पठान अंकल ने मेरी सील तोड़ कर चूत फाड़ी

(Indian Teen Virgin Sex Kahani)

रिया सिंह 9 2024-11-10 Comments

इंडियन टीन वर्जिन सेक्स कहानी में मेरी विधवा मम्मी गैर मर्दों से चुदवाती थी. एक रात मैंने मम्मी को एक अंकल से चुदती देख लिया. उसके बाद अंकल ने मुझे कैसे चोदा.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, आपकी रिया एक बार फिर से हाजिर है एक नई सच्ची कहानी के साथ!
इस इंडियन टीन वर्जिन सेक्स कहानी में पात्रों के नाम बदल दिए गए हैं.

मैं अपनी मम्मी के साथ रहती हूं, पापा नहीं हैं.

मम्मी का बॉडी फिगर बहुत ही सेक्सी और आकर्षक है. मम्मी का साईज 36-32-42 है.
मेरी उम्र 19 साल और फिगर 32-28-36 है.

मेरी मम्मी ने बहुत लोगों से चुदाई का मजा है और वे अपनी चुदाई का कोई मौका नहीं छोड़ती.

एक बार मम्मी 1 सप्ताह के लिए बाहर गई और जब वापस आई तो उनके साथ एक हट्टा कट्टा पठान भी आया था.
वह पठान कई दिनों से हमारे साथ हमारे घर में रह रहा था.

एक रात को मुझे पेशाब लगी तो मैं बाथरूम जाने लगी.
तो मम्मी के कमरे की लाइट जली हुई थी और अजीब सी आवाजें आ रही थी.

मैंने धीरे से खिड़की का पल्ला धकेल कर अंदर का हाल देखा तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई.
मम्मी और वह पठान दोनों बिल्कुल नंगे थे.
मम्मी के बड़े-बड़े चूतड़ ऊपर उठे हुए थे और पठान नंगा मम्मी के ऊपर चढ़ा हुआ था.
पठान भी अपने बड़े-बड़े चूतड़ों से मम्मी को धक्के लगा रहा था.

मम्मी के बड़े-बड़े चूतड़ों के बीच में पठान का लंबा मोटा मूसल जैसा लन्ड मम्मी की चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था.
और मम्मी की जोर-जोर से मस्ती भरी दर्द भरी सिसकारियां निकल रही थी- आह हहह … सीईई ईईई … उह हहह … मम्म सीईई … ऊईई ईई ई मम्मी … नहह हहह, हम्म ममम!

पठान की जांघें मम्मी के बड़े-बड़े चूतड़ों से टकराकर फच फच फट फट फच फच फटफट जैसी आवाजें कर रही थी.
जोर जोर से चोदने की आवाजें आ रही थी.

अंदर का नजारा देखकर मेरे पूरे शरीर में सनसनी सी दौड़ गई और ना चाहते हुए भी मेरा हाथ मेरी चूत पर चला गया.
मैं अपने हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी और मेरी सांसें जोर-जोर से चल रही थी.

पठान ने मेरी मम्मी का गोरा गाल अपने मुंह में भर कर चूसने लगा था.
और कभी वह मम्मी के मोटे रस भरे बूब्स को मुंह में लेकर चूसते हुए जोर जोर से धक्के लगा रहा था.

फिर पठान अंकल ने मम्मी की दोनों टांगें उठाकर अपने कंधों पर रख ली और जोर जोर से धक्के लगा कर मामी की चूत मार रहा था.

मैं काफी हैरान थी कि पठान अंकल का इतना मोटा लंबा मूसल जैसा लन्ड मम्मी की फुदी में कैसे घुस रहा है.
अंदर का नजारा देखकर सर्दी के मौसम में भी पसीने से मेरी काफी हालत खराब हो गई थी।

तभी अचानक पठान और मम्मी की नजर खिड़की पर पड़ी.
मैं पीछे को हो गई.
लेकिन शायद मम्मी और पठान ने मुझे खिड़की पर खड़े हुए देख लिया.

