कामवाली की कुंवारी बेटी की चुदाई
(Kamvali Ki Kunvari Beti Ki Chudai)
लेखक की पिछली कहानी: पंजाबन भी चुद गयी
60 साल की उम्र में बैंक से रिटायर होने के बाद मैं सारा दिन घर पर ही रहता था जबकि मेरी पत्नी अभी कार्यरत थीं.
शांति नामक महिला हमारे घर पर काम करने आती थी. शांति की उम्र करीब 40 साल थी, उसका भरा बदन, गोरा रंग, बड़ी बड़ी चूचियां और भारी भरकम चूतड़ देखकर मन डोल जाता था. शांति को चोदने के चक्कर में मैंने उसकी किसी न किसी बहाने से कई बार मदद भी की थी.
चूंकि मैं दिन भर घर पर अकेला रहता था इसलिये मौके की कमी नहीं थी, बस दिक्कत यह थी कि बात शुरू कैसे हो.
तभी एक दिन शांति बोली- साहब, हम एक हफ्ते के लिए गांव जा रहे हैं, इस दौरान हमारी बिटिया काम करने आती रहेगी.
अगले दिन शांति अपनी बेटी स्वरा को साथ लेकर आई. स्वरा की उम्र करीब बीस साल, कद पांच फीट चार इंच, रंग गोरा, 32 इंच की चूचियां और 36 इंच के चूतड़. स्वरा का बदन और नशीली आँखें देखकर मैं दीवाना हो गया.
अगले दिन स्वरा काम पर आई तो मैंने उससे बातचीत की तो पता लगा कि वो आठ क्लास तक पढ़ी है और अब घर पर ही रहती है.
मैंने उसकी पीठ पर हाथ फिराते हुए उससे कहा- तुमको और पढ़ना चाहिए था.
तो उसने बताया कि वो पढ़ना चाहती थी लेकिन आर्थिक तंगी के कारण घर वालों ने सपोर्ट नहीं किया.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, डिग्री, सर्टिफिकेट न सही लेकिन ज्ञान तो अभी भी प्राप्त कर सकती हो. तुम्हारी मां लौट आये तो तुम रोज एक दो घंटे मेरे पास आना, मैं तुमको गणित और अंग्रेजी में पारंगत कर दूंगा.
स्वरा के काम करने के दौरान मैंने चाय बनाई, मैंने भी पी और उसको भी पिलाई.
अब स्वरा मेरे घर पर ज्यादा समय देने लगी. मैं उसको अंग्रेजी के दो चार शब्द रोज सिखाता और लगातार प्रैक्टिस कराता. साथ ही साथ ऑनलाइन ऑर्डर करके पिज्जा, बर्गर, डोसा मंगाता और हम दोनों खाते.
अंग्रेजी पढ़ाते पढ़ाते एक दिन मैंने उसे बॉडी पार्ट्स के नाम पढ़ाने शुरू किये. सिर से शुरू करके नीचे उतरते हुए चूचियों और बुर की अंग्रेजी भी बताई. चूचियों और बुर की चर्चा करते हुए मैंने उससे पूछ लिया- तुम्हारी बुर पर बाल तो होंगे?
मेरे इस सवाल से स्वरा शरमा गयी और अपनी आँखें नीची रखते हुए उसने हां में सिर हिला दिया.
“तो तुम अपनी चूत के बाल नियमित रूप से साफ करती हो ना?”
उसने शरमाते हुए इन्कार कर दिया.
“बेटा, पढ़ाई के साथ साथ शारीरिक साफ सफाई बहुत महत्वपूर्ण है. इसका बहुत ध्यान रखा करो.”
अगले दिन जब उसने घर का काम निपटा लिया और पढ़ने के लिए मेरे पास ड्राइंग रूम में आई तो मैंने पहला सवाल किया- स्वरा, कल शारीरिक साफ सफाई की जो बात मैंने तुमसे कही थी, उस पर अमल किया?
स्वरा शांत रही.
तो मैंने पूछा- तुमने अपनी बुर के बाल साफ किये या नहीं?
