मकान मालिक कुंवारी बेटियां- 2
(Jawan Indian Ladki Ki Chut)
जवान इंडियन लड़की की चूत चाटने का मजा मुझे मिला. चूत एकदम अनछुई और कुंवारी थी. पर उस माल लड़की ने ऐन मौके पर चुदाई से मना कर दिया.
दोस्तो, मैं संदीप कुमार एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी में आपका स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
कुंवारी लड़की की वासना जगाई
मने अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने मकान मालिक की बड़ी लड़की पूजा को सैट कर लिया था.
लेकिन पहली बार में सिर्फ़ हाथ ही फेर पाया था कि बिजली के आ जाने से रोशनी हो गई और वो भाग गई.
अब आगे जवान इंडियन लड़की की चूत चाटने का मजा:
मैं भी निराश होकर अपने रूम में जाकर उसकी याद करने लगा.
लंड अपनी औकात में कड़क हुआ फनफना रहा था.
पहले तो उस कमीने को ही हिलाया और उसका गला घोंट कर सफेदा बाहर गिरा दिया.
फिर उस घटना के बारे में सोचने लगा.
कोई ऐसे कैसे काम वासना में लिप्त होकर भी अपने आपको रोक सकता है.
पर मैं भूल गया था कि वो एक लड़की है और हर लड़की में वासना को रोकने की अद्भुत शक्ति होती है.
खैर … जो भी हुआ, सो हुआ.
पर अब जब सोने की कोशिश करने लगा तो नींद नहीं आ रही थी.
कभी इधर की बात याद आती तो कभी उधर की.
यूं ही करवट बदल-बदल कर बार-बार उस पल को सोच ही रहा था कि क्या हुआ और आगे कैसे होगा.
करीब रात 2 बजे का समय हो गया था.
उसी वक्त मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाने की आवाज आई.
मैं हतप्रभ था पर लपक कर दरवाजा खोल दिया.
सामने पूजा खड़ी थी.
मेरे दरवाजा खोलते ही पूजा मेरे ऊपर कूदती हुई चिपक गई.
मेरे होंठों से उसने फिर से अपने होंठों का मिलन कर दिया.
अबकी बार मैं पूजा को छोड़ने के मूड में नहीं था.
मैंने दोनों हाथों से उसे कसके पकड़ रखा था.
धीरे-धीरे मैंने उसकी पीठ पर हाथ से सहलाते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और पीठ को सहलाना शुरू कर दिया.
मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठाकर पूरा उतार दिया.
अब उसके मम्मों पर कसी हुई उसकी अधखुली ब्रा ही लटक रही थी.
उसके हुक को मैंने पहले ही पीछे से खोल रखा था.
धीरे-धीरे सहलाते हुए उसके स्तनों को ब्रा की कैद से आजाद कर दिया.
अब ऊपर से पूजा पूरी की पूरी मेरे सामने नंगी थी. कमरे में लाल रंग की जीरो बल्ब की रोशनी में तो वो और भी कामुक लग रही थी.
मैंने एक हाथ से उसके एक स्तन को प्यार से सहलाना शुरू कर दिया और अपने होंठों को पूजा के दूसरे स्तन के निप्पल पर रख दिया.
उसके निप्पल को मैं छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा.
अब मैं एक प्यासा पंछी सा उसके मम्मों से खेल रहा था; कभी दाएं स्तन को तो कभी बाएं को.
मेरे होंठ अपना काम बखूबी कर रहे थे.
अब मैं अपने एक हाथ को पीछे से उसकी पैंटी के अन्दर ले गया और गांड को जोर जोर से मसलने लगा.
देर न करते हुए हाथ से सहलाते हुए आगे की तरफ ले आया और हाथ को चूत की फांक पर फेरने लगा.
उसकी चूत के दोनों होंठों को अलग कर उसके भग्नासे को हल्के हाथ से रगड़ने लगा.
उसकी आह निकलना चाह रही थी लेकिन मेरे होंठ उसके होंठों को बंद करके रखे हुए थे.
थोड़ी देर तक मैंने यही क्रिया जारी रखी.
