पापा के बॉस की कामुक दृष्टि मेरी कमसिन जवानी पर- 1
(Hot College girl Sexy Kahani)
हॉट कॉलेज गर्ल सेक्सी कहानी में मैंने अपने लालच के लिए पापा के बॉस को अपनी जवानी के नज़ारे दिखाने शुरू किये. वे तो पहले से ही अपनी कुदृष्टि मेरे सेक्सी जिस्म पर गड़ाए बैठे थे.
यह कहानी सुनें.
मेरे प्रिय पाठको,
मेरी पिछली कहानी
पापा के बॉस ने मम्मी को चोदा
में आपने पढ़ा कि किस प्रकार से मेरे घर पर मोहित अंकल जो मेरे पापा के ऑफिस के बॉस थे, का आना जाना शुरू हुआ और उनका मेरी मम्मी के साथ यौन संबंध थे।
अंकल की गंदी नजर मेरे ऊपर थी।
अब आगे की हॉट कॉलेज गर्ल सेक्सी कहानी:
एक बार हुआ यूं कि मैंने एक बार अपने पापा से एक महंगी ड्रेस लेने के लिए कहा.
लेकिन पापा ने मुझे कहा- अभी इतने पैसे नहीं हैं, तुम बाद में ले लेना।
और यह बात मोहित अंकल को पता चल गई.
अगले ही दिन उन्होंने मुझे वो ड्रेस लाकर दे दी।
उस दिन से मेरे मन में यह लगने लगा कि क्यों न अंकल का फायदा लिया जाए और अपने मंहगे शौक को पूरा किया जाए।
अब तो जब भी अंकल आते तो मैं उनके सामने छोटे छोटे कपड़े पहनने लगी।
मैं जानबूझकर उनके सामने झुककर अपने वक्ष की गोलाइयाँ उन्हें दिखाती।
जानबूझकर मैं उनके साथ सोफे पर बैठती और अपनी टांगें, हाथ उनसे स्पर्श करती।
अंकल भी मुझे छूने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे; कभी मेरी जांघ को छूते, कभी मेरी पीठ को!
मैं उन्हें अपने जलवे दिखाकर अपनी तरफ आकर्षित करती रहती थी।
एक बार ऐसा हुआ कि मम्मी कुछ दिनों के लिए मायके गई हुई थी और घर पर मैं और पापा ही थे।
यह बात अंकल को पता थी कि मम्मी नहीं है।
एक दिन शाम को अंकल आये हुए थे और बातों ही बातों में अंकल ने पापा से पूछा- तुम ऑफिस चले जाते हो और मोना कालेज … तो दिन में घर पर कौन रहता है?
पापा ने उनको बताया- मोना के पैर में मोच आ गई है इसलिए वह घर पर ही रहती है, अभी कालेज नहीं जा रही है।
मेरे पापा बेहद ही सीधे हैं, उनको यह भनक भी नहीं थी कि उनके बॉस उनकी बीबी को बुरी तरह से चोदते हैं और उनकी बेटी पर भी उनकी बुरी निगाह है।
अगले दिन सुबह जब पापा ऑफिस चले गए तो दोपहर में अंकल मेरी तबीयत पूछने के बहाने से घर आ गए।
काफी देर तक वे मेरे साथ रहे और हम लोग बातें करते रहे।
अंकल बात मुझसे कर रहे थे लेकिन उनकी नजर मेरे सीने और जांघों पर ही जा रही थी।
मेरे मन में पहले ही आ गया था कि इनको ऐसे ही अपना बदन दिखाती रहो और अपना काम निकालती रहो।
बात बात में ही अंकल ने पूछा- तुम्हारे पैर में मोच का दर्द अब कैसा है?
मैंने कहा- बिल्कुल भी आराम नहीं है अंकल!
