पहले प्यार की निशानी
(Meri Love Sex Ki Kahani)
मेरे लव सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं हमारे किरायेदार लड़के से प्यार कर बैठी. मैंने प्यार में ही उससे चूत चुदवा ली. जब शादी की बात आई तो उसने मना कर दिया. फिर …
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्ते।
मैं निशा, कोटा (राजस्थान) की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 24 साल है. आज मैं आप लोगों के सामने अपने जीवन की सत्य आधारित घटना बता रही हूं.
मेरी लव सेक्स कहानी आज से 4 साल पहले की है. हम अपने घर में कमरे किराये पर देते थे.
हमारे यहां एक लड़का बिहार का रहने वाला था. उसका नाम विक्की था. मैं विक्की को बहुत ही पसंद करती थी.
लेकिन वह पढ़ाई में कुछ ज्यादा ही बिजी रहता था। इस कारण से वह मुझ पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था.
कभी-कभी उससे बातें हो जाया करती थीं लेकिन वह पढ़ाई को लेकर की कुछ ज्यादा ही सीरियस हुआ करता था इसलिए वह मुझसे ज्यादा बात नहीं करता था.
एक दिन की बात है, वो नहाने के बाद जैसे ही बाथरूम से बाहर निकला तो मेरी नज़र उस पर गयी.
उसका बदन काफी गठीला था.
मैं उसे देखती ही रह गयी. वो एक कसरती बदन का लड़का था.
मेरा मन करने लगा कि काश मैं उसके बदन को छू पाऊं … काश वो अपने कपड़े उतार कर अपने बदन को मेरे बदन से लिपटा दे.
वो मेरे ऊपर आ जाये और मैं उसको बांहों में कैद करके उसको चूमूं और उसको प्यार करूं.
मैं उसके नीचे आना चाहती थी. उसके पौरूष को अपने नारी तन पर महसूस करना चाहती थी.
ऐसा नहीं था कि मैं केवल उसको सेक्स के लिए चाहती थी, बल्कि मैं उसके साथ दिल और जिस्म दोनों ही तरह से समर्पित होना चाहती थी.
कई बार मैंने उसको इशारों ही इशारों में अपने मन की बात जताने की बहुत कोशिश की लेकिन वो इन सब चीजों पर जैसे ध्यान ही नहीं देता था.
वो कोचिंग क्लास में भी जाता था. उसकी कोचिंग क्लास सुबह की होती थी.
इसलिए वो सुबह सबसे जल्दी नहाने आता था क्योंकि उसको नहाने के बाद क्लास जाना होता था.
हमारा बाथरूम एक ही था. वो सबसे पहले आकर नहा जाता था इसलिए कोई परेशानी नहीं होती थी.
मेरे घरवाले भी उसी बाथरूम का प्रयोग करते थे. विक्की को भी इससे कोई समस्या नहीं थी.
एक दिन की बात है कि मैं सुबह नहाने के लिए उससे पहले बाथरूम में चली गयी.
अंदर बाथरूम में जाकर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये.
मैं दरअसल विक्की को अपना जिस्म दिखाना चाहती थी. मेरे पास ऐसा करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था क्योंकि लाख कोशिशों के बाद भी विक्की मुझ पर प्यारी वाली नजर नहीं डाल रहा था.
तो मैं नंगी होकर विक्की का इंतजार करने लगी.
फिर अचानक से दरवाजा खुला और विक्की ने मुझे नंगी देख लिया.
वो एकदम से भौंचक्का रह गया.
मैंने उसको अपने यौवन के दर्शन करवाये. अपनी तनी हुई चूचियों के नुकीले निप्पल उसके सामने लहराये.
अपनी छोटे छोटे बालों वाली मुनिया को अपनी जांघों के बीच में शर्म से सिकोड़ने का नाटक किया.
मगर एक झलक भर देखने के बाद वो घूम गया और मैंने फिर हड़बड़ी में अपने जिस्म को ढकने का नाटक किया.
फिर वो सॉरी बोलकर वहां से चुपचाप चला गया.
उसने दोबारा मुड़कर भी नहीं देखा.
मुझे नहीं पता कि वो मेरे बारे में क्या सोच रहा था लेकिन मैंने जो करना था वो मैंने कर दिया था.
अगले दिन से उसने मेरे ऊपर ध्यान देना शुरू किया.
मगर अब मैं उसकी नजरों में नजर नहीं मिलाती थी. मैं दूर से उसको अपनी चूचियों क्लीवेज और अपनी मटकती हुई गांड दिखाती थी.
