सहेली के भाई से कामुक प्यार- 1
(Hot School Girl Love Story)
हॉट स्कूल गर्ल लव स्टोरी में मैं मेरी सहेली के भाई को पसंद करती थी. वह भी मुझे पसंद करता था. मेरी सहेली ने हमारी दोस्ती करवा दी और हम बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड जैसे करने लगे थे.
यह कहानी सुनें.
नमस्कार दोस्तो, कैसे हो सब?
मैं मानसी, आपके लिए मेरी पहली कहानी लेकर हाजिर हूँ।
इसमें मैं बताऊंगी कि कैसे मेरी पहली चुदाई हुई थी।
दोस्तो, मेरी उम्र साढ़े 19 साल है।
यह हॉट स्कूल गर्ल लव स्टोरी उस वक्त की है जब मैं 12वीं क्लास में थी।
उस समय मेरी उम्र 19 साल हुई ही थी और मेरी पहली चुदाई हो गई।
मेरा फिगर उस समय 32-24-34 का था।
मैंने कभी सेक्स नहीं किया था।
उस वक्त मेरा सेक्स करने का बहुत मन करता था इसलिए मैं अपनी चूत में उंगली, पेन, पेंसिल आदि भी डाल लेती थी।
मैं मेरे मम्मी पापा की इकलौती लाडली बेटी हूं।
मेरे पापा अक्सर अपने काम से शहर से बाहर जाते रहते हैं।
मेरे पापा जब शहर से बाहर जाते हैं, तब मैं और मेरी मम्मी ही घर पर होते हैं।
जब मेरे पापा घर पर नहीं होते हैं तब अक्सर मैंने मेरी मम्मी को हमारे पड़ोसी अंकल के साथ सेक्स करते हुए देखा है।
उनको देख कर मेरा मन भी चुदने का करने लगता था।
मैं सोचा करती थी कि कोई मुझे भी मेरी मम्मी की तरह ही चोद दे।
मेरी मम्मी हमारे जिस पड़ोसी अंकल से चुदती थी उनकी एक बेटी थी जिसका नाम मोहिता था और वह मेरी बहुत अच्छी सखी थी।
मोहिता और मैं एक ही क्लास में और एक ही स्कूल में साथ में पढ़ती थी।
मोहिता के दो बड़े भाई है जिनका नाम आयुष और रीतेश है। मोहिता उन्हें सिर्फ भाई कह कर ही बुलाती थी।
हम लोग काफी लंबे समय से एक दूसरे के पड़ोसी हैं और हम लोगों की अच्छी बनती है।
इसलिए बचपन से ही मुझे भी आयुष और रीतेश को भैया बुलाने की आदत पड़ गई है।
मोहिता का बड़ा भाई आयुष मैथ्स में बहुत होशियार था और वह मुझे और मोहिता को अक्सर साथ में मैथ्स पढ़ता था।
आयुष भैया काफ़ी समय से मुझे पसंद करते थे और उसने बहुत बार मुझे पटाने के लिए कोशिश की थीं।
जब भी मैं और मोहिता उनके पास मैथ्स पढ़ने बैठते थे तब उनका ज्यादातर ध्यान मेरी तरफ ही रहता था।
आयुष जी की उम्र 25 साल की हो गई थी और वे अच्छी नौकरी पर भी लग गए थे।
उनके घर वाले उनकी शादी के लिए लड़की भी देख रहे थे।
जब भी हम लोगों की फैमिली साथ में होती थी और किसी की शादी के बारे में बात होती थी तो बात घूमफिर के आयुष जी की शादी पर आती थी।
जब भी आयुषजी की शादी के बारे में बात होती थी तब वह सब के सामने मज़ाक करते हुए मेरी तरफ देख के बोलते थे- मुझे बहुत ही स्वीट और सिम्पल लड़की से ही शादी करनी है।
वे जब मेरी तरफ़ प्यार से देखते थे तब मुझे बहुत ही शर्म आती थी.
लेकिन एक अजीब सी अच्छी फीलिंग भी होती थी और मैं हंसते हुए मेरी नज़र झुका लिया करती थी।
कुछ ही महीनों पहले आयुष जी का जन्मदिन था और मुझे उनको गिफ्ट देने का मन हुआ.
