गली की नमकीन लौंडिया की सीलतोड़ चुत चुदाई

(Kunvari Girlfriend Hot Sex Kahani)

कुंवारी गर्लफ्रेंड हॉट सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी गली की एक लड़की मुझे पसंद थी. मैं उसे चोदना चाहता था. मैंने कैसे उससे दोस्ती की और उसकी सील तोड़ी?

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम समीर है और मेरी हाईट 5 फुट 10 इंच है.
मेरे लंड की लंबाई साढ़े छह इंच है और इसकी मोटाई सवा तीन इंच है.

मैं अपनी वो कुंवारी गर्लफ्रेंड हॉट सेक्स कहानी आपको बता रहा हूं, जिसमें मैंने अपनी गर्ल फ्रेंड की सील तोड़ी थी. मेरी सेक्स कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई की है.

आज ये कहानी जिसके बारे में है, उसका नाम सना है. सना का फिगर 32-26-36 का है.

ये सेक्स कहानी सन 2014 की उस वक्त की है, जब सना जवान हुई ही थी.

मुझे बड़ी बड़ी चूचियों और बड़े बड़े चूतड़ों वाली लड़कियां बहुत पसंद आती हैं.

सना मुझे बेहद सेक्सी और हॉट लगती थी. मेरे मन में उसे हर हाल में पाने की तमन्ना थी.

उसका घर मेरे घर से थोड़ी दूरी पर है. चूंकि मैं सना को सिर्फ एक पड़ोसन होने के नाते जानता था. उसको चोदने के लिए उसे पटाना जरूरी था.

मैं रोज सना के घर की तरफ से अपने जॉब पर आया जाया करता था.
वो रोज सुबह 10 बजे अपने घर की बालकनी में खड़ी रहती थी.

मैं उसे रोजाना देखने लगा था तो वो भी मुझे देखने लगी थी.

एक दिन मैंने उसे देख कर मुस्कुरा दिया, तो वो भी मुस्कुरा दी थी.

उस दिन के बाद से हम दोनों एक दूसरे को देखने के लिए बेचैन रहने लगे थे और सना मुझे देख कर स्माइल करने लगी थी.

एक दिन मैंने हिम्मत करके अपना नंबर कागज पर लिख कर उसे दिखाया और उसके दरवाजे पर रख कर अपनी जॉब पर चला गया.

मुझे पक्का यकीन था कि वो मुझे जरूर कॉल करेगी.

उसी दिन ऑफिस में उसके फोन से मिसकॉल आया.
मैंने कॉल बैक किया तो वो फोन रिसीव करके चुप हो गई.

मैं समझ गया कि ये सना ही है.
मैंने धीरे से कह दिया कि मैं फोन करने वाले की आवाज सुनना चाहता हूँ.

उसने फोन काट दिया.

मैं समझ गया कि सना शर्मा रही है.

थोड़ी देर बाद मेरे फोन की फिर से घंटी बजी.
मैंने फोन रिसीव किया और कुछ नहीं कहा.
उधर से भी कोई आवाज नहीं आई.

मैंने कहा कि मैंने इस नम्बर को ‘मेरी जान …’ के नाम से सेव कर लिया है. तुम भी मेरे नम्बर को आवारा आशिक के नाम से सेव कर लेना.

उधर से लम्बी लम्बी सांसों की आहट मिली.
मैं हंस दिया और कह दिया कि अब मुझे ऑफिस का काम करना है. तुम यूं ही फोन पर रहीं, तो मेरा काम में मन नहीं लगेगा.

एक पल बाद फोन कटने की आवाज आई और मैं आंख बंद करके उस जानलेवा शै को याद करने लगा.

उसकी तनी हुई चूचियां मुझे पागल करने लगीं; आंखों का नशीलापन मेरे नशे को बढ़ाने लगा.

तभी मेरे फोन की घंटी फिर से बजी.

मैंने झपट कर फोन उठाया तो मेरे बॉस का फोन था.
सना की याद टूट गई और मैं अपने काम में लग गया.

इसी तरह से हम दोनों के बीच मौन प्यार से शुरुआत हुई … फिर धीरे धीरे बात आगे बढ़ी.
अब फोन पर सना से बात होने लगी.
बातें बढ़ीं तो हमारे बीच प्यार का पौधा बढ़ा होने लगा. पूरी पूरी रात वो मुझसे बातें करने लगी.

फिर धीरे धीरे हमारे बीच सेक्स की बातें होने लगीं.

एक दिन शाम 8 बजे मैं उससे मिलने गया.
उसने मुझे उसके घर के पीछे एक गली थी, वहां बुलाया था.