मैं जानती थी कि वो अब मेरी तरफ ध्याने दने लगा है और मुझे इस बात की खुशी भी थी कि मैं उसका ध्यान खींचने में कामयाब हो रही हूं.
कुछ दिन के बाद मेरे घर में छोटा सा फंक्शन था. हमने विक्की को भी आमंत्रित किया हुआ था.
वो भी उस दिन तैयार होकर आया था. उन कपड़ों में वो और भी ज्यादा स्मार्ट और हैंडसम लग रहा था.
मेरी चूत में उसको देखते ही सुरसुरी दौड़ने लगी थी. उसकी चुस्त जांघों और चौड़ी मजबूत छाती को देखकर मैं उसके सपनों में कहीं दूर निकल जाती थी जहां मैं उसके नीचे लेटी होती थी और वो मेरे जिस्म के हर कोने को चूम रहा होता था.
पार्टी में खाना पीना होने के बाद मेरी सहेलियां और मेरे परिवार के हम उम्र लोग डांस करने लगे.
विक्की भी हमारे साथ ही डांस करने लगा.
मैंने बहाने से उसके लंड को छू लिया.
लोगों की भीड़ थी और डांस का बहाना था इसलिए किसी को कुछ शक भी नहीं होना था.
पहले तो उसने ध्यान नहीं दिया. मैं फिर भी उसके आस पास नाचती रही.
मैंने दोबारा से उसके लंड पर हाथ मारा तो उसको शायद अब पता चल गया.
वो मेरे से थोड़ा दूर हो गया.
शायद उसको मेरे घरवालों का डर था.
फिर जब पार्टी खत्म हुई तो सब लोग जाने लगा.
मेरे घर वाले सब लोग अपने अपने कमरों में जा चुके थे. हमारा नौकर सब सामान समेट रहा था.
फिर विक्की जाने लगा तो मैं उसको दरवाजे तक छोड़ने गयी और मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके हाथ में एक पर्ची थमा दी.
वो चुपचाप निकल गया.
फिर आधे घंटे के बाद उसका मैसेज मिला- मुझे तुमसे बात करनी है. फोन पर बात कर सकती हो क्या?
मैंने तुरंत अपने रूम में जाकर उसको कॉल किया और पूछा- हां, बोलो?
उसने कहा- ये क्या लिखा था तुमने पर्ची में?
मैं बोली- तुम्हें समझ नहीं आया क्या?
वो बोला- हां, यही तो लिखा है कि रात में दरवाजा खुला रखना.
मैंने कहा- हां, यही लिखा है, तुम नहीं खुला रखोगे क्या?
वो बोला- यार … ये कैसी बातें कर रही है, मैं रख तो लूंगा लेकिन किसी ने देख लिया तो?
मैं बोली- तुम्हारे ऊपर कोई बात नहीं आयेगी.
उसने कहा- ठीक है.
मैं बोली- ठीक है, बस तुम इतना ही करना और कुछ करने की जरूरत नहीं है.
फिर मैंने फोन रख दिया.
विक्की का कमरा हमारे बाथरूम के बगल में ही बना हुआ था. मगर उसका पिछवाड़ा बाथरूम की तरफ था.
रात के 11 बजे मैं पेशाब करने के लिए उठी. रात को बाहर की लाइट बंद होती थी. अगर बाथरूम की लाइट जल भी जाती थी तो विक्की के रूम के सामने अंधेरा होता था.
मैं बाथरूम में गयी और दो मिनट तक अंदर ही रही.
फिर मैंने अंदर ही अंदर लाइट बुझा दी और बाहर पूरा अंधेरा हो गया.
मैं चुपके से बाथरूम से निकली और वक्की के रूम की ओर दबे पांव चली गयी. उसके रूम के सामने पूरा अंधेरा था.
मैं धीरे से उसके रूम में घुस गयी. मैं अंदर गयी तो वो अंडरवियर में पलंग पर बैठा हुआ पढ़ाई कर रहा था. उसने टेबल लैम्प को बेड पर रखा हुआ था.
मेरे आते ही वो उठ खड़ा हुआ और मैंने धीरे से उसके रूम के दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया.
जैसे ही वो उठकर मेरे पास आया तो मैं उसके सीने से लिपट गयी.
उसे समझ नहीं आया कि हो क्या रहा है.
उसने मुझे हटाया और बोला- निशा … ये सब … यार … ये क्या … क्या कर रही हो तुम … तुम्हारे घर वाले?
