँगों को चूमते हुए उसके घुटनों तक आया और उसके घुटनों को सहलाते हुए एक ही झटके में उसकी जाँघों को खोल दिया।
जैसे ही पूनम की जाँघें खुलीं, उसकी जाँघों के बीच फँसी हुई बुर की दरार भी हल्की-सी खुल गई।
बुर की दरार खुलते ही गुलाबी-गुलाबी बुर दिखने लगी, जो बिल्कुल कसी हुई थी।
बुर की दरार से कामरस का बहाव लगातार जारी था।
उसकी हर एक साँस के साथ उसकी बुर का दाना भी ऊपर-नीचे हो रहा था।
अब तक मैं पूनम की जाँघों के बीच आ चुका था।
जहाँ पूनम अपने दोनों हाथों से अपनी वासनामय बुर को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
मैं उसकी जाँघों को चूमते हुए धीरे-धीरे उसकी बुर की ओर बढ़ने लगा।
जैसे ही मैं पूनम के बुर के पास पहुँचा, अपने हाथों से पूनम का हाथ उसकी बुर से हटाया।
पूनम ने कोई अवरोध नहीं जताया।
वो समझ चुकी थी कि अवरोध जताने का कोई फायदा नहीं है। अभय एक मंझा हुआ खिलाड़ी है।
मैंने जैसे ही पूनम का हाथ हटाया, उसकी कसी हुई बुर फिर से मेरी आँखों के सामने आ गई।
उसकी बुर देखकर मेरा लंड बेकाबू हो गया।
मैंने उसकी बुर की खुशबू लेते हुए धीरे से उसकी बुर को चूम लिया।
जैसे ही मेरे होंठों का स्पर्श उसकी बुर पर हुआ, पूनम पूरी तरह बेड पर मचलने लगी।
थोड़ी ही देर में मेरे होंठ पूनम की बुर के होंठ के साथ लॉक हो गए।
मैंने मौके का फायदा उठाया और उसकी बुर की दरार में जीभ नीचे से ऊपर की ओर फेर दी।
पूनम के मुँह से जोर की सिसकारी निकल गई, “उफ् आ ह!”
और उसने कसके चादर को भींच लिया।
जैसे-जैसे उसकी बुर की दरार में जीभ फेरना शुरू किया, उसकी सिसकियाँ और बढ़ने लगी, “आह्ह्ह उफ्फ्फ उईईमा, बस करो अभय प्लीज़!”
मैंने जीभ फेरते हुए जैसे ही बुर के दाने को चूसा, पूनम जोर से उछल पड़ी और उसके मुँह से निकल गया, “उफ्फ अभय, बस करो प्लीज़, मुझे जोर की सुसु आई है।”
मैं समझ गया कि पूनम की बुर झड़ने वाली है।
मैंने वहीं से कहा, “पूनम, ये सुसु नहीं, तुम्हारी बुर का पानी है, जो निकलने वाला है।”
मैंने मौके का फायदा उठाते हुए और तेज़ी से उसकी बुर चाटने लगा।
पूनम पूरी तरह से बेकाबू हो गई और मेरे सिर को पकड़कर अपनी बुर पर दबाने लगी।
मैंने उसकी बुर को चाटते हुए जैसे ही अपनी जीभ को उसकी बुर की दरार में अंदर तक घुसाई, पूनम इस प्रहार को सह नहीं पाई और अपनी कमर उठाते हुए तेज़ धार के साथ छुल्ल-छुल्ल करते हुए कामरस छोड़ने लगी।
करीब तीन या चार धार उसकी बुर से निकला होगा जिसने मुझे और मेरे बेड को भीगा दिया।
पूनम भी “आह ह्ह उफ्फ्फ उई ईई” करते हुए थोड़ी रिलैक्स हो गई।
मैं जैसे ही पूनम के पास गया, मुझे देखते ही पूनम ने कसके अपनी बाहों में भर लिया और बोली, “उफ्फ अभय।”
मैं पूनम की गालों को चूमते हुए उसके कान में बोला, “अभी तो तुम्हारी चुदाई भी नहीं हुई, अभी से झड़ गई।”
ये सुनते ही पूनम बोली, “उफ्फ अभय, कुछ मत बोलो अभी प्लीज़।”
थोड़ी देर एक-दूसरे की बाहों में ऐसे ही चिपके रहे।
मैं पूनम के होंठों को फिर से चूमने लगा।
जिससे पूनम फिर से गर्म होने लगी।
मैंने जैसे ही उसकी चूचियों को चूमना और सहलाना शुरू किया, पूनम की वासना और तेज़ बढ़ने लगी।
