लड़की की कामुकता जगा कर हॉट सेक्स

(Ladki Ki Kamukta Jaga Kar Hot Sex)

किसलय 2017-09-22 Comments

नमस्कार दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और यहाँ पर अपनी चुदाई कहानी प्रस्तुत करने वाला आपका नया दोस्त हूँ।

वैसे तो कई कहानी पढ़ने में लगती हैं कि झूठी हैं, पर मजा तो आता ही है।

मैं अब अपना परिचय दे दूँ.. मेरा नाम किसलय है.. उम्र 28 वर्ष है, बनारस का हूँ और मैं कई प्रकार के काम करता हूँ, जिससे खर्च चलाने के लिए मेरा मन लग जाए, लेकिन पैसों की खातिर सेक्स नहीं करता। मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच है, स्मार्ट हूँ.. हेल्थी हूँ और मेरे लंड की लम्बाई साढ़े पांच है जो औरतों और लड़कियों को पूरी तरह से संतुष्ट कर देता है।

दोस्तो, सम्भोग करना एक कला है.. बड़े लंड से तब तक किसी चुत वाली को संतुष्ट नहीं किया जा सकता, जब तक आप चुदाई की कला में निपुण न हों क्योंकि चूत की चुदाई करनी है न कि खुदाई करनी है।

बात सन 2007 की है.. उस समय एक विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी में किताबों की कंप्यूटराइज्ड लिस्ट एक प्राइवेट कंपनी के द्वारा तैयार की जा रही थी। मैं भी उसमें काम करने 3 महीने के लिए चला गया। वहाँ पर एक सेक्शन में कुल दस लोग काम करते थे जिसमें मैं था, उसमें दो लड़कियाँ भी थीं, उनका प्रीति और सीमा था, वे दोनों बहने थीं, दोनों ही मस्त माल थीं लेकिन सीमा ज्यादा सेक्सी और सुन्दर थी। उसका फिगर 34-26-32 का था।

मैंने दोनों को एक साथ लाइन देना चालू किया.. सोचा जो पट जाए उससे मजा ले लूँगा।
इसके लिए मैंने उन्हें किसी काम के बहाने से बात करना शुरू कर दिया। प्रीति बड़ी थी और सीमा छोटी थी लेकिन वो ही खूबसूरत थी। शुरुआत तो मैंने प्रीति से किया लेकिन पटी मुझसे पहले सीमा।
शुरू में हम तीनों अपना काम ख़त्म करके साथ में ही कहीं न कहीं घूमते थे.. फिर घर चले जाते थे।

मैं शाम को घंटों फ़ोन पर दोनों से फ़ोन पर बात करता था.. पर सीमा से ज्यादा मजा लेता था।

एक दिन सीमा ने मुझसे कहा- मुझसे अब बात नहीं किया करो।
तो मैंने पूछा- क्यों?
तो वो बोली- बात करने के बाद मैं रात में सो नहीं पाती हूँ।

मैं समझ गया कि इसकी चुत कुलबुलाने लगी है। फिर कुछ देर बाद मुझे लगा कि वो मुझसे पट गई। मैंने उसे तुरंत ‘आई लव यू’ कह दिया मगर उसने कोई जवाब नहीं दिया।

दूसरे दिन जब वो अकेली थी, मैं उसके पास गया।
मैंने उससे पूछा- तुम्हारा जवाब क्या है?
तो भी उसने कोई जवाब नहीं दिया।
तब मैंने कहा- लगता है.. मैं तुम्हें पसंद नहीं हूँ।
मैं अपनी गलती के लिए माफ़ी मांग कर जैसे ही जाने लगा कि उसने मेरा हाथ पकड़ कर बोला- सब कुछ कहना जरूरी है क्या? बिना कहे समझ में नहीं आता कि लड़की रात में कब नहीं सो पाती है?
तो मैंने कहा- मुझे क्या पता.. मैंने तो पहली बार किसी लड़की से बात की है और प्यार किया है।

यह कह कर उसके सर पर हाथ सहलाकर चल दिया। इसके बाद तो हम दोनों में और भी बातें होने लगीं जो कि प्रीति को नहीं पता थीं।

अब हमारी बातें देर रात तक भी होने लगी।
मैंने उससे कहा- एक किस दो न जान!
तो उसने कहा- मैं कल सच में किस दे सकती हूँ.. फ़ोन पर नहीं, हिम्मत है तो ले लेना!

अगले दिन जब प्रीति नहीं आई तो मैंने उसे रेस्टोरेंट चलने को कहा, वो तैयार हो गई।

हम एक केबिन वाले रेस्टोरेंट में गए, जहाँ मैंने पहली बार उसे किस किया तो उसने भी मेरा साथ दिया। फिर मैं उसके होंठों को चूमते हुए उसकी चूचियों को दबाने लगा और वो मुझसे चिपक जाती। मैं उसकी बुर को इतना सहलाया कि उसने पानी छोड़ दिया जो कपड़ों के ऊपर से भी दिखाई दे रहा था। वो भी मुझे बेतहाशा चूमने लगी।

यह सिलसिला लगभग एक महीने चला।

इस बीच में मैंने रेस्टोरेंट में ही उसकी चूचियों को नंगा करके चूसा.. चूमा, बुर को भी चाटा, जिससे वो गर्म हो जाती और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसती।