मैंने उसके होंठों पर उंगली रख दी और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर कहा- विक्की मैं तुम्हें बहुत पसंद करती हूं. मैंने बहुत कोशिश की तुम्हें अपने दिल की बात बताने की लेकिन फिर आखिर में मुझे ऐसे तुम्हारे कमरे में आना पड़ा.
वो मेरी तरफ हैरानी से देख रहा था.
मैंने अपनी नाइट ड्रेस पहनी हुई थी. मेरा टीशर्ट कसा हुआ था और नीचे से मैंने चूचियों पर ब्रा भी नहीं डाली थी. उसकी नजर एक बार मेरी चूचियों पर जाती तो फिर एक बार मेरे चेहरे पर।
उसके कच्छे में मुझे उसका लंड तनाव में आता हुआ दिखने लगा था.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने गालों पर लगाया और बोली- विक्की आई लव यू. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती हूं.
फिर उसने भी मेरे चेहरे को पकड़ा और मुझे आई लव यू बोलकर मेरे सीने से लग गया.
हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर एक दूसरे के जिस्म को सहलाने लगे.
उसने अब मेरी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया.
फिर मैं तो जैसे अपने विक्की की बांहों में पिघलती चली गयी. हम दोनों लव और सेक्स के नशे में एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
विक्की के साथ वो मेरा पहला किस था. उसके होंठ बहुत गर्म थे और मैं उसकी गर्म गर्म लार को अपने मुंह में आती हुई महसूस कर सकती थी.
वो भी आंखें बंद किये हुए मेरे होंठों को चूसने में लगा हुआ था.
फिर वो मुझे बेड पर ले गया. उसके बाद सब जैसे अपने आप होता चला गया. उसने मुझे नीचे गिराकर मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. वो मेरी टीशर्ट के ऊपर से ही मेरी चूचियों को जोर जोर से भींच रहा था.
मुझे अंदर एक तूफान सा महसूस हो रहा था. अपने प्यार से चूचियां दबवाने का वो मेरा पहला अहसास था.
फिर उसने जल्दी ही मेरी टीशर्ट उतार फेंकी. मेरी चूचियां उसके सामने नंगी हो गयीं.
वो उनको दोनों हाथों में भींचकर जोर जोर से रगड़ने और मसलने लगा.
मैं तो एकदम से चुदासी हो चली.
फिर उसने मेरी चूचियों पर मुंह लगा दिया. मेरे निप्पल एकदम से मटर के दाने जैसे कठोर हो गये.
मेरा विक्की मेरे बारी बारी दोनों स्तनों के निप्पलों को चूसने में लगा हुआ था.
उसका लंड पूरे उफान पर आ चुका था. लग रहा था कि लंड उसके कच्छे को फाड़कर ही बाहर निकल आयेगा और मेरी जांघ में छेद कर देगा.
अब मैंने उसे नीचे पटका और उसका बनियान निकाल कर उसकी गर्दन और छाती को चूमने लगी. मैं उसके जिस्म के हर हिस्से को किस कर रही थी.
मेरे होंठ जब उसके अंडरवियर के पास पहुंचे तो मैं उसके अंडरवियर के उठाव को देखकर हैरान हो गयी.
उसके लंड ने उसके कच्छे को बड़ा तंबू बना दिया था. उसका लंड काफी मोटा और लम्बा मालूम हो रहा था. उसके लंड से कुछ तरल भी निकल गया था जो उसके कच्छे पर लग गया था.
अब उसने फिर से मुझे नीचे लिटाया और मेरी लोअर भी निकाल दी. मैंने नीचे पैंटी पहनी थी जो मेरी चूत के पानी से गीली होती जा रही थी.
वो मेरी चूत पर मुंह लगाकर मेरी पैंटी में चूत के रस की खुशबू लेने लगा. वो मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही चाटने लगा.
मैं अब मदहोशी की ओर जा रही थी. मेरी चूचियां एकदम से तन चुकी थीं और अब चूत को भी अलग ही मजा दे रहा था वो चूसकर.
फिर उसने मेरी पैंटी निकाल दी और मेरी छोटी सी चूत उसके सामने नंगी हो गयी. उसने बिना देरी किये मेरी चूत पर अपना मुंह रख दिया और उसको चाटने लगा.
मैं बहुत चुदासी हो गयी और अपनी पूरी टांगें खोलकर उससे चूत को चटवाने लगी.
ये मेरा पहली बार था लेकिन मैं विक्की को इतना पसंद करती थी कि मैंने अपने आप को उसके हवाले कर दिया था.
