सेल्स गर्ल की जमकर चुदाई- 2
(Jawan Chut Ki Chudai Ka Maja)
जवान चूत की चुदाई का मजा मुझे दिया मेरे घर सामान बेचने आई एक सेक्सी सेल गर्ल ने! मैंने उसके साथ डील कर ली थी कि वो मेरे साथ 2 दिन रहेगी.
मैं कमल सिंह अपनी कहानी के अगले भाग में आप सभी पाठकों का स्वागत करता हूँ।
कहानी के पहले भाग
कमसिन लड़की की चूत चुदाई का सपना
में आपने पढ़ा कि मैं किसी कमसिन लड़की की चुदाई की फंतासी रखता था. आंटियां, भाभियाँ तो मैंने बहुत चोद ली थी.
एक दिन मेरे घर एक सेल गर्ल आई. उसकी हरकतों से मुझे लगा कि यह लड़की कुछ चालू है.
तो दोस्तो, चलते हैं अपनी कहानी में और आगे जवान चूत की चुदाई का मजा लेते हैं.
अब तक मेरा मन हो गया था कि अगर मुझे रूपा के द्वारा किसी भी प्रकार से इशारा प्राप्त होता है तो मैं उसको चोदने से पीछे नहीं हटूंगा भले ही वो मुझसे 28 साल की छोटी है।
अभी तक रूपा मुझे सोफे पर बैठाकर मेरे सामने खड़ी होकर मेरे पीठ पर अपनी मशीन का डेमो दे रही थी जिससे कि उसका सीना मेरे चेहरे के सामने था और उसके तने हुए दूध बार बार मेरे चेहरे से टकरा रहे थे।
पहले तो मुझे लग रहा था कि कही रूपा चालू किस्म की लड़की तो नहीं है लेकिन ऐसा मानना मेरी गलती भी हो सकती थी।
हो सकता था ऐसा होना केवल एक इत्तेफाक हो।
कुछ देर बाद रूपा अपनी मशीन बंद करके सोफे में बैठ गई और मशीन की और जानकारियां देने लगी।
अब मेरा मन और मेरी नजर मशीन पर नहीं बल्कि रूपा के बदन पर दौड़ रही थी।
उसके तने हुए दूध उसकी शर्ट पर तम्बू बनाये हुए थे और उसकी पैन्ट पर उसकी कसी हुई जाँघें मेरा मन व्याकुल कर रही थी।
उसका प्यारा सा मासूम चेहरा और मस्त पतले पतले होंठ देख ऐसा लग रहा था कि अभी उसके होंठों को चबा जाऊ।
अब मैंने भी एक चांस लेने की सोची अगर बात बन गई तो आज की रात मेरे लिए बड़ी हसीन रात हो सकती थी और अगर बात नहीं बनी तो मेरा कम उम्र की लड़की को चोदने का सपना बस सपना ही रह जाता।
मैंने रूपा से कहा- देखो, मेरी कमर और पीठ पर काफी दर्द रहता है। तुम्हारे डेमो देने से मुझे कुछ कुछ आराम सा मिला अगर तुम इस मशीन से मेरा दर्द कम कर दो तो मैं तुम्हारी मशीन ले लूंगा।
मेरी बात सुनकर रूपा तुरंत बोली- क्यों नहीं सर, आपको बिल्कुल भी दर्द का अहसास नहीं होगा। मैं कुछ ही देर में आपका दर्द ख़त्म कर दूँगी।
मैंने कहा- तुम्हें लेट तो नहीं हो रहा है न?
रूपा बोली- नहीं सर, ऐसी कोई बात नहीं है. वैसे भी बाहर तेज बारिश शुरू हो गई है. जब तक बारिश बंद नहीं हो जाती. मैं जा भी नहीं पाऊंगी. तब तक तो मैं आपको सेवा दे सकती हूं. फिर उसके बाद आपके ऊपर है कि मशीन लेना है या नहीं।
मैंने कहा- यहाँ पर तो मुझसे लेटते नहीं बनेगा, चलो अंदर चलते हैं।
मैं वैसे ही तौलिया लपेटे हुए अपने बेडरूम की तरफ चल दिया और रूपा अपनी मशीन लेकर मेरे पीछे पीछे आने लगी।
बेडरूम में आकर उसने मुझसे कहा- सर आप पेट के बल लेट जाइए।
मैंने अपनी बनियान निकाल दी और वैसे ही तौलिया लपेटे हुए पेट के बल लेट गया।
रूपा ने अपनी मशीन शुरू की और हल्के हाथों से मेरी पीठ पर चलाने लगी।
एक हाथ से वो मशीन चला रही थी और दूसरे हाथ को मेरी पीठ पर रखी हुई थी।
वह पीठ से लेकर कमर तक मशीन चला रही थी और उसके ऐसा करने से मेरे तन बदन में आग लग रही थी।
उसके कोमल कोमल नाजुक हाथ मेरी पीठ पर चल रहे थे जिससे मेरा लंड जल्द ही अपने पूरे आकर में आ गया था और बिस्तर पर दबा जा रहा था।
उस वक्त मैं यह बिल्कुल भूल गया था कि रूपा मुझसे 28 साल छोटी है.
