कमसिन कुंवारी चूत की कामवासना-1
(Kamsin Kunwari Chut Ki Kamvasna- Part 1)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_right कमसिन कुंवारी चूत की कामवासना-2
-
View all stories in series
दोस्तो, मेरी पिछली दो कहानियों में आपने पढ़ा कि किस प्रकार मैंने दो पड़ोसन भाभियों को उनके हुस्न के जाल में फंसा कर चोद दिया. जैसा कि मैंने मेरी पिछली कहानी
हुस्न की जलन बनी चूत की अगन
में लिखा था कि एक रोज मालती भाभी थोड़ी घबराई हुई मेरे पास आई और कहने लगी- राज, सामने वाले मकान में एक सोनू नाम की लड़की रहती है. उस लड़की ने हम दोनों को पिक्चर हॉल में देख लिया था.
मालती भाभी राज खुलने के डर से थोड़ी घबराई हुई थी.
मैंने भाभी से कहा- कोई बात नहीं, मैं एक बार सोनू को भी चोद देता हूँ, परंतु इस काम में आपको मेरी हेल्प करनी होगी.
भाभी कहने लगी- ठीक है, जो कुछ भी करना है आप जल्दी करो.
मैंने भाभी से कहा- आप मेरी सोनू से फ्रेंडशिप करवा दो.
भाभी कहने लगी- ठीक है, जब आएगी तो मैं उससे बात करूंगी.
सोनू और भाभी शाम को इकट्ठे भाभी के आंगन में खड़े होकर बात करते थे. अगले दिन भाभी ने बताया कि कल सोनू आई थी, मैंने उसके सामने तुम्हारी बहुत तारीफ कर दी है और वह तुमसे बहुत इम्प्रेस हुई है.
मैंने भाभी से कहा- ठीक है, मैं भी उससे मिलूंगा तो बोल दूंगा कि भाभी तुम्हारी बहुत तारीफ कर रही थी, भाभी बता रही थी कि तुम बहुत सुंदर और अच्छी लड़की हो.
मैं तीसरी मंजिल पर जिस कमरे में रहता था उस कमरे की खिड़की और बालकॉनी से सामने वाला घर दिखाई देता था. मैंने उस दिन से ध्यान से देखना शुरू किया. वहां पर उस मकान के पीछे आंगन में एक अल्हड़ सी लड़की बार-बार मेरे कमरे की तरफ देखती रहती थी. वह कोई न कोई बहाना बनाकर बाहर निकलती थी और मेरे कमरे की ओर देख कर वापस चली जाती थी.
उसको मैं काली, छोटी, टाइट स्कर्ट और व्हाइट शर्ट में सुबह कहीं जाते हुए अक्सर देखता था और वह मुझे बहुत सेक्सी लगती थी, उसकी शर्ट में से उसके दोनों चूचे इतने टाइट दिखाई देते थे कि शर्ट के सामने के बटन टूटने को रहते थे. परंतु मैं अपनी पड़ोसन भाभियों में ही मस्त रहता था. उसकी स्कर्ट से उसके भरे हुए पट और सुडौल पिंडलियाँ बहुत सेक्सी लगती थीं. उसके घुटनों के पीछे से उसकी टांग और पट की चौड़ाई बता रही थी कि वह पूरी तरह से पक चुकी थी अर्थात पूरा लण्ड लेने के लिए उपयुक्त थी.
सोनू घर में हमेशा छोटा सा ऊँचा स्कर्ट और टॉप पहनती थी. उसका टॉप छाती से इतना उठा होता था कि टॉप, पेट को टच न करके पेट पर छतरी की तरह तना रहता था. सोनू का बहुत सुन्दर गोल चेहरा, मोटी आँखें थीं. गांड और चूतड़ भी अपना पूरा आकार ले चुके थे. कुल मिलाकर वह अच्छा खासा मस्त माल बन चुकी थी. उसका साइज़ 32-30-34 के आस पास होगा. वह अपनी टीन ऐज में थी और इस ऐज में लड़कियाँ अपने सपनों के सौदागर को ढूंढती रहती हैं और चुदवाने के लिए आसानी से खुद ही तैयार हो जाती हैं.