मैं मोहिता को बाजार ले कर गई और मैंने आयुष जी के लिए उनकी पसंद का एक शर्ट गिफ्ट लिया।
आयुष जी के लिए गिफ्ट लेकर मैंने मोहिता को दिया और उसको कहा- यह शर्ट अपने आयुष भैया को दे देना।
मोहिता ने कहा- नहीं, मैं नहीं दूंगी. तूने लिया है तो तू ही उनको देना।
मैंने मोहिता को बहुत समझाया लेकिन वह नहीं मान रही थी।
मोहिता ने उस दिन खुल कर मुझे कहा- देख, मैं बहुत समय से देख रही हूं कि भाई तुझे बहुत पसंद करते हैं और तू भी उनको पसंद करती हैं और इसलिए ही तूने उनके लिए गिफ्ट लिया है।
मैंने मोहिता से कहा- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है, यह तो बस उनका जन्मदिन है इसलिए मैंने लिया है।
मैंने मोहिता से बहुत बहस की लेकिन वह नहीं मानी.
उसने भी मुझसे बहुत बहस की और मुझे समझाया- तू मेरे भाई को पसंद करती है.
आखिरकार मुझे मोहिता के सामने झुकना पड़ा और मैंने मोहिता के सामने स्वीकार किया कि मैं उसके भाई को पसंद करती हूं।
मैंने मोहिता से रिक्वेस्ट किया- यार प्लीज, यह शर्ट उनको दे देना. मुझे शर्म आ रही है।
मोहिता ने कहा- ठीक है, दे दूँगी. लेकिन इसमें तू एक अच्छा सा कार्ड डाल दे जो तेरी फीलिंग शेयर कर सके।
उसके कहने पर मैंने गिफ्ट के साथ एक फ्रेंडशिप वाला कार्ड लेकर गिफ्ट के साथ मोहिता के हाथ भेज दिया।
मोहिता ने गिफ्ट लेकर अपने भैया को दे दिया और फिर मुझे चिढ़ा कर कहने लगी- भाभी जी, मैंने आपका गिफ्ट भैया को दे दिया है और उनको पसंद भी आया है।
दूसरे दिन जब आयुष ऑफिस जाने के लिए निकल रहे थे तब मोहिता ने मुझे कॉल कर किया।
ऑफिस जाते हुए आयुष भैया ने मेरा गिफ्ट किया हुआ शर्ट ही पहना था.
मोहिता- क्या कर रही है भाभीजी?
मैं- मज़ाक मत कर, सीधे सीधे बता क्या काम है?
मोहिता- भैया ऑफिस जाने के लिए निकल रहे हैं और उन्होंने तुम्हारी गिफ्ट की हुई शर्ट पहनी है। देख ले!
मैंने मोहिता का कॉल कट किया और घर के दरवाज़े पर आ गई.
आयुष जी वही शर्ट पहनकर ऑफिस जाने के लिए निकले और मेरी तरफ देख कर स्माइल करते हुए चले गए।
मैं दरवाजे पे खड़ी होकर उनको देख रही थी और मोहिता अपने घर से मुझे देख रही थी।
आयुषजी के जाने के बाद मोहिता मेरे घर पर आई।
मैं घर के काम में मेरी मम्मी का हाथ बटा रही थी.
मोहिता ने आकर मुझसे स्कूल के नोट्स मांगे और बहाना बना कर मुझे मेरे कमरे में ले गई।
कमरे में जाते ही मोहिता ने मुझे गले लगाया और मेरे गाल पर कस कर किस किया और कहा- भैया को तुम्हारी गिफ्ट पसंद आई. उन्होंने तुम्हारे लिए रिटर्न गिफ्ट में हग और किस भेजा है।
मैंने मोहिता से कहा- चुप कर! पागल ऐसा मज़ाक मत किया कर!
मोहिता ने कहा- इतना क्यूं शर्मा रही है. भैया को फोन कर और अपने दिल की बात बता दे।
थोड़ी देर ऐसी वैसी बात कर के मोहिता ने मुझे कहा- यार प्यास लगी है, ठंडा पानी तो ले आ!
मैं पानी लेने के लिए नीचे किचन में गई और मोहिता ने मेरा फोन ले कर आयुष जी को हाई का मैसेज कर दिया।
जब मैं पानी लेकर आई तब मोहिता मेरे फोन में कुछ कर रही थी.
मैंने कहा- क्या कर रही है?
तो उसने कहा- कुछ नहीं, भैया को हाय कहा और अब उनका नाम बदल रही हूं।
मैंने मोहिता के हाथ से मेरा फोन ले लिया और देखा तो उसने सच में आयुष जी को हाय का मैसेज किया था और उनका नाम आयुष भैया की जगह ‘माय लव’ कर के बदल दिया था।
उस समय मैंने मोहिता पर थोड़ा गुस्सा किया और उसको अपने घर वापस भेज दिया।
मोहिता के जाने के बाद आयुष जी का मैसेज आया थैंक्स करके!
