कुंवारी लड़की की सीलफाड़ चुदाई- 4
(Hot Pussy Sex Story)
हॉट पुसी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि अपने फार्महाउस में मैंने 19 साल की लड़की चोदकर उसकी कुंवारी बुर की सील तोड़ दी. मैंने उसे मजा देने के लिए दोबारा कैसे चोदा?
नमस्कार दोस्तो, मैं अमित प्रताप अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में आप सभी का स्वागत करता हूँ.
अभी तक सेक्स कहानी के तीसरे भाग
कमसिन लड़की की बुर फाड़ दी
में आप सभी ने पढ़ा था कि किस तरह से प्रिया की मदद से मैं रंजना को अपने फार्महाउस में ले आया और उसे एक बार चोद कर उसकी कुंवारी पुद्दी (चूत) की सील तोड़ दी.
अब मैं उसे दुबारा गर्म कर रहा था ताकि उसे चुदाई का असली मजा मिले.
अभी तो रंजना मेरे पास दो दिन तक रुकने वाली थी और मैं उसके बदन को निचोड़ लेना चाहता था.
अब आगे हॉट पुसी सेक्स स्टोरी:
दोस्तो, मैंने रंजना को दुबारा गर्म कर लिया था और वो इस वक़्त मेरा लंड चूस रही थी.
मेरे मोटे लंबे लंड को किसी तरह से अपने मुँह में भरकर वो चूस पा रही थी लेकिन उसकी उत्तेजना वाकयी देखने काबिल थी.
मैंने उसके एक दूध को सहलाया और उससे पूछा- लंड चूसते समय कैसा लग रहा है मेरी जान को?
रंजना मुँह में लंड लिए हुए ही हंसी और लंड हाथ में पकड़ कर उसके सुपारे पर जीभ चलाती हुई बोली- अंकल, मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि मुझे लंड चूसना इतना अच्छा लगने लगेगा.
मैंने कहा- और ऐसा तुम क्यों सोचती थीं?
उसने कहा- पता नहीं.
मैंने कहा- अच्छा इससे पहले कभी किसी ब्लू फिल्म में लंड चूसते देखा था क्या?
वो हंस कर बोली- हां कुछ बार देखा था.
मैंने पूछा- प्रिया ने दिखाया था या किसी और सहेली ने?
रंजना बोली- प्रिया चाची ने भी और मेरी एक सहेली ने भी.
मैंने कहा- तो इसीलिए स्मार्ट फोन लेना है क्या?
रंजना हंस दी और बोली- हां इसके लिए भी और कुछ और सभी के पास होता है तो मुझे चाहिए.
मैंने कहा- पक्का … मैं तुम्हें बहुत बढ़िया वाला स्मार्ट फोन दिलाऊंगा.
मेरी इस बात पर उसने एकदम से लंड मुँह में ले लिया और एक गहरा चुप्पा लगा कर लंड मुँह से बाहर निकाल कर ‘थैंक्यू अंकल …’ बोली.
मैंने कहा- खाली थैंक्यू से काम नहीं चलेगा.
वो बोली- फिर?
मैंने कहा- ब्लू फिल्म में क्या क्या देखा था?
वो हंस दी; शायद समझ गई थी.
वो बोली- उधर की तो सोचना भी नहीं!
मैंने भी हंस कर पूछा- किधर की?
वो मेरे लंड को अपने गाल पर बोली- आगे से ही इतना मजा दूंगी कि पीछे की सोचना ही भूल जाओगे.
मैंने कहा- मगर जब तुम आई थी, तब तो चुदने की बात से राजी ही नहीं थी?
वो बोली- वो तो मैं ऐसे ही कह रही थी.
मैंने कहा- अच्छा मतलब तुम्हारा मन पहले से ही चुदने का था.
वो हंसी और बोली- आप खुद सोचो कि जब मैं आपके साथ नंगी सोने को राजी थी तो चुदने की मना करने वाली बात का क्या मतलब था?
मैंने कहा- हां, ये तो मैंने भी सोचा था.
इस तरह से हम दोनों के बीच काफी मस्ती भरी बातें हुईं और काफी देर तक मैंने रंजना से अपने लंड को चुसवाया.
जब मेरा लंड पूरी तरह से हॉट पुसी सेक्स के लिए तैयार हो गया तो मैंने रंजना को फिर से बिस्तर पर लिटा दिया.
उसकी गांड के नीचे मैंने एक तकिया लगा दिया जिससे उसकी चूत उठकर ऊपर की तरफ आ गई.
मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपने हाथों में फंसा लिया और उसके ऊपर लेट कर उसकी चूचियों को चूसने लगा.
