मेरा गुप्त जीवन-43
(Mera Gupt Jeewan-43 Chhavi Aur Sonali Ke Daav Pench)
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छवि और सोनाली के दांव पेच
रात भर हम जागते, चोदते और सोते रहे। यही क्रम काफी रात चला और फिर हम तीनों थक कर सो गए।
अगले दिन कॉलेज से आया तो कम्मो मेरे कमरे में आई और बोली- छोटे मालिक दोनों बहनों ने अपनी चार सहेलियों को रात रहने के लिए बुला लिया है, अब क्या करें?
मैं हैरान हो गया, मैंने कम्मो से पूछा- रात रहने को क्यों बुलवाया उनको? और उनके माँ बाप ने इजाज़त दे दी थी क्या?
कम्मो बोली- छोटे मालिक, यह तो मैं नहीं जानती लेकिन उनके परिजन उनको रिक्शा में छोड़ने आये थे। इसका मतलब है कि उनकी रजामंदी से वो आई हैं।
मैं बोला- कम्मो डार्लिंग, तुम जाकर बहनों को कहो कि मैं उन सब मेहमानों से मिलना चाहता हूँ बैठक में!
कम्मो ‘अच्छा’ कह कर चली गई।
थोड़ी देर में दोनों बहनें अपनी चारों सहेलियों के साथ बैठक में आ गई।
गीति ने सबसे परिचय करवाया। मैंने सबको ध्यान से देखा सभी काफी अच्छी दिख रही थी।
सबसे सुन्दर सोनाली दिख रही थी, साड़ी और ब्लाउज में कॅाफ़ी आकर्षक लग रही थ। दूसरी जो लड़की मुझको भाई, वो आशु थी।
बाकी की दोनों भी अच्छी थीं लेकिन उनमें से केवल छवि कुछ अलग लग रही थी, उसके नयन नक्श बहुत तीखे और शरीर काफी भरा पूरा था और वो सबसे सेक्सी लग रही थी।
वो भी मुझको घूर कर देख रही थी और मैं भी उसको एकटक देख रहा था। हमारी आँखें चार क्या हुईं अलग होने का नाम ही नहीं ले रहीं थी।
यह बात बाकी लड़कियों से छिपी नहीं रही और वो हंस हंस कर छवि को छेड़ने लगी।
मैं बोला- आप सबका स्वागत है, जो चीज़ भी चाहिए हो, आप बेझिझक कम्मो आंटी को बोल सकते हैं और गीति तुमने अपनी फ्रेंड्स को कैसे एंटरटेन करने का फैसला किया है?
गीति बोली- क्यों फ्रेंड्स, कैसे एंटरटेन होना चाहती हो तुम सब? बोलो बोलो? वैसे यह हम लड़कियों की पजामा पार्टी है। तुम बताओ कैसे आप सबको आनन्द प्रदान कर सकती हैं?
सबसे पहले छवि बोली- हम लड़कियाँ मिलजुल कर डांस करेंगी। यह जो ग्रामोफोन रखा है सोमू, क्या यह काम करता है?
मैं बोला- हाँ हाँ, बिल्कुल करता है। मैंने बिल्कुल नई फिल्मों के गानों के रिकार्ड्स भी रखे हैं, आप उस दराज़ में देखिए सब मिल जाएंगे।
छवि लपक कर दराज़ से रिकार्ड्स निकाल लाई और उनको पढ़ने लगी। जो नई फिल्मों के थे, उनको एक तरफ कर दिया और बाकी उस ने दराज़ में वापस डाल दिए।
तब छवि बोली- केवल लड़कियों का आपस में डांस का क्या मज़ा आएगा? अगर सोमू बुरा न माने तो वो हम सबके साथ डांस करे तो बड़ा मज़ा आएगा।
सब चिल्ला पड़ी- हाँ हाँ सोमू, तुम हमारे साथ डांस करना प्लीज!
मैं बोला- लड़कियो, मुझको डांस करना नहीं आता, सॉरी प्लीज।
छवि बोली- हमको कहाँ डांस करना आता है, यूँ ही हाथ पैर हिला लेती हैं बस, वही हमारे लिए डांस है। तुम भी ऐसा ही करना, वही डांस हो जाएगा।
मैं बोला- ठीक है, देखेंगे और तुम अब क्या करने वाली हो अब?