एक दिन मैंने देखा, वह लड़की सड़क पर बाहर सब्जी की रेहड़ीवाले के पास कुछ सब्जी ले रही थी. मैं भी मौका देख कर उस रेहड़ीवाले के पास चला गया. मुझे देख कर लड़की ने विश किया. मैंने भी उसे विश किया.
मैंने उससे पूछा- आपका नाम सोनू है?
उसने हाँ में उत्तर दिया और पूछने लगी- आपको मेरा नाम कैसे पता?
मैंने कहा- मालती भाभी आपकी बहुत तारीफ करती रहती हैं.
सोनू ने पूछा- आप राज हैं?
मैंने कहा- जी हाँ.
मैंने सोनू से कहा- आप कभी मेरे पास भी आओ, बैठकर बातें करेंगे.
उसने कहा- मैं मालती भाभी के पास आ जाऊंगी, आप वहीं आ जाना.
थोड़ी देर बाद वह लड़की फिर पीछे आंगन में आई और मालती भाभी के घर की तरफ इशारा करके बोली कि मैं वहां जा रही हूँ. उस वक्त मालती भाभी के हस्बैंड ऑफिस गए हुए थे. मैं भी नीचे चला गया और उससे उसके बारे में बातें की.
मुझे पता लगा कि सोनू ने बारहवीं कक्षा पास करके एक प्राइवेट फैशन डिजाइनिंग इंस्टिट्यूट में एडमिशन ले रखा था.
मैंने सोनू से कुछ बातें उसकी पढ़ाई के बारे में की. उससे पूछा कि उसे कोई प्रॉब्लम तो नहीं है?
उसने बताया कि उसे अंग्रेजी में कुछ प्रॉब्लम आती है.
मैंने कहा- ठीक है, यदि तुम्हें मुझसे कुछ हेल्प लेनी हो तो मुझे बता देना.
उसने कहा- ठीक है, मैं मम्मी को बोलूंगी कि आप मुझे पढ़ाने के लिए तैयार हैं.
सोनू जब सोफे के ऊपर बैठी थी तो मैं उसकी मोटी जांघों और चूचियों को देख रहा था. सोनू की चूचियों ने उसका टॉप बहुत ऊपर तक उठा रखा था, जिनको देखकर मेरा लंड मेरी पैन्ट में अकड़ गया था. सोनू चोर निगाहों से कभी-कभी मेरे पैंट के उभार को देख लेती थी.
भाभी किचन में हमारे लिए चाय बनाने चली गई.
मैंने सोनू से पूछा- तुम्हारी हॉबीज क्या-क्या हैं?
तो सोनू ने बताया- पिक्चर देखना और पहाड़ों पर घूमना फिरना मेरी हॉबी है.
मैंने सोनू से पूछा- क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
तो सोनू ने मना कर दिया.
मैंने कहा- सोनू, मुझसे कुछ भी मत छुपाओ क्योंकि जिस दिन मैं और मालती भाभी पिक्चर देखने गए थे तो वहां तुम किसके साथ पिक्चर देखने गई थी?
सोनू ने कुछ झिझकते हुए यह बात स्वीकार कर ली और कहा कि वह मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है, ऐसे ही मेरी क्लास में पढ़ता था और मुझे मिल गया था. फ्रेंडशिप नहीं है.
फिर मैंने चलती बात पर सोनू से पूछा- क्या मुझसे फ्रेंडशिप करोगी?
सोनू नीचे देखने लगी, उसने कोई जवाब नहीं दिया.
मैंने कहा- ठीक है, सोच कर बता देना.
मैंने सोनू से कहा- यदि फ्रेंडशिप करनी हो तो कल शाम को अपनी मम्मी से पूछ कर पढ़ाई के बहाने ऊपर मेरे कमरे में आ जाना.
इतनी देर में भाभी चाय ले आई, हम तीनों ने बैठकर चाय पी. जब मैं चलने लगा तो मैंने अपना हाथ सोनू की तरफ बढ़ाया, सोनू ने मेरे हाथ को पकड़कर हाथ मिला लिया. मैंने सोनू से कहा कि मैं उसका कल इंतजार करूंगा. यह कहकर मैं वहां से निकल लिया.
उससे पहले भाभी जब किचन में बर्तन रखने गई तो मैंने भाभी को कहा कि आधा तो यह तैयार हो गई है बाकी आप तैयार कर देना. मैंने भाभी को समझाया कि इसको पढ़ाई में हेल्प की जरूरत है इसलिए आप इसकी मम्मी से भी बात कर लेना.