इसका परिणाम यह हुआ कि पूजा की उत्तेजना और भी उफान मारने लगी थी.
उसकी चिकनी चूत को रगड़ कर ऐसा लग रहा था कि अभी-अभी झांटों को साफ करके आई हो.
पूजा उत्तेजित परी की तरह अपने पूरे उफान पर थी.
मैंने मौका देखते हुए उसको उलटा कर दिया और उसकी नेकर और पैंटी को एक साथ नीचे कर दिया.
आह क्या गांड थी उसकी … एकदम मखमल से मुलायम.
मैंने खुद को नीचे बिठाया और अपने होंठ जवान इंडियन लड़की की चूत पर ले जाकर अपनी जीभ को किसी कुत्ते की तरह आगे बढ़ा दिया और चूत को चाटना शुरू कर दिया.
इस वक्त उसका मुँह आजाद था तो वो मेरे बाल पकड़ कर मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी और आह आह करती हुई अपनी टांगों में मुझे भींच रही थी.
मैं करीब 5 मिनट तक चूत चाटता रहा.
फिर तभी पूजा ने मेरा सिर पकड़ कर मुझे अपने ऊपर की ओर खींच लिया.
वह मेरे होंठों को किस करने लगी और अपनी चूत का स्वाद चखने लगी.
उसके बाद मैंने पूजा को खड़े-खड़े ही दीवार से सटा दिया और एक हाथ को उसके स्तन पर रख कर मसलने लगा.
मैं अपना दूसरा हाथ उसकी चूत की लकीर में ले गया.
उसकी चूत की लकीर में मैं अपनी एक उंगली से प्यार से रगड़ने और सहलाने लगा.
कुछ ही देर बाद मैंने अपना काला लंड बाहर निकाला और पीछे से चूत के छेद पर रगड़ने लगा.
जब लगा कि पूजा पूरी तरह उत्तेजित है और वो लंड लेने को राजी है तो मुझसे रहा नहीं गया, मैं अपना 7 इंच का काला लंड घुसाने ही वाला हो गया था.
तभी उसने मुझे फिर से धक्का दे दिया और रोक दिया.
उसने अलग होते हुए कहा- हम अभी ये नहीं कर सकते!
मैंने थोड़ी देर आश्चर्य से उसकी तरफ देखा, फिर पूछा- क्यों? क्या हुआ?
उसने कहा- मेरा एक ब्वॉयफ्रेंड है और मैं उसे धोखा नहीं दे सकती.
मैंने उसे समझाया- कोई बात नहीं, यह बात हम दोनों तक रहेगी. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.
उसने कहा- मैं कुंवारी हूँ. मैंने अभी तक सेक्स नहीं किया है और यह बात उसको भी पता है. अगर हमने कुछ किया, तो उसको पता चल जाएगा. वो भी अभी तक मेरे लिए ही कुंवारा है. हमने एक-दूसरे के साथ पहला सेक्स शादी करने के बाद करने का वादा किया है और मैं ये वादा नहीं तोड़ सकती. मुझे माफ कर दो.
मैंने कहा- फिर मेरा क्या?
उसने कहा- अभी नहीं.
वह एक पल को रूक गई, फिर कहा- मैं अपनी सील अपने ब्वॉयफ्रेंड से तुड़वाने के बाद तुमसे जरूर सेक्स करूंगी. यह भी मेरा वादा है.
और वह अपने कपड़े पहन कर मेरे कमरे से निकल गई और मैं किसी मनचले आशिक की तरह पिटा हुआ सा मुँह लटकाए उसे देखता रहा.
मेरी साथ हुई पिछली घटना ने मुझे पूरी तरह झकझोर दिया था.
एक पल भी ऐसा न था, जब मैं उस घटना को न याद करता.
पूजा तो चली गई थी लेकिन वो मुझे कभी न भूलने वाली एक कड़वी याद दे गई थी जिसकी वजह से मुझे किसी भी चीज में मन नहीं लग रहा था.
मैं जब भी कोचिंग जाता, मुझे वहां हर लड़की में बस पूजा ही दिखाई देती.
