जवान लड़की की सेक्स कहानी-1
(Jawan Ladki Ki Sex Kahani- Part 1)
मेरी पिछली सेक्स कहानी
पंजाबी लंड से शहर में जिस्म की आग बुझाई
में आप लोगों ने पढ़ा होगा कि कैसे मैंने अपने पति के मैनेजर के साथ अपने जिस्म की प्यास बुझाई, उसके दोस्त के साथ किस तरह ग्रुप में चुदाई की।
दोस्तो, अगर आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी अच्छे से पढ़ी होगी तो आपको पता होगा कि मैंने और सुखविन्दर ने किस तरह चुदाई का पूरा मजा लिया. आज भी हम दोनों मिलते हैं।
उसके अलावा भी मैंने कुछ लोगों से रिश्ता जोड़ा है. वो सब कहानी भी आप लोगों को बताऊँगी।
आज की जो सेक्स कहानी आपको बता रही हूँ वो घटना बिल्कुल अचानक से घटी थी।
आप मेरी पिछली सेक्स कहानी में पूजा के बारे में तो जान चुके होंगे, वो मेरी बगल वाले घर में रहती है, उसकी और मेरी अच्छी जमने लगी थी, वो मुझसे अपनी हर बात बता देती है और मेरा भी हर राज वो जानने लगी है।
उसका एक दोस्त है उसके कॉलेज का, उसके साथ वो कई बार मेरे ही घर पर मिलती है।
जब भी मेरे पति काम के कारण बाहर जाते हैं तो रात में सोने के लिए मैं पूजा को बुला लिया करती हूँ। और उसी समय वो अपने दोस्त को बुला कर मिलती है और चुदाई का मजा लिया करती है।
सुखविन्दर को भी यह बात पता है कि पूजा अपने दोस्त से मेरे यहाँ मिलती है। सुखविन्दर ने कई बार मुझसे कहा कि अगर पूजा तैयार हो तो हम तीनों एक साथ चुदाई कर सकते हैं।
सही बात तो यह थी कि सुखविन्दर पूजा को चोदना चाहता था।
मगर पूजा सुखविन्दर से काफी छोटी है इसलिए मैंने हमेशा इस बात के लिए मना कर दिया।
लेकिन दोस्तो, कहते है न कि जो चीज जिसकी किस्मत में होती है, उसको मिल ही जाती है।
ठीक ऐसा ही हुआ सुखविन्दर के साथ!
आज की सेक्स कहानी में आप यही पढ़ने वाले हैं।
दोस्तो, हुआ यों कि मेरे पति हमेशा की तरह कुछ दिनों के लिए अपनी कम्पनी के काम से बाहर जाने वाले थे. उनकी ट्रेन शाम को 5 बजे की थी, जनवरी का महीना था, बहुत ठण्ड भी थी।
मैंने सुबह ही पूजा को बुलाया और उसे कह दिया- आज रात सोने के लिए आ जाना।
उसको तो जैसे इस बात का इंतजार रहता है, वो तुरंत बोली- अरे वाह … क्यों नहीं! जरूर!
और मेरे गाल में एक पप्पी लेकर भाग गई।
शाम को 4 बजे मेरे पति चले गए. मैंने भी घर का सारा काम जल्दी खत्म किया और 6 बजे पूजा को आवाज दी.
वो बोली- अभी कुछ काम है, मैं 7 बजे तक आ जाऊँगी.
ठण्ड के समय अन्धेरा भी जल्दी हो जाता है, 7 बजे तक मैंने देखा कि हमारे कॉलोनी में सन्नाटा पसर गया था, उस दिन ठण्ड भी बहुत ज्यादा ही थी.
7 बजे पूजा आ गई. मैंने उससे पूछा- तेरा दोस्त कब तक आने वाला है?
उसने कहा- सुबह बात हुई थी, तब उसने 8 बजे के लिए कहा था. मगर फिर दोबारा बात नहीं हुई।
उसने तुरंत उसको फोन किया, वो बाहर कमरे में बात कर रही थी और मैं अन्दर खाना बना रही थी।
कुछ देर बाद जब मैं वहां गई तो देखी कि उसका मूड कुछ खराब है।
मैंने पूछा- क्या हुआ तुझे?
“अरे वो नहीं आ रहा है. आज शाम को ही शहर से बाहर चला गया. उसने मेरे फ़ोन में मैसेज भी किया था. मगर मैंने देखा ही नहीं।”
मैंने मजा लेते हुए कहा- अरे अब तेरी रात कैसे कटेगी?
तो वो बोली- कुछ नहीं फ़ोन में फिल्म देखूँगी।
मैंने कहा- मुझे भी दिखा दे कौन सी फिल्म है।
उसने एक नंगी फिल्म चालू की और मुझे दिखा कर बोली- ये वाली है।
मैंने कहा- रुक, खाना खाने के बाद देखते हैं।
हम दोनों ने खाना खाया और फिर वही फिल्म देखने लगी।
उसमें एक लड़की को एक काला सा आदमी चोद रहा था, उस आदमी का लंड बहुत ही भयानक लग रहा था।
पूजा बार बार अपने लोवर पे हाथ लगा कर अपनी चूत को छू रही थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ गीली हो गई क्या?