मुझे तो बस उस वक्त वो लड़की नजर आ रही थी जिसके साथ आज मैं अपने सपने पूरे कर सकता था।
रूपा पीठ से लेकर कमर तक अपनी मशीन चला रही थी और साथ ही साथ अपने एक हाथ को भी मशीन के साथ साथ मेरे बदन पर चला रही थी।
करीब 20 मिनट तक उसने अपनी मशीन को मेरी पीठ पर चलाया और फिर मुझसे पूछने लगी- कैसा लगा सर? कुछ अच्छा महसूस हुआ?
मैं- महसूस तो काफी अच्छा हो रहा है और मन कर रहा है कि आपकी ये सारी मशीनें मैं ही खरीद लूं।
रूपा- अरे सर, आप इतनी मशीनों का क्या करेंगे? यह एक ही मशीन काफी है आपके लिए!
मैं- नहीं नहीं, मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ, सही बोल रहा हूँ. मैं अपने रिश्तेदारों और ऑफिस में लोगों को अपनी तरफ से गिफ्ट कर दूँगा।
रूपा- अरे सर, ऐसा मजाक मत करिए. अगर आपने मेरी सारी मशीनें खरीद ली तो मुझे 2 दिन कहीं भटकने की भी जरूरत नहीं है, मेरा कोटा भी पूरा हो जाएगा।
यहीं पर मैंने अपना गेम खेलना शुरू किया और पलटकर सीधा लेट गया और उससे बोला- ठीक है. तो अगर ऐसी बात है तो मैं तुम्हारी सभी मशीनें लेने के लिए तैयार हूँ. लेकिन तुम दो दिन भटकने के बजाय मेरे साथ रुकोगी।
रूपा ने मेरी तरफ देखा और उसकी नजर मेरे तौलिये में बने तम्बू पर गई।
वह सब समझ चुकी थी कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ।
उस तम्बू को देख वो शर्मा सी गई और मुस्कुराती हुई बोली- आप अकेले रहते हो क्या?
बस मैं समझ गया कि लड़की फंस गई।
मैं- हाँ, बिल्कुल अकेला. और तुम कहो तो अपने ऑफिस से 2 दिन की छुट्टी भी ले लूं।
रूपा- जानते हैं ये सारी मशीनें कितने की हैं?
मैं- कितने की?
रूपा- छः हजार की।
मैं- कोई बात नहीं, मैं सब ले लूंगा अगर तुम्हें मेरी शर्त मंजूर हो तो?
कुछ देर ऐसे ही रूपा खड़ी हुई सोचती रही और फिर बोली- ठीक है, मुझे मंजूर है।
जैसे ही उसके मुँह से मैंने हाँ सुना तुरंत ही उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया।
अपना हाथ छुड़ाते हुए वह बोली- पहले दरवाजा तो बंद कर आइए।
मैं जल्दी से गया और बाहर का दरवाजा बंद किया।
उस वक्त बाहर बेहद तेज बारिश शुरू हो चुकी थी।
मैं दरवाजा बंद करके चुपचाप अंदर आ गया और बेडरूम में जाकर रूपा को पकड़कर अपनी बाहों में भर लिया।
अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था लेकिन रूपा बोले जा रही थी- रुकिए न … रुकिए तो!
