मेरे जन्मदिन पर मेरे यार ने दिया दर्द-3

(Mere Janamdin Pe Mere Yaar Ne Diya Dard- Part 3)

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करन ने खुश होकर मेरी साड़ी खींचनी शुरू कर दी और मैं घूमने लगी और मेरी साड़ी पूरी अलग हो गयी।
मैंने कहा- काफी अनुभव लगता है साड़ी उतारने का?
तो वो हंसने लगा।

मैंने कहा- एक जादू देखोगे?
और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल के उसे भी नीचे गिरा दिया। अब मैं सिर्फ अपनी सेक्सी लाल ब्रा और पैंटी में खड़ी थी और मेरे आधे चेहरे पर गिरे खुले बाल हल्के हल्के उड़ रहे थे और वो पूरे कपड़ों में था. हालांकि उसका लन्ड उसकी पैंट में तन चुका था।

मुझे इस हालत में देखकर वो एकदम से मेरे पास आया और मुझसे लिपट गया। उसका लन्ड मेरी चूत पर बाहर बाहर से ही रगड़ लगा रहा था तो मुझे और जोश आ गया। मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर को निकाल दी और बनियान भी निकाल फेंका।

करन ने अपने लोअर यानि पाजामे को नीचे सरका दिया और पैर से साइड में कर दिया। उसका लन्ड एकदम तन चुका था उसके कच्छे में।
मैंने कहा- क्यूँ अपने लन्ड का दम घोट रहे हो, कच्छा भी उतार दो।
उसने कहा- चलो, एक दूसरे के उतारते हैं।

उसने मेरी पैंटी की साइड में उंगली देकर नीचे सरका कर उतार दी और मैंने उसका कच्छा नीचे खींचकर उतार दिया। फिर उसने मेरी ब्रा को भी उतारने में देर नहीं लगाई और हम दोनों एकदम नंगे होकर खड़े हो गए एक दूसरे के सामने।

कुछ देर तक तो वो मेरे नंगे बदन को देखता रहा और मैं उसे।
मैं बोली- देखते ही रहोगे या कुछ करने का इरादा भी है?
करन मुस्कुराने लगा और बोला- जानू … पूरी रात पड़ी है हमारे सामने, आराम आराम से करेंगे.

वो मेरे पास आया और मेरे बूब्स को हाथों में भर के प्यार से मसलने लगा जैसे आटा गूँथ रहा हो, मेरी सिसकारियाँ निकालने लगी और मैं आह… आहह… आहह… करने लगी। मैंने भी उसकी गर्दन को अपनी बांहों में भरा और प्यार से किस करने लगी। हम ऐसे करते करते चलते चलते बेड पर आ के गिर गए और वो मेरे ऊपर आकर हवस से भरी किस कर रहा था और मेरे बूब्स को मसल रहा था।

फिर करन मेरे बांयें बूब को होंठों से बुड़क भर भर के किस करने लगा और निप्पल को चूसने लगा. मैं आँखें बंद किए अपने दाँतों से होंठ दबाये सीईईई … कर रही थी। करन धीरे धीरे नीचे जाता जा रहा था और पेट पर आकर किस करने लगा।
मेरा पेट कामुकता और जोश के कारण फड़क रहा था और मैं स्ससस्स … स्सस्सस्स … करती हुई तेज़ तेज़ सांसें ले रही थी, हालांकि मुझे हल्की हल्की गुदगुदी सी भी हो रही थी तो मुस्कुरा भी रही थी और बेड पर ऊपर नीचे मचल भी रही थी।

अब करन सीधा मेरी चूत पर आ गया और एकदम से बुड़क भरी और जैसे खाने लगा हो। मैं एकदम से मुंह खोल कर ज़ोर से आहह… करके उठी अपने हाथों से टेक लगा कर बैठ गयी।
करन मेरी चूत को चाटे जा रहा था, उसकी गीली जीभ का स्पर्श मुझे बहुत आनंदित कर रहा थे।

फिर वो अपनी जीभ को मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा और मैं आनंद और वासना से भरती चली गयी। मैंने एक हाथ से उसका सिर अपनी चूत पर दबाया और टाँगें क्रॉस करके उसका सर चूत में दबाये जा रही थी. मैं ज़ोर ज़ोर से उम्म्ह… अहह… हय… याह…. सिसकारियाँ लिए जा रही थी।