अब उनमें कोई भी आकर्षण नहीं रह गया था.
मेरा लंड तो जैसे खड़ा होना ही भूल गया था.
ऐसा नहीं था कि मैंने कभी चुदाई नहीं की थी.
मैंने खूब चूत मारी हैं पर खड़े लंड पर धोखा … ये साला पहली बार ही हुआ था.
पूजा अगले दिन वापस भोपाल चली गई.
शायद उस रात का असर उसे भी खूब हुआ तो होगा ही, तभी तो इतनी जल्दी वापस चली गई.
पता नहीं उसने अपने आपको कैसे सम्भाहला होगा.
बस एक झटके की देरी थी, अगर लग जाता तो उसकी सील और उसके बायफ्रेंड से किया हुआ पहले सेक्स का वादा एक ही झटके में टूट जाता.
उसके बाद हम खुलकर खूब सेक्स करते.
मगर ऐसा हो न सका और मैं एक कुंवारी लड़की की सील तोड़ते-तोड़ते रह गया.
बस यूं ही करीब महीना भर गुजर गया.
अचानक किसी ने मेरे रूम का दरवाजा खटखटाया.
मैंने जैसे ही दरवाजा खोला मेरे सामने एक प्यारी पर हॉट सी कमसिन लड़की हाथ में मिठाई का डिब्बा लिए खड़ी थी.
मैं समझ गया था कि ये कौन है.
यह थी मेरी हवस को दुबारा जगाने वाली पूजा की बहन भावना.
इस घर की सबसे छोटी बेटी जो मेरे सामने मिठाई का डिब्बा लिए खड़ी थी.
मैं तो बस उसको देखता ही रह गया.
उसकी हाईट 5 फीट 3 इंच, रंग गोरा, उभरती हुई उसकी चूचियां, कमर तक उसके काले लम्बेह बाल, उसकी कतिलाना दो बड़ी-बड़ी आंखें और ऊपर से उसके चेहरे पर जँचता चश्मा.
उसने लाल टॉप पहना था जो उसके उभारों को और भी ज्यापदा आकर्षित बना रहा था.
नीचे सफेद नेकर था.
मेरी आंखों ने झट से उसे स्कैन करना प्रारंभ कर दिया था.
मैंने तो सोचना भी शुरू कर दिया था कि उसकी पतली कमर, कमर के ऊपर दो प्यारे-प्यारे जगह बनाते स्तन, चूत का आकार कैसा होगा उसमें कितने बाल होंगे, क्या ये शेव भी करती होगी, चूत का रंग कैसा होगा … आदि इत्यादि.
तभी उसने चुटकी बजाई और कहा- मिठाई लेना भी है … या मैं चलूँ!
अचानक से जैसे मेरी नींद सी खुली.
मैंने कहा- आप कौन … और ये मिठाई किस खुशी में?
उसने कहा- मैं भावना, इस घर की राजकुमारी. मैं 12 वीं क्लास में फर्स्ट आई हूं.
मैंने उसे बधाई दी और थैंक्स कहा.
वो ‘यू आर वेलकम …’ बोलकर अपनी गांड मटकाती हुई चली गई.
भावना के जाते ही तुरंत में मन में कहा ‘यह भी क्या माल थी यार …’
तब ख्याल आया कि कहीं इसका भी तो कोई बायफ्रेंड नहीं है. आजकल तो स्कूल से ही बीएफ जीएफ बनना शुरू हो जाते हैं.
भगवान भी न … जब देता है तो छप्पर फाड़ कर ही देता है. सोने की कामना थी हीरा मिल गया.
मैं सोचने लगा कि पूजा को अधूरा चोदने का गम यहां पूरा करना है.
पर कैसे बात शुरू की जाए.
मैं बस उससे बात करने का बहाना ढूंढता रहा पर कभी मौका ही नहीं मिला.
मन में प्रशन उठता, शायद उसकी कठोर मां ने ही कुछ कह दिया होगा या फिर पूजा ने ही तो उसको सब कुछ न बता दिया हो.
