मौसी की ननद के साथ चुदाई के मजे

(Indian Desi Ladki ki Chudai)

अखिल 8 2025-01-24 Comments

इंडियन देसी लड़की की चुदाई का मजा मुझे दिया एक अनमैरिड लड़की ने. वह हमारी रिश्तेदार थी और उस रात हमारे घर में रुकी थी. मैंने उसकी चूत में अपना लंड दबा के पेला.

मेरी पिछली कहानी
होली के दिन मामी की चूत का मज़ा
में अपने पढ़ा था कि कैसे मैंने होली वाले दिन अपनी मामी की जम कर चुदाई की थी.

आज मैं हाज़िर हूं अपनी एक और कहानी के साथ!
पर आज की मेरी यह इंडियन देसी लड़की की चुदाई कहानी मेरी मामी के साथ नहीं बल्कि मेरी मौसी की ननद के साथ की है जिसकी शादी में कुछ महीने ही बचे थे।

तो दोस्तो, यह बात मामी की चुदाई के एक साल बाद की है.

मेरी मौसी हमारे नगर में ही रहती हैं.
मौसी की एक दूर की ननद जॉब के लिए उनके घर आयी थी. वह रोज अपनी जॉब पर जाती थी और कभी कभी जब उनकी छुट्टी होती थी तो मेरी मौसी उनको हमारे घर ले आती थी घुमाने के लिए!

तो ऐसे ही एक दिन मेरी मौसी और उनकी ननद हमारे घर आई हुई थी और मैं कॉलेज गया हुआ था।

जब मैं कॉलेज से वापस आया तब मैंने उनको देखा कि मेरी मौसी मेरे घर आई हुई है.
और उनके साथ आई हुई है एक मस्त, भरे हुए बदन वाली 24-25 साल की लड़की।

उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं थी. वह मेरे कन्धे तक ही आ पा रही थी.
पर उनके बड़े 32 के साइज़ दूध को देखकर मेरे मुंह से लार टपक रही थी और उनकी गांड तो और भी ज्यादा मस्त थी.

उसने काले रंग का सूट पहन रखा था जिसमें वो कयामत से कम नहीं लग रही थी।

मैंने घर पहुंचते ही सबको नमस्ते की और फिर पूछा कि ये कौन हैं, पहले तो कभी नहीं देखा.
तब मौसी ने बताया कि ये सोनी है उनकी दूर की ननद. और यहां जॉब के सिलसिले से आई है और एक कम्पनी में जॉब करती हैं।

मैंने उससे हाय हेलो की, फिर अपने कपड़े बदले और खाना खाया.

फिर सब लोग बातें करने लगे.
मैं भी वहीं बैठ के सबकी बातें सुनने लगा. और मैं चोरी चोरी सोनी को भी देख रहा था.
उसके चूचों को मैं आंखें फाड़ फाड़ कर देख रहा था.
मेरी ये हरकत शायद सोनी ने देख भी ली थी।

उस्केव बाद से वह कभी कभार हमारे घर आने जाने लगी थी.
और ऐसे ही काफी दिन बीत गए।

नए साल वाले दिन सबकी छु्ट्टी थी.
तो मौसी, सोनी, मेरी बहन की सहेली और कुछ मिलने जुलने वाले मेरे घर आए थे.

फिर हम शाम के वक़्त घूमने का प्लान बनाया- न्यू ईयर है, कहीं घूम कर आते हैं.
मौसी अपने घर चली गयी.

तो मम्मी, मेरी बहन, उसकी एक सहेली, सोनी और मैं और मेरी बुआ जी का लड़का हम सब बाहर घूमने गए।

घर लौटते वक़्त अंधेरा हो गया था.
मेरी बुआ जी का लड़का अपने रूम पर चला गया था क्योंकि वो भी वहीं जॉब करता था तो उसन अलग रूम ले रखा था और हम सब घर आ गए।
मेरी बहन की सहेली भी अपने घर चली गई।

अब रात को मौसी का फोन आया मेरे पास कि सोनी को ले छोड़ दे.
क्योंकि रात हो गई थी तो मैंने मौसी से ये बोल दिया- ये सिर्फ आपकी मेहमान हैं क्या? हमारी कुछ नहीं लगती? आज नहीं जाएगी ये यही हमारे घर सोएगी.