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूं.
लेकिन बाद में उनके मैसेज आने लगे और मैं उनको रिप्लाई करने लगी।
इस तरह से पूरी दोपहर कैसे गुज़र गई पता ही नहीं चला।
शाम तक मोहिता के प्रति मेरा गुस्सा बिल्कुल शांत हो गया था तो मैं उसके पास गई, उसको सॉरी कहा और उसके साथ बात की।
आयुष जी ऑफिस से निकले और उन्होंने मुझे कॉल किया.
उस दिन पहली बार उनका कॉल आया था.
फोन में ‘माय लव’ नाम देख कर मोहिता ने मुझे कहा- चल मेरे रूम में आकर बात कर ले!
उस दिन से मैसेज और कॉल पर हमारी बातें शुरू हो गई।
धीरे धीरे हम लोगों का बाहर छुप छुप कर कभी कभी मिलना शुरू हो गया।
धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के पास आने लगे थे और एक दूसरे से मिलना बढ़ने लगा था।
कभी कभी मौका मिलने पर हग और किस किया करते थे।
जब मेरा जन्मदिन आया तब मैंने मेरे पापा से कहा- मैं सबको पार्टी देना चाहती हूं!
मेरे पापा ने मेरे जन्मदिन पर बहुत बड़ी पार्टी रखी।
मेरे जन्मदिन की पार्टी में हमारे सारे पड़ोसी, रिश्तेदार और मेरे सब स्कूल फ्रेंड्स भी आए हुए थे।
पार्टी में आयुष भी आए थे।
केक काटने के बाद सब के साथ मैंने बहुत सारे फ़ोटो खिंचवाए।
मोहिता और उसकी फैमिली के साथ भी हमने फ़ोटो खिंचवाए।
पार्टी खत्म होने के बाद सब लोग अपने घर चले गए और सब के सोने के बाद आयुष जी का मुझे मैसेज आया और उन्होंने मुझे छत पर बुलाया।
रात को चुपचाप मैं छत पर आयुषजी को मिलने गई.
वे मेरे लिए जीन्स और टीशर्ट गिफ्ट लाए थे।
उन्होंने मुझे कहा- इसे अभी पहन कर दिखा ना … कैसी लग रही है, मुझे देखना है तुझे!
मैं शर्मा गई और मैंने उनको कहा- अब जाओ, बहुत रात हो गई है. कोई इतनी रात को हमे यहां देख लेगा तो हंगामा हो जाएगा।
आयुषजी ने कहा- ऐसे कैसे जाऊं, तुमने अपने जन्मदिन पर सब को केक खिलाया लेकिन मुझे ही नहीं खिलाया।
मैंने कहा- सबको मतलब मैंने मेरी फैमिली को ही खिलाया है. आपको सबके सामने कैसे खिलाती?
उन्होंने कहा- ठीक है. अब तो सिर्फ में ही हूं और कोई नहीं है, अब तो खिला दे।
मैंने उनको कहा- अभी मैं केक कहा से लाऊं, कल खिला दूँगी।
उन्होंने कहा- कल नहीं, मुझे आज और अभी खाना है. यहां आओ, मैं खा लेता हूं।
मैं कुछ बोलती उसके पहले ही उन्होंने मुझे अपने पास खींच लिया और मेरे होठों पर चुम्बन करने लगे।
तब मैं भी उनको किस करने लगी और वे मुझे किस करते हुए अपना हाथ मेरी कमर पर घुमा रहे थे।
धीरे धीरे उनके हाथ मेरी कमर से घूमते हुए मेरी गान्ड पर पहुंच गए और उन्होंने मेरे कूल्हे दबाना शुरु किया।
मेरे कूल्हे दबाते हुए उन्होंने अपना हाथ मेरी गान्ड के छेद में दबाना शुरू किया।
मैंने किस करते हुए उनका हाथ वहाँ से हटाया।
फिर उन्होंने किस करते हुए मेरे कूल्हे पकड़ कर मुझे उठा लिया और हम दोनों के घर की छत के बीच की छोटी दीवार पर बैठा दिया।
वे मुझे हग और किस करते हुए धीरे से अपना हाथ मेरे दूध पर ले आए और उन्होंने मेरे दूध को दबाना शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में मेरी चूत गीली होने लगी थी. हॉट स्कूल गर्ल लव का यह मेरा पहला ऐसा अनुभव था.
