कुँवारी पिंकी की सील तोड़ चुदाई -4
(Kunwari Pinki Ki Seal Tod Chudai- Part 4)
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हैलो दोस्तो.. कैसे हो आप सब.. आप सबने जो प्यार दिया.. उसके लिए बहुत धन्यवाद और भाभी और लड़कियों को बहुत बहुत प्यार।
माफ़ करना दोस्तो, कुछ जॉब के कारण बिजी हूँ.. तो कहानी जल्दी-जल्दी नहीं भेज पा रहा हूँ।
पिंकी और सोनी के जाने के बाद मैं भी आराम करने लगा। इतनी लंबी चुदाई जो की थी। तो मैं भी अपने बेड पर जा कर लेट गया.. पता ही नहीं चला.. कब मैं सो गया। करीब 7 या 7:30 बज रहे थे.. दरवाजे पर घंटी बजी। मैं उठा.. मैंने सोचा कि पिंकी ही होगी.. खाना बनाने आई होगी।
मैंने दरवाजा खोला तो देखा सोनी खड़ी थी।
मैं सोचने लगा कि जब तक इसकी चुदाई ना करूँ.. तब तक मन नहीं मानेगा।
मैंने कहा- तुम आई हो.. पिंकी नहीं आई?
तो सोनी ने कहा- दीदी के पैर में दर्द है इसलिए मुझे भेजा है।
मैंने कहा- ठीक है..
और उससे मजे लेते हुए बोला- तुमको खाना बनाना आता भी है।
सोनी ने अपनी कमर पर हाथ रख कर कहा- अभी पता चल जाएगा आपको.. कि मुझे खाना बनाने आता है या नहीं..
मैंने भी स्माइल करते हुए बोला- अच्छा तो क्या बनाओगी?
मैं- मुझे तो आज मटर पनीर खाने का मन कर रहा है।
सोनी- ओके.. तो जाओ लेकर आओ मटर और पनीर।
मैं- ठीक है.. और तुमको भी कुछ खाना है।
सोनी- नहीं..
मैंने जानबूझ कर सोनी से कहा- सोनी यार थोड़ा मेरे कमरे को साफ़ कर दोगी अगर तुम को बुरा ना लगे तो।
सोनी- ठीक है कर दूँगी।
मैं- ओके.. मैं अभी सामान लेकर आता हूँ।
इतना बोल कर मैं घर से बाहर आ गया और दरवाजा बंद नहीं किया.. बस यूँ ही उड़का दिया था।
दोस्तो, आपको बता दूँ कि मैंने सोनी को कमरे की सफाई इसलिए करने को कही थी.. जो मैं कंडोम और दवाई लाया था.. वो सब बिस्तर पर ही पड़ी थी.. और मैं अपना मोबाइल भी जानबूझ कर रख आया था, मैंने मोबाइल में से लॉक भी हटा दिया था.. मुझे मालूम था कि ये मोबाइल में जरूर उंगली करेगी और मैंने मोबाइल में ब्लू फ़िल्म डाल रखी थी।
दोस्तो, 15 मिनट बाद जब घर पहुँचा तो मैंने देखा सोनी मेरे कमरे में है और वो मेरे मोबाइल में ब्लू-फ़िल्म देख रही थी.. और एक उंगली अपनी जीन्स के अन्दर डाल रखी थी।
मैंने सोचा कि मेरा प्लान तो काम कर रहा है..
फिर मैं बाहर आ गया और मैंने घंटी बजाई तो सोनी जल्दी से हड़बड़ाते हुए दरवाजे पर आई।
उसने दरवाजा खोला और बोली- जब दरवाजा बंद ही नहीं हैं तो घण्टी क्यों बजा रहे हो?
मैंने देखा कि घबराते हुए वो पसीने में थी.. तो मैंने कहा- अरे सर्दी में भी पसीना आ रहा है।
सोनी ने घबराते हुए कहा- सफाई कर रही थी ना.. इसलिए।
मैं- ओके!
मैं अपने कमरे में गया और सोनी खाना बनाने लगी थी।
सोनी ने खाना बनाया और हम दोनों खाना खाने लगे।
तभी सोनी ने एकदम से पूछा- तुम दोनों ने क्या-क्या किया?
मैं- ऐसे ही बस किस वगैरह और पिंकी के चूचे दबाए थे बस..
सोनी- नहीं जी.. तुम इतने शरीफ तो हो नहीं?
सोनी बहुत देर तक सब कुछ पूछे जा रही थी.. तो मैंने भी बोल दिया कि हम दोनों में सेक्स हुआ है।
सोनी- हाँ.. यही तो सुनना था मुझे।
‘ठीक है.. सुन लिया..’
सोनी- ओके.. अब मुझे भी कुछ पार्टी-शार्टी चाहिए।
मैं- ओके.. तो कल करते हैं.. ठीक है ना।
सोनी- ओके।
मैं- तो पिंकी को भी बोल देना.. हम तीनों ही पार्टी करेंगे.. कल दोपहर में ओके..
सोनी ने भी ‘ओके’ कहा और वो खाना खाकर अपने घर चली गई।
मैं भी कल के लिए सोचने लगा कि अब तो 2 ही दिन बचे हैं और सोनी की चुदाई कैसे करूँ।
मैं यही सोचते हुए सो गया।
मैं तो स्कूल जा नहीं रहा था.. पर सुबह उठा तो देखा सोनी भी स्कूल नहीं गई थी।
मैंने पूछा- आज स्कूल नहीं गई?
