विकलांग लड़की की चुदासी चूत

(Ladki Ki Gand Mari )

ऋषि लूसिफर 2024-11-09 Comments

पड़ोसन लड़की की गांड मारी मैंने … उसका एक पैर खराब था. वह वर्क फ्रॉम होम पर थी. उससे मेरी दोस्ती हुई तो मैंने उसके लैपटॉप में पोर्न मूवी देखी.

दोस्तों और अन्तर्वासना के नियमित पाठकों को मैं अपनी पहली सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.

मेरा नाम ऋषि है, मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ. अभी मैं विशाखापत्तनम में कार्यरत हूँ.

लड़की की गांड मारी कहानी बताने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देना चाहता हूँ.

मेरी उम्र 25 साल है, हाइट पांच फ़ीट दस इंच, कसरती बदन है और रंग सांवला है लेकिन एक अच्छी पर्सनल्टी रखता हूँ.

मैंने बहुत सारी लड़कियों को अपने हथियार के जरिए जन्नत की सैर करवाई है.

आज की कहानी सितम्बर 2022 की उस वक्त की है जब मैं मुंबई से विशाखापत्तनम ट्रांसफर होकर आया ही था.

चूंकि मैं यहां के लिए नया था और यहां की भाषा भी नहीं जानता था, जिसकी वजह से शुरू में सेटल होने में बहुत तकलीफ हुई थी.

लेकिन अच्छी बात यह थी कि मैंने जो फ्लैट लिया था, उसके सामने एक आंटी और उनके हस्बैंड अपनी एक लड़की के साथ रहते थे, वे हिंदी जानते थे.
उनसे में हिन्दी भाषा के कारण जल्द ही काफी घुल-मिल गया था.

कुछ दिन बाद आंटी के घर में एक लड़की दिखी, जो एक पैर से विकलांग थी.
वह उनकी ही लड़की थी.

उसके रूप यौवन को देख कर मैं तो उसे देखता ही रह गया.
मैं उससे बात करने का बहाना सोचने लगा, लेकिन एक हफ्ते तक कोई जुगाड़ नहीं हुई.

फिर महाशिवरात्रि के दिन मुझे अपने साथ मंदिर चलने का बोला क्योंकि उनके पास कार नहीं थी और उनकी लड़की पैदल जा नहीं सकती थी.
मैं तो वैसे भी किसी मौके की तलाश में था, तो झट से राजी हो गया.

कुछ देर बाद मैं, आंटी और उनकी लड़की मंदिर जाने के लिए कार में बैठ गए.
उस लड़की का नाम डिंपल था, जो मैंने उस दिन मंदिर जाते टाइम उससे पूछा था.

वह एक हैदराबाद की कपंनी में इंजीनियर की पोस्ट पर जॉब कर रही थी.
उसका काम वर्क फ्रॉम होम से था, तो वह घर पर रह कर ही काम करती थी.

चूंकि उसे हर महीने में दो या तीन बार ऑफिस जाना पड़ता था, इसलिए वह विशाखापतनम से बाहर नहीं जाना चाहती थी.

ऐसे ही कुछ दिन निकल गए और हमारी कोई ज्यादा बात नहीं हुई.

अचानक से एक दिन रात में एक बजे मेरे घर की डोरबेल बजी.
तो मैंने दरवाजा खोला.
सामने देखा तो अंकल जी खड़े थे.

उस टाइम अंकल जी मेरे दरवाजे के सामने थे और वह लड़की डिम्पल अपने दरवाजे के पास अपनी व्हीलचेयर पर थी.
मैं उस टाइम सिर्फ बॉक्सर और बनियान में था.

मैंने अंकल जी से पूछा- क्या हुआ?
तो उन्होंने बताया कि आंटी की तबियत अचानक से बिगड़ गई है और तुम्हारी मदद चाहिए.

उन्होंने मुझे मेरी कार से हॉस्पिटल चलने का कहा.
तो मैंने कहा कि बस दो मिनट में मैं कपड़े बदल कर आता हूँ.

मैं जल्दी से कपड़े बदलकर बाहर आ गया.

अब मैं और अंकल, आंटी को लेकर हॉस्पिटल चले गए. उधर इमरजेंसी वार्ड में आंटी को भर्ती करवा दिया गया.

कुछ देर बाद डॉक्टर ने बताया कि हार्ट अटैक आया है और इनका ऑपरेशन करना होगा.

डॉक्टर ने रिसेप्शन पर पैसे जमा करने का बोला तो मैंने देखा अंकल जी के चेहरे पर मायूसी आ गई थी.

