सेक्स की लीला- 1
(Married Girl Sex Desire)
मैरिड गर्ल सेक्स डिज़ायर तब और ज्यादा हो जाती है जब उसे अपने पति से पूर्ण संतुष्टि ना मिले. इस कहानी में लड़की का पति काम, नशे में इतना डूब जाता है कि वह अपनी पत्नी के सुख का ख्याल नहीं रखता.
दोस्तो, मेरी कहानियाँ पसंद करने के लिए शुक्रिया!
मेरी पिछली कहानी थी: सेक्स में नो फुल स्टॉप
आज की मैरिड गर्ल सेक्स डिज़ायर कहानी राजेश, सुगंधा और सुगंधा की सखी सविता और उसके पति कपिल की है.
राजेश की शादी अभी दो साल पहले सुगंधा से हुई थी. राजेश एक बहुराष्ट्रीय में असिस्टेंट मेनेजर की पोस्ट पर है.
सुगंधा भी उसी शहर में एक बैंक में है.
दोनों की लव मेरिज है … पर है परिवारजन की सहमति से. दोनों बहुत खुश हैं. दोनों का नैन-मटक्का दो साल चला.
ये दोनों अकेले परिवार से अलग शहर में रहते थे तो कोई बंदिश भी नहीं थी.
तो शादी से पहले वह सब कुछ हो गया जिसके लिए शादी जरुरी मानी जाती है.
बस एक बार लापरवाही हो गयी तो सुगंधा गर्भवती हो गयी.
अब परिवार को बताने के अलावा कोई रास्ता नहीं था.
पर सुगंधा अभी मां बनने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थी. अभी वह 5-6 साल बच्चे के लिए तैयार नहीं थी.
तो दोनों परिवारों की सहमति से पहले सुगंधा की सफाई कराई गयी और हाथ की हाथ दोनों की शादी करवा दी गयी.
इन दो सालों में राजेश तो सेक्स का बहुत क्रेजी बन चुका था और अब तो शादी का लाइसेंस था तो अब तो वह न दिन देखता न रात, न जगह देखता न मौका.
उसे सेक्स करना है तो करना है, चाहे सुगंधा उसे कितनी भी ऊंच नीच समझा ले.
राजेश अच्छा खासा स्मार्ट और हंसमुख था, मेहनती था तो कम्पनी में उसकी एक अलग इमेज थी.
ऐसे ही सुगंधा भी बहुत मिलनसार और मेहनती थी. उसका भी प्रमोशन होने को था. इसीलिए वह भी अपनी ब्रांच में भरपूर मेहनत करती, ज्यादा बिजनेस लाने के लिए इधर उधर घूमती, अपने संबंधों के बल पर ब्रांच को ज्यादा बिजनेस दिला पाती.
इन्हीं सब के चलते अब उसका अच्छा प्रमोशन होने को था पर प्रमोशन के साथ तबादला भी निश्चित था.
बस इसीलिए राजेश और सुगंधा उदास थे की अब उन्हें अलग-अलग रहना पड़ सकता है.
राजेश की कम्पनी ने छतीसगढ़ में अपनी कम्पनी का रीजनल ऑफिस खोला और वहां का हेड बना कर राजेश को रायपुर ट्रांसफर कर दिया.
सैलरी और सुविधाओं में खासी बढ़ोत्तरी थी तो राजेश मना नहीं कर पाया.
बुझे मन से वह अपना सामान लेकर रायपुर चला गया.
कम से कम छह आठ महीने तो काटने ही थे.
इधर सुगंधा का भी तबादला हो गया.
पर किस्मत से वह अपनी ससुराल के शहर में जा पहुंची तो उसके अकेली रहने की समय तो ख़त्म हुई.
सुगंधा की बचपन की एक सहेली सविता की शादी भी रायपुर में ही हुई थी.
जब सुगंधा ने सविता को बताया कि राजेश रायपुर ट्रांसफर हुआ है, उसके लिए कोई अच्छा सा फ्लैट ढूंढ दो.