मैं तभी भाग कर अपने कमरे में आकर रजाई में घुस गई.
मेरी सांस बहुत जोर जोर से चल रही थी जिस कारण मेरे दोनों बूब्स तेजी से ऊपर नीचे हो रहे थे.

अगले दिन मैं मम्मी से ठीक से नजर नहीं मिला रही थी.

मम्मी नाश्ता बना कर मुझे देकर बोली- अपने पठान अंकल को ऊपर छत पर देकर आओ!

मैं नाश्ता लेकर ऊपर पठान अंकल को देने गई.
तो मैंने देखा कि पठान अंकल धूप में छत पर तेल से अपने शरीर की मालिश कर रहे थे.
उनके शरीर को देखकर मुझे कुछ कुछ होने लगा था.

उनका चौड़ा सीना, मजबूत बाहों के मसल्स और उनके अंडर वियर में उनके लिंग का उभार मुझे साफ दिखाई दे रहा था जो काफी बड़ा था.

मैं जल्दी से नाश्ता देकर भाग कर नीचे आ गई.

एक दिन रात को काफी तेज बारिश हो रही थी और ऊपर से सर्दी का मौसम … मैं रजाई में नींद में अपने सपनों के राजकुमार के मीठे सपनों में खोई हुई थी.

तभी मुझे अचानक लगा कि मेरी रजाई में कोई धीरे-धीरे घुस रहा है.
मैं नींद में सपनों में खोई हुई थी इसलिए मैंने सोचा कि मेरे सपनों का राजकुमार होगा.
इसलिए मैं ध्यान ना देकर मीठे सपनों में खोई रही.

धीरे-धीरे से वह मेरी रजाई में घुस कर सटकर मेरे साथ लेट गया और अपने एक हाथ से मेरे बूब्स को सहलाने लगा.

फिर उसने धीरे-धीरे मेरी शर्ट के सारे बटन खोल कर ऊपर से मुझे नंगी कर दिया.
अब वह मेरी एक चूची मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा.

मुझे काफी अच्छा लग रहा था.
जैसे जैसे वह मेरी चूची चूस रहा था और मेरे चूचे को धीरे धीरे दबा कर मसल रहा था, मैं एक मस्ती भरे सागर में गोता लगाने लगी.

मैं नींद में अपने सपनों के राजकुमार को समझ कर आनंद में खोती जा रही थी और मेरे मुंह से मीठी-मीठी सिसकारियां निकलने लगी थी- आह हहह … सीईई ईईई, उह हहह … मम्मम … सीईई ईईई!

तभी उसने मेरा पाजामा नीचे की तरफ खींच कर निकाल दिया और मैं नीचे से बिल्कुल नंगी हो गई.
अब उसका एक हाथ मेरी जांघों पर और मेरी चूत को सहलाने लगा.

मेरे एक चूची को मुंह में लेकर और दूसरे को कभी अपने हाथ से तो कभी मेरी चूत को सहलाने लगा.
मैं बेकाबू होती जा रही थी.

फिर अचानक उसने अपने मुंह से मेरी चूत को चाटना चूसना शुरू कर दिया.

अब मैंने अपने सपनों का राजकुमार समझ कर अपने चूतड़ों को उछालना शुरू कर दिया था.
और मेरे मुंह से जोर जोर से सिसकारियां निकल रही थी- आह हह … सीई … ईईई … उह हह … मम्म्ह … सीईई!

फिर अचानक कुछ देर बाद मुझे मेरी चूत पर कठोर घर्षण के साथ तेज दर्द के साथ धक्का लगा.
मेरे मुंह से दर्द के कारण जोर की चीख निकल गई- ऊई ईईईई मम्मी … मर गई ईईई … आह हहह … मम्मम सीई ईईई ईईई!

और जबी मैं नींद से सपनों से जागी, तब तक काफी देर हो चुकी थी.
मैंने देखा कि जिसको मैं सपनों का राजकुमार समझ रही थी, वह पठान अंकल थे.
और उन्होंने मुझे पूरी तरह से अपने चुंगल में दबोच रखा था और उनका आधा लन्ड मेरी चूत की सील तोड़ फाड़ कर अंदर घुसा हुआ था.

