पड़ोस वाली माँ बेटी की चुदाई-2
(Desi Sex Stories : Pados Wali Maa Beti Ki Chudai- Part 2)
अब तक आपने देसी सेक्स स्टोरीज के पहले भाग
पड़ोस वाली माँ बेटी की चुदाई-1 में पढ़ा कि
करीब 10 मिनट की धक्कम पेल चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य योगिता की चूत में गिरा दिया और उस के ऊपर लेटा रहा।
इस सब के बाद योगिता अपने कमरे में चली गयी।
सुबह मैंने उसे मेसेज किया- चुदाई के लिए शुक्रिया।
इस तरह योगिता मेरी हो चुकी है, अब वो अंतरवासना पर कहानियाँ पढ़ती है और मेरा लंड अपनी चूत में लेती है।
अब आगे:
मेरी नजर योगिता की बेटी अवनी पर भी थी, मैं अब अवनी को चोदने के बारे में सोच रहा था.
अवनी की उम्र 20 साल है, उसका रंग गोरा, बिल्कुल मलाई के जैसी, उस का फिगर 34- 30- 36 है, देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाये, जब भी सामने आती है, मेरा लंड खड़ा होकर सलामी देने लगता है।
जैसा कि मैंने बताया था कि दोनों माँ बेटी अकेले ही रहती हैं, और जब से योगिता की चुदाई की है तब से वो मेरे करीब हो गयी है, जब भी उसे चोदने का मन होता है, उसे बुला कर मस्त चोदता हूँ। कभी जब योगिता आते जाते मिल जाती, मैं उसकी गांड दबा देता, कभी चूचियाँ दबा देता।
एक बार की बात है, योगिता की रिश्तेदारी में किसी की शादी थी और अवनी की परीक्षा चल रही थी इसलिए योगिता शादी में जा रही थी पूरे एक सप्ताह के लिए और अवनी दिल्ली में ही रहने वाली थी।
योगिता मेरे पास आई और मुझसे बोली- राज, मैं घर जा रही हूँ, अवनी अकेले रहेगी, तुम अवनी का ख्याल रखना।
मैं बोला- आराम से जाओ और बिल्कुल भी चिंता मत करना, मैं यहाँ हूँ, कोई दिक्कत नहीं होगी।
मैं मन ही मन सोच रहा था कि ख्याल पूरा रखूँगा, पूरी कोशिश करूँगा कि अवनी की चुत चोद दूँ।
शनिवार की सुबह योगिता चली गयी। शनिवार और रविवार छुट्टी होती है, मैं सोचने लगा कि कैसे अवनी की चुत चोद दूँ। मैं अवनी के कमरे में गया, वो लैपटॉप लेकर बैठी थी.
मैंने उससे पूछा- कोई दिक्कत तो नहीं है?
वो बोली- मेरे लैपटॉप में इंटरनेट नहीं चल रहा है।
मैं लैपटॉप चेक करने लगा, इंटरनेट कनेक्टेड था तो फिर मैंने इंटरनेट की ब्राउज़िंग हिस्ट्री डिलीट करने के लिए हिस्ट्री खोली तो देखा कि काफी पॉर्न साइट्स खुले थे।
मेरा दिमाग तेजी से दौड़ने लगा, मुझे अवनी की चुत चोदने की तरकीब नजर आने लगी, मैं खुश हो रहा था कि इतनी जल्दी मौका मिल रहा है।
मुझे उसे चोदने का आईडिया मिल गया था, सोच रहा था कि आज अगर अवनी की चुत चोद दूँ तो पूरे सप्ताह चोदने को मिलेगा।
मैंने उससे पूछा- ये क्या साइट्स खोले हैं तुमने? ये सब देखती हो क्या?
वो दूसरी तरफ देखने लगी.
तो मैं बोला- कोई बात नहीं, इस उम्र में यह स्वाभाविक है।
यह सुन कर वो थोड़ा सामान्य हुई और बोली- कभी कभी…
लेकिन हिस्ट्री देखने से पता चल रहा था कि वो हर रोज देखती है।
मैं उस से बोला- तुम हर रोज देखती हो!
तो वो चुप हो गयी और नीचे देखने लगी।
मैंने उसकी पीठ थपथाई और बोला- कोई बात नहीं, तुम्हारी उम्र है ये सब देखने की और करने की।
वो थोड़ी देर चुप रही फिर बोली- आपने मेरी चोरी पकड़ ली तो मैंने भी आपकी चोरी पकड़ी है.