भाभी कहने लगी- ठीक है, यही ठीक रहेगा.
अगले रोज सोनू शाम को 6:00 बजे के करीब एक किताब और एक नोटबुक लेकर मेरे कमरे में आ गई. आते ही मैंने सोनू से फिर हाथ मिलाया और कहा- तो फ्रेंडशिप पक्की!
सोनू ने अपना सिर हाँ में हिलाया.
उस रोज़ सोनू ने बहुत ही सेक्सी स्लीवलेस टॉप पहना था और नीचे एक मैचिंग टाइट, छोटी स्कर्ट पहन रखी थी. स्कर्ट इतनी छोटी थी कि जब वह चेयर पर बैठी तो उसकी स्कर्ट और थोड़ी पीछे हो गई और उसके पट और ज्यादा दिखाई देने लग गए. सोनू धीरे-धीरे उस स्कर्ट को अपने घुटनों तक खींचने की कोशिश कर रही थी परंतु छोड़ते ही वह फिर वापस वहीं चली जाती थी.
मैंने सोनू से उसके इंस्टिट्यूट और उसकी सहेलियों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी दो सहेलियां हैं.
मैंने सोनू से कहा- सोनू हम अपनी फ्रेंडशिप की शुरुआत कैसे करें?
सोनू ने कहा- मुझे नहीं पता, आप ही बताओ?
मैंने कहा- ठीक है, पहले हाथ मिलाओ और फिर खड़ी हो जाओ.
सोनू ने हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया. मैंने उसके हाथ को चूम लिया. उसके बाद जब सोनू खड़ी हो गई तो मैंने खड़े होकर उस को बांहों में लिया और उसे होंठों पर किस कर लिया. सोनू मुझसे चिपक गई. दरअसल इस उम्र में लड़कियां शारीरिक सुख पाने के लिए बेचैन होती हैं और मैंने सोनू की बेचैनी तभी भांप ली थी जब मैंने उसको बार-बार अपने कमरे की तरफ देखते हुए पाया था. मैं समझ गया था कि वह भी मुझसे कुछ चाहती है.
मैंने सोनू को अपनी बांहों में लेकर अपने सीने से लगाया. सोनू चुपचाप मुझसे चिपक कर खड़ी हो गई. सोनू बार-बार दरवाजे की तरफ देख रही थी. मैंने हाथ बढ़ाकर दरवाजे की कुंडी लगाई और सोनू को अपनी बाहों में भरकर ऊपर उठा लिया. सोनू का कद केवल 5 फुट 1 इंच था. ऊपर उठाने से वह मेरे ऊपर लटक गई, मेरी लोवर में खड़ा लंड उसकी जांघों में चुभ रहा था. मैंने सोनू को नीचे उतारा और उसके होंठों पर बहुत बड़ा किस किया.
सोनू को इसमें बहुत आनंद आ रहा था. मैं सोनू की कमर में हाथ फिराते हुए हाथ को उसके चूतड़ों तक ले गया. सोनू सिसकारियां भरने लगी.
मैंने सोनू से पूछा- क्या तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने तुम्हारे साथ ये सब किया है?
सोनू कहने लगी- नहीं ऐसा कुछ नहीं किया, वह लड़का मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है, परंतु बनना चाहता है.
मैंने कहा- क्या अब तुम उसे अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती हो?
सोनू ने कहा- आपसे अब फ्रेंडशिप हो गई है.
मैंने सोनू को फिर प्यार किया और कहा- ठीक है, आज से हम दोनों पक्के फ्रेंड हो गए हैं.
सोनू ने मुझसे थैंक्यू कहा. उसने मुझे बताया कि उसकी दोनों सहेलियों के भी बॉयफ्रेंड हैं.
मैंने सोनू से पूछा- मेरा साथ कैसा लग रहा है?
सोनू ने बताया- बहुत अच्छा लग रहा है.
मैंने सोनू से पूछा- तुम्हें मेरा किस करना और यह सब करना अच्छा लग रहा है या बुरा लग रहा है?
सोनू ने कहा- अच्छा लग रहा है.