तब सविता ने उसे बताया कि होने को तो उसकी अपनी कोठी काफी बड़ी है, पर उसका पति कपिल पीता-पाता ज्यादा है. वह सरकारी ठेकेदार है. खूब पैसा आता-जाता है. पर ऐसी कोई शाम नहीं होती जब उसकी कहीं महफ़िल न जमे और रात को उसे कोई न कोई दोस्त घर छोड़ कर जाए. क्योंकि कपिल नशे में इस स्थिति में नहीं होता था की गाड़ी ड्राइव कर सके. इसीलिए उनका अक्सर झगड़ा होता है. सविता का सेक्स का बहुत मन करता और वह नशेड़ी कपिल से सेक्स की मांग करती तो जो होता वह सविता को बला त्कार सा लगता, अपनी प्यास बुझाकर कपिल तो सो जाता और अपने ज़माने की स्वप्न सुन्दरी रही सविता अपने अरमानों का गला घोंट कर प्यासी सो जाती.
सविता के अनुसार नशे में टुन्न कपिल सही से करता ही नहीं था और ज्यादा पीने से से उसके पौरुष में भी कुछ कमी आ गयी थी. उसके शुक्राणु काफी कम थे तो बच्चा कैसे हो. जबकि सविता चाहती कि वह जल्दी से जल्दी माँ बने.
कपिल अपनी कमी मानता नहीं था.
सविता भी भगवान् के चमत्कार के भरोसे कपिल को सेक्स करने देती.
क्योंकि डॉक्टरों के अनुसार उन्हें सेक्स रेगुलर करना चाहिए, कभी भी भगवान् उसकी गोद भर सकते हैं.
सविता कपिल को उकसाकर सेक्स तो करती … पर उसकी अपनी प्यास कभी नहीं बुझ पाती, वह तड़प के रह जाती.
और सविता के रूप और लावण्य पर रीझकर ही कपिल के माँ बाप ने उसे मांग कर शादी की थी.
पर अब सविता इसी सौंदर्य को लेकर आंसू बहाती थी और अपने पुराने दिन याद करती जब उसके चाहने वालों की लाइन लगी रहती थी.
सुगंधा ने सारी बात राजेश को बता दी थीं और कह दिया था कि वह सविता और उसके पति से दिन में कभी मिल आये, बाकी रहने की व्यवस्था तो कम्पनी ने अभी होटल में कर दी थी पंद्रह-बीस दिनों के लिए.
राजेश शुरू के एक हफ्ते तो ऑफिस में अत्यधिक व्यस्त रहा.
सब कुछ नया था, काम करने वाले भी नए थे, इलाका भी नया था.
इधर सुगंधा ने कई बार राजेश से कहा कि वह सविता के घर हो आये. सविता रोज़ फोन करती है उसे.
राजेश ने फिर एक दिन सविता को फोन कर ही लिया.
सविता बहुत मिलनसार और सलीकेदार लगी उसे फोन पर!
बहुत जोर देकर सविता ने उसे रात को खाने पर बुलाया.
असल में उसने आज सुबह जब अपने पति कपिल को राजेश और उसकी कम्पनी के बारे में बताया तो कपिल चिहुंक उठा और उसने सविता से जोर देकर राजेश को घर बुलाने को कहा क्योंकि राजेश की कम्पनी को वह जानता था और उसे मालूम था कि उसकी कम्पनी को वेयरहाउस चाहियें किराए पर … जो कपिल उन्हें दे सकता था.
सविता ने कहा- क्या फायदा किसी को बुलाने का, तुम तो पीकर ही आओगे और मेरी सहेली के पति के सामने नाटक करोगे, जो मुझे कतई अच्छा नहीं लगेगा.
कपिल ने वादा किया कि वह आज नहीं पिएगा.
पर सविता को मालूम था की कपिल कुछ भी कह ले, वह करेगा वोही जो उसके मन में आयेगा.