तभी पठान अंकल ने अपने मुंह से मेरा मुंह बंद कर कर अपने चुंगल में दबोचे हुए एक जोर का धक्का मार कर आधे से ज्यादा लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया.
मैं दर्द के मारे रोने लगी, मेरे आंखों में आंसू आ गए.

लेकिन पठान ने इसकी परवाह किए बगैर एक और ताकत से धक्का लगा कर अपना मूसल जैसा लंबा मोटा लन्ड मेरी चूत में जड़ तक पेल दिया.

मुझे मेरी चूत में बच्चेदानी में जोर से लन्ड की ठोकर लगी, मुझे ऐसा लगा किसी ने मेरी चूत में मोटा गर्म मूसल डाल दिया हो.

मेरी चूत से खून की धार छूट गयी थी. मेरी चूत पूरी तरह से चरमरा गई.

मैं पठान के भारी शरीर के नीचे पूरी तरह से दबी हुई थी, मैं अब बेहोशी की हालत में आ गई थी.

पठान अंकल- बस बस मेरी मलिका … पहली बार दर्द होता है. उसके बाद तुम्हें बहुत आनंद आएगा.

अंकल- मेरी मलिका, तुमको उस दिन मैंने तुम्हारी मम्मी ने खिड़की पर देखा था. तुम्हारी मम्मी ने मुझको बोला कि इसका मुंह बंद करना पड़ेगा.

मैं- अंकल छोड़ दो … मुझे बहुत जोर का दर्द हो रहा है!
पठान अंकल- ऐसा दर्द हर किसी को पहली बार होता है मल्लिका! इसके बाद तुम बहुत लुत्फ उठा आओगी. तुम भी अपनी मम्मी की तरह हुस्न की मलिका हो.

अब अंकल मेरा लाल गुलाबी गाल अपने मुंह में भर कर चूसने लगे और बीच-बीच में मेरे लाल गुलाबी होठों को चूसते.

कुछ देर बाद अंकल ने अपना लन्ड थोड़ा सा बाहर खींचा और तुरंत ही जोर से धक्का लगा कर पेल दिया.
इस तरह पठान अंकल मेरे गालों को चूसते हुए अपने लन्ड को धीरे-धीरे बाहर खींचते और जोर से धक्का मारकर मेरी चूत में धक्के लगाने लगे.

पठान अंकल मेरे होठों को और मेरे गालों को चूस चूस कर अपना लंबा मोटा लन्ड मेरी चूत में धक्के लगाकर पेल रहे थे.
अंकल का लन्ड मेरी चूत में बच्चेदानी में जा रहा था.

अब पठान अंकल जोर-जोर से मेरी चुदाई कर रहे थे.

मेरी चूत ने पानी छोड़ कर अंकल के लन्ड को नहला दिया.
अब मुझे दर्द में काफी आराम आ गया था और मैंने अपनी बाहों का हार बना कर पठान अंकल के गले में डाल दिया.

तभी पठान अंकल ने मेरी दोनों टांगें उठाकर अपने कंधों पर रख लिया.
वे अपना लंबा मोटा लन्ड पूरा जड़ तक निकालते और फिर पेलते.

इस तरह वे पूरा लन्ड निकाल निकाल कर धक्के मारने लगे.
और हर धक्के पर पठान अंकल का फौलादी लन्ड मेरी चूत को तहस-नहस करता हुआ मेरी बच्चेदानी में जा रहा था.

अंकल- हुस्न की मलिका … आप कुंवारी थी, आप तो अपनी मम्मी से भी ज्यादा हुस्न की मलिका हो!
मैं- अंकल धीरे-धीरे से करो … दर्द होता है अंदर!
पठान अंकल- हुस्न वाली मलिका … अब आप कली से फूल बन गई हो, धीरे-धीरे दर्द उड़नछू हो जाएगा.

फिर पठान अंकल ने मेरे गुलाबी होठों को अपने मुंह में लेकर चूसते हुए जोर-जोर से मेरी चुदाई शुरू कर दी.
अब मेरी सारी दर्द भरी सिसकारियां मेरे मुंह से होते हुए पठान अंकल के मुंह में जा रही थी.

