बहन का लौड़ा -63

(Bahan Ka Lauda-63)

पिंकी सेन 2015-07-25 Comments

This story is part of a series:

अभी तक आपने पढ़ा..

नीरज अब पक्का वहशी नज़र आ रहा था.. उसने टीना के मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया.. तो रोमा के तन-बदन में आग लग गई.. वो झट से आगे बढ़ी और नीरज के हाथ को टीना के मम्मों से दूर कर दिया।
रोमा- बस नीरज.. मैंने मना किया था ना.. तेरे गंदे हाथ टीना से दूर रखना..
नीरज- अबे चुप साली.. तू हाथ की बात करती है.. मैं इसको नंगा करके इसके सारे जिस्म पर अपने होंठ की छाप छोड़ने वाला हूँ.. अब तू निकल यहाँ से.. मुझे मज़ा लेने दे..

रोमा के दिल के कोने से आवाज़ आई कि ये आदमी शैतान है.. इसने तुझे तो बर्बाद कर ही दिया है.. अब इस हैवान से.. टीना की जिंदगी सिर्फ तू ही बचा सकती है।
रोमा ने नीरज को एक जोरदार थप्पड़ मारा और आँखें लाल करके बोली- अब यहाँ एक मिनट भी रुका.. तो मैं शोर मचा कर सब को बुला लूँगी..

नीरज- साली दो कौड़ी की लड़की.. तेरी इतनी हिम्मत.. तूने मुझे मारा.. तुझे इसका मज़ा जरूर चखाऊँगा.. सब के सामने तुझे नंगा कर दूँगा.. और शोर मचा कर तू क्या करेगी.. बुला सबको.. मेरे पास भी सबूत है.. कि तू एक रंडी है हा हा हा हा..

रोमा ने अब रौद्र रूप धारण कर लिया था, वो नीरज को धक्के देने लगी- निकल जाओ यहाँ से.. तुम्हें जो करना हो कर लो.. मगर टीना के साथ मैं ये सब नहीं होने दूँगी..।

नीरज- ठीक है साली.. अभी तो मैं जाता हूँ.. तेरा दिमाग़ सही नहीं है अभी.. मगर याद रख.. कल तक सोच ले.. मैं किसी काम से बाहर जाकर शाम तक आ जाऊँगा.. अगर तुझे बदनाम नहीं होना ना.. तो तू इसको मेरे पास ले आना.. वरना कल सारी दुनिया तेरे रंडी रूप को देख लेगी।
रोमा- जो करना है.. कर लेना.. अभी अपनी गंदी सूरत लेकर यहाँ से निकल जाओ.. वरना वो हाल करूँगी.. याद रखोगे तुम..

नीरज ने उम्मीद नहीं की थी कि रोमा इस तरह पेश आएगी.. उसने कपड़े पहने और वहाँ से निकल गया। उसके जाने के बाद रोमा ने टीना के कपड़े ठीक किए और उसके पास बैठकर रोने लगी।

दोस्तो, यह होता है अंजाम अंधे प्यार का.. अगर आप किसी को प्यार करते हो.. तो इस बात का जरूर ध्यान रखना कि प्यार में ऐसी ग़लती कभी मत करना.. जिससे आपको मजबूर होना पड़ जाए।

सुबह का सूरज राधे और मीरा के लिए तो अच्छा था.. क्योंकि रात को मस्त चुदाई के बाद दोनों चिपक कर सोए थे।

इधर नीरज के लिए कुछ ठीक नहीं था.. रात को जलील होकर वो शीला के पास चला गया था और उसने बहुत ज़्यादा पी ली थी। वहाँ शीला ने उसको कहा- वो हाथ आ जाएगी.. पहले पैसे का इंतजाम कर.. वो अंग्रेजन हाथ से चली गई.. तो वापस नहीं आएगी..

तो बस नीरज ने रोमा और टीना को कुछ देर के लिए भुला दिया और अंग्रेजन लड़की के चक्कर में सुबह-सुबह पीकर और टल्ली हो गया।
इधर बेचारी रोमा पूरी रात रोती रही उसकी आँखों में रोते-रोते सूजन आ गई थी। जब सुबह टीना उठी तो उसका सर भारी था.. मगर उसको क्या पता.. यहाँ क्या हुआ था। उसने रोमा को देखा तो वो उसके पास बैठी हुई थी।

