जवानी की दहलीज पर चूत चुदाई
(Jawani Ki Dahleej Par Chut Chudai)
दोस्तो कैसे हो.. मैं हूँ आपका दोस्त मनीष.. मैं कोटा, राजस्थान का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ।
दोस्तो, हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर.. सभी का स्वागत है।
मैं 26 साल का एक अच्छे व्यक्तित्व वाला इंसान हूँ। अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ते-पढ़ते मैंने भी सोचा कि मैं भी अपनी जिंदगी की एक हसीन कहानी आपके साथ साझा करूँ।
यह बात तब की है.. मैं जब मैं कॉलेज मैं बी.कॉम. में था.. हमारा एक ग्रुप हुआ करता था। इस ग्रुप का नाम रॉयल ग्रुप था.. हमारे इस ग्रुप में लड़कियां और लड़के सभी थे। हम सब लाइफ को अच्छे से एंजाय करते, कई लड़कियाँ मुझसे कभी-कभी फ्लर्ट भी किया करती थीं।
एक बार हमारे ग्रुप में एक लड़की आई उसका नाम मेघा था उसे देखते ही मैं उसका दीवाना हो गया, मैं हमेशा उसी के पास ही बना रहता था।
एक बार हम सब पिकनिक पर गए.. कोटा के पास बहुत पिकनिक स्पॉट हैं.. उन्ही में से चट्टनेश्वर भी है.. जहाँ बहुत पानी है और कई चट्टानें भी हैं।
हम सब वहाँ पानी में नहा रहे थे.. तो लड़कियों को नहाते देख कर मेरा लंड उत्तेजित हो गया। मैं मेघा के पास जाकर नहाने लगा.. उस पर पानी फेंकने लगा।
इतने में मेघा का पैर पानी में फिसल गया.. वो पानी में बहने लगी.. मैंने उसे बचाने के लिए उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की.. पर मेरा भी पैर फिसल गया।
सअब दोनों थोड़ा बहने से लगे.. पर मैंने खुद को संभालते हुए उसको पकड़ लिया।
उस वक्त मेरा लण्ड खड़ा था।
डूबने और बहने से बचने की जद्दोजहद में उसका हाथ मेरे लण्ड पर चला गया। उसने खुद को किसी तरह बचाने के चक्कर में मेरा लवड़ा पकड़ रखा था.. पर जैसे उसे पता चला.. उसने लौड़ा छोड़ दिया..
मैं हंसते हुए उसे पकड़ कर किनारे तक ले आया.. वो बहुत शर्मा रही थी।
उस दिन के बाद से मैं उसे चाहने लगा.. एक दिन बड़ी मुश्किल से मैंने उसके सामने अपने प्यार का इजहार किया कि मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ.. पर उसने मना कर दिया और कहा- यह नामुमकिन है।
बाद में मैंने उसे बहुत तरीकों से यह बताना चाहा कि मैं उसे सच्चा प्यार करता हूँ।
आखिर एक दिन उसने मुझसे कहा- मैं भी तुम्हें चाहने लगी हूँ.. पर घर की स्थिति की वजह से मैं डर रही हूँ।
पर बाद में धीरे-धीरे हम दोनों के प्यार का रंग एक-दूजे पर चढ़ने लगा और हम लोग बहुत करीब आ गए।
मेघा बहुत बड़े घर की लड़की थी। उसके मम्मी-पापा अक्सर बाहर रहते थे.. तो कंप्यूटर पर कुछ सिखाने के बहाने एक दिन उसने मुझे अपने घर बुला लिया। मैं जेब में कंडोम भी रख ले गया था।
उसके घर उसकी छोटी बहन कविता भी नहीं थी.. वो भी उस वक्त स्कूल गई थी।
हम दोनों घर में अकेले ही थे।
मैंने कंप्यूटर पर प्रॉब्लम देखी.. कंप्यूटर में कुछ समझाया।
उस समय मेघा सफ़ेद टॉप और ब्लू जींस में थी। वो एक माल लग रही थी.. उसे इस तरह देख कर मेरे मन में एक खुराफात पैदा हुई कि क्यों न मौके का फायदा उठा कर मेघा को आज अपने वश में कर लिया जाए।
मैंने कंप्यूटर में इंटरनेट चला दिया।
मैंने पूछा- क्या देखोगी..?
उसने कहा- जो आपको पसंद हो।
मैंने इंग्लिश फिल्म वाली साइट लगा दी। तभी उसमे एक सेक्सी सीन आ गया।
वो हंस रही थी.. मैंने पूछा- क्या हुआ?
पर वो हंसे जा रही थी..
आखिर मैंने पूछा- तुम्हें यह देखने में मजा आया?
उसकी गर्दन ‘हाँ’ में हिलाई… वो अब खुल रही थी।
मैं बोला- और देखना है?
वो ‘हाँ’ बोली..
तो मैंने कहा- ठीक है।
तभी मैंने उसे अपने मोबाइल से कुछ ‘बेड-सीन’ दिखाए और मैंने उससे पूछा- अच्छा लगा?
वो बोली- हाँ!
मैंने गुदगुदी करने के बहाने मेघा के उभारों को हल्के से छू दिया। वो कुछ नहीं बोली या फिर उसे पता नहीं चला। इसलिए मैंने दोबारा वैसे ही किया.. पर इस बार दबाव थोड़ा बढ़ाया।
फिर भी वो कुछ नहीं बोली।
मेरे दोस्तों ने कहा था कि बिना कंडोम के कुछ मत करना।
तभी हम दोनों अपने प्रेमालाप करते-करते बिस्तर पर आ गए.. वो मेरे पास आकर बैठ गई। उसका शरीर थोड़ा कांप रहा था और मेरा भी.. लेकिन मुझ से रहा नहीं जा रहा था फिर भी मैं चुप रहा।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके हाथ के पास रखा और धीरे-धीरे उससे सटकर बैठ गया।
उसने मेरी तरफ देखा और बोली- तुम्हें ऐसी नंगी लड़कियाँ पसंद हैं?