“अरे क्यों नहीं होगी … 2 महीने से प्यासी है, आज मौका मिला तो कुछ मिला ही नहीं।”
मैंने मजाक में कहा- इस फिल्म वाले को बुला ले।
“अरे भाभी, अभी ये हाल है कि ये भी आ जाये तो मना नहीं करुँगी।”
मैंने उसके मन को टटोलने के लिए कहा- चल आज मैं अपने दोस्त को बुलाती हूँ, हम दोनों उससे ही चुदाई करेंगी?
वो मेरी तरफ देखते हुए बोली- कौन वो पंजाबी?
“हां वही!”
“अरे भाभी वो इतना बड़ा है।”
“तो क्या हुआ अगर मन है तो बता बुला लेती हूँ।”
वो अपनी उँगलियों को दांत से काट रही थी।
इतना मेरे लिए काफी था समझने के लिए कि इसका मन तो है आज चुदाई का!
मगर मुझे डर लग रहा था कि ये इतनी छोटी है और सुखविन्दर का लंड झेल पाएगी क्या ये।
फिर मैंने सोचा कि ये कुवारी तो है नहीं … चुदाई तो कई बार कर चुकी है और इसका शरीर भी मस्त भरा हुआ है इसको परेशानी नहीं होनी चाहिए।
मैंने उससे फिर पूछा- बता जल्दी क्या करना है? मन हो तो बोल … आज कुछ नया नया करती हैं!
वो बोली- मगर ये बात किसी को बताना मत!
“अरे पागल हूँ जो किसी को बताऊँगी?”
मैंने कहा- तो ठीक है न … बुला लूं?
“जैसा आप ठीक समझो!” उसने सब मुझ पर छोड़ दिया।
मैंने सुखविन्दर को फ़ोन किया और सारी बात बताई.
उसकी तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई थी, वो तुरंत बोला- बस मैं कुछ ही देर में आ रहा हूँ।
और ठीक 10 बजे वो आ गया। वो एक शराब की बोतल भी साथ लाया था।
पूजा उसे देख बहुत शर्मा रही थी.
हम तीनों बैडरूम में चले गये. वहां सुखविन्दर ने हम सब के लिए शराब के जाम तैयार किये.
मगर पूजा बोली- मैं शराब नहीं पीती.
मैंने उससे कहा- पी ले, कुछ नहीं होगा. आज तो वैसे भी ठण्ड बहुत ज्यादा ही है, पी लेगी तो इससे कुछ गर्मी आ जाएगी।
एक ग्लास उठा कर मैंने उसको दिया मगर वो पी नहीं पा रही थी।
फिर मैंने अपने हाथ से उसको पूरा ग्लास पिला दिया और मैंने और सुखविन्दर ने भी अपना अपना ग्लास खाली किया।
कुछ ही देर में शराब ने अपना असर दिखाना शुरू किया और पूजा की आँखों में नशा दिखने लगा.
मैंने पूजा को अपने और सुखविन्दर के बीच में बैठा लिया।
सुखविन्दर ने एक बार फिर से जाम बनाए और हम दोनों ने तो पी लिया मगर पूजा ने नहीं पिया.
इस बार सुखविन्दर ने अपने हाथ से उसे शराब पिलाई।
मैंने देखा कि सुखविन्दर का एक हाथ उसकी जांघ पे था और वो उसे हल्के हल्के दबाते हुए सहला रहा था।
तभी मैंने सोचा कि आज मैं सुखविन्दर को पूरा मौका दूँगी पूजा को चोदने का।
पूजा उस वक्त पूरे नशे में थी, उसे ज्यादा कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
मैंने सुखविन्दर से कहा- अब इसे ज्यादा मत पिलाओ, नहीं तो ये सो जाएगी।
सुखविन्दर बोला- आज इसे नहीं सोने दूँगा। आज इसके जिस्म का हर रस मुझे पीना है।
मैंने कहा- मगर ऐसा कुछ मत करना कि कुछ गलत हो जाए।
“अरे इसे कुछ नहीं होगा; बड़े प्यार से इसको प्यार करना है; ऐसी जवानी तो किस्मत वालों को नसीब होती है।”
मैंने सुखविन्दर को इशारा किया और बाहर आने के लिए कहा।
हम दोनों पूजा को वही छोड़ कर बाहर वाले रूम में आ गए।
सुखविन्दर ने कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- देखो आज तुमको मौका मिला है. आज पूजा के साथ तुम अकेले रात बिताओ, मैं यहीं बाहर सो रही हूँ।
ऐसा सुनकर उसने और ज्यादा खुश होते हुए मुझे अपनी बांहों में कस लिया और मुझे चूमते हुए कहा- वाह मेरी जान, आज तो मेरी जिंदगी बना दी. तुमने ऐसी माल को मेरे हवाले कर दिया जिसके नाम से कई दिन मैंने लंड हिला कर पानी निकाला है। तुम तनिक भी चिंता मत करो, उसको प्यार से चोदूँगा।
और उसके बाद वो मुझे वहीं छोड़कर पूजा के पास चला गया और दरवाजा बंद कर दिया।
दोस्तो, इसके आगे की सेक्स कहानी आप लोग सुखविन्दर की जुबानी सुनेंगे कहानी के अगले भाग में।
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कहानी का अगला भाग: जवान लड़की की सेक्स कहानी-2
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