यह सुन कर मुझे लगा कि शायद उसने कभी अपनी माँ को मुझसे चुदवाते हुए देख लिया होगा फिर भी मैंने पूछा- क्या चोरी पकड़ी है तुमने, बताओ?
उसने अपना मोबाइल निकाला और उसमें एक स्क्रीनशॉट दिखाया जिसमें वो मेसेज था, जो मैंने उसकी माँ को उसकी पहली चुदाई के लिए भेजा था जो था- चुदाई के लिए शुक्रिया।
यह मेसेज अवनी ने देख लिया था और योगिता के मोबाइल से स्क्रीनशॉट लेकर अपने मोबाइल पर भेज दिया था।
इतना बताने के बाद उसने कहा- मैंने पहले आपकी चोरी पकड़ी है।
यह बोलते हुए उसकी आँखों में शरारत साफ दिख रही थी, वो मुस्कुरा रही थी.
मैं समझ गया कि थोड़ा प्रयास करने की जरूरत है और फिर लंड को अवनी की चुत की सवारी करने को मिल जाएगी।
मैंने सोचा कि बात आगे बढ़ाने चाहिए, मैंने पूछा- अच्छा ये बताओ तुमने कभी किया है क्या?
वो हंसने लगी और बोली- हाँ भी और नहीं भी।
मैंने पूछा- ये कैसे संभव है कि हाँ भी और नहीं भी।
वो बोली- एक बॉयफ्रेंड था उसका जिसके साथ दो बार की थी, लेकिन वो अच्छे से कर नहीं पाया। वो अपना काम कर के झड़ गया लेकिन मेरा मन था और करने का।
मैं समझ गया कि ये संतुष्ट नहीं हुई थी।
वो बोली- जब मेरा बॉयफ्रेंड मेरी चुत चोद रहा था, पहली बार तो मुझे लगा कि शायद अगली बार हो जायेगा, लेकिन अगली बार भी वही हाल रहा. तो उसके बाद मैंने उसको छोड़ दिया, कारण कि वो जब भी मिलता सेक्स करने को बोलता था और मेरा पूरा नहीं हो पाता था।
मैं बोला- मैंने तो तुम्हारी माँ को जब चोदा तो पता नहीं कितनी बार वो झड़ी थी.
इस पर अवनी बोली- सच में?
मैं बोला- आजमा कर देख लो!
इस पर अवनी मुस्कुराने लगी।
मैंने पूछा- कब किया था सेक्स तुमने?
अवनी- दो साल पहले।
मैं- यार, इतनी कम साल में चुदवा ली, बड़ी सेक्सी हो तुम!
इस पर वो मुस्कुरायी।
अवनी अभी स्कर्ट पहने थी और ऊपर टॉप। वो बेड पर बैठी थी और मैं उसके सामने चेयर पर। मैं उसकी आँखों में आँखें डाले उसे लगातार देखने लगा. पहले तो उसने पलकें झुका ली लेकिन कुछ देर के बाद वो एकटक मेरी आँखों से आंखें मिला कर देखने लगी।
मैंने हाथों के इशारे से उसे करीब बुलाया, वो थोड़ा आगे खिसक कर मेरे करीब आ गयी, मैंने उसके पैरों को पकड़ कर अपने और करीब खींचा और उसके पैरों को अपने कमर पर रख लिया।
मैंने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़ा और उसकी आँखों में देखने लगा और फिर धीरे धीरे अपने होठों को उसके चेहरे के करीब लाता गया।
अवनी ने अपनी आँखें बंद कर ली और मैंने उसके होठों को चूम लिया।
अवनी सिहर सी गयी।
मैंने अपने दोनों हाथों को उसकी कमर पर रखा और धीरे धीरे अपनी ओर खींचने लगा और फिर उसकी कमर पकड़ कर उठा कर अपने चेयर पर अपनी गोद में बिठा लिया।
अवनी के दोनों पैर घुटने से मुड़े हुए थे और मेरे कमर के दोनों तरफ थे। उसका स्कर्ट अब थोड़ा उठ गया था और उसकी जांघें दिखने लगी थी। उसकी चूचियाँ मेरी ठोड़ी से सटने लगी थी, मैंने अपनी ठोड़ी से उसकी चूचियों को थोड़ा दबाया।
