रिश्ते में बहन के साथ सेक्स सम्बन्ध- 1
(Indian Desi Girl Sex Kahani)
इंडियन देसी गर्ल सेक्स कहानी मेरे पड़ोस की युवा लड़की की है. वो मेरी बहन भी लगती थी रिश्ते में. हम दोनों के बीच कैसे दोस्ती हुई और आकर्षण पैदा हुआ?
दोस्तो,
मेरी पिछली कहानी थी: दोस्त की चालू बहन की चुत में मेरा लंड
मैं आपके सामने फिर से अपनी एक नयी सेक्स कहानी लेकर हाजिर हुआ हूँ. आप इस इंडियन देसी गर्ल सेक्स कहानी को पढ़िए और मज़ा लीजिए.
मेरा नाम अगम है.
मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 20 साल है. मैं अभी बी.कॉम फाइनल ईयर में हूँ.
मेरा रंग हल्का सा सांवला है, पर मैं दिखने में काफी आकर्षक हूँ.
मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ. भगवान ने मुझे भले ही अमीर नहीं बनाया, पर मुझे एक काफ़ी अच्छा लंड ज़रूर दिया है.
मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है और ये 3 इंच मोटा है. मेरा लंड किसी भी औरत या लड़की को खुश करने के लिए काफ़ी है.
ये बात अभी कुछ दिनों पहले की है. अभी जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था, मेरी ये सेक्स कहानी तभी से शुरू होती है.
बात दरअसल अप्रैल से शुरू हुई थी.
मेरे घर के बराबर में एक लड़की रहती है. उसका नाम लवी है.
वो लोग हमारे पड़ोसी हैं दूर पार की रिश्तेदारी भी है तो हमारी और उनकी अच्छी जमती है, बातचीत होती है. आना जाना रहता है.
मेरी जॉइंट फैमिली है, जिसमें सब हैं चाचा चाची, दादा दादी आदि. मेरा एक भाई और दो बहनें भी हैं.
हमारे पड़ोसियों की फैमिली भी जॉइंट फैमिली है, जिसमें लवी, उसकी एक बहन और उसके मम्मी पापा और दादा दादी रहते हैं.
अब मैं आपको लवी के बारे में बता देता हूँ.
इंडियन देसी गर्ल लवी की उम्र 21 साल है, वो मुझसे एक साल बड़ी है. वो सी ए कर रही है.
उसका रंग भी हल्का सांवला है पर उसके नैन नक्श बहुत अच्छे हैं.
वो काफ़ी अच्छी लगती है. उसकी हाइट 5 फीट 4 इंच है और उसका फिगर साइज़ 32-28-34 का है जो काफ़ी अच्छा साइज़ है.
उसे देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है.
लवी की मां का नाम सिमरन है, वो भी किसी से कम नहीं है. सिमरन एक 40+ की उम्र की महिला है, पर वो दिखने में बिल्कुल जहर लगती है.
उसका रंग काफ़ी गोरा, नैन नक्श एकदम शानदार है. उसका साइज़ 36-30-34 का है … और वो अपनी दोनों बेटियों से भी ज़्यादा मस्त माल लगती है.
जब लॉकडाउन लगा हुआ था, तो आने जाने में दिक्कत हो रही थी. मेरी कुछ अच्छी जान पहचान है, तो मैंने अपने एक दोस्त से बोलकर अपना एक लॉकडाउन पास बनवा लिया था. पास बन जाने की सहूलियत से मैं बिना किसी दिक्कत के कहीं भी आ-जा सकता था.
उस समय हमारे एरिया में सभी को बाहर आने जाने में काफी दिक्कत हो रही थी क्योंकि काफ़ी कम लोगों के पास ही पर्मिशन थी.
हमारे पड़ोसियों को यानि कि लवी और उसकी फैमिली को पता लग गया कि मेरे पास कहीं भी आने जाने की पर्मिशन है.
अब उन्हें कुछ भी काम होता तो वो मुझे बोल देते और मैं उनका वो काम कर देता.
वैसे मैंने लवी की फैमिली जैसे चूतिए लोग कभी नहीं देखे क्योंकि उनके पास काफ़ी ज़्यादा पैसा है, पर वो पैसा किस काम का जो एक पास भी नहीं बनवा पाए.
खैर … छोड़ो.
अब ऐसे ही 8-10 दिन निकल गए.
फिर एक दिन लवी से मेरी फ़ेसबुक पर बात हो रही थी, तब उसने मुझे बताया कि उसकी सी ए की पढ़ाई का काफ़ी नुकसान हो रहा है.
मैंने उससे पूछा- क्या मैं तुम्हारी कुछ हेल्प कर सकता हूँ.
तब वो बोली- हां काफी मदद कर सकते हो.
मैंने कहा कैसे?
वो बोली- मुझे अपनी सहेली के घर तक छोड़ कर और लाकर मदद कर सकते हो. उधर हम दोनों की पढ़ाई हो जाती है. मैं अपनी मम्मी से बोल दूंगी कि अगम मुझे मेरी फ्रेंड के यहां छोड़ आएगा और ले आया करेगा. बस जब वो तुमसे पूछें, तो उनको बोल देना कि तुम मुझे लाने ले जाने को रेडी हो.