मन मारकर उसने राजेश को खाने पर बुलाया.
शाम को बहुत अच्छा डिनर बनाकर सविता अच्छे से तैयार हुई.
कुछ भी हो आखिर उसकी सहेली का पति भोजन पर आ रहा था और वह नहीं चाहती थी की राजेश कुछ खराब इम्प्रेशन लेकर वहां से जाए.
उसने जोर देकर कपिल को शाम को ही घर बुला लिया ताकि वह बाहर दोस्तों में बैठकर पीने न लगे.
आज चूंकि कपिल को भी बिजनेस का फायदा दिख रहा था तो वह इस शर्त पर तैयार हो गया कि वह राजेश को ड्रिंक ऑफर करेगा. अगर वह लेगा तो सोने में सुहागा, नहीं लेगा तो कपिल केवल एक पेग लेगा और राजेश और सविता कोल्ड ड्रिंक ले लेंगे.
सविता मजबूर थी, मान गयी.
शाम को राजेश 8 बजे करीब आया.
उसका आकर्षक व्यक्तित्व तो था ही; वह सविता के लिए एक बहुत सुंदर साड़ी और कपिल के लिए एक शर्ट गिफ्ट में लाया.
सविता खूबसूरत तो थी ही, आज अच्छे से तैयार हुई तो गज़ब ढा रही थी.
राजेश उससे बहुत प्रभावित हुआ.
आज तो कपिल भी बहुत शराफत और सलीके से पेश आया.
तीनों ड्राइंग रूम में बैठकर बातें करने लगे तो कपिल ने सविता से कहा- भाई तुम्हारे जीजा आये हैं, कुछ खाने पीने को लाओ.
सविता उठी नाश्ता लगाने के लिए तो उसने पूछ ही लिया- जीजू, आप सूप लेंगे या जूस?
कपिल ने बीच में टोक कर बोला- राजेश ज़ी, अगर लेते हों तो मेरे पास बहुत बेहतरीन रेड वाइन है.
इस पर राजेश ने हंस कर कहा- नहीं, मैं तो नहीं लेता. पर मुझे मालूम है कि आपको बहुत पसंद है तो आप लें, मैं जूस लेकर आपका साथ दूंगा.
सविता नाश्ते की ट्राली सजा लायी, इधर कपिल ने अपना व्हिस्की का पेग बना लिया.
मुस्कुराते हुए सविता ने राजेश को जूस का गिलास पकड़ाया और कपिल से कहा कि आज जल्दी खत्म कर लेना, डिनर भी तैयार है.
कपिल वैसे तो बहुत मिलनसार था. आज सविता भी सोच रही थी कि काश राजेश ऐसे ही रोज़ आ जाए तो कम से कम कपिल का पीना तो संयमित रहेगा.
गप्पों का दौर चल पड़ा.
कपिल ने अपने व्यापार की बात राजेश से कह ही दी तो राजेश ने उससे वादा किया कि वह कोशिश करेगा कि वेयर हाउस लेते समय वह उसे अपने ऑफिस बुला ले.
और कपिल जानता था कि सब कुछ राजेश के हाथ में ही है पर वह अपनी आदत से मजबूर था.
सविता के लाख मना करने पर भी उसने दो पेग लगा ही लिए.
रात के 9.30 हो गए थे.
राजेश ने कहा- कपिल भाई, अब तो भूख भी लग आई है. आज आप हमारी खातिर पीना बंद करके भोजन कर लीजिये.
कपिल हँसते हुए इनके साथ डिनर टेबल पर आ गया.
डिनर लेते समय कपिल ने राजेश को बहुत दबाव दिया कि जब तक उसे कम्पनी से कोई फ्लैट अलोट नहीं होता, वह उनके साथ ही रहे.
सविता ने भी राजेश से बहुत कहा कि जीजू आपको कोई तकलीफ नहीं होगी. कोठी में अलग से एक गेस्ट रूम बना है जो हर सुविधाओं से पूरा है. आप वहीं रहिये. आपको घर का खाना भी मिलेगा और मेरे को बहुत अच्छा लगेगा.