मैंने लंड को उसकी चूत में लगाया और आहिस्ते आहिस्ते अपना लंड अन्दर डालने लगा.
जैसे ही मेरा सुपाड़ा अन्दर गया रंजना के मुँह से निकला ‘ऊऊऊ मम्मीईईई आहह ….’
‘क्या हुआ जान!’
‘अंकल आपका बहुत मोटा है.’
‘कुछ नहीं होगा जान, अब तेरी चूत खुल गई है, तू बस अब मजे ले.’
इसके बाद मैंने धीरे धीरे करते हुए पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया.
अभी भी उसे तकलीफ हो रही थी और वो मेरे नीचे दबी हुई मचल रही थी.
धीरे धीरे मैंने अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और रंजना की मादक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं ‘ऊऊऊ आऊच मम्मीईई आह आहह अंकल आह बस अंकल आह.’
कुछ देर मैंने ऐसे ही उसकी चूत को धीरे धीरे चोदा और जब मेरा लंड आराम से उसकी चूत में जाने लगा तो मैंने अपनी रफ्तार तेज करनी शुरू कर दी.
जब मेरा पेट उसके पेट से टकरा रहा था तो फट-फट की आवाज आने लगी थी.
उसकी चूत से भी फोच्छ फोच्छ की आवाज आ रही थी क्योंकि उसकी चूत पानी से भर चुकी थी.
जल्द ही मैं अपनी पूरी रफ्तार में आ गया था और रंजना मेरी इस रफ्तार को बिल्कुल भी सहन नहीं कर पा रही थी.
‘अंकल धीरे आह … अंकल आह धीरे करिए … आह जोर से नहीं अंकल … आह दर्द होता है आह अंकल प्लीज धीरे आहाह अंकल आह!’
वो बार बार मुझसे बोलती रही कि धीरे धीरे करिए लेकिन मैंने अपनी रफ्तार बिल्कुल भी कम नहीं की.
मैं किसी जानवर की तरह उसकी पुद्दी को पेलता चला जा रहा था.
मेरा लोहे जैसा कड़ा और मोटा लंड उसकी छोटी सी पुद्दी में बड़े ही बुरी तरह से घुस निकल रहा था.
उसका चेहरा देखने लायक था. उसकी आंखें ऐसी हो रही थीं, जैसे अभी बाहर निकल आएंगी.
उसकी इस हालत पर मुझे बिल्कुल भी दया नहीं आ रही थी बल्कि मेरे अन्दर का जोश और खुलकर बाहर आ रहा था.
उसकी चीखें और चिल्लाने की आवाज मुझे और मजा दे रही थी.
मैं इतनी तेज गति से उसे चोद रहा था कि पूरा बिस्तर बुरी तरह से आगे पीछे हिल रहा था.
काफी देर की तूफानी चुदाई के बाद जब मैं थक गया तो उसके ऊपर ही लेट गया और हल्के हल्के अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
इस तरह से चोदने से रंजना को काफी आराम मिला और उसकी चीखें अब मादक आहों में बदल गईं.
मैंने भी सोचा कि इसको भी मजा देना चाहिए क्योंकि अभी तो इसे दो दिन और मुझे चोदना है.
मैं ऐसे ही आराम से उसे चोदता रहा.
अब मैंने रंजना से पूछा- कैसा लग रहा है?
‘बहुत अच्छा लग रहा है अंकल … ऐसे ही करिए … आप बहुत जोर जोर से करते हैं.’
‘क्या करूँ जान, तुझे देखकर कंट्रोल नहीं होता. कुछ दिन में तू इसकी आदी हो जाएगी और मजे से चुदवाएगी.’
‘क्या आप हमेशा मुझे चोदोगे?’
‘क्यों नहीं जान तुझे अब मैं अपनी रानी बनाकर रखूंगा. तुझे इतना प्यार करूंगा कि तू हमेशा मुझे याद करेगी.’
इसके बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और रंजना को पलटने के लिए बोला.
रंजना अपने पेट के बल होकर लेट गई.
मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और अपने दोनों हाथों से उसकी चूतड़ों को फैला दिया.
चूतड़ों के फैलने से उसकी गांड का छोटा सा छेद सामने आ गया जो कि बड़े प्यार से अन्दर बाहर होते हुए सिकुड़ रहा था.
मेरा तो मन किया कि अभी ही इसकी गांड में लंड पेल दूँ लेकिन अभी इतनी जल्दी उसकी गांड चोदना सही नहीं था.
वैसे भी मुझे अभी उसकी टाइट पुद्दी का पूरा मजा लेना था.