मैं सोचने लगा कि ये तो साला रोज रोज का लफड़ा हो रहा है.
वो मुझे सोचता देख कर ‘प्लीज़ प्लीज़ …’ बोलने लगी.
मैंने भी उसे ओके बोल दिया.
फिर अगले दिन ऐसा ही हुआ.
लवी ने अपने घर पर बताया तो मेरे पास लवी का भाई आया.
वो बोला- भैया, आपको पापा बुला रहे हैं.
मैं उनके घर चला गया और वहां उन्होंने मुझे वो ही बात कही जिसके लिए लवी बोल रही थी.
मैंने उनको बोला- ओके चाचा.
मैं लवी के पापा को चाचा बोलता हूँ.
फिर मैंने कुछ देर बाद लवी तैयार होकर आ गई.
मैंने अपनी बाइक निकली और लवी मेरे पीछे एक साइड दोनों पैर करके बैठ गई.
वैसे मेरे मन में अभी तक लवी के लिए कोई ऐसा बुरा ख्याल नहीं था पर मैं उसे अपनी बहन भी नहीं मानता था.
मैं उसे उसकी सहेली के यहां छोड़ आया.
मुझे उसने रास्ते में बताया कि उसकी फ्रेंड की दीदी ही उन दोनों को पढ़ाती है.
मैं उसे छोड़ कर जाने लगा तो वो और उसकी फ्रेंड बोली- अन्दर आ जाओ.
मैंने कहा- मैं अभी आ जाऊंगा.
वो बोलने लगी- अरे अन्दर ही रुक जाओ न!
तब मैं अन्दर आ गया.
वैसे मैं आपको बताऊं, मैं तो लवी की फ्रेंड को देख कर ही हैरान था कि क्या मस्त माल है.
ये पर जब मैंने उसकी बड़ी बहन को देखा, तो उसे भी देखता ही रह गया.
वो लवी की सहेली से भी ज्यादा मस्त आइटम थी. उसका रंग बिल्कुल दूध सा सफेद था, उसका नाम नेहा था और वो 24 साल की थी.
नेहा का साइज़ उस टाइम लगभग 32-28-34 का रहा होगा और उसकी हाइट 5 फुट 7 इंच थी.
लवी की फ्रेंड का नाम श्वेता था, वो भी कुछ कम नहीं थी.
उसका भी बिल्कुल दूध सा साफ रंग, वो एक 21 साल की कमसिन कली थी. उसका साइज़ 30-28-32 का था और उसकी हाइट 5 फुट 4 इंच की थी.
अब मैं अन्दर बैठ गया.
पहले मैं सिर्फ लवी से बात कर रहा था.
फिर लवी ने मेरा इंट्रो नेहा और श्वेता से करवाया.
हमारी थोड़ी सी बात हुई. फिर एक घंटे बाद मैं लवी को लेकर घर आ गया.
घर आने के बाद मैं बस नेहा और श्वेता के बारे में ही सोचने लगा.
फिर ऐसे ही अगले दिन लगभग 3 बजे मेरे पास लवी का मैसेज आया- रेडी नहीं हुए क्या … चलना नहीं है क्या?
मैंने उससे बोला- बस 5 मिनट रूको … मैं आता हूँ.
मैंने अपनी बाइक निकाली और लवी को बैठा कर हम दोनों जाने लगे.
लवी को बैठने में दिक्कत हो रही थी तो वो रास्ते में एक दो बार अपनी गांड मटकाने लगी.
मैंने उसकी इस हरकत को इग्नोर कर दिया और उसे लेकर श्वेता के घर पहुंच गया.
हम दोनों अन्दर जाने लगे तो मेरे फ्रेंड की कॉल आ गई- भाई तुझसे मिले हुए बहुत टाइम हो गया, आज मेरे घर आ जा.
मैंने उससे ओके बोला और लवी से कहा- मुझे कहीं जाना है.
वो बोली कि ओके एक घंटा बाद आ जाना.
मैं जाने लगा तो वो फिर से बोली- जब मेरी पढ़ाई हो जाएगी तो मैं तुझे फेसबुक पर मैसेज कर दूंगी.
मैंने उससे ओके बोला और वहां से चला गया.
मैं अपने फ्रेंड के घर पहुंचा और वहां हम दोनों दोस्त लौडियों की बातें करने लगे.
उस सब में मुझे टाइम का पता ही नहीं लगा और मैंने लवी के मैसेज भी नहीं देखा.
फिर काफ़ी देर बाद मुझे लवी का ध्यान आया, तो मैंने अपना फोन चैक किया.
उस वक्त 6 बज रहे थे और फेसबुक पर लवी के 20 से ज़्यादा मैसेज पड़े थे कि कहां हो कब तक आओगे.
मैं फटाफट उठा और बाइक लेकर सीधा लवी के पास आ पहुंचा.