अवनी अपनी उंगलियाँ मेरे बालों में घुमाने लगी थी, मुझे उसका अपने बालों में उंगलियाँ घुमाना बहुत सुकून दे रहा था।
मैंने अपने दोनों हाथों को उसकी जांघों पर रख दिया और धीरे धीरे उसकी जांघों को सहलाने लगा, उसकी जांघें उसकी माँ की जांघों की तरह खूबसूरत थी। मैं अपने हाथों को उसकी गांड पर ले गया और फिर उसकी पैंटी के अंदर डाल कर सहलाने लगा।
मैं आहिस्ता आहिस्ता उसकी गांड को दबाने लगा था, मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था और अवनी की चुत से पैंटी के ऊपर से रगड़ खा रहा था। अवनी नीचे की तरफ जोर लगा रही थी, और अपनी चुत मेरे लंड से रगड़ रही थी।
मैंने अब अपना हाथ उसके कमर पर रखा और फिर धीरे धीरे उसके टॉप को उठाने लगा, धीरे धीरे टॉप ऊपर जा रहा था, और उसका खूबसूरत दूधिया जिस्म मेरे सामने नुमाया हो रहा था। उसके जिस्म की खूबसूरती मेरे आँखों के रास्ते दिल में उतरती जा रही थी और मुझे बेकरार करती जा रही थी।
उसका टॉप थोड़ा और ऊपर किया अब उसकी लाल ब्रा दिखने लगी थी, मैंने उसकी चूचियों को नीचे से थाम लिया और धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चूचियों पर गोल गोल घुमाने लगा। अवनी ने अपना हाथ मेरे गले में डाल दिया और मेरे कंधे पर अपना सर रख दिया।
मैंने अब उसका टॉप गले से बाहर निकाल दिया, अब अवनी लाल ब्रा और स्कर्ट पहने मेरे गोद में मेरे लंड पर बैठी थी। अब मैंने उसे कमर पकड़ कर उठाया और बेड पर लिटा दिया, बेड पर लिटाने में उसके पैर थोड़ा ऊपर हुआ और उसकी लाल पैंटी थोड़ा नजर आयी।
उसकी पैंटी और ब्रा मैचिंग कलर का था, यह देख कर मुझे उसके माँ की याद आ गयी, वो भी मैचिंग कलर की ब्रा पैंटी पहनती है।
मैंने अपना हाथ उस की जांघों पर रखा और धीरे धीरे ऊपर ले जाने लगा। हाथ ऊपर करने में उसका स्कर्ट भी हाथ के साथ साथ ऊपर जा रहा था। अब उस की पैंटी पूरी नजर आ रही थी। मैंने उस की चुत को ऊपर से हाथों से रगड़ा, मुझे लगा कि उस की चुत पर बाल हैं, तो मैंने पैंटी के साइड से अपनी उंगलियाँ उस की चुत पर रखी, उसकी चुत पर बाल थे, छोटे छोटे ही थे।
मैंने पूछा- चुत के बाल कब साफ़ किये?
तो वो बोली- दस दिन हो गए।
मैंने अब अपने दोनों हाथों को उसके स्कर्ट के एलास्टिक पर रखा और फिर धीरे धीरे पैंटी के साथ नीचे खींचते हुए बाहर निकाल दिया। अब अवनी मेरे सामने पूरी नंगी लेटी थी, उसका खूबसूरत दूधिया जिस्म ट्यूब लाइट में और खूबसूरत लग रहा था। उसके गोरी गोरी चूचियों में काले काले निप्पल बहुत ही सेक्सी लग रहे थे।
मैं अब बेड पर बैठ गया और उसे खींच कर अपने करीब लाया और उसके पैरों को अपने कमर के दोनों तरफ कर दिया और हाथों से प्यार से धीरे धीरे उसकी चुत सहलाने लगा और मैं बोला- पता है चिकनी चुत के साथ सेक्स करने में ज्यादा मजा आता है?
अवनी पूछी- कैसे?
मैं- सोचो अगर कोई तुम्हारे बाल को चूमे और फिर गाल को तो तुम्हें ज्यादा कहाँ महसूस होगा?
