लॉकडाउन में मिली एक प्यारी सी लड़की- 2

(Hotx Girl Fuck Story)

Hotx गर्ल फक स्टोरी में लॉकडाउन में अनजान लड़की मेरे साथ मेरी दूकान में बंद हो गयी. हालात कुछ ऐसे वासना भरे बने कि मैंने उसे बांहों में बहर कर किस करना शुरू कर दिया.

कहानी के पहले भाग
लॉकडाउन में मेरी दुकान में एक लड़की
में आपने पढ़ा कि लॉकडाउन में एक लड़की पुलिस से डर कर मेरी दूकान में घुस गयी. रेड के कारण हम छिप पर बैठ गए. हमने एक दूसरे से चिपक कर बैठे.

मैंने हिम्मत करके उसे पीछे से बांहों में भर लिया। मेरा खड़ा लंड सीधा उसकी गांड को टच कर रहा था।
वो थोड़ी कसमसाई, धीरे से बोली, “क्या कर रहे हो?”
मैंने कहा, “वो जो हम दोनों चाहते हैं।”
उसने कहा, “मैं कुछ नहीं चाहती। तुम मुझे छोड़ो।”

अब आगे Hotx गर्ल फक स्टोरी:

मैंने कहा, “तुम्हारा खजाना तो कुछ और बता रहा है।”
ये बोलते हुए मैंने उसके बूब्स को दोनों हाथों से दबा दिया।

आशना बोली, “तुम इन्हें क्यों दबा रहे हो?”
मैंने कहा, “शुरुआत यहीं से होती है।”
उसने कहा, “किसकी?”
मैंने कहा, “उसी की जो तुम नीचे चाहती हो।”
उसने कहा, “मैं नीचे कुछ नहीं चाहती।”
मैंने कहा, “तुम्हारी वेजाइना तो कुछ और बोल रही है।”

मैंने शुरू में चूत या बोसड़ा जैसे शब्द नहीं बोले।
मैं खुद को नीचा नहीं दिखाना चाहता था।

वो बहुत अच्छे तरीके से गीली हो चुकी थी। इतना कि उसकी टाइट लेगिंग में भी गीलापन दिख रहा था।

हमारे बीच जो हो रहा था, उसके लिए आशना सिर्फ बोल रही थी, कोई शारीरिक विरोध नहीं कर रही थी।

मैं हल्के हाथों से उसके बूब्स को बाहर से सहला रहा था; नीचे अपने लंड को उसकी जांघों के बीच दबा रहा था।

आशना ने पूछा, “तुम ये सब क्यों कर रहे हो?”
मैंने कहा, “तुम ये सब क्यों करवा रही हो?”
आशना बोली, “मैं कहां करवा रही हूँ? तुम खुद ही तो कर रहे हो।”

इस दौरान मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था।
दूसरे हाथ को धीरे-धीरे उसके पेट पर सहलाते हुए नीचे ले जा रहा था।

आशना ने शरीर लगभग समर्पित कर दिया था।

टॉप के अंत तक पहुंचने के बाद मैंने धीरे-धीरे टॉप के अंदर हाथ डाला, उसके पेट को छुआ।
उसके शरीर में सिहरन सी दौड़ गई।

मैंने उसके पेट को धीरे-धीरे मसलते हुए हाथ को टॉप के अंदर ऊपर की ओर बढ़ाया।
जहां मैं पहले से एक हाथ से बूब्स सहला रहा था, अब मेरा दूसरा हाथ टॉप के अंदर उसके बूब्स पर आ गया।

उस मखमली अहसास से मेरा लंड बार-बार सलामी देने लगा।
एक हाथ टॉप के ऊपर से, दूसरा सीधे बूब्स को मस्त दबा रहा था।

कुछ समय बाद मैंने बाहर वाले हाथ से उसके गले, होंठ और गालों को सहलाना शुरू किया।
वो बिल्कुल नशे में झूम रही थी।

मैंने ऊपर वाले हाथ को गले की तरफ से टॉप के अंदर डाला, उसके बूब्स को दबाने लगा।
अब मैं दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स को सीधे दबा रहा था, एक हाथ कमर की तरफ से, दूसरा गले की तरफ से।

उसके मखमली बूब्स इतने बड़े थे कि मुझे पूरे बूब को पकड़ने के लिए पूरी हथेली लगानी पड़ी।
फिर भी बूब्स इतने टाइट थे, बिना ब्रा के भी नीचे नहीं लटकते थे; बूब्स में पूरी कसावट थी।