इस पर अंकल ने कहा- मैं कल तुम्हारे लिए एक तेल लेकर आऊँगा, उसे लगाना, बहुत आराम मिलेगा।
इसके बाद कुछ समय बाद वे चले गए।
उसी रात मैं सोच रही थी कि अंकल से अपने लिए कुछ पैसे मांगे जाए जिससे कि मैं ऐश कर सकूं।
लेकिन उसके लिए क्या करूँ कि वे मेरी बात मान जायें।
फिर मैंने अपना शातिर दिमाग लगाया और सब कुछ सोच लिया कि क्या करना है।
अगली सुबह मैं जल्दी ही उठी और पापा के लिए नाश्ता बनाकर पापा को ऑफिस भेज दिया।
इसके बाद मैं बाथरूम गई.
वहाँ मैंने अपनी चूत के बालों को अच्छे से साफ किया और बिना ब्रा पेंटी पहने केवल हाफ लोवर और टीशर्ट पहनकर आ गई।
मैंने जानबूझकर ब्रा पेंटी नहीं पहनी थी क्योंकि मेरे दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।
मैं जानती थी कि आज अंकल जरूर आएंगे और आज मैं उनको इतना मदहोश कर दूँगी कि वे मेरी हर बात के लिए तैयार हो जायेंगे।
मैंने सब सोच लिया था कि मुझे क्या करना है और कितना करना है।
बस अब मैं बेसब्री से अंकल के आने का इंतजार कर रही थी क्योंकि मुझे पता था कि वे मुझे घर पर अकेली जानकर जरूर आएंगे।
दोपहर के 12 बज चुके थे लेकिन अंकल नहीं आये।
मैंने खाना खाया और मैं बेचैनी से घर की बालकनी में टहल रही थी।
तभी अंकल की कार आकर मेरे घर के सामने खड़ी हुई।
उन्हें देखकर मेरे अंदर एक अलग ही जोश आ गया।
मैं जल्दी जल्दी जाकर सोफे पर बैठ गई।
कुछ समय में ही दरवाजे की घण्टी बजी और मैंने दरवाजा खोला।
अंकल मुस्कुराते हुए अंदर आये और सोफे पर बैठ गए।
उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारे पैर का दर्द अब कैसा है?
मैंने कहा- अंकल, कोई आराम नहीं है, बहुत दर्द है।
अंकल बोले- ये लो, मैं तुम्हारे लिए ये तेल लाया हूं. इससे मालिश करना, बहुत आराम मिलेगा।
मौके को भाम्पते हुए मैं बोली- अंकल, इसे मैं अभी लगा लूं क्या?
वे बोले- हाँ हाँ, जरूर लगा लो।
मैंने तेल की शीशी खोली और सोफे पर बैठ कर पैर पर तेल लगाने लगी।
नाटक करते हुए मैंने अंकल को ऐसे जताया जैसे मुझे बहुत दर्द हो रहा हो।
जबकि मेरे पैर का दर्द अब बिल्कुल ठीक हो चुका था।
मेरी ऐसी हालत देख अंकल बोले- मोना तुम रहने दो, लाओ मैं लगा देता हूँ।
“नहीं अंकल, मैं लगा लूंगी.”
ऐसा मैंने नाटक किया.
और नाटक करते हुए पैर पर तेल लगाने लगी।
मैं ऐसा दिखा रही थी जैसे कि मुझे तेल लगाने में बहुत तकलीफ हो रही है।
ये सब देखकर अंकल ने जबरदस्ती मुझसे तेल की शीशी ले ली और अब अंकल ही मेरे पैर पर तेल लगाने लगे।
पहले अंकल ने अपने हाथों में तेल लिया और मेरे पैर पर हल्के हाथों से तेल लगाने लगे।
कुछ देर बाद अंकल ने मुझसे कहा- अपने पैरों को सीधा करो.
लेकिन वहां पर इतनी जगह नहीं थी इसलिए मैंने कहा- अंकल, यहाँ पर मुझसे पैर सीधा करते नहीं बन रहा है।
अंकल कुछ देर चुप रहने के बाद बोले- फिर क्या करें?