टीना- गुड-मॉर्निंग रोमा..
रोमा ने झुठी मुस्कान के साथ उसको गुड-मॉर्निंग कहा..
टीना- अरे तू इतनी सुबह-सुबह ऐसे क्यों बैठी है.. क्या हुआ?
रोमा- होना क्या था.. कुछ भी तो नहीं हुआ..
टीना- अरे यार.. तेरा चेहरा देख कर ऐसा लग रहा है.. जैसे सारी रात तू सोई नहीं.. बस रोती रही.. बता ना यार.. मेरा दिल बड़ा बेचैन हो रहा है।

टीना की बात सुनकर रोमा को बहुत रोना आया.. मगर वो डर के मारे रो भी नहीं पाई और बहाना बना कर उसे टाल दिया।
कुछ देर बातें करने के बाद रोमा ने चाय नाश्ता बनाया.. टीना ने भी उसकी मदद की और दोनों रेडी होकर स्कूल चली गईं।

दोस्तो, रात को जो पहाड़ रोमा पर टूटा था.. उसका असर स्कूल में भी टीना को महसूस हो रहा था।

किसी तरह स्कूल का वक्त निकल गया.. टीना ज़िद करके रोमा को अपने साथ घर ले गई.. वहाँ उसको बड़ी मुश्किल से खाना खिलाया और अपने कमरे में लेकर चली गई।

टीना- अरे यार तू सुबह से इतनी मायूस क्यों हो.. बता ना क्या हुआ..? कहीं तेरे नीरज ने कुछ कह दिया क्या.. या उसको मिलने को तरस रही है.. यार आज मौका अच्छा है.. आंटी शाम तक आएंगी.. जा जाकर मिल आ.. तेरा चेहरा खिल उठेगा।

दोस्तो, इसे कहते हैं जले पर नमक छिड़कना.. मगर बेचारी टीना नहीं जानती थी कि रात क्या हुआ.. उसने तो बस अंजाने में ये सब कहा था।
रोमा जो रात से इस दर्द को दिल में छुपाए बैठी थी.. अब वो आँसू बनकर उसकी आँखों से बाहर आ गया।
टीना- अरे अरे.. क्या हुआ रोमा.. तेरी आँखों में आँसू क्यों आ गए?

रोमा फूट-फूट कर रोने लगी.. वो टीना से लिपट गई। उसका रोना देख कर टीना का दिल हिल गया। बड़ी मुश्किल से उसने रोमा को चुप कराया।

टीना- प्लीज़ रोमा.. बताओ न.. क्या हुआ..? मुझे सुबह से कुछ अहसास हो रहा है.. कि कुछ तो गलत हुआ है.. बताओ ना प्लीज़ रोमा.. तुम्हें मेरी दोस्ती की कसम..

रोमा ने अपने दिल का हाल टीना को सुनाना शुरू किया कि कैसे नीरज ने उसको बहला कर उसकी इज़्ज़त के साथ खिलवाड़ किया और धोखे से वीडियो बना कर रात को उसने क्या धमकी दी.. और टीना के साथ जो सुलूक किया.. वो भी रोमा ने बताया.. तो टीना की आँखों में भी आँसू आ गए।

टीना- छी:.. इतना घटिया निकला वो.. उसने अपने गंदे हाथों से मुझे छुआ.. छी:.. सोच कर घिन आती है.. थैंक्स रोमा.. तुमने रात को मेरी जान बचाई.. मगर अब हम क्या करेंगे?
रोमा- यार समझ नहीं आ रहा.. अगर शाम को हम उसके पास नहीं गए.. तो ना जाने वो क्या करेगा?
टीना- तू पागल है.. मैं नहीं जाने वाली उस हरामी के पास.. हम मॉम को सब बता दें या पुलिस को बता दें।
रोमा- अरे नहीं.. ऐसे में तो वो मेरा वीडियो नेट पर डाल देगा।
टीना- यार मुझे बहुत डर लग रहा है.. हम वहाँ गए.. तो वो मेरे साथ भी.. छी: छी:.. नहीं नहीं.. प्लीज़..
रोमा- अरे ऐसा कुछ नहीं होगा.. मैं हूँ ना.. अगर तुझे कुछ होता तो रात को ही हो जाता.. मेरे रहते तू डर मत.. बस किसी तरह उसका फ़ोन हमें लेना है.. उसके बाद उसको अच्छा सबक़ सिखा देंगे..
टीना- हाँ ये सही रहेगा.. मगर हमें बहुत ध्यान से सब करना होगा यार..
वो दोनों काफ़ी वक्त तक बातें करती रही और बस अलग-अलग प्लान बनाती रही कि शाम को कैसे नीरज से फ़ोन लेना है।

दोस्तो, इनको बातें करने दो.. हम नीरज के पास चलते हैं.. जिसकी ये बातें कर रहे हैं वो अभी कहाँ है।

दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है।
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