आशना के निप्पल भी कुछ बड़े थे, उत्तेजना से कसावट में अलग से दिख रहे थे।

मैं आशना के बूब्स दबाते हुए एक हाथ से उसकी ठोड़ी को अपनी तरफ घुमाने लगा, दूसरे हाथ से बूब्स को सहला और दबा रहा था।
उसके निप्पल के नीचे का काला घेरा बड़ा था, मैं उस पर उंगली घुमा रहा था।

बूब्स दबाते समय मेरा लंड फटने को तैयार था, मैं बार-बार उसे आशना की गांड पर दबा रहा था।
लंड बार-बार सलामी दे रहा था।

बूब्स दबाने के दौरान मैंने हिम्मत की, आशना को अपनी छाती से चिपकाया, उसकी गर्दन पर किस करने लगा।
फिर धीरे-धीरे गर्दन से बढ़ते हुए उसके कान और गाल पर चुम्बन करने लगा।

आशना भी मस्त हो रही थी, अब वो पूरा सहयोग दे रही थी।

उसने अपने मुंह को मेरी तरफ घुमाया, मुझे होंठों पर किस करने का न्योता दिया।
फिर क्या था … मैं उसके होंठों को दबाकर चूमने लगा।
ऊपर से किस और नीचे बूब्स दबाने से वो खुद ही अपनी गांड को मेरे लंड पर दबाने लगी।
खुद ही आगे-पीछे होने लगी।

मौके की नजाकत को देखते हुए मैंने एक हाथ टॉप से बाहर निकाला, उस हाथ से अपने लिंग को बाहर निकाला और उसके एक हाथ को पकड़कर मेरे लंड पर रख दिया।

वो मेरे लंड को एक प्रशिक्षित की तरह मुठ मारने लगी।
तब मुझे महसूस हुआ कि ये सब इसके लिए नया नहीं था।
लेकिन मुझे उससे क्या … मुझे तो अभी खुद को शांत करना था।

वो मुझे किस कर रही थी।
ऐसा किस मेरी बीवी ने कभी नहीं किया था।

वो अपनी जीभ को मेरे मुंह में पूरा घुमा रही थी, उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से पूरा भर लिया था।

मैंने उसे पीठ से पकड़ रखा था।
उसने अपने मुंह को किस करने के लिए पीछे घुमा रखा था।

जल्दी ही उसकी गर्दन दर्द करने लगी।
फिर भी वो मुझे किस कर रही थी।

एक हाथ से वो मेरे लंड की मुठ मार रही थी।
मैं उसे किस करते हुए एक हाथ से उसके बूब्स मसल रहा था, उसकी चूची को दबा रहा था।
दूसरे हाथ को उसकी कमर और पेट पर घुमा रहा था।

कुछ देर बाद मैंने एक हाथ को उसकी लेगिंग के अंदर आगे की ओर उतारा।

आशना और उत्तेजित होने लगी, इस जोश में उसने मेरी मुठ तेज कर दी।

मुझे बहुत मजा आ रहा था।
इसी जोश में मैंने दूसरा हाथ पूरा नीचे उसकी चूत पर उतार दिया, उसकी क्लिट को मसल दिया।

आशना बहुत उत्तेजित होकर मेरी मुठ जल्दी-जल्दी मारने लगी।
मैं पूरा मजे में खो गया, इस पल का पूरा आनंद लेने लगा, उसकी क्लिट को पूरे मजे से मसलने लगा।

मेरा एक हाथ उसकी क्लिट को मसल रहा था, दूसरा हाथ उसके बूब्स को बारी-बारी से मसल रहा था।

मैं उसे दबाकर किस करने लगा।
मुझे इतना मजा आ रहा था कि मेरा वीर्य निकलने वाला था।

मैंने आशना को बता दिया।
कुछ ही पल तक ये कार्यक्रम चला, तभी मेरे लंड ने एक भरी पिचकारी के साथ माल छोड़ना शुरू किया।

मैं अकड़ने लगा, मेरा सारा माल उसकी गांड पर पहनी लेगिंग पर छूट गया।

मेरा लंड इस समय पूरा अकड़ा हुआ था। आशना मेरी मुठ वैसे ही मार रही थी।

करीब 10-12 झटकों के बाद वीर्य टपकना बंद हुआ।

उस समय मेरी आंखें बंद थीं। मैं पूरे कार्यक्रम का मजा ले रहा था।

जब मैंने आंखें खोलीं तो देखा कि आशना एक हाथ से मेरे लंड की मुठ मार रही थी।
दूसरे हाथ से उसने अपनी लेगिंग और पैंटी नीचे कर रखी थी।
मेरा सारा वीर्य उसके चूतड़ों पर गिरा था, वहां से वो उसकी पैंटी में टपक रहा था।