एक बार फ़ोन पर बात करते-करते मैंने फ़ोन पर ही उसकी चुदाई शुरू कर दिया और कहा- तुम पूरी नंगी हो जाओ।
वो हो भी गई।
मैंने कहा- मैं तुम्हें सच में चोदना चाहता हूँ।
तो उसने कहा कि उसकी भी चुदास बहुत बढ़ गई है.. वो भी चुदवाना चाहती है, पर कहाँ करूँ?
तब मैंने कहा- कल बताता हूँ।

दूसरे दिन मैंने अपने एक दोस्त को सब बात बताकर उसके घर का प्रोग्राम बना लिया। वो मुझे चाभी देकर शाम तक के लिए कहीं चला गया।

मैं सीमा को वहीं ले गया.. और दरवाजा बंद करके उसे गोद में उठा कर बिस्तर तक ले गया। जहाँ उसके नरम गुलाबी होंठों की पंखुड़ियों को बारी-बारी से चूसना चूमना चालू किया, उसने भी मेरा पूरा साथ दिया। मैं उसकी चूचियों को कभी दबाता कभी सहलाता.. कभी पीठ पर चुम्मियाँ करता।

फिर मैंने उसके शर्ट को उतार दिया.. उसकी ब्रा भी खोल दी और अपने पूरे कपड़े उतार कर चड्डी में आ गया। मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके शरीर के ऊपरी भाग पर तथा कांख में जीभ से चाटना चूमना शुरू कर दिया।

वो मदहोश होकर सीत्कार करने लगी- उउन्न्न आह्ह्ह आह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्स्स ह्हम्म उउफ्फ़ किसलय चोदो न मुझे.. क्यों तड़पा रहे हो?
पर मैं उसे पूर्ण तृप्ति देना चाहता था। वैसे भी मेरी ये पहली चुदाई नहीं थी और मेरे पास समय भी बहुत था।

अब मैंने उसके नीचे आते हुए सलवार को भी निकाल दिया, वो काले रंग की पैंटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी। मैंने उसे जीभ से चाटना जारी रखा जो कि इस बार उसके पैर की उंगलियों से लेकर उसकी जांघों और बुर के किनारों तक थी। साथ ही मैं अपने हाथों से चूची को मसलता रहा।

वो तड़प कर अपनी बुर उठा कर पटकती जा रही थी और ‘आअह उउउन्न्ह्ह ह्हउम्म.. उउफ्फ’ की आवाजें निकाले जा रही थी। कामुकता उस पर वो पूरी तरह से हावी थी।

अब मैंने उसकी कमर को सहलाते हुए उसकी पैंटी को मुँह से खींचना शुरू किया और निकाल फेंका।
तभी मैं उठा.. जिससे वो बौखला गई और कहने लगी- पूरा क्यों नहीं कर रहे हो?

पर मैं दूसरे कमरे में गया, फ्रिज खोला बर्फ और ठंडा पानी लेकर आया। मैं उसके नंगे जिस्म पर पानी की बौछार करने लगा.. उस समय तो ऐसा लग रहा था जैसे गर्म तवे पर कोई छींटा मार रहा हो। फिर मैंने बर्फ का टुकड़ा मुँह में दबाकर और एक-एक टुकड़ा दोनों हाथों में लेकर उसके पूरे शरीर पर पाँव से सर तक रगड़ना शुरू किया, इससे वो कामुकता वश मछली की तरह तड़पने लगी।

जब मैंने बर्फ से उसके बुर पर रगड़ा तो मदहोश होकर मेरा सर पकड़ कर खींचने लगी। तब मैंने बर्फ हटाकर अपनी जीभ से उसकी बुर के दाने को चाटने लगा। बुर के अन्दर जीभ डालने लगा, उसे अपने दांतों से काटने लगा, जिससे वो झड़ गई।

वैसे उसको और उसकी चूत को देख कर लगता था कि वो कम से कम इस बीच दो बार तो जरूर झड़ी होगी।

वो मुझे ‘किसलय आय लव यू..’ कहते हुए मेरे होंठों को चूमने लगी और उसने मेरा अंडरवियर खींच कर निकाल दिया। फिर मेरे लंड को सहलाते हुए मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।

अब सिसियाने की मेरी बारी थी, उसने चूसते-चूसते मुझे भी स्खलित कर दिया और मेरा पूरा माल पी गई।

मैंने इस सब हॉट सेक्स कार्यक्रम में दो घंटे का समय लिया क्योंकि सेक्स जितना टाइम देकर किया जाए, मजा उतना ही दोनों को आता है।

अब हम दोनों 69 की पोज में आ गए और एक-दूसरे के लंड-बुर को चाटने लगे। फिर मैंने उसको सीधा किया और उसके होंठों को चूमते हुए उसकी बुर में लंड डालने लगा। उसकी कसी हुई बुर होने के कारण उसको दर्द हुआ, जिससे वो कहने लगी- अह.. बहुत दर्द ही रहा है.. प्लीज़ निकाल लो।

लेकिन मैंने उसके चूचों को मसलते हुए धीरे-धीरे चोदना जारी रखा। जब उसकी सिसकारियाँ बढ़ने लगीं.. तब वो मुझे चूमने लगी.. कान पर काटने लगी। मैं भी अब उसको जोर-जोर से चोदने लगा।

इस बीच में वो एक बार फिर से झड़ गई लेकिन मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार बनाए रखी। करीब बीस मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए।

दोस्तो, ये मेरे हॉट सेक्स की कहानी.. आपको कैसी लगी.. आप मुझे मेल करके जरूर बताइएगा। आपके प्यार और हौसला अफजाई की मुझे जरूरत है.
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