और वे मेरी ड्रेस उतारने वाले थे, तभी मैंने उनको रोक दिया और कहा- बस इतना ही … अब जाकर सो जाओ।
उस दिन उन्होंने मुझे छोड़ दिया और हम दोनों अपने अपने घर चले गए.
कमरे में जाकर भी मुझे चैन नहीं मिला और मैं उनके बारे में सोच सोच कर मेरी चूत में उंगली करने लगी।
मेरे जन्मदिन के 3 दिन बाद मकर संक्रांति का त्योहार था और हमारे यहां ये त्योहार बड़ी जोर शोर से मनाया जाता है।
सब लोग पूरा दिन छत पर म्यूजिक सिस्टम लगा कर पतंग उड़ाते हैं।
मकरसंक्रांति पर मैंने आयुषजी के दिए हुए जीन्स और टीशर्ट पहने थे.
और मुझे जीन्स और टीशर्ट में देख कर आयुष को मैं बहुत अच्छी लग रही थी।
उस दिन पूरा दिन हम सब फैमिली के साथ छत पर थे और आयुष जब पतंग उड़ा रहे थे तब मैं उनके साथ फिरकी पकड़ कर खड़ी रहती थी।
मुझे पतंग उड़ाना नहीं आता है इसलिए आयुष मुझे पतंग उड़ा कर पकड़ने के लिए दिया करते थे.
और जब पतंग नीचे गिरने लगती या कोई और पतंग मेरी पतंग काटने के लिए आती थी, तब वे मेरे पीछे आ जाते और मुझे चिपक कर मेरा हाथ पकड़ कर पतंग को नीचे गिरने से या काटने से बचा लेते।
जब भी वे ऐसा करते थे तब साफ साफ ऐसा लगता था कि वे मुझे पीछे से हग कर रहे हैं।
उनका लन्ड मेरी गान्ड को छूता था और उनका हाथ मेरे दूध को छूता था।
पतंग उड़ाते हुए उन्होंने बहुत बार ऐसा किया और किसी को शक भी नहीं हो रहा था।
मकर सक्रांति के बाद शादियों का सीजन शुरू हो रहा था और मेरे पापा के दोस्त के बेटे की शादी थी।
मेरे स्कूल चालू थे इसलिए मेरे मम्मी पापा मुझे घर पर अकेली छोड़ कर दो दिन शादी में गए थे।
मैं घर पर अकेली थी और रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी।
मैं आयुष के साथ मैसेज में चैट कर रही थी और रात के 11:30 हो गए थे।
रोज में 11 या ज्यादा से ज्यादा 11:15 तक सो जाती थी लेकिन उस रात को 11:30 को भी मुझे नींद नहीं आ रही थी।
आयुष ने मुझे कहा- क्या बात है, आज तुझे नींद क्यूं नहीं आ रही?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस घर पर कोई नहीं है इसलिए नींद नहीं आ रही है।
आयुष ने कहा- कोई नहीं है तो मैं आ जाऊं? मुझे भी नींद नहीं आ रही है, साथ में सो जाएंगे।
मुझे लगा कि वे मज़ाक कर रहे हैं तो मैंने भी मजाक में कह दिया- आ जाओ।
4-5 मिनट के बाद मेरे घर की छत के दरवाज़े पर ठक ठक की आवाज़ हुई।
मैं घर पर अकेली थी और छत पे ठक ठक की आवाज़ से मैं बहुत डर गई.
मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं, मुझे लगा कोई चोर तो नहीं आ गया।
मैं इतना डर रही थी कि मेरे पसीने छूट रहे थे और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.
तभी आयुष का कॉल आया।
मेरे फोन की रिंग सुन कर भी मैं पहले घबरा गई फिर आयुष का फोन देख कर मैंने उनसे बात की।
मैंने घबराते हुए हेलो कहा.
आयुष ने कहा- क्या हुआ, इतना क्यों डरी हुई हो?
मैंने कहा- छत पर कोई है, आवाज़ आ रही है।
आयुष ने कहा- छत पर कोई नहीं है … मैं ही हूं. आ कर दरवाज़ा खोल!