थोड़ी देर में ही मेरी चूत चिकनी हो चली थी और चिकनाहट के कारण बाहर तक चमकने लगी थी। मैंने टांगें खोली और करन को बोला- लो अब तुम बैठो!
तो वो बेड पर पैर लटका कर लेट गया।

मैंने अपने कोमल हाथों में उसका लन्ड भरा और प्यार से एक बार ऊपर से नीचे तक किया जिससे उसके लन्ड की खाल पीछे हो गयी और लन्ड का मुंह बाहर आ गया। करन मेरी तरफ देखते हुए बोला- आहह … सुहानी … तुम्हारे हाथ कितने कोमल हैं … लंबी लंबी उंगलियाँ, लंबे लंबे नाखून, उन पर लाल नेल पोलिश, तुम्हारा तो हर अंग सेक्सी बनाया है भगवान ने।
मैंने उसको देखते हुए एक स्माइल दी और उसके लन्ड के मुंह पर एक किस की और उस लन्ड के छेद पर अपनी जीभ से छुआ तो वो फड़क गया और करन ने ज़ोर की आहह… भरी।

शायद लड़को को मुंह से लन्ड चुसवाना बहुत पसंद होता है.

तो मैं उसका लन्ड मुंह में भर के ऊपर नीचे चूसने लगी और जीभ से लन्ड को छू छू के खेल रही थी। करन का लन्ड पूरा तन गया था और लगभग सात इंच तक बड़ा हो गया था. वो मोटा तो था ही, तो मैं लंड मुंह से बाहर निकाल कर हट गयी और उसके बगल में बैठ के हाथ से सहलाने लगी।

करन बोला- क्या हुआ जानू, इतना मजा आ रहा था, रुक क्यूँ गई।
मैंने कहा- ताकि तुम्हारा निकल न जाए और मेरा मजा अधूरा ना रह जाए।
करन बोला- चलो ठीक है, तो शुरू करते हैं। तुम लेटो बेड पर।

मैं बेड पर पैर लटका के लेट गयी और करन मेरी टाँगों के बीच आया।
मैंने कहा- अब क्यूँ तड़पा रहे हो? डालो न … मेरी चूत कब से तुम्हारे लन्ड के लिए तड़प रही है. इतना वक़्त हो गया खुद को काबू करते हुए, बस अब नहीं।
करन मुस्कुराया और बोला- ठीक है जानू, ये लो।

करन ने मेरी दोनों टांगें फैलाकर बेड की तरफ उठा दी और मेरी फड़कती चूत पर अपना लन्ड लगाया और बोला- डालूँ जी?
मैंने कहा- प्लीज डालो न।
क्योंकि मुझे चुदवाए हुए टाइम हो गया था तो मैंने कहा- धीरे धीरे डालना, काफी टाइम हो गया है तो शायद दर्द हो।
करन ने आधे से भी कम लन्ड मेरी चूत में डाला तो मेरी आहह निकल गयी हल्के से दर्द और आनंद के कारण।

करन ने देखा और बोला- क्या हुआ, रुक जाऊँ क्या?
मैंने कहा- नहीं नहीं … तुम चालू रखो।
अब करन ने धीरे धीरे लन्ड को अंदर धकेलना शुरू किया और उसका लन्ड मेरी चूत की दीवारों में जबरदस्ती जगह बनाता हुआ उसे चौड़ी करता हुआ अंदर जाने लगा।

उसने एकदम से नहीं पर प्यार से धीरे धीरे लन्ड डाला था तो मुझे उसके डालने का मीठा दर्द भी तब तक होता रहा जब तक वो पूरा अंदर नहीं चला गया। और अंदर पहुँचते ही लन्ड ने मेरे जी-स्पॉट को स्पर्श करके दबा दिया और पूरा अटक गया।
मैंने आहह हहह हहहह … करके ज़ोर की सिसकारी ली।

करन समझ गया तो वो अपने लन्ड को अंदर ही अंदर थोड़ा थोड़ा धक्का मार रहा था और मैं घर्षण के कारण मंद मंद सीईईई… सीईईई… सिसकारियाँ ले रही थी।

