मेरा गुप्त जीवन- 158
(Mera Gupt Jeewan- part 158 Poonam Se mulaqat Aur Sanju Chodan)
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पूनम से मुलाकात और संजू चोदन
ये बातें चल ही रही थी कि कमरे का दरवाज़ा फिर एक झटके से खुला और पूनम तेज़ी से अंदर घुस आई और हँसते हुए बोली- सोमू जी, लगे हो अपने बहुत पुराने खेल में? अब तक कितनी? दोनों भाभियों को कितनी कितनी बार पार लगाया है?
पहले तो हैरान हुआ लेकिन फिर जल्दी ही सम्भल गया और मैं तो मुस्करा रहा था लेकिन दोनों भाभियों की घिग्घी बंध गई थी।
मैं मुस्कराते हुए बोला- आओ पूनम रानी, तुम्हारी ही प्रतीक्षा थी क्यूंकि तुम तो चुदाई की खुशबू सूंघ कर पहुँच जाती हो उस जगह पर जहाँ चुदाई का दंगल चल रहा हो।
पूनम बड़े ज़ोर से हंस दी और दोनों भाभियों के चूतड़ों पर एक ज़ोर की थपकी मार कर बोली- और सुनाओ गाँव की शेरनियो? इस शहरी शेर ने तुम्हारी शराफत की नकाब उतार दी और तुम्हारी चूतों की पूरी तसल्ली कर दी? बोलो ना कुछ तो बोलो गाँव की सेठानियो? कैसा रहा चुदाई सेशन? खूब ठोक ठोक कर बजाई तुम्हारी दोनों की? तुम दोनों लंड की प्यासी हो रही थी ना, तो मिट गई प्यास?
दोनों भाभियाँ खूब खिलखिला कर हंस पड़ी और फिर दोनों पूनम के ऊपर टूट पड़ी और उसको भी झट से नंगी कर दिया और पूनम को पकड़ कर मेरे पास ले आई।
चंचल, जिसका जिस्म थोड़ा चौड़ा और गोल था, बोली- ऐ शहर के शहंशाह, आपके लिए एक हसीना का तोहफा लाई हैं हम। कबूल फरमा कर हम पर करम करें।
मैंने पूनम की आँखों में झाँका और उसकी आँखों से झलकती काम वासना को देखा और महसूस किया।
दोनों चुदी हुई हसीनों ने इस कमसिन हसीना को मेरी तरफ धकेल दिया और मैंने भी बड़ी सफाई से उसको अपनी बाहों में ले लिया।
फिर थोड़ा सा उसको दूर करके मैंने अच्छी तरह से अपनी पुरानी आशिक की तरफ देखा।
वही पुरानी मुस्कान और आँखों में वही दम खम और गोल उभरे हुए मम्मों की वही शाही शानो-शौकत और गोलाकार वाले नितम्ब और उनके बीच छुपी हुए बालों भरी चूत!
वाह वाह… माशाल्लाह… सुभानअल्लाह… क्या कातिलाना सूरत और सीरत है यारो! कुर्बान जाऊँ ऐसे हुस्न पर!!!!
मैं पूनम के हुस्न में ही खोया हुआ था कि उस ज़ालिम ने मुझको लंड से पकड़ लिया और बोली- ऐ शेख ए लखनऊ… बड़ों बड़ों की मुरादें पूरी करने वाले औरत खोर शेर… अगर जान की अमान पाऊँ तो तेरे लौड़े पर कुर्बान जाऊँ और जल्दी से उस पर चढ़ जाऊँ?
मैंने भी उसी लहजे में कहा- ऐ मल्लिकाए हुस्न, तेरे हुस्न के जलवे में सरोबार हो रहा है जहाने जहाँ, इस नाचीज़ के लिए वहाँ कहाँ है कोई जगह?
तब चंचल भाभी बोली- तुम दोनों क्या शायरी ही करते रहोगे कि चुदाई का काम शुरू भी करोगे? अगर तुम शायरी में मस्त हो तो हम एक बार फिर से इस लंड की बहार का मज़ा लूट लेते हैं। क्यों रश्मि?
रश्मि ने भी हाँ में सर हिला दिया और मेरे निकट आने के लिए आगे बढ़ी।
यह देख कर पूनम एक कूदी मार कर मेरी गोद में चढ़ गई।
उसी समय दरवाज़ा एक बार फिर खटका और दरवाज़े के खटकते ही कमरे में भगदड़ मच गई।
तीनो औरतें अपने कपड़े उठा उठा कर बाथरूम की तरफ भागी और मैं भी बड़े आराम से सिर्फ अपने पजामा को पहन कर दरवाज़े की तरफ बढ़ा और खोलने से पहले एक सरसरी नज़र अपने बेड पर भी डाल दी कि कहीं किसी का जनाना कपड़ा बाहर ना छूट गया हो।
दरवाज़ा खोलने से पहले मैंने पूछा- कौन है इतनी रात गए?