सही में राजेश का मन भी होटल में लग नहीं रहा था और वह सविता के सलीके और खूबसूरती से प्रभावित था.
तो उसने यही कहा कि कल बताता हूँ.
कपिल तो डिनर के बीच से ही राजेश से माफ़ी मांगकर यह कह कर उठ गया- मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है, पर आप डिनर आराम से करें.
सविता को अच्छा नहीं लगा पर वह जानती थी कि अगर कपिल और रुका तो वह वोमिट कर देगा क्योंकि उसे पीने के बाद इतनी जल्दी खाने की आदत नहीं थी.
वह कुछ असहज हुई तो राजेश ने बहुत प्यार से कहा- मैं समझ सकता हूँ, पर आप परेशान मत होइए. आपसे तो हमारे घर की बात है.
सविता जल्दी ही सहज हो गयी और दोनों ने हंसी मजाक के साथ डिनर ख़त्म किया.
राजेश जाने के लिए कहने लगा तो सविता बोली- थोड़ी देर रुक जाइए, कॉफ़ी बनाती हूँ, आपके साथ पी लूंगी. वर्ना यहाँ के हालात तो अब आप देख ही चुके हैं.
अगले दिन रविवार था तो राजेश भी रिलैक्स्ड था और सच में तो उसे सविता का साथ अच्छा लग रहा था.
सविता के व्यक्तित्व में एक आकर्षण था जो राजेश को मोह रहा था.
तब सविता फटाफट कॉफ़ी बना लायी.
दोनों ड्राइंग रूम में बैठ गए.
सविता ने राजेश को बताया कि उसे कॉलेज टाइम में गाने और डांस का बहुत शौक था पर अब तो जिन्दगी बस सिमट कर रह गयी है. कपिल वैसे तो उसका बहुत ध्यान रखता है, पैसे की कोई कमी नहीं है, पर एक पत्नी को और कुछ भी चाहिए, वह ये नहीं समझता.
कहते कहते सविता के आंसू निकल आये.
राजेश उठा और उसने अपने रूमाल से उसके आंसू पौंछे और बहुत स्नेह से उसके कंधे पर हाथ रख कर उसे ढाढस बंधाया कि सब ठीक हो जाएगा.
सविता ने उससे मिन्नत की कि वह अब जब तक उसका फ्लैट फाइनल नहीं होता वह यहीं उनकी कोठी पर ठहरे. सविता को अच्छी कम्पनी हो जायेगी और राजेश को घर का माहौल मिल जाएगा. और हो सकता है कपिल का पीना कुछ कम हो जाए.
राजेश झुक गया, उसने यहाँ रहने की हाँ कर दी.
सविता ख़ुशी में उससे चिपट गयी.
ये भावावेश था या शारीरिक आकर्षण … मैरिड गर्ल सेक्स डिज़ायर … थोड़ी देर तक दोनों इसे ही चिपटे खड़े रहे.
11 बज गए थे; राजेश ने अब निकलना चाहा.
सविता उसके हाथ में हाथ डाले गेट तक छोड़ने आई.
गाड़ी में बैठते हुए राजेश ने सविता से कहा- आप जितनी खूबसूरत हैं, उतना ही खूबसूरत आपका दिल है. बस ऐसे ही हँसती रहा कीजिये, जिन्दगी आसान हो जायेगी.
इस पर तपाक से सविता ने कहा- जब तक आप यहाँ हैं, ऐसे ही मुझे हंसाते रहिये!
कह कर सविता ने राजेश को चूम लिया.
राजेश भौंचक्का रह गया तो सविता बोली- साली हूँ … तो इतना तो हक़ बनता ही है आधी घरवाली का.
कहानी 4 भागों में समाप्त होगी.
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मैरिड गर्ल सेक्स डिज़ायर कहानी का अगला भाग: सेक्स की लीला- 2
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