लेकिन अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इतनी कमसिन हसीन माल जिसके पास हो उससे कैसे रुका जा सकता है।
मैंने तुरंत ही रूपा के होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूमने लगा।
अब रूपा भी शांत हो गई और मेरा साथ देने लगी।
जिस प्रकार से वह मुझे चूम रही थी, उससे पता चल रहा था कि रूपा इस खेल में अनाड़ी नहीं है।
भले वो उम्र में छोटी थी लेकिन काफी सेक्सी और उत्तेजक थी।
कुछ देर हम दोनों वैसे ही खड़े होकर एक दूसरे को चूमते रहे और फिर अलग हो गए।
अब मैंने उसके शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और एक एक करके सारे बटन खोल दिए।
मैंने उसकी शर्ट निकाल कर अलग की और अब उसके पैन्ट को उतारने लगा।
जल्द ही उसकी पैन्ट भी निकल गयी और अब वह केवल ब्रा पैन्टी में मेरे सामने थी।
उसके तने हुए दूध ब्रा के ऊपर से ही काफी आकर्षक लग रहे थे।
उसने जो पैन्टी पहनी हुई थी उसमें सामने से उसकी फूली हुई चूत साफ साफ झलक रही थी।
मैंने भी अपना तौलिया निकाल दिया और अब मैं भी केवल चड्डी में था।
मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हुआ था और पैन्टी से बाहर निकलने को बेताब था।
अब मैं अपने दोनों हाथ रूपा की पीठ पर ले गया और उसकी पीठ सहलाते हुए उसे अपने सीने से लगा लिया।
उसके दूध मेरे सीने पर आकर दब गये और जो कि काफी नुकीले थे।
मैं उसकी गर्दन को चूमते हुए उसकी ब्रा को खोल दिया और आराम से निकालकर अलग कर दिया।
अब उसके नंगे दूध मेरे सीने पर दबे हुए थे और मैं उसकी पीठ को अपने हाथों से सहलाते हुए दूध को सीने पर मसल रहा था।
मेरा एक हाथ उसके चूतड़ पर पहुँच गया और उसके चूतड़ को मसलने लगा।
जल्द ही मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और बुरी तरह से उसके चूतड़ मसलने लगा।
कुछ ही देर ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे को सहलाते रहे और फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया।
अब मैं अपनी चड्डी भी निकाल दी और पूरी तरह से नंगा होकर रूपा के ऊपर चढ़ गया।
मैंने उसने दोनों दूध पर हमला कर दिया और एक निप्पल को मुँह में भर कर दूसरे दूध को अपनी मुट्ठी में भर कर बुरी तरह से दबाना शुरू कर दिया।
रूपा बुरी तरह से बिलखने लगी और बिस्तर पर मचलने लगी।
एक एक करके मैंने उसके दोनों दूध को बुरी तरह से चूसा और दबाया।
उसके दूध वास्तव में काफी टाइट और नुकीले थे।
मैं एक हाथ से उसकी जांघो को सहलाते हुए मसलता जा रहा था जिससे उसकी जांघ पूरी लाल हो चुकी थी।
मैंने काफी देर तक उसके दूध को निचोड़ा जिससे कि दोनों दूध बुरी तरह से लाल हो गए थे।
कुछ देर बाद मैं उसके सीने के ऊपर आ गया जिससे कि मेरा लंड उसके मुंह के सामने आ गया।
मैंने उससे लंड सहलाने के लिए कहा और वह लंड हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी।
तब मैंने उससे पूछा- मेरा लंड कैसा है?
तो उसने कहा- आपका तो काफी ज्यादा बड़ा और मोटा है।
मैंने उससे पूछा- पहले कितनी बार सेक्स कर चुकी हो?
तो उसने जवाब दिया- मैंने आजतक केवल दो लोगों के साथ ही सेक्स किया है. एक मेरा बॉयफ्रेंड और दूसरा एक और कस्टमर के साथ।
उसने कितनी चुदाई की है, यह तो मुझे उसकी चूत देखकर पता चल जाता लेकिन अभी मैंने उसकी चूत देखी नहीं थी।
काफी देर तक उसने मेरे लंड को आगे पीछे करके सहलाया और फिर मैंने अपने लंड को पकड़कर उसके होंठ पर रख दिया।
पहले तो वह लंड अंदर लेने से मना करती रही लेकिन मैंने जबर लंड उसके मुंह में पेल दिया।
कुछ देर बाद वो खुद मेरा लंड चूसने लगी और फिर मैं अपनी कमर हिलाकर उसके मुँह को ही चोदने लगा।
मैं कुछ देर तक उसके मुंह को चोदता रहा और फिर इसके सीने से उतरकर उसके पैरों के पास आ गया।
अब मैंने उसकी चड्डी पकड़ी और एक झटके में ही निकालकर अलग कर दी।
वह भी अब पूरी तरह से नंगी थी।
मैंने उसकी चूत को पहली बार देखा जो बिल्कुल छोटी सी थी और गोलगप्पे की तरह उभरी हुई थी।
तब मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया जिससे उनकी चूत के होंठ खुल गए और उसका छेद सामने आ गया।
उसकी चूत देखकर लग रहा था कि वह ज्यादा नहीं चुदी थी या फिर किसी पतले लंड से ही चुदी होगी।
क्योंकि उसकी चूत ज्यादा फैली नहीं थी और बहुत टाइट दिख रही थी।
उसकी चूत का रंग गेंहुए रंग का था.
