मेरे दोस्त की बहन पूजा की चुदास
(Mere Dost Ki Bahan Puja Ki Chudas)
हैलो दोस्तो… मेरा नाम राहुल है.. मैं ठाणे (मुंबई) मैं रहता हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर हजारों कहानियाँ पढ़ी हैं, मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा फैन हूँ।
बात सन 2012 की है.. जब मैं कॉलेज में था, तब कॉलेज की बहुत सी लड़कियाँ मुझ पर मरती थीं।
कॉलेज में बहुत सी खूबसूरत लड़कियाँ थीं.. पर उनमें से पूजा सबसे अधिक खूबसूरत थी।
पूजा मेरे क्लास में ही थी और क्लास के कई लड़के पूजा पर मरते थे।
पूजा हर रोज कॉलेज अकेले आती थी.. अचानक एक दिन पूजा किसी के साथ बाइक पर आई थी। जब बाइक रुकी तो पता चला कि यह तो मेरा दोस्त पंकज है।
तब मैं बाइक के पास ही खड़ा था.. तो पंकज ने मुझे आवाज दी।
पंकज मेरे स्कूल का दोस्त था। उसने मुझे बुलाया तो मैं उसके पास गया और हम एक-दूसरे से स्कूल की बातें करने लगे।
तब पूजा हमारे पास ही खड़ी थी.. वो हमारी बातें सुन रही थी। अब मुझे मालूम चला कि वो मेरे दोस्त की बहन थी।
कुछ दिनों बाद पूजा मुझे कॉलेज की लाइब्रेरी में दिखी.. तो पूजा मुझे देख कर मुस्कुराई.. तो मैं भी पूजा को देखकर मुस्कुरा दिया।
इस तरह कुछ दिनों में हम अच्छे दोस्त बन गए।
एक बार पूजा ने मुझसे पूछा- तुम मेरे भैया को कैसे पहचानते हो?
तो मैंने कहा- हम दोनों स्कूल के फ्रेंड हैं।
पूजा बोली- ओके..
मुझे पूजा से कब प्यार हुआ.. पता ही नहीं चला।
एक बार पूजा को मैंने मैसेज किया- मुझे तुमसे बात करनी है.. तुम मुझे कॉलेज के बाद मिल सकोगी?
तो उसने मुझे जबाव दिया- हाँ.. मुझे भी तुमसे बात करनी है।
तब कॉलेज के बात हम दोनों मिले।
मैं बोला- हाय पूजा..
पूजा बोली- हाय..
पूजा थोड़ी घबराई हुई सी थी.. तो मैंने पूछा- बोलो.. क्या कहना चाहती हो?
पूजा बोली- तुम भी तो कुछ कहना चाहते हो ना?
मैंने पूजा से कहा- पूजा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ… क्या तू मुझे प्यार करती है?
तो पूजा ने एकदम चहकते और खुश होकर कहा- हाँ.. मैं तुमको बहुत प्यार करती हूँ.. और मैं भी यही कहने आई थी।
अब हम रोज कॉलेज के बाहर कॉफी पीते.. कभी मूवी देखते.. एक बार मैंने मूवी देखते-देखते पूजा को किस किया। पूजा मुझे देख कर शरमाई और मुस्कुराने लगी।
बस शुरुआत हो गई और अब तो हर रोज घर जाने के बाद हम दोनों मैसेज से चैट करने लगे।
एक दिन पूजा ने कहा- मम्मी और पापा कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं.. क्या तुम मेरे घर आओगे?
तो मैंने कहा- तुम्हारा भाई तो घर में होगा.. तू उसे क्या बोलेगी..?
पूजा बोली- भाई भी जॉब पर चला जाएगा.. तुम तब आना.. ओके..
उस वक्त मुझे पूजा के तेवर कुछ अच्छे नहीं लग रहे थे।
दूसरे दिन मैं पूजा के घर चला गया।
पूजा के घर जाते समय मैं एक कन्डोम का पैकेट ले गया था।
मैं पूजा के घर पहुँचा, डोर बेल बजाई, पूजा ने दरवाजा खोला, पूजा बहुत खूबसूरत लग रही थी, पूजा ने पिंक कलर का टॉप और ब्लू कलर की जीन्स पहनी हुई थी, पूजा बहुत मस्त लग रही थी।
पूजा को मैंने पहली बार जीन्स और टी-शर्ट में देखा था, उसका फिगर 32-28-32 का था, वो बेहद कामुक लग रही थी।
क्या बताऊँ दोस्तों.. उस वक्त पूजा को देखकर किसी बूढ़े आदमी का भी लण्ड उठ जाए.. वो इतनी हॉट लग रही थी।
पूजा ने मुझे अन्दर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया।
पूजा ने कहा- क्या लोगे.. चाय.. कॉफी.. कोल्डड्रिंक?