तो उस बात पर मौसी ने कहा- ठीक है, वहीं रुक जाएगी ये इसका मन है तो!

तो नए साल की रात को सोनी हमारे घर पर ही सोने वाली थी.

फिर हम सबने खाना खाया, कुछ देर बातें की और फिर सोने चले गए।

मेरे घर में बस दो ही रूम हैं तो मम्मी और पापा एक रूम में सो गए.
दूसरे रूम में बेड पर मेरी बहन और सोनी लेट गई.

और बेड के पास ही मैंने एक चारपाई डाल ली, मैं उस पर सो गया।

सो क्या गया … मेरी आँखों में तो नींद ही नहीं थी क्योंकि एक मस्त भरे हुए बदन की लड़की बिल्कुल मेरी बगल में सो रही थी।

सर्दियों के दिन थे तो मैंने भी रजाई ओढ़ रखी थी और उसने भी!

रात के कुछ 1 बजे मेरा हाथ जब नींद में रजाई से बाहर निकला तो वो किसी चीज से टकरा गया और मेरी आंख खुल गई.

मैंने रजाई हटा कर देखा तो वो सोनी का हाथ था.
अब मेरी आंखों से नींद बिल्कुल उड़ चुकी थी मेरे दिमाग में बस सोनी के मस्त चूचे और गान्ड आ रही थी.

मैंने देर ना करते हुए सोनी के हाथ को धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया.
वह शायद अभी तक सो ही रही थी तो जब सोनी की तरफ से कोई हरकत नहीं हुई.

तो मैंने अपना हाथ बढ़ा कर सोनी की रजाई में अपना हाथ डाल दिया और हाथ सीधा उसके चेहरे पर ले गया और धीरे धीरे उसके सारे अंग को छूना और सहलाना चालू कर दिया.
मैंने पहले उसके गाल छुए, फ़िर उसकी आंखें, फिर उसकी नाक, फिर उसके होंठों को छुआ.

मुझे ऐसा करने पर बहुत मजा आ रहा था और मेरा लन्ड अब आकार लेने लगा था।
फिर मैंने उसकी गर्दन पर अपना हाथ रखा और सहलाना शुरू कर दिया.

कोई विरोध ना मिलने पर मेरे हिम्मत बढ़ी और मैंने कमीज के ऊपर से ही उसके एक चूचे पर अपना हाथ रखा.
कुछ देर तक मैंने अपना हाथ वहीं रखा और सोनी की कोई प्रतिक्रिया ना करने पर मैंने धीरे धीरे उसका एक चूचा मसलना शुरू कर दिया.

वह शायद उस वक़्त जाग गई थी.
पर उसने मुझे रोका नहीं!

और फिर मैं ऐसे ही उसके दोनों चूचों को बारी बारी से मसलने लगा।

उधर वो मस्त अपने चूचे दबवा रही थी और इधर मेरे लन्ड में मानो तूफ़ान आ रहा था.
मेरा लन्ड एकदम सख्त होकर झटके मार रहा था।

अब मैंने सोचा बहुत हुआ ऊपर ऊपर से मजा और मैंने अपना हाथ उसके कमीज के गले में से अंदर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उसके दोनों चूचों को दबाना चालू कर दिया.

मुझे पता चल गया था कि अब सोनी भी मजे ले रही है.
तो मैं मस्त होकर उसके चूचों को दबा रहा था.
मैं बारी बारी से उसके दोनों चूचों को खूब कस कर दबा रहा था और मुझे ऐसा करने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।

कुछ देर के बाद मैंने उसके चूचे मसलने बंद करके अपना हाथ नीचे की तरफ बढ़ाया और उसकी सलवार का नाड़ा हाथ से टटोल कर ये मुआयना किया कि नाड़ा कहाँ से पकड़ के खींचू कि खुल जाए.
क्योंकि अगर गलत तरीके से नाड़ा खोला तो उसमें गांठ लग सकती है.