मैंने अंकल से पूछा तो उन्होंने बताया कि इतनी रात में अचनाक से इतने सारे पैसे कहां से जमा कर पाऊंगा. सुबह तक का टाइम तो लगेगा.
तब मैंने डॉक्टर से बात की, पर कोई बात नहीं बनी.

मैंने अंकल से कहा- आप वेट कीजिए, मैं घर जाकर अपना एटीएम कार्ड लेकर आता हूँ!
घर पहुंचा तो देखा दरवाजा तो लॉक हो गया था और चाभी मेरे पास थी नहीं.

मैंने ध्यान किया कि मैं तो दरवाजा लॉक करना भूल गया था, तो दरवाजा किसने लॉक किया!
फिर मैंने अंकल के घर की डोरबेल बजाई और डिंपल से बात की, तो चाभी उसके पास थी, उसी ने दरवाजा लॉक किया था.

उस टाइम उसने आंटी के बारे में पूछा, तो मैंने कहा- सब ठीक है, छोटा सा ऑपरेशन होगा और आंटी 2-3 दिन में घर आ जायेंगी!
उसने कहा- आपके साथ मैं भी हॉस्पिटल चलूंगी.

मैंने ओके कहा और कार्ड लेकर वापस जाते वक्त उसे भी साथ लेकर चला गया.
उसे व्हीलचेयर से लिफ्ट से नीचे आ गए लेक़िन उसने कार में बैठने के लिए सहारा देने के लिए बोला.

मैं जैसे ही उसे कार में बिठाने लगा, मेरा हाथ उसके मम्मों को टच क़र गया और मेरे पूरे बदन में एक करंट सा दौड़ गया.
उस टाइम मैंने किसी तरह खुद पर काबू किया और उसको कार में बिठा कर हम हॉस्पिटल के लिए निकल गए.

वहां जाकर मैंने पैसे जमा किए और थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन शुरू कर दिया.
आंटी का ऑपरेशन हुआ, तब तक 5 बज गए थे.

मैंने अंकल जी से कहा- मुझे जाना होगा, मेरी ड्यूटी है!
तो अंकल जी ने कहा- तुम डिंपल को भी घर ले जाओ, शाम तक मेरी सिस्टर आ जाएगी.

अब मैं और डिंपल घर के लिए निकल गए.
रास्ते में डिंपल से मेरी काफी सारी बातें हुईं और उसने मुझे थैंक्यू बोला.

हम दोनों घर पहुंचे तो देखा व्हीलचेयर तो नीचे थी ही नहीं.
मैंने आस पास सब जगह देखा, पर कहीं दिखी ही नहीं.

तो डिंपल ने कहा- ऋषि तुम मुझे सहारा दे दो, मैं लिफ्ट तक चलकर चली चलूंगी.
उसने अपना हाथ मेरी गर्दन पर रखा और लिफ्ट तक आ गए.

घर के सामने आए तो देखा व्हीलचेयर वहां थी.
मैंने उसे चेयर दी और उसे घर में छोड़ दिया.

फिर मैं अपने घर में चला गया.

तब तक 7 बजे का समय होने वाला था.
मैंने जल्दी से नाश्ता बनाया और डिंपल को भी बोल दिया कि ब्रेकफास्ट मेरे साथ ही कर लेना.

मैंने टेबल पर ब्रेकफास्ट रखा और नहाने चला गया.
नहाकर बाहर निकला, तो देखा डिंपल टेबल के पास थी.

उस टाइम मैं सिर्फ में बॉक्सर में था, डिम्पल को देखकर मैं वापस बाथरूम में चला गया.
फिर मैं एक तौलिया लपेट कर बाहर आया और जल्दी से तैयार होकर टेबल पर आ गया.

मैंने डिंपल से सॉरी बोलते हुए कहा- मुझे तुम्हारे बारे में याद ही नहीं रहा!
उसने कहा- ठीक है, कोई बात नहीं. अब जल्दी से ब्रेकफास्ट कर लो, ऑफिस के लिए देर हो जाएगी.

हम दोनों ब्रेकफास्ट करने लगे.

मैंने देखा कि डिम्पल की आंखों में आंसू आ गए थे.
मैंने पूछा- क्या हुआ?

तो वह चुप हो गई, फिर धीमे से बोली- आय एम मिसिंग माय मॉम … हमेशा उनके साथ ही गड़बड़ होता है. आज भी मम्मी मुझे अपने हाथ से खाना खिलाती हैं.
यह सुनकर मैं उसके पास गया और बोला- मम्मी तो आज नहीं हैं लेकिन मैं खिला सकता हूँ!
वह बोली- ऋषि, तुम हमारी वजह से कितना परेशान हो रहे हो!