मैं गया, वो भी मुझसे मिलने आ गयी.
उस समय उसने लोअर और टॉप पहन रखा था.

गली में बिल्कुल अंधेरा था.

जैसे ही वो आयी … मैंने उसे गले से लगा लिया और उसे किस करने लगा.
वो भी साथ देने लगी.

धीरे से मैंने अपना हाथ उसके लोअर में डाल दिया और उसके चूतड़ों को दबाने लगा. पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत की दरार को छेड़ने लगा.
उसकी चूत से पानी आ रहा था, फिर काफी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया.

मेरा लंड बिल्कुल सांप की तरह जींस में खड़ा होकर अकड़ गया था.

तभी किसी के आने की आहट सुनाई दी और हम दोनों अलग हो गए.
मैं अपने घर चला आया और वो अपने घर में घुस गई.

हम दोनों इस मिलन के बाद तड़प की आग में जलने लगे थे.
सारी रात फोन पर बात करते हुए कटी.

अगले ही दिन हमने दुबारा मिलने का प्लान बना लिया.

उसने मुझे एक बजे रात को अपने घर बुला लिया.

उसके घर में बहुत बड़ी फैमिली थी. ज्यादातर लोग ऊपर वाले फ्लोर पर ही सोना पसंद करते थे.

जब मैं रात को उसके घर पहुंचा तो मैंने उसको कॉल किया.
वो मेरा ही इन्तजार कर रही थी.

उसने फोन को वाईब्रेशन पर रखा था ताकि अंधेरे में घंटी की आवाज से कोई जाग न जाए.

वो मेरे फोन के आते ही आ गई.
उसने अपने घर का पिछला दरवाजा खुला रखा था.

मैं घर के अन्दर आ गया. मुझे डर लग रहा था कि कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए.

वो मुझसे मिली तो उसने मुझे अपने गले से लगाने की बजाए मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खींचती हुई स्टोर रूम में ले गई.
उधर कोई नहीं आता आता था.

अन्दर आकर हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए और पागलों की तरह एक दूसरे को काटने चाटने लगे.
मैं कभी उसके होंठों को चूसता, कभी चूचे चूसता.
वो धीमे स्वर में आ आह आ आह की आवाज़ निकालने लगी.

मैंने एक दो पल बाद ही सना का टॉप निकाल दिया.

उसने अन्दर पिंक कलर की ब्रा पहन रखी थी जिसमें उसके बूब्स कसे हुए थे और आजाद होने को बेकरार थे.

स्टोर रूम में ही उसने एक दरी चादर रख दी थी.

उसने मुझसे इशारे से सेज सजाने का कहा, तो मैंने दरी चादर ज़मीन पर बिछा दी और हम साथ बैठ गए.

फिर मैंने उसे देखते हुए अपनी टी-शर्ट को ऊपर से निकाल दिया.
वो मेरे सीने को मंत्रमुग्ध होकर देखने लगी.
मैंने उसका हाथ अपने सीने पर रह दिया तो वो मेरे निप्पलों से खेलने लगी.

फिर मैंने जींस की बेल्ट निकाल कर जींस उतार दी.
अब मैं सिर्फ एक चड्डी में था जिसमें से मेरा लवड़ा फनफना रहा था.

वो मेरी चड्डी में फूलते लंड को वासना से देखने लगी.
मैंने उसे लेकर अपनी सेज पर लेट गया और उसे किस करने लगा.

मैं कभी उसके होंठों पर चूमता तो कभी गले पर किस करता.

इस तरह से मैं सना को चूमता हुआ नीचे आ गया.

अब मैं उसके मम्मों को दबाने लगा. फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके मम्मों को आजाद कर दिया.

बिल्कुल गोल उठे हुए चूचे और उस पर ब्राउन कलर के निप्पल ऐसे मस्त लग रहे थे मानो मैंने फरिश्तों के अंगूर देख लिए हों.

मैं उसके एक निप्पल को चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा.
सना तो जैसे पागल सी हो गई और आवाज़ निकालने लगी.

उसके मुँह से मादक सिसकारियां सुन कर मेरा लंड अपना फन उठाने लगा.
मैं तुरंत नीचे आया और उसके लोअर को भी निकाल दिया.

उसने ब्लैक कलर की पैंटी पहन रखी थी जो बिल्कुल गीली हो गई थी.

एक बार तो मैं पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को चाटने लगा.
उसकी मादक आवाज़ पूरे स्टोर में गूंज रही थी- आह आ आआ ओह आह!