तभी मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैंने अपनी बाहों में पठान अंकल को जोर से भींच लिया और अपने चूतड़ उछालने लगी.
मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, मैं झड़ गई.

लेकिन पठान अंकल अभी भी जोर जोर से मेरी चुदाई कर रहे थे.
अंकल चुदाई करते करते नीचे को होकर मेरे दोनों बूब्स को अपने मुंह में लेकर चूसते, कभी काटते.

इस तरह मैं दूसरी बार भी झड़ गई.
लेकिन पठान अंकल झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे.

मैं पठान अंकल के चौड़े सीने के नीचे दबी हुई थी.
अंकल अपने भारी-भरकम चूतड़ों से धक्के मार मार कर मेरी चूत तहस-नहस कर रहे थे.

काफी देर के बाद मैं और पठान अंकल साथ साथ झड़ गए.
मेरी चूत ने तीसरी बार पानी छोड़ा और पठान अंकल ने अपना गाढ़ा गाढ़ा गर्म वीर्य मेरी चूत में उड़ेलना शुरू कर दिया, अपने गर्म – गर्म वीर्य से मेरी चूत लबालब भर दी.

काफी देर तक ऐसी हालत में लेटने के बाद पठान अंकल साइड में लेट गए और मैं बाथरूम के लिए उठने लगी.
तो दर्द के मारे उठ ना सकी.
मेरा पूरा शरीर अकड़ रहा था.

तभी पठान अंकल अपनी गोद में लेकर मुझे मूत करा कर लाए.
फिर वापस बेड पर लिटा कर मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे होंठ और मेरी चूची को चूसने लगे.

तभी मेरी मम्मी भी वहां पर आ गई और मुझे प्यार करने लगी.

दूसरी बार पठान अंकल ने मम्मी के सामने ही जमकर ताबड़तोड़ मेरी चुदाई की.

इंडियन टीन वर्जिन सेक्स के बाद अंकल ने मेरे सामने ही फिर मम्मी को जमकर चोदा.

मम्मी चुदाई के बाद अपने कमरे में चली गई और अंकल ने उसके बाद मुझे दो बार और जमकर चोदा.

इस तरह से पठान अंकल ने उस रात मेरी 4 बार चुदाई की.

उसके बाद तीन-चार दिन मैंने आराम किया और पठान अंकल को हाथ तक नहीं लगाने दिया क्योंकि मेरी चार बार की चुदाई में बहुत बुरी तरह से हालत बिगड़ गई थी.

लेकिन उसके बाद पठान अंकल मुझे जमकर चोदने लगे.
अब पठान अंकल, मैं और मम्मी एक ही रूम में जमकर चुदाई करने लगे.

पठान अंकल मुझे और मम्मी को एक साथ ताबड़तोड़ जमकर पेलते.

अब मेरा बॉडी फिगर एक रसभरी औरत की तरह हो गया.

इस तरह जल्दी ही मैं प्रेग्नेंट हो गई क्योंकि पठान अंकल मुझे चोदते समय हर बार अपना गाढ़ा गाढ़ा गर्म वीर्य मेरी चूत में लबालब भर देते थे.

फिर अंकल मुझे और मम्मी को साथ लेकर पहाड़ी इलाके में अपने घर ले गए.
वहां पर मैंने पठान अंकल के लड़के को जन्म दिया.

अंकल के घर 2 साल रहने के बाद मैं और मम्मी वापस अपने घर आ गए और वह बच्चा पठान अंकल के पास छोड़ दिया.

पठान अंकल का जब भी दिल करता है, वे हमारे घर आकर मुझे और मम्मी को जमकर चोदते हैं.
और हां … मेरा मम्मी का दिल जब करता था तो हम पठान अंकल के घर जाकर काफी समय वहां रहकर जमकर चुदाई कराती.

इंडियन टीन वर्जिन सेक्स कहानी पर आपने विचार आमंत्रित हैं.
आपकी रिया सिंह
[email protected]

मेरी पिछली कहानी थी: ससुर जी ने मेरी सील तोड़ सुहागरात मनाई

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top