मैं वही पे मौके पे चौका लगाते हुए बोली- चलिए मेरे बेडरूम में … वहाँ पर आसानी होगी।
अंकल को तो जैसे इसी बात का इंतजार था, वे तुरंत राजी हो गए।
हम दोनों उठे और बेडरूम की तरफ चल दिये।
बेडरूम में जाकर मैं बिस्तर पर लेट गईं और अंकल मेरे पास बैठकर मेरे पैर पर तेल लगाते हुए मालिश करने लगे।
मैंने उसी वक़्त अपना फोन उठाया और फोन पर ठीक 10 मिनट बाद का अलार्म लगा दिया।
वो मैंने इसलिए किया था ताकि जब अलार्म बजे तो अंकल को ऐसा लगे कि जैसे किसी का फोन आया है।
कुछ देर तक मैं अपने दोनों पैरों को सीधे किये हुए थी और अंकल तेल से मालिश कर रहे थे।
फिर अंकल ने मुझे कहा- अपने घुटनों को मोड़ लो।
अब मैंने अपने दोनों पैरों को फैलाते हुए इस प्रकार से मोड़े कि दोनों पैरों के बीच से मेरी चूत की जगह खुली हुई दिखे।
जैसे ही मैंने इस पोजीशन में पैरों को किया, अंकल की नजर मेरी चूत की तरफ गई.
उनकी आँखों की चमक से साफ जाहिर हो रहा था कि मेरे हॉफ लोवर के नीचे से मेरी चूत के दर्शन अंकल को हो रहे थे।
अब उनके हाथ थोड़े से काम्पने लगे और जुबान भी लड़खड़ाने लगी।
मैं उस वक्त जानबूझकर अपने पैरों को हिला रही थी ताकि मेरा लोवर नीचे से खुले और मेरी चूत अंकल को दिखाई पड़े।
कुछ ही देर में मैंने गौर किया कि अंकल की पैन्ट सामने से टाइट हो गई है.
मैं समझ गई कि अंकल का लंड खड़ा हो चुका है।
मेरी छोटी सी गुलाबी चूत देखकर उनका तो खड़ा होना ही था।
मैं अंकल की आंखों को भाम्प रही थी.
अंकल कुछ देर मेरे पैर पर तेल लगाते, फिर अपनी नजर मेरी चूत की तरफ करते।
मैं जान रही थी कि मेरे खुले हाफ लोवर से मेरी चूत की झलक उनको मिल रही थी।
कुछ देर बाद मेरे फोन का अलार्म बजा और मैंने इस तरह से फोन उठाया जैसे किसी का फोन आया हो।
मैंने हैल्लो कहा और अपनी एक सहेली का नाम लेते हुए बात करने का नाटक करने लगी।
अंकल मेरी बातों को गौर से सुन रहे थे और अपनी गंदी नजर बार बार मेरी चूत पर टिका देते।
मैं बहुत परेशान होकर फोन पर बात कर रही थी और अंकल सब सुन रहे थे।
कुछ देर तक मैंने ऐसे ही नाटक किया और फिर फोन काटकर बगल में रख दिया।
मैं अपने माथे को हाथ से पीटने लगी और आँख बंद करके लेटी रही।
अंकल ने मुझसे पूछा- क्या हुआ मोना?
लेकिन बार बार मैं उन्हें कुछ बताने से टाल देती।
बाद में जब उन्होंने जोर दिया तो मैं बोली- अंकल मैं आपको बता तो दूँगी. लेकिन आप यह बात मम्मी पापा को मत बताइएगा।
मैंने उनसे प्रॉमिस लिया और उन्होंने किसी को यह बात न बताने का प्रॉमिस किया।
फिर मैं उनसे बोली- बात यह है अंकल कि मैंने अपनी सहेली से कुछ पैसे उधार लिए थे और अब वह पैसे वापस माँग रही है लेकिन मेरे पास अभी पैसे नहीं हैं।
अंकल बोले- कितने पैसे देने हैं?
मैं बोली- थोड़े थोड़े करके 20 हजार के करीब हो गये हैं। उसने मुझे किसी और से ब्याज पर दिलवाए हैं.