कम्मो जो सारी बात सुन रही थी, बोली- चलो पहले तुम सब खाना खा लो, फिर करना जो भी करना है।
थोड़ी देर में खाना शुरू हो गया। कम्मो मेरे हाव भाव से समझ गई थी कि मुझको छवि भा गई है, उसने खाने के टेबल पर मुझको हेड चेयर पर बैठाया और छवि को मेरे दायें वाली कुर्सी पर बैठा दिया और बाएं तरफ उसने सोनाली को बैठा दिया।
खाना शुरू होते ही मुझको लगा कि छवि टेबल के नीचे से छुप कर मुझको नंगे पैर से छू रही थी। धीरे धीरे उसका पैर बढ़ते हुए मेरे लंड की साइड में छूने लगा।
मैंने भी अपना बायाँ हाथ उसकी सलवार से ढकी जांघ पर रख दिया।
हम खाना भी खा रहे थे और छुप कर एक दूसरे को परख भी रहे थे। फिर मैं धीरे से हाथ उसकी जांघ के आगे बढ़ाता रहा और उसने अपनी जांघें भी थोड़ी खोल दी।
कम्मो मेरे पीछे ही खड़ी थी, वो सारा नाटक देख रही थी।
इतने में छवि की चम्मच टेबल के नीचे गिर गई और टेबल के नीचे झुक कर चम्मच उठाने के बहाने उसने मेरे लंड को पैंट के बाहर से छुआ।
जब वो उठी तो अपनी कुर्सी मेरे और निकट ले आई और कम्मो ने भी आगे बढ़ कर इस काम में उसकी मदद की। अब उसकी कुर्सी मेरे बिल्कुल साथ जुड़ी हुई थी।
बाकी लड़कियाँ खाना खाने में मग्न थी, किसी ने इस खेल को नहीं देखा। मेरे साथ बैठी सोनाली भी खाने में मग्न थी, उसको भी पता नहीं चला।
अब मैं आराम से अपना हाथ छवि के गोल गुदाज़ जांघ पर फेरने लगा जो धीरे धीरे बढ़ता हुआ उसकी सलवार के उस हिस्से पर चला गया जो ठीक उसकी चूत पर था।
छवि भी अपना हाथ मेरे लौड़े के ऊपर रखे हुए थी और मेरा लंड भी टन से खड़ा हो गया था।
हम दोनों का ध्यान तो इस काम में लगा था तो खाना बहुत ही कम खा सके। मैं यदा कदा छवि से आँखें भी चार कर रहा था, मुझको यकीन हो गया था कि छवि चूत देने के लिए तैयार हो जायेगी।
मीठे में रबड़ी बहुत स्वादिष्ट बनी थी, वो सबने दो दो बार खाई।
फिर हम सोफे पर बैठ कर कोकाकोला पीने लगे। खाने को पारो और कम्मो ने मिल कर बनाया था, सब उन दोनों की तारीफ करने लगी।
अब डांस की बारी थी, छवि ने बाजे पर रिकॉर्ड लगा दिया और उसकी मधुर धुन पर सबसे पहले छवि ही नाचने लगी, उसका थिरक थिरक कर नाचना सबको बहुत अच्छा लगा और फिर सब लड़कियाँ उठ कर डांस करने लगी।
तभी छवि मेरे पास आई और मेरा हाथ खींचते हुए मुझको डांस करने के लिए ले गई।
मैं और छवि एक दूसरे का हाथ पकड़ कर डांस करने लगे।
कम्मो ने बैठक की सारी लाइट्स को ऑफ कर दिया और सिर्फ एक मद्धम सी नाईट लाइट का बल्ब जला दिया।
मैंने और छवि ने इस मौके का फायदा उठाते हुए एक दूसरे को आलिंगन कर लिया, उसके मोटे और सॉलिड मम्मों को मैंने बड़ी अच्छे से महसूस किया और उसके मोटे चूतड़ों पर हाथ भी फेरे।
छवि ने भी मेरे खड़े लंड को ज़रूर महसूस किया होगा।
अब छवि और मैं गले और कमर में हाथ डाल कर डांस करने लगे। डांस करते हुए मैं उसको एक अँधेरे कोने में ले गया और उसके होटों पर एक गर्म चुम्बन दे दिया और उसने भी उत्तर में मेरे होटों पर एक गहरा चुम्बन दे डाला।
चारों और देखने के बाद कि किसी का ध्यान हमारे तरफ नहीं है तो मैंने छवि के कान में कहा- रात को आना चाहोगी मेरे कमरे में?
उसने भी मेरे कान में कहा- क्या करेंगे वहाँ?
मैंने कहा- जो तुम चाहो, कर लेंगे।
वो बोली- कैसे आऊँगी मैं वहाँ?
मैं बोला- कम्मो आंटी ले आयेगी तुमको अगर तुम राज़ी हो तो!
वो बोली- ठीक है।
फिर हम डांस करते हुए थोड़ी लाइट की तरफ आ गए और वहाँ पहुँचते ही सब से पहले सोनाली ने छवि को हटा कर मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे साथ डांस करने लगी।
मैं बोला- सोनाली जी, आप बड़ा अच्छा डांस करती हैं।
सोनाली बोली- सोमू जी, आप मुझको सोनू बुलाया कीजिए, यही मेरे घर का प्यार का नाम है।
मैं बोला- अच्छा नाम है सोनू जी आपका, बड़ा प्यारा नाम और मुझको उम्मीद आपका सब कुछ भी बड़ा प्यारा होगा!