अवनी- गाल पर।
मैं- ठीक वैसे ही जब चुत को चूमने में ज्यादा अच्छा तब लगेगा जब चुत चिकनी हो।
अवनी- मैं जब सेक्स वीडियो देखती हूँ तो जब वीडियो में चुत चाटते देखती हूँ, तो मुझे लगता है कि मेरी चुत भी कोई चाटे।
मैंने पूछा- तुम्हारा बॉयफ्रेंड ने तुम्हारी चुत नहीं चाटी थी क्या?
अवनी- नहीं, हमने बहुत जल्दी में किया था।
मैं- क्या उम्र थी तुम्हारे बॉयफ्रैन्ड की उस वक्त?
अवनी- वो मुझसे एक आध साल छोटा ही होगा.
मैं समझ गया कि उस लड़के का लंड पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होगा, इसका मतलब है कि अवनी की चुत में छोटा लंड गया था और जैसा कि अवनी ने बताया था कि वो उसे अच्छी तरह चोद भी नहीं पाया था।
मैंने अवनी को बोला- तुम्हारी चुत की चुदाई आज मैं अच्छे से करूँगा और हमारे पास पूरा एक सप्ताह हैं, जब तक तुम्हारी माँ नहीं है, तब तक हम मजे करेंगे।
अवनी- मैं भी करना चाहती हूँ, मैं चाहती हूँ कि राज आप मुझे अच्छे से चोदो, मेरी अधूरी चुदाई को पूरी करो, जो मेरे बॉयफ्रेंड ने की थी।
मैं बोला- अवनी, सबसे पहले मैं तुम्हारी चुत के बाल साफ़ करूँगा.
फिर मैं अपने कमरे में आया और रेजर ले कर गया। मैंने अवनी को लिटाया और उस की चुत के बाल को पानी से भिगोया और फिर धीरे धीरे रेजर से उसकी चुत के बाल साफ़ करने लगा, जैसे जैसे बाल साफ़ हो रहे थे, उस की गोरी चुत सामने आ रही थी।
मैंने उस की चुत को अपनी दो उंगलियों से एक तरफ खींचा और उस तरफ बाल साफ़ किये और फिर दूसरी तरफ खींच कर उधर के बाल साफ़ किये।
अब उस की चुत बिल्कुल चिकनी हो गयी थी, उस की चुत बिल्कुल छोटी सी, टाइट और सटी हुई थी। मैं उसे बाथरूम ले गया और उस की चुत को अच्छे से पानी से धो दिया और फिर उसकी चुत पर क्रीम लगा दी।
अब मैं उसे बेड पर लिटा कर उसके बगल में लेट गया और उसे अपनी बाँहों में भर लिया, उसकी चूचियाँ चूसने लगा। अवनी मेरे ट्रॉउज़र के ऊपर से मेरे लंड को छू रही थी। मैं उसकी गांड को हल्का हल्का दबा रहा था और चूचियाँ चूस रहा था।
अवनी बोली- बहुत बड़ा लंड है.
मैं बोला- देख लो।
अवनी ने मेरा लंड बाहर निकाला, मेरा 8 इंच का लंड पूरी तरह खड़ा था, देख कर वो बोली- अरे बाप, इतना बड़ा लंड कैसे ले पाऊँगी।
मैं- तुमने सेक्स तो किया है, तेरी चुत की सील तो टूटी है, हाँ थोड़ी टाइट होगी, लेकिन देखना पूरा लंड कितने आराम से तेरी चुत में जायेगा।
अवनी- मुझे बहुत डर लग रहा है, इतना बड़ा लंड जायेगा तो बहुत दर्द होगा।
मैं- नहीं यार, दर्द पहली बार में होता है, जब सील टूटती है।
मैंने यह बात बोल तो दी लेकिन मुझे भी पता था कि दर्द तो होगा।
मैं बोला- अच्छा तुम्हें वीडियो में चुत चटवाते देख कर अपनी चुत चटवाने का मन होता है ना?
अवनी- बहुत।
मैं- तो ठीक है, चलो मजे लो फिर!