कुछ पल ऐसे ही करने के बाद मैंने कहा- अब तुम शुरू कर सकते हो चोदना।
करन ने बोला- यार, बड़ा मजा आया ऐसे धीरे धीरे डालने में! जैसे जैसे तुम्हारी चूत मेरे लन्ड को जकड़ती जा रही थी और दबाव बना रही थी, मजा ही आ गया। चलो मैं आज धीरे धीरे ही चोदना शुरू करता हूँ.
मैंने हाँ में सर हिला दिया।

करन ने लन्ड बाहर निकाला और धीरे धीरे दुबारा डाला और निकाला, फिर निकाला … फिर डाला और आह… आह… अहहह… करने लगा।
उसका लन्ड किसी ट्रेन की तरह घुसता जा रहा था और जब चूत के बाहर जाकर अटक जाता तो मुझे ऊपर को झटका लगता और मेरी आहह… निकल जाती। मैं उसकी आंखों में देखती हुई ऊपर नीचे हाँ में सर हिला रही और आँखों ही आँखों में कह रही थी- चोदना चालू रखो प्लीज।

फिर धीरे धीरे उसकी भी गति बढ़ती चली गयी और पट्ट पट्ट की हल्की आवाज आने लगी हमारे जिस्म टकराने की। मैंने भी सिसकारियाँ तेज़ कर दी थी और ज़ोर जोर से आहह… उहह… आहह… आहह… कर रही थी.
करन भी दम भरते हुए हम्म … हम्म … हम्म … कर रहा था।

मैं बेड पर ऊपर नीचे हिल रही थी उसे देखती हुई और मेरे ऊपर झुका हुआ मुझे चोदे जा रहा था। ऐसे ही लगभग 7-8 मिनट तक चोदने के बाद वो सांस फूलने की वजह से रुक गया और बेड पर मेरे बगल में आकर लेट गया और हाँफने लगा।

मैं भी तेज़ तेज़ उन्हह… उम्मह… उनहह… करके हाँफ रही थी और करन मेरे बूब्स को ऊपर नीचे हिलते हुए देख था।
मैं बोली- मजा आया यार … आगे तो करो!
तो वो बोला- कर रहा हूँ, सांस तो लेने दो, वरना तुम्हारे ऊपर ही मर जाऊंगा लन्ड डाले डाले।
मैं मुस्कुराने लगी और बोली- अरे नहीं … आपको मरने थोड़े ही दूँगी मैं ऐसे।
मैं बोली- तुम लेटे रहो मैं करती हूँ.

मैंने उसके लन्ड को सहलाया और फिर मुंह में लेकर हल्के हल्के चूसने लगी, करन बेड पर लेटे लेटे हम्म… हम्म… हम्म… कर रहा था।

जब उसका लन्ड फिर से पूरा तन गया तो मैं उसके ऊपर आई और उसके चेहरे पर झुक के घुटनों के बल बैठ गयी, मेरे खुले बाल करन के चेहरे के बगल में आकर लटक गए और मैं उसकी आंखों में देखते हुए बोली- तैयार हो ना?
करन ने हाँ में सर हिलाया तो मैंने नीचे हाथ देकर उसका लन्ड अपनी चूत पर टिकाया और धीरे से चूत में लेती हुई पीछे हो गयी और हल्की सी सीईई … भरी।

अब मैं करन के ऊपर लन्ड चूत में लिए लिए आगे पीछे होने लगी और करन मेरे बूब्स को प्यार से मसल रहा था. मैं उसके ऊपर पड़ी आहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… आ … आ… हह… आहह… करके कूद कूद कर चुदवाए जा रही थी।

करन भी ऊपर नीचे बेड पर हिलते हुए मेरी आंखों में देख रहा था। बीच बीच में मैं उसके होंठों पर किस भी कर रही थी।

फिर लगभग 4-5 मिनट बाद मैं थक गयी तो उसके ऊपर ही लेट गयी। मेरे बूब्स उसकी छाती से सटे हुए थे और उसका लन्ड अभी भी चूत में ही पड़ा था और मैं और वो ज़ोर ज़ोर से आन्हह… आनहह… कर के साँसें ले रहे थे।

करन बोला- थक गए क्या बाबू?
तो मैं बोली- तुम थक सकते हो तो मैं भी तो थक सकती हूँ।
उसने बोला- चलो थोड़ा आराम कर लो!
तो मैं उसके ऊपर पड़े पड़े ही आराम करने लगी।

धन्यवाद।
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कहानी जारी रहेगी.

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