बाहर से जवाब आया- मैं हूँ पूनम की भाभी, ज़रा दरवाज़ा तो खोलो!
मैंने झट से दरवाज़ा खोल दिया तो बाहर पूनम की भाभी अपनी नाइटी में खड़ी थी।
मैंने हैरानगी जताते हुए पूछा- क्या हुआ भाभी, आप इतनी घबराई हुई क्यों हैं?
भाभी जल्दी से कमरे में घुस आई और चारों तरफ देख कर तसल्ली करने के बाद बोलीं- वो सोमू, पूनम अपने कमरे में नहीं थी तो मैंने सोचा शायद कहीं तुम्हारे पास ना आई हो?
मैं भी बड़ी मासूमियत दिखते हुए बोला- नहीं भाभी, पूनम यहाँ तो नहीं है अभी! पहले आई थी लेकिन वो जल्दी ही चली गई थी। क्या उससे कोई काम था आपको?
लेकिन भाभी ने कोई जवाब नहीं दिया और जब मैंने उनकी तरफ देखा तो उनकी नज़र मेरे पजामे के अंदर बने हुए टेंट पर ही टिकी हुई थी।
मैंने झट से शरमाने का बहाना करते हुए अपने बिस्तर की चादर को पजामे के आगे कर दिया।
भाभी मुस्कराते हुए बोली- ठीक है सोमू, अगर पूनम तुम्हारे पास आये तो कह देना कि मैं उसको ढून्ढ रही थी।
मैं बोला- ठीक है भाभी, अगर वो यहाँ आई तो मैं बोल दूंगा। गुड नाईट भाभी जी!
जैसे ही भाभी गई मैं कुछ मिनट तक दरवाज़ा खोल कर ही बैठा रहा ताकि भाभी को कोई शक ना हो।
फिर दरवाज़ा बंद करके मैंने बाथरूम के दरवाज़े पर दस्तक दी और सबको बोला- बाहर आ जाओ भाभियो, खतरा टल गया है।
तब दरवाज़ा खोल कर तीनो बाहर आ गई, तीनों ने ही अपने कपड़े पहने हुए थे।
पूनम ने कमरे का दरवाज़ा खोल कर बाहर झाँका और मैदान साफ़ देख कर वो तीनों ही भाग कर अपने कमरों में चली गई।
दरवाज़ा बंद करके मैं भी सो गया।
सुबह कम्मो ने मुझको चाय देते हुए कहा- वाह छोटे मालिक !! रात को आपको तो तीन तीन की मिल गई?
मैंने मुस्कराते हुए कहा- तुम्हारी जासूसी बड़ी पक्की है कम्मो डार्लिंग, रात को मुझको तुम्हारी कमी बहुत ही ज़्यादा महसूस हुई, लेकिन तुमको यह खबर किसने दी?
कम्मो बोली- मुझको मालूम था कि शायद आपको मेरी ज़रूरत महसूस हो तो मैं कल रात कोठी के अंदर वो स्टोर रूम है न उसमें ही सोई थी। और मैंने दोनों भाभियों को आपके कमरे में जाते हुए देखा था और फिर पूनम को और बाद में उसकी भाभी को जाते हुए और निकलते हुए देखा था। मैं समझ गई थी कि क्या हुआ होगा?
मैंने चाय खत्म करने के बाद कम्मो से कहा- रात को भाभियों ने खूब चुदवाया और मुझको अपना छुटाने की इच्छा हो रही थी।
वो बोली- तो अभी छुटवा लो ना, मैं तैयार हूँ।
मैं बोला- अरे पगली, अभी तो मुझको कॉलेज भी जाना है ना!
यह कह कर मैं अपना कुरता पहन कर ज़रा लॉन में टहलने के लिए चला गया और करीब आधे घंटे के बाद जब वापस आया तो नहाने की तैयारी करने लगा।
तौलिये को लेकर जब मैंने बाथरूम का दरवाज़ा खोला तो यह देख कर भौंचक्का रह गया कि वहाँ एक लड़की बि;लुल नंगी नहा रही थी।
मैं भी चुपचाप खड़ा रहा और उसको नहाते हुए देखता रहा।
वो गंदमी रंग की 18-19 साल की लड़की थी, उसके मम्मे थोड़े छोटे लेकिन गोल और सुडौल लगे और उसका स्पाट पेट और नीचे चूत पर काले घने बालों के गुच्छे लटक रहे थे।
उसके चूतड़ छोटे मगर गोलाई के आकार में थे और वो मुझको अब तक देख नहीं पाई थी क्यूंकि उसके मुंह पर साबुन लगा हुआ था और उसकी आँखें एकदम बंद थी।
मैंने हल्के से दरवाजा बंद किया और बाहर आकर बैठ गया।
थोड़ी देर बैठने के बाद जब मैंने महसूस किया कि वो अब नहा चुकी होगी तो मैंने अपना पजामा उतारा और मैं अपने खड़े लंड, जो कि उस लड़की को नंगी देख कर ही खड़ा हो गया था, लेकर बाथरूम में घुस गया।
मुझे नंगा देख कर लड़की एकदम से चिल्ला पड़ी- कौन है? कौन है?