मैंने डरते हुए छत का दरवाज़ा खोला और वहां आयुष ही था।
मैं इतना डरी हुई थी और रो रही थी. मैं तुरंत ही आयुष के गले लग गई और रोने लगी।
आयुष ने मुझे बहुत समझाया और धीरे धीरे वह मुझे नीचे मेरे कमरे में ले आए।
कुछ देर बाद आयुष ने मुझे पानी पिलाया और मुझे रिलैक्स किया।
कमरे में आयुष मेरे बिस्तर पर लेट गए और अपने बाएं कंधे को लंबा किया और मुझे अपने बाएं कंधे पर सर रख कर अपने बगल में लेटा दिया।
मैं आयुष के कंधे पर सर रख कर उनकी बगल में लेट गई और उन्होंने मुझे अपनी बांहों में ले लिया।
मुझे अपनी बांहों में ले कर वह अपने दाएं हाथ से मेरे बालों को सहलाने लगे।
फिर उन्होंने अपने बाएं हाथ से मेरे गाल को सहलाया और फिर अपना अंगूठा मेरे होठों पर घुमाया और मेरे होठों पर अपने होंठ रख कर मुझे किस करने लगे।
मैंने भी उनको अपने गले लगा लिया और मैं भी उनको किस करने लगी।
वे मुझे किस करते हुए अपने हाथ मेरी पीठ पर घुमा रहे थे।
कुछ देर बाद किस करते हुए उन्होंने अपने हाथ मेरी कमर पर और गान्ड पर फिराए।
थोड़ी देर बाद वे सीधे लेट गए और उन्होंने मुझे अपने ऊपर लेटा दिया।
मैं उनके ऊपर लेट कर उनको होठों पर किस कर रही थी और वह अपने दोनों हाथों से मेरे कूल्हे धीरे धीरे दबा रहे थे।
उनका लन्ड खड़ा हो गया था और उनकी शॉर्ट्स के अंदर उछल रहा था।
उनके ऊपर लेट कर उनको किस करते हुए मुझे उनके लन्ड के उछलते हुए झटके महसूस हो रहे थे।
लन्ड के उछलते हुए झटके महसूस करके मैं उनके ऊपर से वापस नीचे उनकी बगल में आ गई.
और फिर वे मुझे किस करने लगे।
मुझे किस करते हुए उन्होंने अपना दायां हाथ मेरे बाएं दूध पर रखा और मेरे दूध को धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया।
वे किस करते हुए धीरे धीरे मेरे दूध मसल रहे थे और मेरी चूत ने गर्मी पकड़ना शुरू कर दिया।
मेरे दूध के निप्पल कड़क हो गए और मेरी चूत चिकनी हो गई।
मैं बहुत गर्म हो गई और मैंने उनकी टी शर्ट उतार दी और मैं उनको छाती पर और गले पर चूमने लगी।
मेरे होठों की गर्मी से वे भी गर्म हो गए।
उनके गर्म हो जाने के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर बैठाया और वे मेरी टीशर्ट उतारने लगे।
मुझे थोड़ी शर्म आ रही थी तो मैंने उनको मेरी टीशर्ट उतारने से थोड़ा रोकना चाहा लेकिन उन्होंने मेरे हाथ हटाकर मेरी टीशर्ट उतार दी।
मेरी शर्ट उतार कर उन्होंने मुझे बिस्तर पर घुटनों पर बैठा दिया और वह मेरे सामने घुटनों पर बैठ गए।
उनके हाथ मेरे कंधों पर रख कर वे मुझे गले पर और मुंह पर किस करने लगे।
मैं शर्म से पानी पानी हो रही थी.
और वे किस करते हुए अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों दूध दबाने लगे।
कुछ ही देर में उन्होंने मेरी ब्रा को भी निकाल दी और मेरे दूध को दबाने लगे।
मेरे दूध को दबाने के बाद वे धीरे धीरे मेरे गले से चूमते हुए मेरे दूध तक पहुंच गए।
मैं शर्मा कर बिस्तर पर उल्टी लेट गई और वे मेरी बगल में लेट गए।
मेरे बगल में लेट कर उन्होंने मेरे बालों को मेरी पीठ से हटाया और मेरी पीठ पर किस करने लगे।
मुझे पीठ पर किस करते हुए उन्होंने अपना हाथ मेरी गान्ड पर रखा और बारी बारी मेरे कूल्हे दबाए.
और फिर उनका हाथ मेरी चूत तक पहुंच गया।
कहानी के अगले भाग में आपको पूरा मजा मिलेगा, यह मेरा वादा है.
अभी तक की हॉट स्कूल गर्ल लव स्टोरी आपको कैसी लगी?
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हॉट स्कूल गर्ल लव स्टोरी का अगला भाग: सहेली के भाई से कामुक प्यार- 2
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