मौका मिला तो जन्नत की सैर कराऊँगी
(Mauka Mila To Zannat Ki Sair Karaungi)
हेलो दोस्तो, मैं आपका संचित… कैसे हो आप सभी!
एक बार फिर से तहे दिल से आप सब का शुक्रिया करना चाहूँगा मेरी कहानियों को इतना प्यार देने के लिए! मेरे पास बहुत से मेल्स आए और उन्ही में से एक मेल में मेरे एक अंतरवासना मित्र आदित्य ने मुझसे अपनी कहानी के बारे में बताया, तो आपका ज़्यादा समय ना बर्बाद करते हुए पढ़िए अदित्य की कहानी उसी की जुबानी…
मेरा नाम आदित्य है, मैं पंजाब से हूँ. मेरी उमर 28 साल है. मैंने अभी तक 8 लड़कियों को चोदा है. उनमें से 4 शादीशुदा थी और 4 कुँवारी. हर किसी का अलग ही स्वाद, अलग ही मज़ा और अलग ही स्टाइल!
यह मेरी पहली कहानी है तो ज़ाहिर है मेरी पहली गर्लफ्रेंड से ही शुरुआत करूँगा. कहानी आज से 4 साल पहले की है, मेरी एक गर्लफ्रेंड थी. उसका नाम रीमा था. वो बड़ी खुली नेचर वाली थी,
एकदम सेक्सी थी. बड़े बड़े हिप्स, पतली कमर और सांवला सा रंग. रीमा की लेग्स काफ़ी कर्वी थी. 23 साल की उमर में उसके 36डी साइज़ के गोल मटोल मम्मे थे. उसको पता था कि वो बहुत सेक्सी है और लड़के उसके बूब्स पे मरते हैं. उसने कई बार ये बात मुझसे शेयर भी की थी. उसकी ये नेचर मुझे अच्छी लगती थी.
सेक्स को वो मज़ा मानती थी, कोई शर्म नहीं, ना कोई हया… हम जब भी मिलते वो खुल के मज़ा लेती सेक्स टॉक का, गंदी बातें करती और बीच बीच में गालियाँ भी देती थी.
लेकिन हमने कभी सेक्स नहीं किया था क्योंकि कभी खुल के मिलने का मौका नहीं मिला हमें… वो कहती थी किसी दिन मौका मिला तो जन्नत की सैर कराऊँगी तुम्हें… देखना!
एक दिन यों हुआ कि उसके मम्मी पापा किसी काम से एक रात के लिए लुधियाना गए हुए थे. मुझे रीमा की कॉल आई कि आज शाम घर पर कोई नहीं होगा, तुम आ जाना पर रात को मत आना, क्योंकि उस वक़्त उसकी पड़ोस वाली आंटी उसके साथ सोने आ जाएगी, फिर हमसे मिला नहीं जाएगा.
मैंने कहा कि ठीक है, मैं शाम को 4 बजे आऊँगा.
ये सर्दी के दिन थे, हल्की हल्की बारिश हो रही थी और सर्दी काफ़ी थी. मैं जल्दी से उनके घर के पास पहुँच गया. मैंने रीमा को कॉल की और कहा कि मैं घर के बाहर आ गया हूँ.
उसने दरवाज़ा खोला.
वो मेरे सामने खड़ी थी, टाइट पिंक टॉप और टाइट पायजामा पहना हुआ था उसने…
मेरी नज़र एकदम से उसके मम्मों की तरफ गई… इतने मोटे और कसे हुए मम्में और गोल शेप थी उनकी… मेरे दिल ने कहा कि आज लॉटरी लगने वाली है.
मैं जल्दी से अंदर आ गया और दरवाज़ा बंद कर लिया. वो मेरे आगे आगे चल रही थी और मैं उसके पीछे. इतनी बड़ी और मोटी गांड देख कर मैं पागल हुये जा रहा था. वो भी जानबूझ के गांड
मटका मटका के चल रही थी. टाइट पायजामे के अंदर से उसकी टाइट पेंटी साफ नज़र आ रही थी.