सोनी ने कहा- नहीं यार.. आज मन नहीं था।
फिर मेरे दिमाग में खुराफाती सोच घूमी कि इसे कैसे चोदूँ..
उसके पापा भी घर पर थे.. वो भी जॉब पर जाने वाले थे।
इतने में सोनी आई और पूछने लगी- नाश्ते में क्या खाओगे? जल्दी बताओ।
मैं मन में कहने लगा- खाना नहीं.. चूसना है तेरी चूत और मम्मों को।
फिर सोनी कहा- कहाँ खो गए.. जल्दी बताओ?
मैंने कहा- तुम ऑमलेट बना दो और चाय भी..
सोनी ‘ओके’ कह कर ऑमलेट बनाने लगी, मैं भी उसके पास ही खड़ा था.. उसका कामुक फिगर देख रहा था।
मैंने सोनी से कहा- कितने बजे आओगी?
तो सोनी बोली- देखो अभी मैंने दीदी को तो बोला है ही नहीं.. पर 2 बजे का प्लान ठीक रहेगा।
मैंने भी कहा- ओके.. तो क्या खाना पसंद करोगी?
सोनी ने कहा- कुछ भी चलेगा।
मैंने कहा- ओके।
अब एक बजे तो पिंकी स्कूल से आते हुए दिखी.. तो मैंने कहा- जल्दी तैयार होकर मेरे घर पर आ जाना और सोनी को भी बोल दिया है मैंने।
पिंकी- क्यों.. क्या हुआ?
मैं- बस.. ऐसे ही पार्टी कर रहे हैं।
तो पिंकी बोली- सॉरी यार.. आज तो मुझे अपनी फ्रेंड की सिस्टर की शादी में जाना है.. तो मैं नहीं आ पाऊँगी.. तुम और सोनी दोनों ही पार्टी कर लो या कल कर लेना ओके..
मैंने भी कहा- ठीक है.. कोई बात नहीं।
फिर मैंने सोचा कि अब तो और भी अच्छा है.. बस सोनी और मैं.. ये ठीक रहेगा। फिर मैं पार्टी का सामान लेने गया.. तो मैंने 4 चाकलेट वाली पेस्ट्री लीं और स्प्राइट ली और भी बहुत कुछ खाने का सामान लिया, सब लेकर घर पर आया।
मेरे फ़ोन में तो ब्लू फिल्म थी उसे देखने लगा।
कोई 15-20 मिनट बाद दरवाजे की घंटी बजी.. मैंने दरवाजा खोला तो देखा सोनी थी।
मैं तो उसे देखता ही रह गया, सोनी ने लॉन्ग स्कर्ट पहनी हुई थी और बाल खुले थे और ब्लू कलर का टॉप पहना हुआ था, वो एक मस्त माल लग रही थी।
मैंने कहा- बहुत सुन्दर लग रही हो.. लगता है आज अपने इस हुस्न से किसी को घायल करने का इरादा है।
सोनी- हाँ.. इरादा तो कुछ ऐसा ही है आज..
सोनी घर में अन्दर आई।
मैंने जानबूझ कर बोला- पिंकी नहीं आई?
तो सोनी बोली- दीदी अपने किसी फ्रेंड की सिस्टर की शादी में गई है।
वो तो मुझे पहले से ही पता था, मैंने कहा- कोई बात नहीं.. हम दोनों भी मस्त पार्टी कर सकते हैं।
मैंने गाना चला दिया और हम दोनों डांस करने लगे।
मैंने सोनी की पीठ पर हाथ रखा हुआ था और उसकी कमर में हाथ डाल कर डांस कर रहा था। मैं डांस करते-करते ही सोनी की पीठ को सहलाने लगा और मैंने कमर में हाथ डाल के दोनों हाथों से सहलाने लगा।
अब सोनी को भी पता चल गया कि मैं क्या करने की सोच रहा हूँ.. पर वो भी मजे ले रही थी।
फिर मैंने सोनी को एकदम से जोर से बाँहों में ले लिया.. तो सोनी थोड़ा परे हटने की कोशिश कर रही थी.. पर ये सब दिखावा था.. वो तो खुद चुदना चाहती थी।
मैंने छोड़ा नहीं और सोनी के होंठों से होंठों को मिला लिया और बाहर से ही उसके मुलायम चूचों को दबाना शुरू कर दिया। मैं जोर-जोर से उसकी गर्दन पर किस करने लगा.. जिससे सोनी ने विरोध करना कम कर दिया।
मैं सोनी के चूचों को दबाए जा रहा था और अब सोनी मेरे काबू में आने लगी, उसकी कामपिपासा जाग उठी और उसके कंठ से चुदासी आवाजें आने लगीं- आआहह.. ऊऊऊहह..ऊओह.. ह्ह्ह्ह्ह्.. म्मम्म..
मैंने देखा कि अब ये गरम हो गई है.. तो मैंने सोनी को अलग कर दिया और ‘सॉरी’ बोल कर खड़ा हो गया।
सोनी- ओह्ह.. यश तुम ये क्या कर रहे हो.. ये ठीक नहीं है।
दोस्तो.. आगे का कामरस अगले भाग में बहेगा.. मिलते हैं सोनी की चिकनी चूत के साथ.. अपने ईमेल जरूर भेजिएगा।
कहानी जारी है।
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