वो मेरी चूत में जीभ से चोद चोदकर मेरी चूत के रस को पीने लगा.
फिर मैंने उसके मुंह को चूत में दबा लिया और तेजी से उसके सिर को चूत पर दबाते हुए उसके होंठों को चूत पर रगड़वाने लगी.
मेरी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी. मैं एकदम से बदहवास सी होने लगी थी. अपनी चूचियों को अपने ही हाथों से सहला रही थी.
फिर मेरी चूत ने एकदम से पानी छोड़ दिया और मैं पूरी ढीली होती चली गयी.
विक्की ने मेरी चूत का पानी चाट लिया.
अब मैंने उसे लिटाया और उसने अपने अंडरवियर को नीचे कर दिया. उसका बड़ा लंड पूरा कड़क होकर अकड़ा हुआ था.
उसने मुझे लंड चूसने का इशारा किया और मैंने पहली बार में ही अपने प्यार … अपने यार का लंड अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया.
वो प्यार से मेरे बालों को सहलाने लगा और मैं बहुत प्यार से उसके लंड को चूसती रही.
फिर उससे रहा न गया और उसने मुझे नीचे लिटाकर मेरी चूत पर लंड को सटा दिया.
अब मुझे थोड़ी घबराहट हो रही थी. मुझे डर था कि इतना बड़ा लंड मेरी चूत में जायेगा तो मेरी क्या हालत होगी.
मगर मैं किसी भी तरह विक्की को अपना बनाना चाहती थी और उसके लिए कितना भी दर्द सहने के लिए तैयार थी.
वह अब पूरी तरह से नंगा हो चुका था मैं जानती थी कि अब हमारा असली मिलन होने वाला है.
फिर उसने अपने खड़े लंड को मेरी चूत पर लगाया और एक ऐसा धक्का मारा कि मेरी तो जान ही निकल गयी.
मैं पहली बार सेक्स कर रही थी. मेरी सील भी उसी दिन टूटी. सील टूटने का दर्द असहनीय था।
मगर दोस्तो, सच कहूं तो मैं विक्की के लिए दीवानी थी और उस दर्द में भी मजा ले रही थी.
विक्की के साथ इतना मजा था कि मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा मजा पहले कभी नहीं लिया था.
किसी तरह से मैं दर्द को बर्दाश्त कर गयी.
उसने भी मेरा ख्याल रखा और कुछ देर मुझे सहलाता रहा. उसका गर्म गर्म हथौड़ा मेरी चूत में पूरा फंस गया था.
ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने कोई लोहे को मोटा मूसल फंसा दिया हो. फिर वो धीरे धीरे मुझे चोदने लगा. कुछ देर में मुझे मजा आने लगा. फिर थोड़ी देर चुदने के बाद अब मैं पूरी तरह से इंजॉय कर रही थी।
करीब 10 मिनट तक विक्की लगातार मुझे चोदता रहा.
दर्द के मारे मेरी तो जान निकल रही थी लेकिन अब वह रुकने वाला नहीं था।
वह लगातार मुझे चोदता जा रहा था.
जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैं बोली- बस करो विक्की … अब रुक जाओ.
वो बोला- नहीं जान … अब मैं नहीं रुक सकता हूं. मैं बहुत गर्म हूं. मुझे चोदने दो.
विक्की झटके पर झटका देता चला गया.
मैं बोलती रही लेकिन वो नहीं माना.
इस बीच मैं न जाने कितनी बार झड़ी.
एक तो उसका जिस्म इतना गठीला था कि मैं बहुत जल्दी गर्म हो जा रही थी.
उस पर फिर उसका लंड इतना दमदार था कि मेरी चूत पांच-सात मिनट से ज्यादा टिक नहीं पाती थी.
मैं झड़कर बेहाल होती जा रही थी. उसने मुझे आधे घंटे तक चोदा और फिर वो मेरी चूत में झड़कर शांत हो गया.
वो रात मेरी जिन्दगी की सबसे यादगार रात थी.
उसके बाद मैं लगभग हर रात को विक्की के रूम में जाने लगी. फिर तो मैं रात रात भर उससे चुदवाने लगी. मगर सुबह होने से पहले मैं अपने रूम में लौट आती थी.
फिर पता नहीं कैसे मेरे घर वालों को मुझ पर शक होने लगा.
एक दिन मेरी मां कहने लगी कि विक्की से ज्यादा बात नहीं किया कर. अगर तूने मेरी बात नहीं मानी तो मुझे बात मनवाने के दूसरे तरीके भी आते हैं.