चूत में एक भी बाल नहीं थे और चूत साफ सुथरी थी।
मैं झुका और अपना मुंह उसकी चूत में लगा दिया।
अपनी जीभ से मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो बेहद ही उत्तेजित हो गई और बिस्तर पर इधर उधर मचलने लगी।
‘ऊऊईई ऊऊईई आआह आआह’ की आवाज कमरे में गूंज उठी।
बीच बीच में मैं अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल देता जिससे वो बिल्कुल उछल जाती।
वास्तव में उसकी चूत उस हिसाब से नहीं चुदी थी जैसा मैं सोच रहा था।
अभी उसकी चूत काफी ज्यादा टाइट थी।
कुछ देर बाद ही रूपा बुरी तरह से गर्म हो गई और उससे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
वह अपने पैर पटकने लगी और मेरे सर को चूत से हटाने लगी।
अब देर करना सही नहीं था और मैं अब उठा और उसके ऊपर आ गया।
उसके दोनों घुटनों को अपने हाथों में फंसाकर उसके पैरों को ऊपर हवा में उठा लिया जिससे मेरा लंड उसके चूत के सामने आ गया।
मैं उसके ऊपर हो गया और उससे लिपट कर उसके कानों को चूमते हुए बोला- डाल दूँ अब?
“हाँ डाल दीजिए।”
अब मैंने लंड को छेद में लगाया और अपनी कमर से जोर दिया।
जल्द ही मेरा सुपारा अंदर गया, रूपा जोर से बोली- ऊऊईई मम्मीईई ईईई!
“क्या हुआ मेरी जान?”
“आआह … आपका बहुत मोटा है. दर्द हो रहा है।”
“कुछ नहीं होगा. बस एक बार अंदर जाने दे. फिर देता हूँ तुझे मजा!”
अब मैंने फिर से जोर दिया और लंड चूत को फैलाता हुआ उसकी गहराई तक उतर गया।
रूपा जोर से चिल्लाने लगी- आआह अंकल, बहुत दर्द हो रहा है. आआह … निकालो थोड़ा!
वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी।
लेकिन मैंने उसे अपने नीचे दबा रखा था और वह हिल भी नहीं पा रही थी।
अब मैंने एक दो बार लंड अंदर बाहर किया और जब आसानी से लंड जाने लगा तो मैंने अपनी रफ्तार तेज कर दी।
रूपा बुरी तरह से चिल्ला रही थी और मैं दनादन उसे चोदे जा रहा था।
जल्द ही उसकी आँखों में आंसू आ गए लेकिन मैं रुका नहीं और दनादन उस जवान चूत की चुदाई जारी रखी।
शीघ्र ही वह भी शांत हो गई और मुझे जकड़ लिया उसने अपनी बांहों में!
अब उसकी चीखने चिल्लाने की आवाज सिस्कारियों में बदल गई और अब वह ‘आआह आह ऊऊऊ ऊऊऊ ऊऊह आआह’ करती हुई मेरी कमर को जोर जोर से दबाने लगी।
उसे भी अब पूरा मजा आ रहा था और मैं भी उस कमसिन लड़की की चुदाई का पूरा मजा ले रहा था।
करीब दस मिनट की चुदाई के बाद रूपा झड़ गई और मुझसे लिपट गई।
जल्द ही मैं भी झड़ गया और अपना पूरा माल उनके चूत में ही भर दिया।
हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही चूत में लंड डाले लेटे रहे और लंड अपने आप ढीला होकर बाहर निकल आया।
उसके बाद मैं उससे अलग हुआ और बगल में लेट गया।
दोस्तो, इस कहने के अगले भाग में आप पढ़ेंगे कि किस तरह से रूपा के मना करने के बाद भी मैंने उसकी कुँवारी गांड की सील तोड़ दी और उसकी गांड की जबरदस्त चुदाई की।
इसके अलावा जब तक वह मेरे घर पर रही तो किस किस तरह से मैंने उसे चोदा और मजे लिए।
जवान चूत की चुदाई कहानी में आपको मजा आ रहा होगा?
मुझे मेल और कमेंट्स में बतायें.
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जवान चूत की चुदाई की कहानी का अगला भाग: सेल्स गर्ल की जमकर चुदाई- 3
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