मुझे जैसे ही लगा कि हां अब नाड़ा खींच देने से सलवार खुल जाएगी, मैंने नाड़ा पकड़ कर खींच दिया और नाड़ा खुल भी गया.

अब सोनी ने अंदर पेंटी भी पहन रखी थी.
तो पहले मैंने पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ना शुरू किया.
जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो सोनी ने अपनी टांगें चौड़ी कर दी और मेरे लिए सोनी की चूत को रगड़ना और भी आसान हो गया।

उसकी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी और उसकी चूत से खूब पानी निकल रहा था, सोनी को खूब चुदास चढ़ चुकी थी।

कुछ देर चूत को पेंटी के ऊपर से रगड़ने के बाद मैंने अपना हाथ पेंटी के अंदर डाल दिया.
मेरा हाथ चूत के पानी से गीला हो गया.
उसकी चूत से लगातार पानी का रिसाव हो रहा था और उसकी चूत फूल के पाव रोटी हो गई थी.

मैंने अपने हाथ से उसकी चूत थोड़ी और रगड़ा और चूत ने ढेर सारा पानी मेरे हाथ पर छोड़ दिया.
सोनी ने अपने दोनों पैर भींच लिए और झड़ने लगी.

पर मैं नहीं रुका और उसकी चूत पर लगातार अपना हाथ फेरता रहा।

आखिर में जब सोनी से नहीं रहा गया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझसे बोली- सारा काम हाथ से ही करोगे क्या?
तब मैंने पूछा- तो और क्या चाहिए?
उसने मेरे लन्ड को छू लिया.

तो मैंने उसको अपने बिस्तर में आने का न्योता दिया.
वह झट से अपने बिस्तर से उठ कर मेरे बिस्तर पर आ गई।

उसके मेरे बिस्तर पर आते ही मैंने उसको अपनी बांहों में कस के पकड़ लिया, उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए, उनका रसपान करने लगा।

हम दोनों एक दूसरे के होंठों को लगातार चूस रहे थे, हमारी जीभ एक दूसरे के मुंह का सफर कर रही थी।

एक जोरदार और लंबी सी किस के बाद मैंने उसकी कुर्ती निकाल दी और फिर ब्रा भी खोल दी.
अब उसके गोले के आकार के चूचे मेरे सामने थे.

मैंने पहले दोनों चूचों को अपने दोनों हाथों में भर कर उसके होंठों से अपने होंठ चिपका कर उसके चूचों को खूब कस के मसला जिससे उसकी आह्ह मेरे मुंह में ही दब कर रह गई।

फिर मैंने उसके एक चूचे को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया और दूसरे को धीरे धीरे मसल रहा था.

मुझे ऐसा करने में बहुत आनन्द आ रहा था क्योंकि जिन चूचों के सपने मैं देख रहा था, उनमें से एक मेरे हाथ में था और दूसरा मेरे मुंह में।
मैं बारी बारी से उसके दोनों चूचों को चूस और मसल रहा था।

सोनी इस सब का आनंद ले रही थी पर कुछ बोल नहीं पा रही थी क्योंकि कमरे में और लोगों के जागने का डर था.
तो मैं कुछ भी कर रहा था, वो बस उसका आनंद लेती हुई कसमसा कर रह जाती थी और उसकी तड़प बढ़ती जाती थी।

वह इंडियन देसी लड़की पागलों की तरह और बेकाबू हो कर अपना हाथ मेरे सिर के पीछे से मेरे बालों में फिर रही थी और मेरा सिर अपने चूचों पर दबा रही थी।

साफ समझ आ रहा था कि सोनी को कितना मजा आ रहा है इस सब में … और वह कितनी उत्तेजित हो चुकी है।

कुछ देर उसके चूचों का आटा गूंथ कर मैं थोड़ा नीचे की तरफ बढ़ा और उसके पेट और नाभि को चूमता हुआ उसकी पेंटी के पास जा पहुंचा.