हम उसके बेड रूम में गए. वहाँ ग़ज़ब का माहौल था. कमरे में हल्की सी रोशनी, पर्फ्यूम की खुश्बू और बेड पे रज़ाई पड़ी हुई थी. साली एकदम रेडी बैठी हुई थी. बेड के साथ ही ग्लास में जूस पड़ा था.
उसने मुझे बैठ के जूस पीने को बोला और कहा- मैं अभी आती हूँ!
यह कह के वो अंदर चली गई.
मैंने थोड़ा सा जूस पिया और तब तक वो वापिस आ गई. अंदर आते ही उसने दरवाज़ा बंद कर लिया. उसने अपने ऊपर शॉल लपेटा हुआ था.
मेरे पास आकर वो हंसी और मुझे आँख मारी. मैं एकदम मचल उठा.
उसने मुझसे कहा- आज कुछ नमकीन हो जाए…
बस फिर क्या था, मैंने उसे बेड पे खींच लिया. हम दोनों हंसने लगे.
वो बोली- आज ये बिल्ली भूखी है, मलाई चटनी है इसको!
मैंने अपने कपड़े उतार दिए. मेरा साफ और चिकना लंड देख के वो हंसी और पागल हो गई. तभी उसने अपना शॉल उतार दिया!
इतने मोटे और सख़्त मम्में देख कर मैं पागल हुए जा रहा था. उसने काले रंग की वायर्ड ब्रा पहनी हुई थी जो उसके मम्मों की शेप को और अच्छा और उभार रही थी.
मैं सिर्फ़ उसकी ब्रेस्ट देख रहा था. उसने इस बात को नोटिस किया और हंस के बोली ‘भूखा साला…’
बस इसी बात ने मेरे अंदर आग लगा दी. मैंने उसे नीचे लिटा के उसकी पेंटी उतार दी. उसकी फुद्दी एकदम साफ, चिकनी, खुशबूदार थी. फुद्दी की राइट साइड पर एक तिल था. मैंने तिल के बारे में पूछा तो वो बड़े गुमान से बोली- ये तेरी भूखी नज़र से बचने के लिए लगाया है.
ग़ज़ब की लड़की थी वो… साफ टाँगें, कोई बाल नहीं था जिस्म पर… एक पाँव में पायल पहनी हुई थी.
मैंने हल्के से अपने होंठ उसकी फुद्दी पे रख दिए…
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… सस्स् स्स्स्स सिईईई ईईई…’ वो सिसकारी लेने लगी और मैं शुरू हो गया फुद्दी चूसने…
10 मिनट बाद उसने कहा- मुझे मलाई खानी है!
मैंने कहा- खा ले, तेरी मलाई है, तू ही तो खाएगी!
वो मेरे ऊपर आ गई और मेरा लंड अपने होठों में दबा लिया. अजीब सी खुशी थी उसकी आँखों में… उसने मेरी आँखों में देखा और मुझे आँख मारी.
मैंने भी आँख मार के उसका जवाब दे दिया.
वो मेरा लंड चूसना शुरू हो गई. ‘पुचक पुचक…’ की आवाज़ आ रही थी.
मुझे वो बोली- मुठ मार मार के कितना मोटा किया हुआ है तूने इस लंड को!
मैं हंसा और कहा- देखता हूँ आज तू इसे और कितना मोटा करती है?
ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था. तभी मेरे मुख से ‘आ आह…’ की आवाज़ निकलने लगी, उसे पता चल गया कि अब मैं जाने वाला हूँ, वो और तेज़ हो गई.
मैंने कहा- बस करो, अब निकल जाएगा!
तो वो झूठ मूठ बोली- ओके!
और पहले से भी ज़्यादा तेज़ हो गई.
अचानक मेरी पिचकारी निकली… ‘पिचकक…’
पिचकारी निकली और वो सारा माल पी गई.
अचानक उसने मुझे गाली दी- बहनचोद पता नहीं क्या ख़ाता है इतना नमकीन माल छोड़ दिया मेरे मुंह में…
मैं गिर सा गया बेड पे!