मैं उसके ऊपर लेट गया और अपना लंड उसकी पुद्दी में लगा कर अन्दर डाल दिया.
पहले तो मैंने हल्के हल्के उसे चोदा लेकिन जल्द ही मैंने अपनी रफ्तार तेज कर दी.
अब मेरे धक्के उसके चूतड़ों पर चट चट की आवाज से पड़ रहे थे.
हर धक्के के साथ ही रंजना ऊई ऊई ऊई कर रही थी.
कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे उठाया. मैं खुद घुटनों के बल बैठ गया और रंजना के दोनों पैरों को अपनी कमर में फंसा कर उसे अपने सीने से चिपका लिया.
इस तरह से उसके दोनों पैर पूरी तरह से फैले हुए थे, जिससे उसकी चूत पूरी तरह से खुल गई थी. मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.
‘आआह अंकल …’
‘क्या हुआ?’
‘आपका पूरा अन्दर तक चला गया आहाह …’
‘तो क्या हुआ जान, जाने दे न अन्दर तक … तभी तो मजा आएगा.’
ऐसे ही मैं उसे अपनी गोद में उछालने लगा.
उसने बुरी तरह से मुझे जकड़ लिया था और उसके नुकीले दूध के निप्पल मेरे सीने पर किसी तीर की तरह लग रहे थे.
मैंने उसकी गांड को कसके दोनों हाथों से पकड़ा और उसे दनादन चोदने लगा.
‘ऊऊह मम्मीईई मर गई ऊऊ …
अंकल आहाह बस्स अंकल आआऊच.’
मैं इस पोजीशन में उसे 10 मिनट तक चोदता रहा.
रंजना इस बीच झड़ गई … लेकिन मैं अभी भी उसे चोद रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर ही घोड़ी बना दिया और उसके पीछे आकर उसकी पतली कमर को पकड़ लिया.
इसके बाद जैसे ही मैंने अपना लंड चुत में उतारा तो वो उचक गई- आहाह अंकल ऐसे मत करिए … ऐसे में आपका बहुत मोटा लग रहा.
लेकिन मैंने उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया और जोर जोर से उसकी चुदाई शुरू कर दी.
चुदाई करते हुए ही मैं अपने अंगूठे को उसकी गांड के छेद पर चलाता जा रहा था.
जल्द ही मेरे धक्कों से उसकी गोरी गोरी गांड लाल हो गई.
मैं बीच बीच में झुककर उसकी चिकनी पीठ को भी चाटता जा रहा था और उसके निप्पलों को भी अपनी चुटकी से मसल रहा था.
कुछ देर बाद मैंने अपने दोनों हाथों से उसके कंधों को पकड़ लिया और अपनी पूरी ताकत से उसको चोदने लगा.
जल्द ही रंजना एक बार फिर से झड़ गई और कुछ समय बाद मैं भी उसके अन्दर ही झड़ गया.
इसके बाद हम दोनों वैसे ही नंगे बदन एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
उस रात मैंने उसे और नहीं चोदा.
अगले दिन नहाने के समय हम दोनों ने बाथरूम में चुदाई की इसके बाद दोपहर में 2 बार और रात में फिर से वाइन पीने के बाद 4 बार मैंने उसकी बुरी तरह से चुदाई की.
इसके बाद अगले दिन मैं उसे घर छोड़ आया और मैंने अपना वादा पूरा करते हुए उसे अच्छा सा स्मार्ट फोन लेकर दिया जिससे वो बेहद खुश हो गई.
इसके बाद तो मेरे दोनों हाथ में जैसे लड्डू ही थे.
मैं जब भी चाहता, तो कभी प्रिया को कभी रंजना को और कभी कभी तो दोनों को साथ में ही अपने फार्महाउस लाता और चोदता.
कई बार मैंने रंजना को जंगल में भी ले जाकर चोदा.
3 साल तक मैंने रंजना की हॉट पुसी सेक्स का खूब मजा लिया, जिसके कारण वो कई बार प्रेग्नेंट भी हुई, जिसे मैंने ही साफ़ करवाया.
अब तो उसकी शादी हो चुकी है और हमारा कोई रिश्ता नहीं रह गया है. लेकिन अभी भी मैं प्रिया को पहले की तरह ही चोद रहा हूँ.
दोस्तो, आप सभी को यह हॉट पुसी सेक्स स्टोरी जरूर पसंद आई होगी.
मैं कोमल मिश्रा जी का धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी हॉट पुसी सेक्स स्टोरी को अन्तर्वासना के माध्यम से आप सभी तक में भेजने के लिए मेरी मदद की.
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