मैंने उसको समझाया कि इसमें परेशान होने वाली कोई बात नहीं है, ऐसे टाइम में आप सबकी हेल्प करना मेरा फर्ज था!

फिर मैंने उसको अपने हाथ से ब्रेकफ़ास्ट करवाया.

कुछ देर बाद ऑफिस जाते टाइम मैंने उसको बाई बोला और कहा- कुछ भी जरूरत हो, तो कॉल कर देना.
मैंने उसको अपना नंबर दे दिया और ऑफिस चला गया.

दोपहर में मुझे व्हाट्सप्प पर उसका मैसेज आया.
उसने बताया कि मम्मी ठीक हैं, पर 7 दिन एडमिट रहना पड़ेगा.
फिर थोड़ी देर बात हुई.

उसने कहा- हो सकता है तो जल्दी आ जाना.
शाम को 7 बजे तक मैं घर आ गया.

मैंने उसको डिनर के लिए पूछा तो उसने कहा- मैं बना लूँगी, मुझे बनाना आता है … और मैं हम दोनों के लिए बना रही हूँ. तुम जल्दी से फ्रेश हो जाओ.

फिर मैं अपने रूमें में गया और फ्रेश होकर डिंपल के पास चला गया.
वह किचन में थी और डिनर बना रही थी.

मुझे देख कर उसने कहा- मुझे थोड़ा टाइम लगेगा, तब तक तुम टीवी देख लो या लैपटॉप पर गेम खेलो.

उसके लैपटॉप को मैंने ओपन किया तो देखा उसके रीसेंट में पोर्न वीडियो थी.
मैंने हेडफोन लगाए और पोर्न वीडियो को ही देखने लगा.

मुझे पता ही नहीं चला कि कब डिंपल मेरे पास आ गई और पोर्न वीडियो देखने लगी.
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया था.

तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे समझाया- इसमें शर्माने की क्या बात है, सब देखते हैं.

फिर मैं उसके करीब को गया और देखा तो उसकी आंखें बंद थीं.
मैंने धीरे से उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और उसको चूमना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर बाद उसने भी साथ देना शुरू कर दिया और पागलों की तरह चूमने लगी.
मैं उसको चेयर से उठाकर बेड पर ले आया और हम एक दूसरे को किस करने लगे.

धीरे धीरे उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और जैसे ही उसने मेरा बॉक्सर निकला, तो मेरा काला मोटा लंड देख कर वह खुश हो गई.
उसने बिना कुछ कहे सुने … लौड़े को सीधे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

वह एकदम पोर्न स्टार के जैसे मेरे लौड़े को चूस रही थी और मैं आसमान की सैर कर रहा था.
उसने लगातार दस मिनट तक मेरा लंड चूसा, फिर धीरे धीरे मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए.

उसकी लाल चूत और गोरी गांड देख कर मैं पागल हो गया.
सच में क्या तो फिगर था उसका … मस्त 32-28-34 का एकदम ठोस कसा हुआ जिस्म!
मैं उसके ऊपर टूट पड़ा.

उसने हंस कर कहा- सब्र करो, कहीं जा नहीं रही हूँ मैं!
यह कह कर उसने मेरा 7 इंच लम्बा और खीरे सा मोटा काला भुजंग लंड अपने हाथ से मुठियाया और मेरी आंखों में वासना से देखती हुई लंड चूसने लगी.

मैंने भी उसके एक दूध को अपने हाथ से पकड़ा और मसलते हुए लंड चुसवाने का मजा लेने लगा.

वह तब तक मेरे लौड़े को चूसती रही, जब तक मेरा माल नहीं निकल गया.
किसी रंडी की तरह वह मेरा पूरा माल पी गई.

कुछ देर बाद हम दोनों आपस में एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा दिए.
उसने कहा- पहले खाना खा लेते हैं.

मैंने हां में सर हिला दिया.
उसने डिनर लगाया और हम दोनों साथ में डिनर करने लगे.

उस वक्त उसने मुझे बताया कि उसका पैर एक एक्सीडेंट में टूट गया था, उससे पहले कॉलेज में वह अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ रहती थी और उसी वक्त से मुझे चुदने का बहुत मन करता था. लेकिन पैर टूटने से सब कुछ खत्म हो गया. पिछले 3 साल से मैं घर से बाहर नहीं जा सकती थी, तो अपनी मैंने सेक्स इच्छा को अन्दर ही दबाकर रख लिया था. आज मुझे तुम्हारे साथ मौका मिला है, मैं इसे भरपूर एन्जॉय करना चाहती हूँ.