10 मिनट हम दोनों यों ही लेटे रहे. 10 मिनट बाद मेरा फिर मूड बना, मेरा लंड वो फिर चाटने लगी, फिर से आग लग गई मेरे अंदर… मैंने रीमा को कहा- प्लीज़ घोड़ी बन जा!
वो हंसी और आँख मार के बोली- ना… घोड़ी नहीं, आज तो मैं कुतिया बनूँगी!
इतना बोल के वो कुतिया वाले पोज़ में आ गई.
बाप रे बाप, इतनी बड़ी गांड… मैं हैरान हो गया.
फिर वो बोली- चल अब तेरी बारी, ले मज़ा जितना भी लेना है!
मैंने अपने लंड पे थूक लगाया, उसकी फुद्दी पे अपना लंड रखा और हल्का सा झटका मारा…
‘सस्स्सिईई ईईईईईई ईईईई…’ इस बार आवाज़ मेरे मुंह से निकली. साली की चूत इतनी टाइट थी कि मज़ा आ गया.
उसको दर्द हुआ तो उसने मेरे हिप पे ज़ोर से थप्पड़ मारा और बहनचोद की गाली दी.
मैं शुरू हो गया धक्के लगाने… मज़ा आ रहा था. वो गलियाँ दे रही थी- साला, बहनचोद, चूतिया… फाड़ इसको, खोल दे इसको!
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
फिर उसने मुझे कस के अपनी कमर पकड़ने को कहा. मैंने कस के कमर पकड़ ली. मैंने ज़ोर से 3-4 थप्पड़ उसकी गांद पे मारे.
पता नहीं उसे क्या हुआ, उसने मुझे धक्का मारा और मेरा लंड चूसने लगी, बोली- मुझे अपनी फुद्दी का स्वाद देखना है!
मेरा सारा लंड चाट लिया उसने!
मैंने कहा- कैसा लगा स्वाद?
तो वो बोली- ह्म्म्म्म यम्मम्मय्ययई!
अब वो मेरे ऊपर आ गई थी. मैंने उसकी ब्रा खोल दी और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. क्या ग़ज़ब के मम्में थे उसके…. बड़े बड़े गोल मम्मों पर छोटे छोटे सॉफ्ट से निप्पल!
मैं उसकी फुद्दी भी मार रहा था और साथ में ही उसके मम्में चूसने लगा… मज़ा आ रहा था.
वो काफ़ी खुल गई थी, मैंने कहा- कैसा लगा मेरा लंड?
वो बोली- ये भी मज़ेदार है जतिन जितना ही!
फिर वो आँख मार के हंसी.
तभी मुझे पता चला कि वो मेरे दोस्त जतिन से भी चुदी है 4 बार!
जतिन उसकी जान पहचान वाला लड़का था, पास में ही रहता था. तब मुझे मालूम हुआ कि रीमा को उसी ने इतना एक्सपर्ट किया था.
उसके बाद मैंने रीमा को अपने नीचे लिटा लिया और उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रख ली. मैं धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था. कमरे में से फच फच की आवाज़ें आ रही थी.
रीमा ने कहा- जन्नत की सैर तो काफ़ी कर ली तुमने, अब चल तुझे चाँद की सैर कराती हूँ!
इतना कह कर उसने पता नहीं कैसे अपनी फुद्दी टाइट कर ली.
वो पल मेरे लिए अब तक का सबसे मज़ेदार पल था. बस 3-4 झटकों के बाद मेरा माल निकालने पे आ गया. उसे पता चल गया कि मेरा माल निकलने वाला है, तभी उसने मुझे धक्का मार के पीछे किया और मेरा पूरा लंड अपने मुख में ले लिया, अपने होठों और जीभ से चूस चूस कर उसने मेरा सारा पानी निचोड़ डाला.
वो फिर आँख मार के हंसी और मुझे कस के चूमा. उसके बाद हम फिर बेड पे लेट गए…
[email protected]
आदित्य को मेल करें- [email protected]
What did you think of this story??
Comments