उसके कुछ दिन बाद मुझे लड़के वाले देखने आये.
उस दिन मैं बहुत घबरा गयी. मैं विक्की के सिवाय किसी और से शादी नहीं करना चाह रही थी.
मैंने विक्की से कहा कि मैं उसके बिना नहीं रह सकती और वो मुझसे शादी कर ले.
मगर उसने मना कर दिया कि वो मेरे से अभी शादी नहीं कर सकता है. अभी उसको अपना करियर बनाना है. अच्छी नौकरी लेनी है.
वो कहने लगा कि अगर मुझसे शादी करना चाहती हो तो चार साल इंतजार कर लो. फिर मैं तुमसे शादी कर लूंगा.
मैंने भी घर वालों को कहा कि मैं अभी अपनी पढ़ाई करूंगी और कुछ समय बाद शादी करूंगी.
मगर वो लोग नहीं माने और फिर मेरी शादी मेरे ना चाहते हुए भी प्रतीक नाम के एक लड़के से करवा दी.
मेरी शादी कोटा में ही हुई और प्रतीक वहां पर जॉब करता था. उसकी फैमिली जयपुर में रहती थी.
प्रतीक न तो दिखने में ही विक्की जैसा स्मार्ट था और न ही वो बिस्तर में ही किसी काम का निकला. हमारी पहली रात को चुदाई करते हुए वो पांच मिनट में ही झड़ कर सो गया.
कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा और मैं बहुत निराश हो गयी.
मेरे ससुराल वाले जयपुर लौट गये थे. कोटा में मैं और प्रतीक ही रह गये थे. इधर मैं कोटा में थी और विक्की बिहार में था.
मैंने उसको फोन किया कि कोटा आ जाओ.
वो बोला- इतनी दूर मैं इतनी जल्दी नहीं आ सकता. कुछ दिन इंतजार करो.
फिर 15 दिन बाद वो मुझसे मिलने कोटा आया और हम दोनों एक होटल में मिले. प्रतीक उस वक्त जॉब पर होता था.
होटल के रूम में जाते ही मैं विक्की से लिपट गयी और हम जल्दी से नंगे हो गये.
मैं विक्की से चुदने के लिए बहुत तड़प रही थी. फिर हम दोनों ने आधे घंटे तक चुदाई की और मैं तब जाकर शांत हुई.
विक्की वहां चार दिन तक रहा और मैं उससे दो बार चुदी. फिर वो चला गया.
मेरी शादी को तीन साल बीत गये लेकिन बच्चा नहीं हुआ.
शादी से पहले जब मैं विक्की से चुदवाती थी तो गोली खा लेती थी. अब तो मैं कुछ भी नहीं खा रही थी फिर भी बच्चा नहीं हो रहा था.
शायद मेरे अंदर ही कोई विकार उत्पन्न हो गया था.
मैंने विक्की को ये बात बताई वो कहने लगा कि टेस्ट करवा लो.
मैंने टेस्ट करवाया लेकिन सब नॉर्मल ही निकला.
अब मैं परेशान हो गयी. मुझे बच्चा चाहिए था.
फिर मैंने विक्की को दोबारा से कोटा बुलाया. मैंने उससे 6 दिन लगातार अपनी चूत चुदवाई.
उसके बाद मैं प्रेग्नेंट हो गयी.
मैं अब बहुत खुश थी. मेरी शादी तो विक्की से नहीं हो पाई लेकिन उसका बच्चा मुझे मिल गया था.
मुझे एक बेटा हुआ और वो बिल्कुल उसके जैसा ही दिखता है.
मैं हमेशा उसके साथ खुश रहती हूं क्योंकि वो मेरे पहले प्यार की निशानी है.
अब मैं अपनी लव सेक्स जिन्दगी में खुश हूं. मेरे पति अच्छे हैं लेकिन मैं प्यार तो आज भी अपने विक्की से ही करती हूं.
ये थी मेरे जीवन की सच्चाई जो मैंने आपको इस सेक्स स्टोरी के माध्यम से बताई.
आपको मेरी ये लव सेक्स स्टोरी कैसी लगी. क्या शादी के बाद किसी को प्यार करना गलत है? आप इस बारे में क्या सोचते हैं मुझे बताना जरूर क्योंकि पहला प्यार सभी को याद रहता है.
मुझे आपके जवाबों का इंतजार रहेगा.
आप मुझे मेरी ईमेल पर मैसेज करके बतायें कि आप क्या सोचते हैं?
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