जब भी हमारा आमना-सामना होता, वो अपना सिर झुका कर निकल जाती.
मैं मन ही मन सोचता कि कहीं मैं इतना बुरा तो नहीं दिखता!
घर के मालिक के यहां एक कुतिया थी. भावना रोज शाम उसको घुमाने ले जाती.
मैं छत से ही उसको देखता रहता.
मैंने उसे फेसबुक और इंस्टाग्राम में भी ढूंढा, पर वो मिली ही नहीं.
तब मैंने सोचा कि ये मछली तो जाल में फंसने से रही.
महीना बीत चला था.
मैंने उम्मीद छोड़ दी थी.
तभी एक दिन उस कुतिया के रोने और भोंकने की आवाज आ रही थी.
कुतिया के गुर्राने और भोंकने की आवाज सुबह से ही आ रही थी.
थोड़ी देर बाद भावना की आवाज आई जो कुतिया को शान्त करने का प्रयास कर रही थी.
मगर कुतिया मान ही नहीं रही थी.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं नीचे भावना के पास आ गया.
मैंने पूछा- इसे क्या हो गया है?
उसने कहा- देखो न कब से जूली को शांत कराने प्रयास करा रही हूं, पर ये है कि सुबह से हल्ला मचाए जा रही है. समझ में नहीं आ रहा कि इसे कैसे शांत करूँ!
कुतिया की आवाज से दर्द साफ पता चल रहा था.
उसकी आवाज सुनने से पता चल गया कि वो हीट पर है और उसको किसी कुत्ते से चुदवाने का समय आ गया है.
वह आजाद होकर खूब चुदवाना चाहती है.
मेरा अनुभव यह कहता है कि ये छटपटाहट तो बस उसी कारण से है.
फिर भी मैंने पक्का करने के लिए भावना से कहा कि जूली को जरा पकड़ना.
उसने बैठ कर जूली को सहलाते हुए बड़े प्यार से कहा- चुप हो जा मेरा बच्चा.
यह कह कर उसके चेहरे को अपने स्तनों के करीब करके पकड़ लिया.
मैं मन ही मन सोचने लगा कि काश इसकी जगह मैं होता.
खैर … मैं जूली के पास गया.
पहले तो मैंने उसे सहलाया, फिर प्यार से उसकी पूंछ को उठा कर देखा.
उसकी चूत फूली हुई थी.
मुझको समझ में आ गया कि यह सच में हीट पर है और उसकी चूत को कुत्ते कर लंड चाहिए है. इसका क्रॉस करने का समय आ गया है, तभी ये इतनी बेचैन है.
मैंने ‘हम्म् …’ कहते हुए सिर हिलाया.
भावना मुझे देख रही थी.
उसने तुरन्ते बेचैनी से पूछा- क्या हो गया?
मैंने कहा- इलाज जल्दी करना होगा, नहीं तो ये पागल हो जाएगी.
भावना के चेहरे पर उदासी छा गई और उसने कहा- मेरे मम्मी पापा बाहर गए हैं और मेरे पास ज्यादा पैसे भी नहीं हैं.
यह सुनते ही मैंने कहा- इसे डॉक्टर की नहीं, इसे उसकी जरूरत है.
मैंने ये कहा और शांत हो गया.
उसने आश्चुर्य से पूछा- किस चीज की?
मैंने कहा- अब तुम्हें कैसे बताऊं, पता नहीं तुम समझो कि नहीं.
ये कह कर मैं रूक गया.
उसने कहा- बताओ तो सही, क्या. हो गया जूली को?
‘अब तुम्हें कैसे बताऊं …’ कहकर मैं रूक गया.
फिर कुछ सोचते हुए मैं वापस बोल पड़ा- एक साथी की, अब इसका समय आ गया है और ये जवान हो चली है. ये मिलन को तरस रही है. इसका मिलन होना बहुत जरूरी है. नहीं तो यह पागल हो जाएगी.
वह मेरी तरफ देख रही थी और कुछ न समझने जैसी प्रतिक्रिया दे रही थी.
फिर मैंने उसे डराते हुए पूछा- क्या कभी इसका मिलन हुआ है?