मैंने उसे बुलाया तो वो थोड़ा गुस्से में बोली- कहां रह गए थे, मैं कब से वेट कर रही हूँ.
मैंने उससे सॉरी बोला.
फिर उसने मेरा नंबर मांगा और कहा कि अब कम से कम कहीं जाओगे … तो तुमको कॉल तो कर दूंगी.
मैंने उसे अपना नंबर दिया और उसे बाइक पर बिठा कर घर लाने लगा.
रास्ते में फिर से लवी को बैठने में दिक्कत हो रही थी.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ … हिल डुल क्यों रही हो, कोई दिक्कत है क्या?
वो बोली- कुछ नहीं बस बैठने में दिक्कत हो रही है.
दरअसल वो क्या है ना कि मेरी बाइक स्पोर्ट्स बाइक है, जिसकी सीट आगे को झुकी है.
फिर मैंने कहा अगर तुमको दिक्कत ना हो, तो तुम दोनों साइड पैर करके बैठ सकती हो.
वो कुछ नहीं बोली और हम घर पहुंच गए.
लवी की मम्मी ने पूछा- आज कहां रह गए थे.
उस पर लवी खुद बोली- वो आज क्या था मम्मी कि ज़्यादा कुछ पढ़ाई करनी थी, इस वजह से मैं लेट हो गई.
फिर ऐसे ही अगले दिन मेरे पास 3 बजे किसी अननोन नंबर से कॉल आया.
पहले मैंने कट कर दिया क्योंकि मैं कुछ काम कर रहा था.
तभी दोबारा कॉल आया तो मैंने उठा लिया.
लवी बोली- कॉल उठाने में भी कोई दिक्कत है क्या?
मैंने बोला- नहीं यार, ऐसा नहीं है, वो क्या था कि तेरा नम्बर मुझे मालूम नहीं था. अब सेव कर लूंगा.
वो बोली- ओके … चलना नहीं क्या?
मैंने कहा- हां चलना है न … तुम बस 5 मिनट रूको, मैं आता हूँ.
मैंने बाइक बाहर निकाली और आज जब मैंने लवी को देखा तो चौंक गया क्योंकि उसने लैगी कुर्ती पहनी थी और बड़ी मस्त लग रही थी.
वो बोली- क्या हुआ … ऐसे इतने ध्यान से क्या देख रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं बस ऐसे ही. सुंदर लग रही हो.
फिर वो मुस्कुरा दी और थैंक्स कह कर मेरे पीछे बैठने लगी.
आज वो दोनों साइड पैर करके बैठने लगी थी.
मैंने उससे बोला- हां ये ठीक है … अब दिक्कत नहीं है ना बैठने में?
वो बोली- नहीं.
मैंने बाइक स्टार्ट की और जैसे ही आगे बढ़ा, तो उसको झटका सा लगा और उसने एकदम से मेरे एक कंधे को पकड़ लिया.
वो मुझसे थोड़ा गैप बना कर बैठी थी और उसने कुछ पकड़ा हुआ भी नहीं था, तो उसे झटका लगा.
वो बोली- आराम से.
मैंने कहा- होता है.
फिर मैं थोड़ा आगे चला तो आगे ब्रेकर था.
मैंने जैसे ही एकदम से ब्रेक मारे तो उसे फिर से झटका लगा और वो मेरे ऊपर गिर गई.
जैसे ही वो मेरे जिस्म से टकराई तो उसके कुर्ते में कसे हुए उसके टाइट मम्मे मेरी कमर में गड़ गए.
मेरे शरीर में करेंट सा दौड़ने लगा.
मैंने उससे कहा- पकड़ कर बैठो यार .. कहीं गिर न जाओ.
मेरे दिमाग़ में तो खुराफात सी चल रही थी. मुझे उसके दूध रगड़ने से मजा आ गया था.
मैंने पूरे रास्ते में काफ़ी बार ब्रेक मारे.
वो हर बार मेरे ऊपर गिरती और बार बार और मैं उसके मम्मों को महसूस करता.
फिर हम दोनों श्वेता के घर आ गए.
उसने बेल बजाई तो तो श्वेता ने गेट खोला.
हम दोनों अन्दर चले गए.
आज श्वेता और नेहा ने लोवर और टी-शर्ट पहनी हुई थी. दोनों कड़क माल लग रही थीं.
दोस्तो, मैं सेक्स कहानी के इस भाग में श्वेता और नेहा की ज़्यादा बात नहीं करूंगा मतलब उन्हें हाइलाइट नहीं करूंगा.
उनके बारे में मैं आपको बाद में बताऊंगा.
सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं अपने रिश्ते में बहन लगने वाली लवी की चुत चुदाई की कहानी को आगे लिखूंगा.
आपको मेरी ये इंडियन देसी गर्ल सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज़ मेल करना न भूलें.
इंडियन देसी गर्ल सेक्स कहानी का अगला भाग: रिश्ते में बहन के साथ सेक्स सम्बन्ध- 2
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