उसकी सलवार तो पहले से ही खुली पड़ी थी, मैंने सलवार और पेंटी दोनों एक साथ नीचे कर के निकाल दी.
और उसके पैर फैला कर जैसे ही उसकी चूत अपना मुंह रखा, वह एकदम से सिहर गई.
वह इस हमले के लिए तैयार नहीं थी और ना ही उसके कभी पहले अपनी चूत की चूसाई कराई थी.

उसके दोनों हाथ मेरे सिर पीछे मेरे बालों में फिर कर मेरे सिर को उसकी चूत पर दबा रहे थे और मेरी जीभ उसके चूत के दाने को कुरेदने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी.

वह अपनी गान्ड उठा उठा कर अपनी चूत मेरे मुंह में पेल रही थी और मै भी उसके दोनों चूतड़ पकड़ कर उसकी चूत की चुदाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था।

थोड़ी देर की चुदाई के बाद सोनी अपनी गान्ड उठा उठा कर और अपने दोनों पैरों के बीच में मेरा सिर दबा कर लबालब झड़ने लगी।
उसकी चूत ने ढेर सारा पानी मेरे मुंह पर छोड़ दिया.
मैंने बिना देरी किए उसका सारा माल चाट कर चूत को साफ कर दिया।

अब मैं ऊपर आया और उसके होंठों को फिर से चूसना शुरू कर दिया और उसके चूचों को बारी बारी से दबा और चूस रहा था।

सोनी झड़ तो चुकी थी पर अभी उसकी चूत ने मेरा लन्ड नहीं खाया था तो उसकी चूत की खुजली अभी मिटी नहीं थी।

उसने मेरे होंठों से अपने होंठ अलग किए और मेरे कान में धीरे से मेरा लन्ड पकड़ कर बोली- अब डाल भी दो इसको मेरी चूत में! अब मुझसे और रहा नहीं जा रहा है. कितनी देर से मुझे तड़पा रहे हो।
मैंने कहा- ऐसे कैसे मेरी जान … पहले मेरे लन्ड को चुदाई के लिए तैयार तो करो।

इतना कहते ही वह मेरे ऊपर आ गईं और मेरा अंडरवीयर उतार कर मेरा लन्ड हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी और गप से उसने मेरा लन्ड अपने मुंह में भर लिया।

उफ़ … क्या मजा आ रहा था!
वो एहसास आज भी मुझे याद है.
उसकी तरह आज तक मेरा लन्ड किसी ने नहीं चूसा.
वह मेरा लन्ड पूरा मुंह में ले रही थी और बाहर निकाल रही थी.
उसने अपने थूक से मेरा सारा लंड भीगा दिया था।

कुछ देर की लंड चुसाई के बाद मेरा लंड उसकी चूत की धज्जियां उड़ाने को बिल्कुल तैयार था।

मैंने देर ना करते हुए उसको अपने नीचे लिया और उसकी गान्ड के नीचे एक तकिया लगा दिया.
जिससे उसकी गान्ड उठ गई और उसकी पाव रोटी जैसी चूत उठ कर ऊपर आ गई.

मैंने अपना लन्ड उसकी चूत पर सेट किया उसको होंठ अपने होंठो में भरे और एक जोर का झटका मारा.
मेरा 4 इंच लंड अंदर गया और फिर रुक गया।

उसको दर्द तो हो रहा था पर हल्का … मतलब वह पहले भी किसी से अपनी चुदाई करवा चुकी थी.
पर उसकी चूत फिर भी बहुत टाइट थी.

मैं थोड़ा रुका और अपना 2 इंच लंड बाहर खींच कर एक और दमदार धक्का उसकी चूत में पेल दिया.
मेरा आधे से ज्यादा लंड अंदर पहुंच गया था.
मैंने नीचे हाथ लगा कर देखा, बस 1 इंच मात्र ही बाहर था.

तब मैंने देर ना करते हुए वो 1 इंच लंड भी उसकी चूत में उतार दिया।
पूरा लन्ड उसकी चूत में था और वह बस कसमसा रही थी.
उसकी आवाज मैंने अपने मुंह से दबा रखी थी.

