बहन का लौड़ा -57
(Bahan Ka Lauda-57)
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अभी तक आपने पढ़ा..
नीरज अपनी खास दोस्त शीला के पास बैठा हुआ रोमा की चुदाई के बारे मे बता रहा था… और पूछ रहा था कि रोमा की गाण्ड कैसे मारी जाये क्योंकि वो तो सुहागरात पर ही गाण्ड मरवाने की बात कर रही है।
अब आगे..शीला- तू बस आइडिया लेने आता है अपनी शीला के लिए कुछ लाता नहीं है।
नीरज- अबे लाया हूँ ना.. साली ये देख तेरे लिए एकदम चमचमाता सोने का हार लाया हूँ।
नीरज ने अपनी पैन्ट के पीछे कमर के पास उसको छुपा रखा था, शीला तो बस देखती रह गई- अरे वाह मेरे राजा.. तू तो बड़ा कमाल का है रे.. हाय मैं मर जाऊँ.. कितना शानदार है..!
नीरज- अबे इसको बाद में देखती रहियो.. मैंने क्या कहा.. वो तो तूने सुना ही नहीं.. अब आइडिया तो दे..
शीला- देख राजा.. वो तेरे से सच्चा प्यार करने लगी है.. उसकी गाण्ड अभी मत मार.. उसके जरिए कोई दूसरी चिड़िया फँसा.. वो तो तेरी ही है.. उसकी गाण्ड कभी भी मार सकता है।
नीरज- अरे हाँ.. मैं तेरे को बताना ही भूल गया.. उसकी एक सहेली है.. झकास आइटम है वो..
नीरज ने शीला को पूरी बात बताई.. और ये भी बताया कि आज रात को वो वहाँ जाएगा।
शीला- अरे वाह.. मेरे राजा वीडियो भी बना लिया.. अब तो वो तेरी गुलाम हो गई और आज नया शिकार करने का इरादा है.. मगर राजा उसको नींद की दवा देकर क्या होगा.. तेरी रानी भी तो साथ होगी ना..
नीरज- अरे मैंने कुछ सोचा है.. उसको सुला कर उसकी सहेली के मज़े लूँगा।
शीला- चल हट साला ठरकी.. ऐसा कभी होता है क्या.. मेरी बात सुन ऐसा आइडिया दूँगी कि वो खुद अपनी सील तुझसे तुड़वा लेगी..
नीरज- सच्ची.. ऐसा होगा.. जल्दी बता न?
शीला बोलने लगी और नीरज बस गौर से सब सुनने लगा.. उसकी आँखों में चमक और लौड़े में कड़कपन आने लगा था।
नीरज- वाह रे मेरी शीला.. तू तो साली बहुत दिमाग़ वाली है.. क्या मस्त आइडिया दिया है.. अब तो मज़ा आ जाएगा.. अगर टीना मुझे मिल गई ना तेरा मुँह मोतियों से भर दूँगा..
शीला- अरे बस रे मेरे अकबर बादशाह.. मोतियों को मार गोली.. मेरे को तू एक हीरे की अंगूठी ला दे.. साला बड़ा शौक है मुझे.. हीरा पहनने का तू ला देगा ना?
नीरज- अबे तेरा दिमाग़ खराब है क्या.. हीरा बहुत महंगा होता है.. इस हार में ही मेरा दिवाला निकल गया.. बड़ी मुश्किल से उस साले राधे से पैसे माँग कर लाया था.. अब दोबारा कहाँ से लाऊँ?
शीला- अरे तूने बताया ना.. वो सेठ बहुत पैसे वाला है.. तेरा दोस्त तो मज़ा कर रहा है.. तेरा भी हक़ बनता है.. वो दे देगा..
नीरज- अरे नहीं देगा.. उसने साफ-साफ मना किया है..
नीरज की बात सुनकर शीला को लगा अगर ये उससे पैसे नहीं लाएगा तो हीरा कैसे आएगा.. तो बस उसके शैतानी दिमाग़ ने अपना कमाल दिखाया और शीला ने पासा फेंका- चल जाने दे.. मेरे नसीब में तो हीरा नहीं.. मगर अपने लिए तो पैसे का जुगाड़ कर सकता है ना.. क्योंकि मैं कुछ ही दिनों में ऐसा माल तुझे दिलवाऊँगी कि तू सपने में भी नहीं सोच सकता साले हरामी..
नीरज- कैसा माल रानी.. मुझे ठीक से समझा तो?