मैंने आशना को वैसे ही अपनी बांहों में भर लिया।

मेरा एक बार हो चुका था लेकिन मेरी प्यास अभी बुझी नहीं थी।
मेरा लंड वैसे ही खड़ा था।

अब बारी मेरी थी कि आशना की प्यास बुझाऊं।

मैंने एक हाथ से उसकी क्लिट को मसलना जारी रखा।
उस हाथ की एक उंगली को धीरे-धीरे नीचे ले गया।
उसकी चूत के मुंह पर मसला।

उसकी चूत पहले से पूरी गीली थी।
मैंने वो उंगली उसकी चूत में उतार दी।
पहली बार में ही उंगली पूरी नीचे चली गई।

मैंने उंगली ऊपर उठाकर बाहर निकाली, फिर से अंदर डाल दी।

मैं शुरू से लेकर अभी तक आशना के पीछे ही खड़ा था।
उंगली अंदर-बाहर करने में मुझे दिक्कत हो रही थी।

आशना ने अपने दोनों हाथ सामने काउंटर पर सहारे के लिए रख लिए।
कुछ देर उंगली आगे-पीछे करने के बाद मैंने आशना को सामने घुमाया।
उसने पीछे से ही करने को बोला क्योंकि वो शर्मा रही थी।

लेकिन मैंने जबरदस्ती उसे घुमा दिया ताकि उसका चेहरा अच्छे से देख सकूं।

आशना ने शर्म से चेहरा नीचे कर रखा था।
मैंने उसे दिखाते हुए सामने से हाथ उसकी लेगिंग में डाला और दो उंगलियां उसकी चूत में उतार दीं।

वो शर्म से थोड़ी कसमसाई, फिर गर्दन नीचे किए ही आनंद लेने लगी।

मैंने उसके गले को दूसरे हाथ से ऊपर किया।
उसने आंखें बंद कर लीं।

तभी मैं उसके होंठों पर किस करने लगा।
उसने आंखें बंद रखीं।
लेकिन किस में पूरा साथ देने लगी।

अब जिस हाथ से मैंने उसके चेहरे को पकड़ा था, उसे टॉप के अंदर उसके बूब्स पर ले गया, उन्हें मसलने लगा।
मैं होंठों पर किस कर रहा था।
एक हाथ से बूब्स को बारी-बारी मसल रहा था, दूसरे हाथ की दो उंगलियों को अंदर-बाहर कर रहा था।

आशना बहुत उत्तेजित होकर मुझे किस कर रही थी, आगे-पीछे होकर चूत में उंगली करवा रही थी।

मुझे अहसास हो गया था कि आशना अब झड़ने में ज्यादा समय नहीं लगाएगी।
मैंने नीचे उंगली करना बंद कर दिया।

आशना ने आंखें खोलीं और मुझे देखा।
मैं उसे देखकर मुस्कुरा रहा था।

ये देखकर वो शर्मा गई, मेरी छाती से चिपक गई।

मैंने उसकी लेगिंग और अंडरवियर नीचे किया।
लंड को निशाने पर लगाया, अंदर धक्का लगाया।

लेकिन हम दोनों खड़े थे,मेरा लंड उसकी टांगों में ही चला गया।

हमने एक बार और ट्राई किया।
फिर भी वही हुआ।

मैंने आशना को पीछे धकेलकर खड़ा किया।
उसके दोनों हाथों को काउंटर का सहारा दिया।

अब आशना के पैर मेरे पास थे, वो मेरी तरफ मुंह किए पीछे झुकी हुई थी।
उसके दोनों हाथ पीछे काउंटर पर टिके थे।
इस समय वो पीछे झुकी थी, उसकी कमर आगे आ गई थी, उसकी चूत आगे निकल आई।

मैंने पहली बार आशना की चूत देखी, पहली बार पफ वाली चूत देखी।
पफ वाली चूत वो होती है जिसमें चूत के ऊपरी होंठ कुछ ज्यादा बड़े होते हैं, मोटे और नरम भी होते हैं, जिससे चूत उस पफ से ढकी होती है।

ये चूत अन्य चूत से ज्यादा नरम और खास होती है। इसमें भग के अंदर का कुछ देखना हो तो उसे चौड़ा करना पड़ता है।