मैंने दीवाल के सहारे तकिया लगाया और उस पर अवनी को लिटाया ताकि जब मैं उस की चुत चाटूँ तो वो देख सके। मैंने उस के पैरों को मोड़ कर फैला दिया और उस के पैरों के बीच लेट गया। मैंने उस की चुत को चूमा, वो कंपकपायी, मैंने उसे देखा वो बड़े गौर से देख रही थी, उसे मेरा चुत को चूमना अच्छा लगा था।
दोनों हाथों से मैंने उस के बड़े नितम्बों को पकड़ लिया और चुत पर अपने होंठ घुमाने लगा, मैं चुत की फांकों को चाटने लगा, वो दोनों पैरों से मेरे माथे को दबाने लगी थी। अब मैंने उस की चुत को थोड़ा फैलाया और जीभ को दोनों फांकों के बीच रख कर चाटने लगा, धीरे धीरे मैंने गति बढ़ाई और तेजी से जीभ घुमाने लगा। मैंने अपनी जीभ भगनासा पर रखा और उसे जीभ को गोल करके उसे रगड़ने लगा, अवनी बोली- बहुत अच्छा लग रहा है।
मैं थोड़ी देर तक उसकी भगनासा को रगड़ता रहा, अवनी काफी उत्तेजित हो गयी थी, वो कन्धों को पकड़ कर मुझे अपने ऊपर खींचने लगी थी।
मैंने उसे देखा तो वो बोली- अब आ जाओ, अंदर डाल दो।
मैं उसके ऊपर आ गया, उसके पैरों को मोड़ कर ऊपर कर दिया और चुत पर लंड रख कर उसके ऊपर लेट गया और मैं उसकी एक चुची हाथ से दबाने लगा और दूसरा चूसने लगा।
वो नीचे से गांड उठा रही थी, मैं समझ गया कि अब पूरी तरह गर्म हो गयी है, अब अपने लंड को जन्नत की सैर करा दूँ।
मैंने उसकी बुर में एक उंगली डाली, बुर पूरी तरह गीली थी, लेकिन काफी टाइट थी।
मैंने उसकी बुर की फांकों को फैलाया और लंड उसकी बुर पर रखा और उसके ऊपर लेट गया और उसके होठों को चूसने लगा।
मेरा 8 इंच का लंड अवनी के बुर पर था, बस एक धक्का दूर चुत की सैर से… मैंने धीरे धीरे दबाव देना शुरू किया, चुत काफी टाइट थी, उसे थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन वो बर्दाश्त किये हुए थी। थोड़ा लंड अंदर चला गया था, मैंने उतने में ही अंदर बाहर करना शुरू किया, कुछ देर में लंड का कुछ भाग अंदर बाहर होने लगा था, और अवनी भी शांत थी।
मैंने अचानक एक जोर का शॉट मारा, लंड दनदनाता हुआ बुर में घुस गया और अवनी चीखी- उई… माँ।
मैंने उसके होठों पर होंठ रख दिये, वो जोर से बेडशीट पकड़े थी। उसे बहुत ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था, वो अपने बॉयफ्रेंड से दो बार चुद चुकी थी, और शायद अपनी चुत में उंगली भी करती थी, इसलिए।
थोड़ा रूक कर मैंने धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू किया, जब लंड अंदर जाता तो वो थोड़ा कसमसाती, लेकिन कुछ देर में उसकी बुर मेरे लंड की अभ्यस्त हो गयी थी, और लंड काफी टाइट लेकिन आसानी से अंदर बाहर होने लगा था।
अब उसके चेहरे पर उत्तेजना नजर आ रही थी, लंड लेने की उत्तेजना, चुत चुदवाने की उत्तेजना। मैं दोनों हाथों के सहारे थोड़ा सा उठा गया, और दंड पेलने के जैसे उस की चुदाई करने लगा, जब मैं ऊपर होता तो लंड बाहर आ जाता, और जब मैं नीचे होता तो लंड अंदर।
थोड़ी देर तक मैंने दंड पेल चुदाई की, अवनी अपने गर्दन को कभी दाएं कभी बाएं करती, मैंने उस से पूछा- कैसा लग रहा है?
अवनी- जैसे मैं हवा में उड़ रही हूँ, अदभुत आनन्द मिल रहा है, बस चोदते रहो।
मैंने उसे उठाया और बोला- बेड के किनारे आ कर घोड़ी बन जाओ।
अवनी बेड के किनारे आकर घोड़ी बन गयी, मैंने उस की पीठ को थोड़ा नीचे किया और गांड को ऊपर उठा दिया। मैं बेड के नीचे खड़ा हो कर थोड़ा नीचे झुका, उस की चुत को एक हाथ से फैलाया और दूसरे हाथ से लंड चुत पर रखा और फिर उसकी कमर को पकड़ कर लंड चुत में पेल दिया।
धीरे धीरे लंड चुत की गहराई मापने लगा और मैं दनादन शॉट मारने लगा, हर शॉट पर अवनी बोलती- उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह यस!