मैं समझ गया कि लड़की चुदने के लिए बिल्कुल तैयार है. मैं कुर्सी पर बैठ गया और सोनू को अपनी गोद में बैठा लिया. सोनू को गोद में बैठाकर मैंने उसे फिर से किस करना चालू किया. सोनू भी मेरा साथ देने लगी. चूंकि पहला दिन था इसलिए मैं बड़ा संभल-संभलकर और उसकी सहमति ले लेकर कदम उठा रहा था और कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता था.
मैंने सोनू से उसके घर के बारे में पूछा, उसकी मम्मी के बारे में पूछा और उससे बहुत ही फ्रेंडली तरीके से पेश आता रहा. मैंने सोनू से कहा कि जो भी चीज उसे अच्छी न लगे, मुझे बता दे, मैं वह नहीं करूंगा.
सोनू बोली- नहीं ऐसी बात नहीं है, मुझे अच्छा लग रहा है.
उसने बताया कि उसकी फ्रेंड्स भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ यह सब करती हैं. मैं समझ गया, सोनू को उसकी फ्रेंड ने ही अपनी बातें बता-बता कर उकसाया हुआ है. मैंने धीरे से सोनू के टॉप में हाथ डालकर उसके पेट को सहलाया, बहुत ही चिकना और मुलायम पेट था. एक हाथ से मैं सोनू के एक बाजू को सहला रहा था.
सोनू ने मुझसे एक अजीब सवाल पूछा, सोनू पूछने लगी- क्या आपकी मालती भाभी से भी फ्रेंडशिप है?
उसके मुंह से यह बात सुनकर मैं हंसने लगा.
मैंने कहा- यह कैसे हो सकता है? वह तो मुझसे बड़ी हैं और शादीशुदा हैं.
सोनू बोली- आप उनके साथ पिक्चर देखने क्यों गए थे?
मैंने सोनू से कहा- वह तो भाभी अकेली थी इसलिए उन्होंने मुझसे कहा कि आप मेरे साथ चल पड़ो तो मैं चला गया था, ऐसी कोई बात नहीं है.
मैंने सोनू को गोद से नीचे उतारा और सोनू को पीछे से बांहों में भरा और उसके चूतड़ों के ऊपर अपना लंड रख कर खड़ा हो गया. मैं उसके गालों को सहलाने लगा, मैं महसूस कर रहा था कि सोनू की सांसें तेज होने लगी थीं. मैंने सोनू के टॉप में से उसके चूचों पर हाथ रखा तो पता लगा सोनू ने ब्रा पहन रखी थी.
मैंने ब्रा के ऊपर से ही सोनू के मम्मों को थोड़ा-थोड़ा दबाया तो सोनू एकदम मस्त हो गई और सिसकारियां लेने लगी. मैंने अपने हाथ की हरकत बढ़ाई और उसकी ब्रा को ऊपर करके उसके दोनों मम्मों को बाहर निकाल दिया और उन पर हाथ फिराने लगा.
सोनू के मम्मे मीडियम साइज़ के खरबूजे के आकार के थे. उनके ऊपर बहुत ही छोटे छोटे निप्पल थे. मैं सोनू के मम्मों को दबाने लगा और जैसे ही मैंने उसके मम्मों के निप्पल को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच में लेकर धीरे-धीरे मसला तो उत्तेजित होकर सोनू एकदम चुदास से भर गई और उसने अपना सिर मेरी छाती से लगा लिया.
जब मैंने उसकी चूचियों को ज्यादा मसलना शुरू किया तो सोनू ने कहा- धीरे करो, दर्द हो रहा है.
मैंने धीरे-धीरे अपना काम जारी रखा. मैंने जब टॉप को ऊपर उठाना चाहा तो सोनू ने मेरा हाथ रोक दिया. मैंने उसके पटों पर हाथ फिराया तो मेरे आनंद की सीमा न रही. बहुत ही मखमली और मुलायम पट थे उस लड़की के. जैसे अंदर किसी ने रूई भर रखी हो.
मैं उसके पटों को सहलाता रहा और हाथ फिराते हुए जब मेरा हाथ उसकी चूत पर पहुंचा तो सोनू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- यह नहीं करना.
मैंने अपना हाथ रोक दिया और सोनू को सॉरी कहकर छोड़ दिया.
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
What did you think of this story??
Comments