मैंने ज्यादा समय न लगाकर अपने लंड को उसकी चूत पर रखा, धीरे से धक्का लगाया।
आशना की चूत इतनी गीली थी कि एक बार में ही मेरा लंड पूरा उसकी चूत में उतर गया।
तब मुझे पता चला कि आशना सिर्फ आशना नहीं थी, वो पूरी चुदी चुदाई औरत थी।

पहली बार में वो थोड़ा कसमसाई।
लेकिन बाद में सामान्य हो गई।

मैंने शुरुआत में धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर किया।
फिर उसके टॉप को गले तक ऊपर कर दिया।

उसकी चूचियां गहरे काले रंग की थीं।
मालू भाभियों की तरह चूचियों के नीचे बड़े काले सर्कल थे।
देशी भाभी की फीलिंग दे रहे थे।

मैं उसकी चूचियों को हल्का-हल्का दबाने लगा, उसके काले सर्कल पर उंगली घुमाने लगा।

नीचे चूत में धीरे-धीरे लंड डालने से और बूब्स पर उंगली घुमाने से आशना बहुत कसमसा गई।
उसने आंखें खोलकर मुझे देखा।

मैं उसी को चोदते हुए देख रहा था।
मुझे देखकर वो मुस्कुराने लगी।

उसके चेहरे पर गुस्सा और याचना दोनों दिख रहे थे।

उसने मुझे हां का इशारा किया और खुद ही जल्दी-जल्दी आगे-पीछे होने लगी।
आशना को ये सब करते देख मुझे यह कमी महसूस हुई कि काश इस सारे कार्यक्रम की वीडियो बना पाता।

उत्तेजना के कारण आशना बहुत जल्दी आगे-पीछे हो रही थी।
ये सब मैं देखकर उसका कायल हो रहा था।

वो अभी भी उसी पोजीशन में खड़ी थी, अपनी कमर को आगे-पीछे कर रही थी।
मैंने उसे ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा, उसे किस किया, धीरे से कान में बोला, “अपनी आंखें खोलो। मेरी तरफ देखो।”

उसने एक बार मना किया।
मैंने अपने लंड को बाहर खींचकर रखा।
आशना बच्चों की तरह रूठने के भाव में अपनी जगह पर एक-दो बार उछली, गुस्से में बोली, “डालो न!”

उसने आंखें खोल लीं।
वो मुझे देखकर शर्मा रही थी।
लेकिन आंखें खोलना उसकी मजबूरी बन गई थी।

मैंने उसकी आंखों में देखते हुए अपने लंड को उसकी चूत में पूरा उतार दिया।
फिर से धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा।

अब आशना से रहा नहीं जा रहा था, उसके मुंह से मादक आवाजें निकल रही थीं।
उसने दोनों हाथ पीछे से हटाए, सीधी खड़ी हो गई।

अब हम दोनों एक-दूसरे से चिपक गए थे।
आशना ने शर्म कम की, दोनों हाथों से मेरे चेहरे को पकड़ा, मुझे किस करने लगी।

फिर एक हाथ मेरे कूल्हों पर ले जाकर दबा दिया।
मुझे एक जगह रोककर खुद आगे-पीछे होने लगी, जल्दी-जल्दी आगे-पीछे होने लगी, जोर लगाकर किस करने लगी।

मैं समझ गया कि अब ये ज्यादा नहीं टिकेगी।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत से जबरदस्ती बाहर निकाल लिया।

तब मैंने उसे घुमा दिया और काउंटर पर बैठने को बोला।

आशना के काउंटर पर बैठने के बाद मैंने उसके दोनों पैर ऊपर किए।
उसके दोनों हाथ काउंटर पर पीछे टिक गए।

इस समय उसके पैरों और शरीर के बीच लगभग 300 डिग्री का कोण था।
पैर उठने से उसकी चूत मेरे सामने थी।

मैंने ज्यादा समय न लगाते हुए लंड को सीधा उसकी चूत में उतार दिया।

दोनों पैर जुड़े होने से चूत थोड़ी टाइट हो गई थी तो लंड डालने में थोड़ी परेशानी हुई।

बाद में मैंने आशना की पीठ को दोनों हाथों से पकड़ा, उसके बूब्स को उसके पैरों से टच करवा दिया।

अब वो अपने पैरों से पूरी चिपक गई थी, काउंटर पर सिर्फ उसके हाथ और चूतड़ टिके थे।

मैं पूरे जोर से उसे लगातार चोदने लगा।
जोर-जोर से चोदने के कारण आशना भूल गई कि हम किसी परेशानी में थे।