मैं सिर्फ उसे सुन रहा था.

उसने आगे बताया- मैंने चूत बहुत बार चुदाई है लेकिन मैं तुम्हारे लिए आज तुम्हें अपनी सील पैक गांड दूँगी. यह तुम्हारे लिए स्पेशल गिफ्ट है!
हम दोनों ने जल्दी से डिनर खत्म किया और रूम में आ गए.

वह बाथरूम में गई और एकदम लाल वनपीस पहन कर आ गई.
इस ड्रेस में वह एकदम क़यामत लग रही थी.

मैंने उसको अपनी बांहों में उठाया और किस करने लगा.
उसके होंठों को चूमा, उसकी गर्दन, उसके कन्धे, बूब्स पर स्लोली स्लोली किस करते हुए मैंने उसको पूरा गर्म कर दिया.

फिर मैंने उसके कपड़े निकाल दिए और धीरे से अपनी नाक उसकी टांगों के बीच में लगा दी.
उसकी पैंटी से आ रही गुलाब की महक मुझे पागल कर रही थी.

उसने अपनी चूत में गुलाब की फूड स्पेशल महक लगाई थी, जिसे चाटा भी जा सकता था.
मैंने झट से उसकी पैंटी निकाली और उसकी चूत चाटने लगा.

मेरी जीभ उसकी चूत के अन्दर तक जा रही थी.
वह किसी पागल लड़की की तरह चिल्ला रही थी कि आह अब और मत तड़पाओ … बहुत समय से प्यासी हूँ मैं!

मैंने उसकी एक न सुनी बस चूत चाटता रहा. फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी गांड पर हाथ फेरा.

आए हाय क्या गांड थी … मिल्क के जैसी गोरी.
मैंने उसके दोनों चूत ड़ों को फैलाया और गांड को सूंघ कर जीभ से चाटना शुरू कर दिया.

उसकी हालत खराब होने लगी. मैंने देखा कि उसकी गांड का होल छोटा सा था और चाटने से लुपलुप कर रहा था.

फिर मैंने उसकी गांड के छेद में उंगली से तेल लगाया और उंगली को गांड के अन्दर चला कर छेद को ढीला किया.

वह कहने लगी- तुम बेफिक्र डाल दो, मैं सब झेल लूँगी.
मुझे मालूम था कि इसे अभी गांड का दर्द मालूम नहीं है, जब लौड़ा घुसेगा, तब गला फाड़ कर चिल्लाएगी.

तब भी मैंने लंड को हाथ सूँता और उसका सुपारा छेद पर रख कर एक झटका दे मारा.
मेरे लंड का टोपा अन्दर जाते ही उसकी कराहें निकलने लगीं, आंखों से आंसू बहने लगे थे.

मगर गजब की हिम्मती लड़की थी, उसके मुँह से आवाज नहीं निकली.

मैं कुछ देर रुका रहा और एक करारा झटका मारते हुए अपना पूरा लंड अन्दर पेल दिया.

इस बार उसके मुँह से जोर से चीख निकली.
मैंने जल्दी से उसका मुँह दबा दिया और कुछ पल ऐसे ही रुकने के बाद जब वह कुछ शांत हुई, तो धीरे धीरे मैंने उसकी गांड में अपना लंड पेलना शुरू किया.

थोड़ी देर बाद वह आह आह आह की आवाज निकालने लगी.

मेरे हाथ उसकी गांड पर चांटे मारते रहे थे. कुछ ही देर में उसकी गोरी गांड लाल हो गई थी.
अब वह पूरे मजे के साथ चुद रही थी.

करीब 25-30 मिनट तक उसकी गांड मारने के बाद मेरा माल निकलने वाला था.
मैंने पूरा माल उसकी गांड में भर दिया और निढाल होकर उसके ऊपर लेट गया.

इस तरह से मैंने लड़की की गांड मारी.

मुझे पता ही नहीं चला कि कब नींद आ गई.
जब मैं उठा, तो देखा कि 2 बज रहे थे.

मैं उसे उठाया और सुबह तक 2 बार और उसको चोदा.

अब वह मेरी पक्की सैटिंग हो गई थी.
बस उसको चोदने के लिए मुझे अंकल आंटी के बाहर जाने का इंतजार करना पड़ता था.

आगे की सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने उसे अपनी रखैल बनाया.

आपको मेरी लड़की की गांड मारी कहानी पसंद आई या नहीं … प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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