अंकल बोले- बस इतने ही, कोई बात नहीं तुम मुझसे ले लेना और यह बात किसी को पता भी नहीं चलेगी।
बस दोस्तो, मैं यही तो चाहती थी, मेरा तीर सही जगह पर लगा था।
पहले तो मैं मना करती रही लेकिन फिर मैं मान गई।
मैं सोच रही थी कि आज मुझे अपने जलवे दिखाने का फल मिल गया।
उधर अंकल का हाथ अब मेरे पैरों से हटकर मेरी जांघों तक आ गया और अब वो मेरी जांघों को सहला रहे थे।
मैं आज उन्हें बिल्कुल भी मना नहीं कर रही थी इसलिए वो बड़े आराम से मेरी जांघ को सहलाते हुए मजा कर रहे थे।
अंकल बोले- यह तेल इतना अच्छा है कि इससे मालिश करने से सारे बदन का दर्द खत्म हो जाता है।
उनका ऐसा कहना ही था कि मैंने फिर से मौके के हिसाब से उन्हें कहा- अगर ऐसा है तो कल आप मेरी कमर की मालिश कर दीजिएगा, बहुत दर्द रहता है।
इतना सुनते ही उनके आँखों में एक अलग ही चमक आ गई।
उन्होंने कहा- बिल्कुल … मैं कल आ जाऊँगा और तुम्हारे लिए पैसों का भी तो इंतजाम करना है।
उसके बाद मैंने उनके लिए चाय बनाई और हम दोनों ने चाय पी और फिर वे चले गए।
इसके बाद जब शाम को पापा घर आये तो उन्होंने मुझे ऐसी खबर दी जिसके बाद मेरे दिमाग में कुछ और ही बात आने लगी।
पापा ने मुझसे कहा- मुझे कल सुबह ही ऑफिस के जरूरी काम से बाहर जाना पड़ रहा है. तुम्हारी मम्मी भी नहीं है, इसलिए तुम 2 दिन के लिए हमारे बॉस के घर पर उनके साथ रहोगी, मेरी उनसे बात हो गई है।
अब मुझे ऐसा लगने लगा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि अंकल ने ही ऐसा कुछ किया हो जिससे मैं उनके घर पर रहूँ और कहीं ऐसा तो नहीं है कि वे मुझे चोदने का प्लान बनाये बैठे हों. क्योंकि अंकल अपने घर पर अकेले ही रहते थे।
अगर ऐसा था तो यह अच्छी खबर नहीं थी क्योंकि मैं उनसे चुदना नहीं चाहती थी। मैं बस अपनी जिस्म की नुमाइश करके उनसे अपने लिए पैसे और महंगे गिफ्ट लेना चाहती थी।
कुछ समय तक शांत रहने के बाद मैंने सोचा कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला … और चुदना या न चुदना मेरे ऊपर है. वे मुझे जबरदस्ती तो चोदेंगे नहीं।
इसके बाद रात में मैंने और पापा ने खाना खाया.
फिर मैंने पापा का बैग पैक करके उनके जाने की सारी तैयारी कर दी।
सुबह सुबह 8 बजे पापा निकल गए और मुझे कह गए कि कुछ देर में मेरे बॉस आएंगे और तुम्हें ले जाएंगे।
इसके बाद मैंने भी अपना एक बैग तैयार किया और अपनी जरूरत का कुछ सामान और कपड़े लेकर तैयार हो गई।
सुबह 11 बजे अंकल आये और हम दोनों उनकी कार से उनके घर की तरफ चल दिये।
उन्होंने मुझे अपने घर पर छोड़ा और ऑफिस के लिए निकल गए।
प्रिय पाठको, यह हॉट कॉलेज गर्ल सेक्सी कहानी अगले भाग में समाप्त होगी.
आप मुझे बताएँ कि आपको यह कहानी कैसी लग रही है?
[email protected]
हॉट कॉलेज गर्ल सेक्सी कहानी का अगला भाग: पापा के बॉस की कामुक दृष्टि मेरी कमसिन जवानी पर- 2
What did you think of this story??
Comments