मैं उसकी खूबसूरत गांड पर चपत लगाता और लंड को चुत की सैर करा रहा था, धक्के पर धक्के दे कर।
काफी देर तक मैं उसे इसी पोज़ में चोदता रहा, फिर मैं लेट गया, और उसे अपने ऊपर आने बोला।
अवनी मेरे उपर आयी, अपनी चुत मेरे लंड के सामने रखी और धीरे धीरे नीचे बैठने लगी, जैसे जैसे वो नीचे आ रही थी, मेरा लंड उसकी चुत में समाता जा रहा था।
पूरा लंड चुत के अंदर लेने के बाद एक पल को वो रुकी और फिर उसने मेरी बाँहों को दोनों हाथों से पकड़ लिया और आगे की तरफ झुक कर मेरे लंड पर उछलने लगी, अब वो मेरे लंड पर उछल रही थी और मैं उसकी गांड पकड़ पर उसे ऊपर नीचे कर रहा था।
वो काफी जोश में चोद रही थी, एक जूनून सा था उसमें… आज वो अपनी चुत को चुदाई का भरपूर मजा देना चाहती थी।
वो जोर जोर से हांफ रही थी, उसकी रफ़्तार थोड़ा कम होने लगी थी, मैंने उस की गांड को पकड़ा और नीचे से शॉट देना शुरू किया, कुछ शॉट्स के बाद, वो अकड़ने लगी, उसकी गति थमने लगी, और अंततः वो झड़ गयी, और मेरे ऊपर लेट गयी।
मैं उसकी पीठ सहला रहा था, उसके बालों को सहला रहा था, उसको चूम रहा था।
उस के बाद मैंने उसे नीचे उतारा और उस की चुत में उंगली डाली और भगनासा को मसलने लगा. थोड़ी देर में वो फिर से गर्म होने लगी, मैंने उसे पूरा गर्म कर दिया और अब वो फिर से चुदने को तैयार थी।
मैंने उसे मिशनरी पोज़ में किया, वो नीचे थी, मैं उसके उपर आ गया, अवनी ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत पर रखा, और मैंने उसके कंधे को पकड़ कर धीरे धीरे लंड चुत में डालने लगा।
चुत में लंड घुस चुका था, मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया था।
अवनी बोली- आज सेक्स का मजा आ रहा है, कितना अलग है ये अहसास।
करीब 10 मिनट की चुदाई में अवनि एक बार और झड़ चुकी थी और मैंने आखिरी के शॉट्स लगाना शुरू किया। मैंने रफ़्तार बढ़ा दी, हम दोनों हांफ रहे थे, हमारी सांसें एक दूसरे के चेहरे से टकरा रही थी, हमारे जिस्म से पसीना निकल रहा था और सेक्स का तूफान बस गुजरने वाला था।
अवनी फिर से अकड़ने लगी थी, मैंने गति बढ़ाई, लंड अंदर बाहर हो रहा था और आखिर में हम दोनों एक साथ स्खलित हुए, मेरा वीर्य अवनी के बुर में जाकर उसके वीर्य से मिलने लगा था।
हम दोनों धीरे धीरे शांत होते जा रहे थे, अवनी मेरे बालों को सहला रही थी, मैं निढाल सा उसके ऊपर पड़ा था। थोड़ी देर के बाद हम दोनों उठे, मैंने बाथरूम में जाकर उस की चुत धोई, और उसने मेरा लंड धोया, और उस के बाद मेरे लंड पर एक किस किया।
पूरे एक सप्ताह हम दोनों को पूरी आजादी थी, खूब मजे किये।
अब तो मेरे पास अवनी और उसकी माँ योगिता दोनों थी, जब मर्जी चुदाई कर लो।
अवनी को यह बात पता है कि मैं उसकी माँ को भी चोदता हूँ, लेकिन योगिता को ये नहीं पता कि मैं उस की जवान बेटी अवनी को भी चोदता हूँ.
देखते हैं कब तक जारी रहता है यह माँ बेटी की चुदाई का सिलसिला!
आप सबने मेरी देसी सेक्स स्टोरीज पढ़ी, इसके लिए आप सब का शुक्रिया और अंतरवासना मंच का धन्यवाद, जिनके कारण यह कहानी आप तक पहुंच पा रही है।
मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इन्तजार रहेगा.
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