जब कुछ देर बाद मैंने उसके होंठ छोड़े तो वह मुझसे बोली- अखिल, प्लीज अभी थोड़ा रुको. मुझे दर्द हो रहा है, तुम्हारा पूरा लन्ड मेरी चूत में है। सी … आह … उफ …. कितना लंबा है ये … अंदर तक पहुंच गया है मेरे!

शायद लंड उसके बच्चेदानी से टकरा रहा था।

कुछ देर बाद उसने अपनी गान्ड हिलानी शुरू की तो मुझे सिगनल मिलते ही धीरे धीरे से उसकी चूत में धक्के भरने शुरू कर दिए.
उसकी चूत की सील तो पहले ही टूट चुकी थी पर अब भी उसकी चूत बहुत टाईट थी।

मैं उसकी चूत में धक्के कुछ इस तरह लगा रहा था … मैं अपना पूरा लन्ड बाहर निकालता बस टोपा ही अंदर रखता और फिर जोर के झटके के साथ पूरा लन्ड उसकी चूत में पेल देता।

मैं यह खेल बहुत आराम से खेल रहा था.
इससे सोनी मेरे हर धक्के के साथ नीचे से अपनी गान्ड उठा कर मेरे धक्के का जवाब दे रही थी.
जब मैं लंड बाहर खींचता तो वह भी अपनी गान्ड नीचे कर लेती और जब मैं जोर से धक्का मारता तो वह भी पूरे जोर के साथ अपनी चूत से मेरे लन्ड पर धक्का मारती।

इस इंडियन देसी लड़की की चुदाई में हम दोनों को ही बहुत मजा आ रहा था।

कुछ देर मैंने उसकी चूत में ऐसे ही लंड पेला.
और जब उसकी चूत आराम से मेरा लन्ड खाने लगी तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसकी चूत का भोसड़ा बनाने में लग गया।

मैंने अपनी दोनों हाथों से उसके कंधे पकड़ रखे थे और उसकी चूत में दनादन अपना लन्ड पेल रहा था।
वह भी मस्त होकर मेरा लन्ड अपनी चूत को खिला रही थी।

हमारा यह खेल करीब 20 मिनट तक चला.
और इस दौरान सोनी झड़ चुकी थी और अब मैं भी अपनी चरम सीमा पर आ गया था.

मैंने कुछ 10-12 शॉट उसकी चूत में कस कर मारे होंगे और मेरा ज्वालामुखी उसकी चूत में ही फट गया।

उसने भी अपने पैर मेरी कमर पर जकड़ लिए और वह और मैं दोनों एक साथ झड़ने लगे.
उसने मेरे लन्ड की हर एक बूंद अपनी चूत में निचोड़ ली।

मैं निढाल होकर उसके ऊपर ही पड़ा रहा.
कोई 5 मिनट बाद हम दोनों नॉर्मल हुए.
फिर वह उठ कर बाथरूम गई और खुद को साफ करके अपने बिस्तर में जाकर लेट गई।

उसके मैं भी उठा और अपना लन्ड साफ करके अपने बिस्तर में आकर लेट गया.
और मुझे कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला।

अगले दिन सुबह जब मैं उठा तो मुझे सोनी बहुत खुश लग रही थी और मुझे देख कर बार बार मुस्कुरा भी रही थी।

बाद में मैं उसकी चूत मारने उसके रूम पर चला जाता था.
पूरी सर्दियां मैंने उसकी दबा के चुदाई की और फिर उसकी अप्रैल में शादी हो गई।

अब मेरा उससे कोई सम्पर्क नहीं है.
पर जब भी मैं इस वाकये को याद करता हूं तो मुझे वो पहली रात याद आ जाती है जब मैंने उसकी चूत में अपना लन्ड पेला था।

तो दोस्तो, यह थी मेरी एक और सच्ची और सेक्सी कहानी।
कहानी कैसी लगी?
मुझे मेल कर के जरूर बताना और अगर कहानी लिखने में मुझसे कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ़ कर देना।

अगर अपनी मेरी इंडियन देसी लड़की की चुदाई कहानी के बारे में कुछ भी पूछना हो तो मुझे मेल जरूर करना।
धन्यवाद।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top