तो उसने न में सर हिला दिया.
फिर मैंने सोचा कि जल्दी नहीं है, यदि अभी किया … तो ये मर भी सकती है.
मैंने सीधे-सीधे कुछ नहीं कहा, सब इशारों में कहा.
पर भावना सब समझ रही थी.
थोड़ी देर सोचने के बाद उसने अपनी किसी सहेली को फोन किया और सब बता दिया.
थोड़ी देर बाद उसकी सहेली एक छोटा सा पामेरियन नस्ल का कुत्ता लेकर आई.
अब जूली थी जर्मन शेफर्ड नस्ल की और वो जरा सा गुलगुला सा डॉग … कुछ होना ही नहीं था.
बीस मिनट तक नाकाम कोशिश हुई.
छोटे आकार की प्रजाति का कुत्ता कहां बड़ी हाईट की कुतिया के साथ चुदाई कर पाता.
बस वो कोशिश ही करके रह गया.
वह लटक कर जूली को चोदने का प्रयास करता और जैसे ही लंड डालने को होता, छोटे कद की वजह से नीचे गिर जाता.
ऐसा बार बार होता रहा.
हम तीनों बस ये तमाशा देख ही रहे थे.
मैं कुछ देर तक ये सब देखकर अपनी हंसी नहीं रोक पाया और हंस पड़ा.
भावना ने मेरी तरफ गुस्से से देखा और कहा- तुम्हें हंसी आ रही है और मेरी जान निकली जा रही है. तुम कुछ करते क्यों नहीं?
मैंने भी तपाक से कह दिया- कोई लड़की होती तो जरूर कर देता.
यह सुन उसकी सहेली भी हंस पड़ी.
भावना ने कहा- मैं कितनी परेशान हूँ और तुम लोग हंस रहे हो.
फिर हम तीनों ही हंस पड़े.
मैंने कहा- इसके लिए किसी अनुभवी कुत्ते की जरूरत है!
यह सुन कर भावना ने कहा- अब ये कहां से लाएं?
मैंने सोचा कि यही मौका है भावना को इंप्रेस करने का.
मैं बिना कुछ कहे बाहर आ गया और एक दुकान पर जाकर बिस्किट का एक पैकेट ले लिया.
अब मैं इधर-उधर देखने लगा.
आप लोग तो जानते ही हैं कि मोहल्ले में लावारिस कुत्तों की कोई कमी नहीं होती ही. वे सब चुदाई में कितने माहिर होते हैं.
मुझे एक कुत्ता दिखा. मैंने तुरन्त उसकी तरफ बिस्किट का एक टुकड़ा फेंका.
कुत्ते ने तुरंत पास आकर टुकड़ा खाना शुरू कर दिया.
मैंने तुरंत उसे पीछे से पकड़ लिया और लेकर वापस आ गया.
मेरे हाथ में कुत्ता देख भावना के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई.
मैंने कुत्ते को जूली के पास ले जाकर छोड़ दिया.
फिर क्या … देशी कुत्ता था, चोदने को विदेशी नस्ल की चूत मिल रही थी, वो भला मौका कैसे छोड़ता.
जाते ही साला जूली की चूत सूंघने लगा.
फिर तुरन्त चाटना शुरू कर दिया.
जूली तो चुदाई के लिए कबसे बेकरार थी.
उस देसी कुत्ते की लपलप करती जीभ से मुझे यही अहसास हो रहा था कि कुत्ता हो या मर्द … फ्री की चूत देख कर कैसे जीभ लपलपाता है.
दोस्तो, कुत्ते कुतिया की चुदाई से भावना की चूत में क्या हलचल हुई और क्या वह मेरे लौड़े के नीचे आ सकी।
इसका खुलासा सेक्स कहानी के अगले भाग में करूंगा.
आपको जवान इंडियन लड़की की चूत का मजा आया?
आप अपने विचार कमेंट्स में जरूर बताएं.
लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.
जवान इंडियन लड़की की चूत की कहानी अगला भाग: मकान मालिक कुंवारी बेटियां- 3
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