मैं भी हैरानगी जताते हुए बोला- अरे आप कौन हैं और मेरे कमरे के बाथरूम में कैसे घुस आई हैं?
लड़की की नज़रें मेरे लौड़े पर ही टिकी हुई थी और साथ में उसकी घिग्घी भी बंधी हुई थी।
हम दोनों एकदम साथ साथ ही खड़े हुए थे। फिर मैं उसके डर को कुछ कम करने के ख्याल से बोला- मैं सोमू हूँ इस कोठी के मालिक का लड़का। कल जब आप सबसे मुलाकात हुई थी तो शायद मैंने आपको नहीं देखा था?
लड़की के चेहरे पर अब कुछ घबराहट कम हुई थी लेकिन उसकी नज़र अभी भी मेरे अकड़े हुए लौड़े पर ही टिकी थी।
मेरे लौड़े ने अब अपने आप ही अपना सर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया था जिसको वो लड़की बड़े ध्यान से देख रही थी। फिर उसने मेरी आँखों में देखा और थोड़ा मुस्कराई और बोली- क्या मैं आपके इस सुन्दर हथियार को हाथ लगा सकती हूँ?
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मैंने भी उसकी आँखों में देखा और कहा- मेरा नाम सोमू है और आपका नाम?
वो थोड़ा शर्माते हुए बोली- मेरा नाम संजू है। क्या मैं हाथ लगाऊँ इसको, अगर आप की आज्ञा हो तो?
मैं बोला- आज्ञा तो है लेकिन आपके हाथ लगने के बाद यह क्या करेगा उस पर मेरे कोई कंट्रोल नहीं? यदि मंज़ूर है तो लगा लीजिए हाथ!
संजू ने झट से मेरे लंड को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और उसको बड़े प्यार से सहलाने लगी।
मैंने भी आँख के इशारे से उसके मम्मों को हाथ लगाने की तरफ इशारा किया और उसने खुद ही अपने मम्मे मेरे आगे कर दिए।
मैं भी उसके मम्मों को हल्के हल्के सहलाने लगा और फिर उसके गोल और छोटे कुंवारे चूतड़ों पर भी हाथ फेरने लगा।
अब संजू ने मेरी तरफ देखा और आँखों आँखों में ही आगे बढ़ने की आज्ञा दे दी।
आज्ञा मिलते ही मैंने उस को बाहों में जकड़ लिया और उसके होटों पर ताबड़तोड़ चुमियों की बौछार लगा दी।
और उसकी बालों भरी चूत में ऊँगली डाल कर उसकी भग को मसलने लगा और यह देख कर खुश हुआ कि वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
मैं अब उसके मम्मों को चूसते हुए उसको अपनी बाहों में उठा कर बाथरूम के बाहर ले आया और उसको अपने पलंग पर लिटा दिया।
अब मैंने जल्दी से कमरे का दरवाज़ा लॉक कर दिया और वापस आ कर संजू की टांगो को चौड़ा कर के उस की चूत में अपना लंड धीरे से डालने लगा।
पहले थोड़ा ही डाला यह देखने के लिए कहीं कोई रुकावट तो नहीं है?
और जब मैदान साफ़ दिखा तो मैंने धीरे से अपना पूरा लंड उसकी गीली चूत में घुसेड़ दिया।
संजू ने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर के इर्दगिर्द फैला दी और फिर मैंने उसकी चुदाई एक सधी हुई रिदम से करनी शुरू कर दी।
संजू को जैसे ही चुदाई का आनन्द आने लगा, उसकी भी कमर मेरे लौड़े को आधे रास्ते में मिलने लगी और हम मस्ती भरी चुदाई करने लगे।
थोड़ी देर में ही मुझको लगा कि संजू अब जल्दी ही स्खलित हो जायेगी सो मैंने चुदाई की फुल स्पीड शुरू कर दी और आखिरी धक्के में ही संजू की कमर एकदम उठ कर मेरे लंड के साथ आकर जुड़ गई, शरीर की कम्पन से यह यकीन हो गया कि संजू का स्खलन हो गया है।
संजू काफी देर तक मेरे से चिपकी पड़ी रही, फिर धीरे धीरे संयत होने के बाद भाग कर बाथरूम में चली गई और एक ठंडा शावर लेकर और अपने कपड़े इत्यादि पहन कर निकली।
वहाँ से जाने से पहले संजू ने मुझको एक थैंक्यू किस की और हॉट जफ्फी भी मार गई।
‘लंड के भाग से चूत वाली सलवार का नाड़ा टूटा…’ इसको मैं एकदम अचानक और बिना किसी किस्म के पूर्व तैयारी के सम्भोग की ही संज्ञा दूंगा।
कहानी जारी रहेगी।
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