शीला- अरे वो परली तरफ वाला कॉलेज है ना.. उसमें विदेशी लड़कियाँ भी पढ़ती हैं.. वहाँ का चपरासी मेरा ग्राहक है.. वो मुझे बोल रहा था.. कि यूके की कुछ लड़कियाँ अपना खर्चा चलाने को चुदवाती हैं.. मगर ऐसे कोठे पर नहीं.. वो तो ऊँचे लेवल की रंडियां हैं.. उनको तो होटल ही ले जाना होता है..
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नीरज- सच्ची यार.. अंग्रेज छोरी तो बड़ा मज़ा देती होगी.. मेरा भी काम पटवा ना उससे..
शीला- अरे पूरी बात तो सुन.. उनमें क्या मज़ा.. वो तो चुद कर अब ढीली हो गई हैं। एक नई कली दिलवाती हूँ.. मगर उसमें कुछ ज्यादा खर्चा होगा..
नीरज ने अपने लौड़े पर हाथ फेरते हुए कहा- नई.. यानि कच्ची कली है क्या.. पूरी बात बता ना साली..
शीला- एक 18 साल की लड़की नई आई है.. उसको थोड़ी पैसों की दिक्कत है.. चपरासी बोला कि अगर कोई उसकी मदद कर दे.. तो वो चुदने को पक्की.. वो तो उसकी पक्की रखैल बन जाएगी और अपने साथ और भी लड़कियों की चुदाई उस इंसान से करवाएगी.. बोल क्या बोलता है?
नीरज- क्या बात करती है साली.. मेरे को दिलवा दे.. मज़ा आ जाएगा..
शीला- साले उसको 6 लाख देने होंगे.. तेरी औकात के बाहर है..
नीरज- इतने पैसे.. पागल है क्या.. वो क्या करेगी इतने पैसों का?
शीला- अबे हरामी.. तू ठहरा मेरी तरह फुटपाथिया.. तेरे को क्या पता कॉलेज में दाखिला ऐसे नहीं मिलता.. लाखों देने होते हैं और तू तो किस्मत वाला है.. जो 6 लाख में अंग्रेज लड़की मिल रही है.. वो भी कुँवारी.. और उसके साथ में और भी लड़कियाँ फ्री मिल रही हैं।
नीरज- बात तो सही है.. मगर इतने पैसे कहाँ से लाऊँ?
शीला- अबे मेरी बात मान.. तेरे दोस्त को बोल.. वो लाकर देगा और ‘ना’ कहे ना.. तो उस बूढ़े को सब बता देने की धमकी दे.. तेरा काम हो जाएगा.. नहीं तो मेरे पास बहुत ग्राहक आते हैं.. ऐसा मौका दोबारा नहीं आता..
नीरज- नहीं नहीं.. तू किसी से बात मत करना.. मैं कल ही राधे के पास जाऊँगा.. तू बस कल रात तक रुक जा..
शीला अपने मकसद में कामयाब हो गई थी। नीरज कुछ देर वहाँ रुका और फिर चला गया।
दोस्तो, शीला का तो काम यहीं है कि लोगों को बहलाना.. अपना जिस्म बेच कर पैसा कमाना.. मगर नीरज कुँवारी चूत के चक्कर में अब कहाँ तक बुराई के दलदल में जाता है.. ये तो वक़्त आने पर पता चल जाएगा।
आपसे मेरी गुज़ारिश है.. प्लीज़ आप ऐसी औरतों के चक्कर में अपनी लाइफ खराब ना करना.. चलो बहुत ज्ञान दे दिया.. अब आगे की कहानी का मजा लो।
वहाँ से निकल कर नीरज ने राधे को फ़ोन कर दिया कि उसको कल जरूरी बात करनी है.. इसलिए सुबह वो आ रहा है.. उसको वहीँ मिल जाना.. जहाँ वो हमेशा मिलते हैं।
दोपहर को रोमा अपनी दोस्त टीना के यहाँ चली गई थी और उसकी माँ को बता दिया कि वो अकेली है.. तो टीना को उसके साथ रात घर भेज दे.. मगर टीना की माँ ने कहा कि तुम यहीं रुक जाओ दोनों वहाँ अकेली क्या करोगी.. तो रोमा ने पढ़ाई का बहाना बना दिया और झूठमूट कह दिया कि घर में कीमती गहने पड़े हैं.. रात को वहाँ कोई ना होगा तो चोरी होने का डर है.. तो टीना की माँ मान गई।
रात के करीब 9 बजे टीना और रोमा कमरे में बैठी बातें कर रही थीं।
दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है।
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