मैंने उसकी निप्पल को जैसे ही चूसना शुरू किया, पूनम फिर से गर्म हो गई।
इसी बीच मेरा एक हाथ उसकी पेट को सहलाते हुए उसकी बुर के पास पहुँच गया।
जैसे ही मेरी हथेलियों ने पूनम की बुर को सहलाया, पूनम फिर कामवासना में मचलने लगी।
मेरे हाथ की उंगलियाँ उसकी बुर की दरार में पहुँच चुकी थीं।
जैसे ही मेरी उंगलियाँ उसकी बुर की दरार में ऊपर-नीचे होने लगीं, उसकी बुर फिर से गीली होने लगी।
उसकी बुर का गीलापन मेरी उंगलियों को साफ-साफ होने लगा।
मैं लगातार उसकी बुर में उंगली फेरना जारी रखा।
जिससे पूनम की बुर फिर से गर्म भट्टी की तरह तपने लगी।
जैसे ही मेरी उंगलियों ने उसकी बुर के दाने को रगड़ना शुरू किया, पूनम पूरी तरह से मचल उठी, “उफ्फ्फ अभय, प्लीज़ बस करो, और बर्दाश्त नहीं होगा मुझसे। प्लीज़ चोद दो मुझे अब!”
मैं समझ चुका था कि पूनम पूरी तरह चुदने को तैयार है अब!
यही सही समय था पूनम की बुर फाड़ने का।
मैंने देर न करते हुए अपने अंडरवियर को एक ही झटके में बाहर निकाल दिया।
अंडरवियर बाहर निकलते ही मेरा लंड फनफनाता हुआ खड़ा हो गया।
जिसे देखकर पूनम थोड़ी घबरा गई और उसके मुँह से निकल गया, “उईईमा, मैं तो मर जाऊँगी आज।”
मेरा लंड भी अब पूरी तरह बेकाबू हो चुका था, पूनम को पेलकर उसकी बुर फाड़ने के लिए तड़प रहा था।
मैं भी समय न गँवाते हुए उसकी जाँघों के बीच आ गया और उसकी जाँघें खोलकर उसकी बुर का जायजा लिया।
न्यूड इंडियन गर्ल की चूत गर्म होकर पूरी तरह गीली हो चुकी थी।
अब मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी बुर की ओर बढ़ने लगा।
थोड़ी ही देर में पूनम की बुर तक पहुँच चुका था।
जैसे ही मेरे लंड का टोपा पूनम की बुर से टच हुआ, पूनम थोड़ी सहम गई।
लेकिन मेरे लंड की गर्मी पूनम की बुर को अपनी ओर खींचने लगी।
मेरे लंड की गर्मी पूनम की बुर सहने में नाकामयाब हो गई और अपने आप उसकी कमर ऊपर उठने लगी मेरे लंड को लेने के लिए।
जैसे ही मुझे इसका आभास हुआ, मैं समझ चुका था कि पूनम की बुर मेरा लंड लेने के लिए तड़प रही है।
अब तक मैं और पूनम बिल्कुल आमने-सामने थे।
मेरे लंड की गर्मी से पूनम की आँखों में वासना का नशा चढ़ चुका था।
मैंने पूनम के कान में पूछा, “अभी तक कभी किसी से चुदी हो कि नहीं?”
पूनम सहमी हुई स्वर में बोली, “नहीं अभय।”
मैंने फिर से पूछा, “सच-सच बोलना पूनम, क्योंकि फिर उसके हिसाब से मुझे चोदने का प्लान करना पड़ेगा।”
पूनम फिर सहमे हुए स्वर में बोली, “स्कूल में एक लड़के के साथ हुआ था, लेकिन वो ठीक से कर नहीं पाया।”
मैं समझ चुका था कि पूनम की सील तो टूट चुकी है, पर नौसिखिए होने के कारण उसकी बुर पूरी कसी हुई है।
इस बात को भी चार साल से ऊपर हो गए थे इसलिए उसकी बुर बिल्कुल वर्जिन जैसी हो गई थी।
आपको इस न्यूड इंडियन गर्ल की चूत की कहानी को पढ़कर मजा आ रहा होगा, अपने विचार मुझे बतायें.
[email protected]
न्यूड इंडियन गर्ल की चूत की कहानी का अगला भाग: कॉलेज गर्ल की क़सी हुई बुर- 5
What did you think of this story??
Comments