तो उसने ना कहते हुए मुंह नीचे कर लिया.
“बड़ी अजीब लड़की हो, तुमको अपने शरीर और सेहत की बिल्कुल चिंता नहीं है?” यह कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ा और बाथरूम की ओर ले जाते हुए कहा- आओ इधर आओ, अभी साफ करो.
मेरे पास बाल साफ़ करने की क्रीम तो थी नहीं … मैं अपनी झांटें कैंची से तराशता हूँ. मेरी बीवी भी अपनी झांटें कैंची से ही तराशती है. वैसे कई बार तो मैं ही उसकी झांटें बनाता हूँ.
तो स्वरा को बाथरूम में खड़ा करके मैंने अपना रेजर उठाया और उससे कहा- खोलो अपनी सलवार, पांच मिनट का काम है और तुम टाल रही हो.
उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
तो मैंने उसका कुर्ता थोड़ा सा ऊपर उठाकर उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, एक झटके में उसकी सलवार नीचे गिर गई, मैंने उसकी सलवार खूंटी पर टांग दी और उसकी झांटों से भरी बुर निहारने लगा.
स्वरा की बुर पर काफी लम्बी लम्बी झांटें थी. रेजर से इन्हें साफ़ करना दुष्कर कार्य था.
तो मैंने पहले अपनी मूंछें तराशने वाली कैंची ली और प्लास्टिक के पटरे पर बैठकर जितनी हो सकी उसकी झांटें मैंने कैंची से काट दी.
इसके बाद मैंने स्वरा की झांटों में पानी लगाया, फिर फोम लगाया और उसकी झांटें रेज़र से साफ करने लगा.
थोड़ी ही देर में स्वरा की बुर चमकने लगी.
मैं खड़ा हुआ और स्वरा का कुर्ता उतार कर उसके अण्डर आर्मस भी शेव कर दिये. स्वरा के बदन पर सिर्फ ब्रा थी. एक तौलिया स्वरा को देते हुए मैंने कहा- अब तुम शैम्पू और साबुन लगाकर अच्छे से नहा लो, मैं तब तक चाय बना लेता हूँ. चाय पीने के बाद पढ़ाई होगी.
शैम्पू करने और नहाने के स्वरा जब कमरे में आई तो उसके बालों से निकलती खुशबू और टपकती पानी की बूंदों ने मुझे मदहोश कर दिया लेकिन मुझे अभी खुद पर नियंत्रण रखना था.
चाय का कप लेकर मैं बेडरूम में आ गया.
मैं बेड पर बैठा और स्वरा जमीन पर बैठ कर चाय पीने लगी तो मैंने जिद करके उसे बेड पर बिठा लिया. चाय पीने के बाद स्वरा कप किचन में रखकर वापस आई तो मैंने उससे पूछा- साफ सफाई और शैम्पू करने के बाद कैसा फील कर रही हो?
“अच्छा लग रहा है, खुद को कॉन्फीडेंट फील कर रही हूँ.”
“गुड, धीरे धीरे तुम्हारी पर्सनैलिटी डेवलप होगी.”
“एक बात बताओ, तुम पैन्टी क्यों नहीं पहनती हो?”
“पहनते हैं सर. पीरियड के दिनों में पहनते हैं.”
“हमेशा पहना करो. और हां, तुम्हारा ब्रा का नम्बर कितना है?”
“32 है, सर.”
“देखने से लगता तो नहीं है.”
“है सर. हम 32 नम्बर ही पहनते हैं.”
“घूमो जरा देखें?” कहते हुए मैंने उसे घुमाया और उसका कुर्ता ऊपर उठाकर उसकी ब्रा में लगी साइज स्लिप देखने लगा. साइज स्लिप नहीं दिखी तो मैंने स्वरा की ब्रा का हुक खोल दिया और देखा, उस पर 32 लिखा था.
स्वरा को घुमाकर उसका चेहरा अपनी ओर करते हुए मैंने कहा- 32 लिखा तो है लेकिन तुम्हारी चूचियां देखकर ऐसा लगता नहीं है.