तो मैंने कहा- मुझे तो बस तुम चाहिए जानेमन..
मैंने पूजा को अपनी बाँहों में खींच लिया और उसे किस करना शुरू किया। मुझे लग रहा था कि पूजा इसीलिए मुझे अपने घर बुला रही थी।
पूजा ने कहा- मैं तो तुम्हारी ही हूँ ना.. जो चाहे कर लो।
बस मैंने पूजा को 10-15 मिनट तक किस किया.. पूजा अब गर्म हो चुकी थी।
अब मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और उसे बेडरूम में लेकर गया, मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू किए।
अब पूजा भी मुझे किस करने लगी और मेरे भी कपड़े उतारने लगी।
कुछ ही पलों में पूजा सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में रह गई थी और मैं अंडरवियर में अपना लण्ड खड़ा किए हुए था।
मैं पूजा को किस करते जा रहा था और पूजा और गरम होती जा रही थी।
अब मैंने पूजा की ब्रा की हुक खोले और उसके मम्मों को ब्रा के बंधनों से आज़ाद कर दिया और उसके चूचे एकदम से उछल कर किलकते हुए मुझे शुक्रिया कहने लगे, मैंने उसके गुलाबी निप्पलों को अपने होंठों से दबा लिया और चूस-चूस कर उन्हें लाल कर दिए।
पूजा की गर्म सिसकारियों से सारा कमरा गूँज रहा था ‘आहहह हहउ.. आआहह..’
अब मैं उसे चूमते-चूमते उसकी चूत तक आ गया, मैंने पूजा की पैन्टी निकाली और चूत चाटने लगा।
अब पूजा और ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी ‘आहहह.. आआहहह..’
वो मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत में और ज़ोर से डालने लगी, साथ ही वो मेरे लण्ड को अपने हाथों से सहलाने लगी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
वो कहने लगी- अब नहीं रहा जाता राहुल.. प्लीज़ मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दो।
मैंने पूजा को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पैरों को फैलाकर बीच में आकर अपने साढ़े छह इंच के मोटे लण्ड पर कन्डोम चढ़ा लिया।
फिर मैंने पूजा की चूत पर अपने लौड़े को रगड़ा.. तो पूजा सिसकियाँ लेते बोली- राहुल.. प्लीज़ जल्दी डालो ना.. अब मत तड़पाओ..
मैंने एक धक्का लगाया और मेरा आधा लण्ड पूजा की रसीली चूत में घुसता चला गया। पूजा की ज़ोर से चीख निकली और मैंने तभी पूजा को किस किया।
उसकी आँखों से आँसू आने लगे और वो दर्द से कराहते हुए कहने लगी- राहुल बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- पूजा पहली बार दर्द होता ही है..
ये कहते हुए मैंने दूसरा धक्का लगा दिया।
मेरा लण्ड पूजा की चूत मे जड़ तक घुस गया था।
पूजा- आहहहह.. राहुल दर्द हो रहा है..
मैंने कहा- पूजा अभी दर्द होगा.. बाद में बहुत मजा आएगा..
कुछ देर के दर्द के बाद अब पूजा को मजा आने लगा था और वो कह रही थी- और ज़ोर से.. राहुल फक मी.. राहुल फक्क मी.. आहह्ह ह्ह्ह्ह..
अब पूजा को चूत चुदाई का मजा आ रहा था और वो अपने चूतड़ों को उठाते हुए मचल रही थी- और ज़ोर से.. राहुल फक मी.. राहुल फक्क मी.. आहह्ह.. आह्ह ह्ह्ह..
लगभग 20-25 मिनट की धकापेल चुदाई के बाद पूजा झड़ गई।
मैं कुछ देर बाद झड़ गया।
कुछ देर तक मैं पूजा के ऊपर ही लेटा रहा और बाद में मैंने पूजा को किस करने लगा.. वो फिर से तैयार हो गई और मैंने भी उसे दुबारा में खूब चोदा।
इस तरह उस दिन मैंने पूजा को 3 बार चोदा। अब जब भी हमें टाइम मिलता.. हम चुदाई करते।
कुछ दिनों बाद पूजा अपने मामा के यहाँ पढ़ने के लिए चली गई.. तब से आज तक मैं पूजा की राह देख रहा हूँ।
दोस्तो.. आपको मेरे कहानी कैसी लगी मुझे ज़रूर ईमेल करना..
[email protected]
What did you think of this story??
Comments