कुछ ही पलों में मैंने उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी नमकीन चूत पर अपने होंठ रख कर उसे चाटने लगा.
आह ऐसा मजा आने लगा था … मानो मैं जन्नत की सैर कर रहा हूं.

बीच बीच में मैं अपनी उंगली भी उसकी चुत के अन्दर डाल देता था जिससे वो तड़प जाती.

अब लोहा गर्म था और मैंने देरी करना सही नहीं समझा.
मैंने झट से अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसे चूसने को बोला.

वो लंड चूसने से मना करने लगी.
काफी देर तक मनाने पर वो मान गई और उसने मेरे लौड़े के सुपारे को जीभ से चाटा.

मैंने लंड मुँह में ठेला तो उसने थोड़ा सा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी.

मैं तो लंड चुसवा कर जैसे जन्नत में था. मेरा लंड लोहा हो गया था और उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी.

अब सही मौका था तो मैंने सना को लेटने को बोला.
वो चित लेट गई और अपनी दोनों टांगें फैला दीं.

मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आया और उसकी चूत पर अपने लौड़े का टोपा रख दिया.
मेरा लंड उसकी चुत के हिसाब से काफी मोटा था.

मैंने आहिस्ता से धक्का दिया मगर लंड फिसल गया.

फिर से मैंने अपने लौड़े पर थूक लगाया और अन्दर डालने लगा.

वो कसमसा रही थी.

अचानक से मैंने एक जोर का झटका मारा और मेरा दो इंच लौड़ा चुत के अन्दर घुस गया.

उसी समय सना के मुँह से दर्द भरी आवाज़ निकलने लगी.
ऐसा लगने लगा था कि जैसे ये अभी बेहोश हो जाएगी.

सना मुझसे लौड़ा निकालने को बोलने लगी.
मैंने रुक कर उसे समझाया कि पहली बार में दर्द होता है.

फिर मैं इसी पोजीशन में एक मिनट तक वैसे ही पड़ा रहा. उसे चूमता रहा.

जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने फिर से एक धक्का मारा.
मेरा लौड़ा उसकी चूत में पूरा अन्दर चला गया और उसकी सील टूट गई.

वो फिर से जोर से चिल्लाने को हुई लेकिन इस बार मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए थे जिससे उसकी आवाज़ दब गई.

लेकिन वो एकदम से बेहोश सी हो गई.

फिर मैं उसी पोजीशन में कुछ देर तक पड़ा रहा और उसे किस करता रहा.

जब उसका दर्द सामान्य हुआ तो उसकी गांड उठने लगी.
ये मेरे लिए एक हरी झंडी थी.

अब मैं धीरे धीरे अपना लौड़ा उसकी चूत में आगे पीछे करने लगा.
मेरे हर धक्के के साथ वो मुझे किस करने लगी.
उसे चुदने में मजा आने लगा था.

हम दोनों ने दस मिनट तक उसी पोजीशन में सेक्स किया. फिर वो मेरे ऊपर आ गई और उसने अपने हाथों से मेरा लौड़ा अपनी चूत की फांकों के बीच पर सैट किया और बैठ गई.
वो लंड पर ऊपर नीचे होने लगी.

इस वक्त उसके बूब्स हवा में हिल रहे थे.
मेरे हाथ उसके हिप्स को उठाते हुए दोनों तरफ को फैला रहे थे.
वो कामुक सिसकारियां लिए जा रही थी.

कुछ मिनट तक इस पोजीशन में सेक्स करने के बाद उसका पानी निकल गया.
वो झड़कर मेरे सीने पर लेट गई.

मेरा अभी पानी निकलना बाकी था तो मैंने उसे खड़ा कर दिया.

वहां एक ड्रम रखा था जिसके सहारे मैंने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से सना की चूत में लंड डालकर उसे चोदने लगा.

कुछ मिनट बाद मेरा भी लावा निकल गया, जो कि मैंने उसकी चूत के बाहर निकाल दिया.

हम दोनों काफी थक गए थे तो हम वहीं चादर पर लेट गए और बातें करने लगे.
एक दूसरे की बांहों में लेट कर हम एक दूसरे को किस करने लगे.

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने एक बार फिर से उसकी चुदाई की.

तब हमने अपने कपड़े पहने, उसने मुझे दरवाजे तक छोड़ा.

अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कि मैंने उसकी गांड कैसे मारी … और आज तक मैंने उसके साथ कितनी बार चुदाई की है.

दोस्तो ये एक सच्ची कुंवारी गर्लफ्रेंड हॉट सेक्स कहानी है. आप लोग जरूर बताएं कि आपको कैसी लगी.
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