सोनू मुझको धकेलते हुए उसी अँधेरे कोने की तरफ ले जा रही थी जिस तरफ मैं छवि को ले गया था।
सोनू बोली- सोमू जी, आप बड़े अच्छे लग रहे हैं।
मैं बोला- एक बात बोलूँ, आप बुरा तो नहीं मानेंगी?
सोनू बोली- नहीं नहीं, आपका क्या बुरा मानना जी, बोलिए आप क्या कहना चाहते हैं?
मैं बोला- सच कहूँ, आप यहाँ सबसे सुन्दर लग रही हैं।
वो बोली- अच्छा जी, मुझको क्यों मक्खन लगा रहे हो आप?
मैं बोला- नहीं, सच कह रहा हूँ।
सोनू बोली- वैसे मैंने आपका और छवि का सारा कार्यकलाप देख लिया था।
मैं घबरा कर बोला- उफ़्फ़…
वो बोली- घबरायें नहीं, मैं भी आपके प्रोग्राम में हिस्सा लेना चाहती हूँ।
मैं डर कर बोला- कौन सा हिस्सा?
सोनू- वही जो आप छवि को देना चाहते है उस स्पेशल प्रोग्राम में जो आपके कमरे में होने वाला है रात को!
मैं बोला- ओह्ह, अच्छा ऐसा करें आप कम्मो आंटी से बात कर लें इस बारे में, वो बताएगी कि यह संभव है या नहीं। वो ही सारा इंतज़ाम कर देगी।
सोनू ने अँधेरे का फायदा उठाते हुए मेरे होटों को चूम लिया और जबरन मुझको उसको किस करना पड़ा होटों पर!
फिर उसने भी सीधा हाथ मेरे लंड पर रखा दिया। मैंने भी उसकी चूत को बाहर से छुआ और उसकी साड़ी वाले चूतड़ों पर हाथ फेरा। फिर हम लाइट वाले हिस्से में आ गए और सम्भल कर डांस करते रहे।
एक एक करके बाकी चारों लड़कियों के साथ डांस करना पड़ा लेकिन वो सब बड़े संयम से डांस कर रही थी, मैं भी पूरी तरह से संयमित रहा।
जब डांस खत्म हुआ तो मैंने कम्मो को बुलाया और उसके लेकर मैं अपने कमरे में आ गया।
मैंने कम्मो से पूछा- इन लड़कियों के सोने का क्या प्रबंध किया है?
कम्मो बोली- छोटे मालिक, चार लड़कियाँ ही नई हैं, मैंने दो कमरे उनके लिए तैयार कर दिए हैं।
मैं बोला- ठीक किया। वो ऐसा है कि डांस के दौरान मुझको छवि और सोनाली ने चोदने के लिए उकसाया है, तुम ऐसा करो, उन दोनों को बेस्ट कमरे में इकट्ठे ही ठहरा देना बाकी दोनों को एक साथ दूसरे कमरे में ठहरा देना।
कम्मो मुस्कराते हुए बोली- आपने अपना जादू फिर से चला दिया उन दोनों पर! अच्छा किया, मैं भी यही सोच रही थी की छवि और सोनू आप के लिए बेस्ट हैं।
मैं बोला- आज पारो को मना कर देना और तुम स्वयं उन दोनों को मेरे कमरे में ले आना, जब सब सो जाएँ तो! ठीक है न?
कम्मो बोली- ठीक है छोटे मालिक।
हम दोनों फिर बैठक में आ गए जहाँ अब लड़कियों ने गाने गाने शुरू कर दिए थे और उसमें आशु की आवाज़ बहुत ही अच्छी और सधी हुई गायिका की तरह लगी, उसका गला बहुत ही सुरीला था।
मैंने उसकी बहुत तारीफ की और कहा कि आगे चल कर वो बहुत अच्छी गायिका बन सकती है।
गाने और फिर कव्वाली के बाद प्रोग्राम खत्म हुआ और सबसे मैं ने गुड नाईट की और फिर अपने कमरे में आ गया।
सब सोने वाले कमरों में चली गई।
कम्मो उन लड़कियों के साथ रही जब तक वो सब सो नहीं गई।
लड़कियों के सो जाने की बात कन्फर्म करने के बाद वो छवि और सोनू को अपने साथ लेकर आ गई।
दोनों ने रात में सोने वाले चोगे पहन रखे थे।
वो दोनों चुपचाप मेरे कमरे में आई और आते ही मुझसे लिपट गई।
कहानी जारी रहेगी।
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