यह कहते कहते मैंने स्वरा की चूचियां खोल दीं.
स्वरा की चूचियां देखकर मैं जन्नत में पहुंच गया. स्वरा की चूची पर हौले से हाथ फेरते हुए मैंने कहा- तुम्हारी चूचियां बहुत सुन्दर हैं, स्वरा. इन्हें बंद कर लो वरना मैं बेकाबू हो जाऊंगा.
उसने पीछे हाथ बढ़ाकर ब्रा का हुक बंद करना चाहा तो मैंने कहा- एक मिनट रुको, स्वरा. जब मैंने तुम्हारी चूचियां देख ही ली हैं तो एक बार चूस ही लूं.
मैं बेड पर बैठा था और स्वरा मेरे सामने खड़ी थी. स्वरा की एक चूची अपने मुंह में लेकर मैं दूसरी चूची मसलने लगा.
बूढ़ा शेर जवान हिरणी का शिकार करने के लिए पूरी तरह से तैयार था.
स्वरा की चूची चूसते चूसते मैं उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा. मुझे ऐसा लगा कि स्वरा भी यह आनन्द लेने के लिए खुद को तैयार कर चुकी थी.
मैंने स्वरा की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसका कुर्ता भी उतार दिया.
स्वरा को बेड पर बिठा कर मैं खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतार दिये. खुद को स्वरा के करीब लाकर मैंने अपना लण्ड स्वरा के चेहरे के सामने किया और उसके मुंह में दे दिया.
स्वरा मेरा लण्ड चूसने लगी तो मैंने उसे लिटा दिया और उसकी बुर चाटने लगा. बुर चाटने से स्वरा को करंट सा लगा और स्वरा की बुर ने पानी छोड़ दिया.
अब मामला पूरी तरह से उफान पर था. मैंने कोल्ड क्रीम की शीशी और कॉण्डोम का पैकेट निकाला. अपने लण्ड और स्वरा की बुर पर क्रीम लगाने के बाद मैंने स्वरा के चूतड़ उठाकर तकिया रखा. स्वरा बेड पर लेटी थी और मैं जमीन पर खड़ा था. चूतड़ों के नीचे तकिया रखने से स्वरा की बुर ऊंची हो गई थी और उसका मुंह खुल गया था. स्वरा की बुर के लब खोलकर देखा तो बुर का गुलाबीपन मेरे लण्ड को दावत दे रहा था.
अपने लण्ड का सुपारा स्वरा की बुर के मुखद्वार पर रखकर मैंने अपनी हथेलियां बेड पर टिका दीं. अपने होंठों से स्वरा के होंठ चूसते हुए मैंने लण्ड को स्वरा की बुर में धकेला. पहले लण्ड का सुपारा और अगले धक्के में आधा लण्ड स्वरा की बुर में घुस गया.
स्वरा के होंठ अपने होंठों में दबोचते हुए एक जोर का धक्का मारा तो स्वरा की बुर की झिल्ली फाड़कर मेरा लण्ड उसकी बुर में समा गया. बुर की झिल्ली फटने से हुए दर्द पर स्वरा की कराहें उसके मुंह में घुट कर रह गईं.
रिटायरमेंट के बाद एक कुंवारी बुर फाड़ कर मेरे मन में प्रसन्नता का कोई पारावार ना था.
जब मैंने स्वरा को चोदना शुरू किया तो वो सामान्य होने लगी और आनन्द लेने लगी. लण्ड को अन्दर बाहर करते हुए मैंने एक बार बाहर निकाला और स्वरा की बुर के खून से सने लण्ड पर कॉण्डोम चढ़ाकर फिर से उसकी बुर में उतार दिया.
स्वरा की चूचियों से खेलते हुए मैं उसे धीरे धीरे चोद रहा था लेकिन जब मेरे डिस्चार्ज का समय करीब आया तो मैंने स्पीड बढ़ा दी और समय आने पर मेरे लण्ड से पिचकारी छूटी और हिरणी का शिकार करके शेर मस्त हो गया.
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