दुकान के बाहर भी कोई था।

वो जोर-जोर से सिसकारने लगी।
चुदाई जल्दी-जल्दी होने से उसके की आवाज हकला-हकला कर आ रही थी।

मैंने उसके मुंह पर अपना मुंह लगा दिया।
लगातार उसी स्पीड से चोदने लगा।
जितना जोर मैं लगाता, आशना भी अपनी गांड आगे-पीछे करके उतना जोर लगाती।

अब उसने अपने जोर को बढ़ा दिया और मेरे मुंह में अपनी जीभ अंदर तक घुमाने लगी।

मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी, लगातार जोर-जोर से उसे चोदने लगा।
करीब दो मिनट बाद आशना ने अपने हाथ काउंटर से हटाए।
उसने मेरी पीठ को पकड़ लिया।

करीब दस-बारह जोर के झटकों के बाद वो झड़ गई और वहीं ढेर हो गई।

मैंने उसे सहारा देकर धीरे-धीरे काउंटर पर लिटाया।
मेरा लंड अब भी उसकी चूत में था।

उसके ऑर्गेज्म के समय से मैंने चोदने की स्पीड कम कर दी थी।
मैं बिल्कुल धीरे-धीरे उसे चोद रहा था।

जब मैंने उसे पूरा काउंटर पर लिटा दिया, तब भी मैं धीरे-धीरे चोद रहा था।
ताकि वो एकदम से खाली न महसूस करे।

करीब एक मिनट बाद मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला।

लंड बाहर निकालते ही आशना कमर से थोड़ा ऊपर उठी।
फिर वैसे ही लेट गई।

इस समय वो काउंटर पर थी, अपनी आंखों को एक हाथ से ढककर लेटी थी।

उसके दोनों पैर अब भी मैंने ऊपर पकड़ रखे थे।
मैं उसकी चूत को देखे जा रहा था।

मैंने ज्यादा चूत नहीं चोदी थी।
लेकिन जितनी देखीं, उनमें सबसे उत्तेजक और कोमल चूत आशना की थी।

उसे देखकर ही मेरा लंड फनफना रहा था।

लेकिन आशना का अभी ऑर्गेज्म हुआ था तो मैं लंड को उसकी चूत में नहीं डाल सकता था।

लंड को इससे क्या मतलब!

तब मैंने अपने एक हाथ को काम में लिया, मैं आशना के ऊपर मुठ मारने लगा।

करीब दो मिनट बाद मैं झड़ने को हुआ।
मैंने लंड को उसकी चूत के ऊपर रखा, वहीं झड़ गया।

इस अचानक टच और गर्म वीर्य को उसकी चूत पर डालते ही आशना थोड़ी बैठ सी गई।

तब तक आशना ने मुझे डिस्टर्ब नहीं किया, मेरे इजैकुलेशन का इंतजार किया।
जो मुझे अब तक की सभी लड़कियों में समझदार लगी।

अब मैं भी सामान्य था।
आशना भी सामान्य थी।

लेकिन दोनों के जननांग खुले थे।
हम दोनों एक-दूसरे से शर्मा रहे थे।

माहौल हल्का करने के लिए मैंने आशना को उठने को बोला।

वो धीरे से काउंटर से नीचे उतरी।
उसके पैरों में अब भी ताकत नहीं थी, खड़ी होते ही गिरने को हुई।

मैंने उसे संभाला और अपनी बांहों में भर लिया।

आशना कुछ देर तक वैसे ही मेरी बांहों में रही।
फिर जैसे-जैसे उसके शरीर में जान आई, मैंने उसे सीधा खड़ा किया।

वो अपनी पैंटी और लेगिंग ऊपर करने लगी।
तो मैंने उसे रोक दिया।

मैंने पास से एक साफ कपड़ा लिया, उसके पैरों में बैठ गया और उसकी चूत से टपकते वीर्य को साफ किया।
फिर उसकी चूत को चूम लिया।

आशना शर्मा गई। पीछे हट गई।

मैंने अपना पजामा ऊपर कर लिया।
देखा तो आशना ने भी अपनी लेगिंग ऊपर कर ली थी।
टॉप को नीचे कर लिया था।

Hotx गर्ल फक स्टोरी अगले भाग तक जारी रहेगी.
आप मुझे बताएं कि कहानी में मजा आ रहा है या नहीं?
[email protected]

Hotx गर्ल फक स्टोरी का अगला भाग: लॉकडाउन में मिली एक प्यारी सी लड़की- 3

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top