मैंने कहा- वो दिखा रही हैं.. मैं देख रहा हूँ।
‘उनको शर्म नहीं आती..?’ उसने कहा।
तो मैं बोला- हर एक के पास जो है, वो है, उसमें क्या शर्माना?
फिर मैंने अपना हाथ उसकी पीठ से ले जाते हुए उसकी नरम जांघों पर रख दिया। उसका शरीर कांप रहा था, धड़कन तेज हो रही थी। उसकी सांसें मेरे करीब से गुजर रही थीं.. वो मदहोश हो रही थी।
मेरा हाथ उसकी जांघों पर धीरे-धीरे घूम रहा था।
तभी फिल्म में दोनों ने अपने कपड़े उतारे और वो प्यार करने लगे।
शायद मेघा ने मर्द का तना हुआ लंड पहली बार देखा था तो वो उसे गौर से देखने लगी।
लड़की ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। वैसे ही उसने मेरे हाथ को जोर से पकड़ कर दबाया। मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और उसकी योनि को एक हाथ से सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका स्तन पकड़ लिया।
वो सिसकारियाँ ले रही थी और मेरे लंड पर दबाव डाल रही थी। हम कपड़े पहने थे इसलिए हमारे बदन की गर्मी बढ़ने लगी, दोनों पसीने-पसीने हो गए।
फिल्म पर उस लड़के ने उस लड़की को चोदना शुरू कर दिया, उसे मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया।
मेरा लंड उसकी गाण्ड पर घिस रहा था.. रगड़ खा रहा था, उसके चूचे मेरे हाथों से मसले जा रहे थे, उसकी योनि रगड़ कर मैं उसे और उत्तेजित कर रहा था।
लेकिन कुछ ही पल बाद वो मेरी बाँहों में सुस्त पड़ गई.. मैं भी पैंट में ही झड़ गया, हम थोड़े शांत हो गए। फिर भी फिल्म पर चुसाई-चुदाई के दृश्य हमें भड़का रहे थे।
तभी मैंने उससे कहा- तुम मेरे साथ वैसा करना चाहोगी?
उसने कहा- हाँ जरूर.. जल्दी करो.. मैं बेचैन हो रही हूँ।
फिर मैंने मेघा को गले लगाया। वो भी ऐसे लिपट गई.. जैसे वो मेरे शरीर का हिस्सा हो।
मैंने उसके होंठों को चूमा और रगड़-रगड़ कर घायल कर दिया।
फिर मैंने उसकी टॉप उतारी.. ब्रा भी उतारी और उसके सफेद बड़े से मम्मों को देखकर मैं पागल हो गया.. जिन पर गुलाबी रंग के चुचूक उनकी शोभा बढ़ा रहे थे।
फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी.. पैंट भी उतारी, उसने अपनी स्कर्ट निकाली हम दोनों सिर्फ चड्डी में थे तो मैंने कहा- इसे क्यूँ पहने रखे हो?
मैंने उसकी और उसने मेरी चड्डी उतारी।
पहले मैंने उसके अपने लण्ड पर किस करने को कहा.. फिर उसे सीधा लेटने को कहा, उसके सारे बदन को चूसना चालू कर दिया.. मैं उसके पेट को भी चूमता रहा।
यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।
वो पूरी गर्म हो चुकी थी.. मेरे लंड को घूर रही थी और मैं उसकी काले बालों से ढकी चूत को देखकर पगला रहा था।
तभी मैंने अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया। वो उसे चूसने लगी तो मैं भी उसके चूत में उंगली डाल कर चूसता रहा।
अब मैंने समय न गंवाते हुए कंडोम निकाल कर पहन लिया, उसकी टाँगें ऊपर उठा कर लंड सही जगह रख कर धीरे-धीरे अन्दर करना शुरू किया.. वो बहुत तड़प रही थी। उसकी चूत बहुत छोटी थी फिर मैंने थोड़ी क्रीम लगाई.. और अब मैंने उसकी चूत में लण्ड अन्दर डालना चालू किया.. वो चीखने लगी।
अब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने बिना परवाह किए पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.. वो बहुत जोर से चीखी.. तो मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए। उसकी आँखों से पानी बह रहा था और वो मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करती रही।
मैंने उसके चूचे बहुत सहलाए.. थोड़ी देर बाद वो कमर उठाने लगी तो तभी मैंने उसका मुँह छोड़ दिया और आधा लंड अन्दर-बाहर करने लगा।
अब उसे भी मजे आने लगे।
दो मिनट बाद मैं उसे दनादन चोदने लगा और वो मुँह से ‘आह.. अहा.. आ..’ कर रही थी।
बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं छूटने वाला था। वो भी मुझे कसकर पकड़ने लगी।
पूरे कमरे में ‘धप-धप’ की आवाज आ रही थी।
हम दोनों झड़ने लगे और उस जन्नत के से अहसास के धीरे-धीरे कम होते हुए हम निढाल होकर कुछ देर उसी अवस्था में पड़े रहे।
कुछ देर बाद मैं उठा.. उसकी चूत से निकला खून मेरे लंड और चादर पर लग गया था। फिर हमने अपने कपड़े पहने। उसने चादर धो दी और दूसरे दिन मिलने को कहकर उसे प्रगाढ़ चुम्बन किया।
यह थी मेरी पहली चुदाई। इसके बाद मैंने और मेघा ने बहुत मजे लिए.. वो मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे जरूर बताएँ। आपके मेल के इन्तजार में..
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