सिमरन मैडम गोवा में-2
मेरी सेक्स कहानी का पहला भाग : सिमरन मैडम गोवा में-1
हम दोनों घूम कर होटल जाने को थे कि मैंने सिमरन से कहा- तुम चलो, मैं आता हूँ.
मैंने पास में मार्केट से एक बिकनी खरीदी और कमरे पर गया।
सिमरन ने पूछा- कहाँ गए थे?
मैंने कहा- तुम्हारे लिए यह लेने!
वो पहले तो बॉक्स देखकर खुश हुई पर जब खोल कर देखा तो शरमा गई… कहने लगी- यह क्यों?
मैंने कहा- कल यही पहन कर घूमने चलना दूसरी लड़कियों की तरह!
उसने कहा- यह नहीं हो सकता!
मैंने कहा- साइज़ तो चेक कर लो!
वो मुझसे शरमा रही थी… मेरे बहुत मनाने पर वो बाथरूम में गई और पहन लिया पर मेरे सामने आ नहीं रही थी…
मैंने कहा- तब मैं दूसरा कमरा ले लेता हूँ. शायद तुमको रात में सोने में भी परेशानी होगी.
वो मान गई और मेरे सामने आई तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गई.
उसकी वो चिकना बदन, वो गोरी जांघें… मेरे मुँह में पानी आने लगा. उसकी चूचियाँ उछल कर बाहर आना चाहती थी, पर ब्रा उन्हें दबाये हुए थी. क्या कूल्हे थे उसके उभरे उभरे!
वो कहने लगी- अब मैं इन्हें बदलने जा रही हूँ.
मैंने पूछा- मुझे शर्म लग रही है?
वो बोली- नहीं, वो बात नहीं!
मैंने तुरंत अपनी टी-शर्ट उतारी और पैंट भी…
मैं अब मैं अंडरवीयर में था, वो मेरी तरफ नहीं देख रही थी.
मैंने कहा- तो मैं जा रहा हूँ.
वो बोली- नहीं यार…
तो मैंने कहा- शर्माओ मत फिर!
हम लोग बात कर रहे थे पर उसकी नज़र मेरे लण्ड पर थी और मेरी नज़र उसकी उभरी हुई चूचियों पर…
मन में चल रहा था कि कूद जाओ उस पर… पर मन काबू में किया हुआ था.
फिर हम लोग बिस्तर पर लेटे, मैंने उसे बातो-बातो में छुआ तो उसने कोई विरोध नहीं किया.
मैंने पूछा- अगर बुरा ना मानो एक सवाल पूछूँ?
उसने कहा- हाँ पूछो!
मैंने कहा- अगर अभी सेक्स करने को मिले तो करोगी.?
वो शरमा गई…
मैं हाँ समझा और तुरंत उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया.
पर उसने कहा.. कंडोम के बिना नहीं!
मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था, मैं तुरंत उठा, कपड़े पहने और होटल के बाहर एक दुकान से ‘बनाना फ़लेवर’ का कंडोम लिया और एक दाढ़ी बनाने वाला रेज़र क्योंकि मैंने अपनी झांट नहीं बनाई थी.
मैं कमरे में गया तो सिमरन लेटी थी… मैंने अपने कपड़े उतारे और उसके पास लेट गया.
वो चुप थी.
मैंने कहा- कोई परेशानी?
वो बोली- नहीं!
फिर मैंने उसे कंडोम दिया, वो फिर शरमा रही थी. मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा. उसकी चूचियाँ एकदम झक्कस थी…
मैं उसकी चूचियों को दबा रहा था, उसकी सेक्स करने की इच्छा बढ़ती जा रही थी क्योंकि वो अपनी उंगली बार बार चूत में डालने की कोशिश कर रही थी.
उसमें जोश बढ़ रहा था… उसने मेरे अंडरवीअर में हाथ डाला और मेरा लण्ड सहलाने लगी. मेरा लण्ड पूरी तरह से तैयार था पर वो अभी पूरी तरह से गर्म नहीं थी…
मैंने उसकी पेंटी निकाली, उसने भी अपनी झाँट नहीं बनाई थी. मैंने तुरंत रेज़र निकला और पानी लगाकर उसकी पूरी झाट साफ़ कर दी.
फिर उसने शरमाते हुए रेज़र लेकर मेरी झाँट साफ़ की.
मैं उसके पैरों को चूमते हुए ऊपर बढ़ा और उसकी चूत को चाटने लगा. वो गर्म हो चुकी थी और उसके मुँह से उह्ह… आअह्ह… ऊह्ह्ह… ह्ह… निकल रहा था… फिर मैंने उसे लण्ड मुँह में लेने को कहा तो उसने मना कर दिया.
मैंने कहा- बहुत अच्छा लगेगा!
वो नहीं मान रही थी…
फिर उसने कंडोम के पैक के ऊपर लिखी विधि को पढ़ कर मेरे लण्ड पर लगाया.
मैंने फ़िर कहा- एक बार मुँह में लो!
तब उसने कंडोम के ऊपर से लिया… मैं उत्तेजित हो रहा था… 12-15 मिनट में मैं कंडोम में ही झर गया, फिर भी वो उसी तरह मुँह में लिए हुए थी. उसे सच में अब मजा आ रहा था… जैसे छोटा बच्चा लॉलीपोप लिए रहता है वैसे चूस रही थी…
फिर उसने पॉउच में से नया कंडोम निकल कर लगाया!
अब हम दोनों सेक्स के लिए तैयार थे… मैंने फिर उसकी चूत को चाटा क्योंकि मैं उसको और गर्म करना चाहता था… उसी सेक्स में मजा है.
उसको गुलाबी चूत को ही देखकर मेरा लण्ड खड़ा था…! क्या चूत थी… कसम से?
और उसके चूत का मटर जितना दाना मुझे और उत्तेजित कर रहा था सेक्स करने के लिए…
जिसको छूते ही उसे करेंट लग रहा था…
उस बीच मैंने उसे पहली बार गाली देते हुए सुना!
सेक्स में गाली हो तो सेक्स का मजा दुगना हो जाता है!
वो बहुत कराह रही थी… ऊउह्ह्ह्ह आह्ह उह्ह आह्हह…
तब मैंने अपना लण्ड पकड़ा उसके चूतड़ों पर 2-3 बार ठोका और फ़िर उसकी चूत के छेद पर रखा.
तब उसने कहा- संभल कर! मेरी चूत कुँवारी है… खून निकलेगा!
मैंने फिर चूत के छेद पर अपना सुपारा रखकर एक धक्का मारा… उसे दर्द हो रहा था.
पर मैं पहले बार में नाकाम रहा… दोबारा धक्का मारा तो एक इंच के करीब घुस गया…
फिर मैंने अपने बैग से तेल निकाल कर उसकी चूत पर और अपने लण्ड पर लगाया… जिससे वो चिकना हो गया फिर मैंने एक और जोर का झटका दिया और उसकी चूत फट गई और खून निकल गया.
वो दर्द से चिल्ला रही थी-…मार डाला… आह्हा दर्द हो रहा है! निक्काअल प्ल्लज्ज्ज़ मईई रीएआ…
तुरंत मैंने अपने हाथ से उसका मुँह बंद किया और धीरे-धीरे मैं अपना लण्ड आगे पीछे करता रहा. उसका दर्द अब कम हो चुका था… मैं साथ ही साथ उसकी चूची चूस रहा था क्योंकि उसकी चूची का कोई जवाब नहीं था, उसके चुचूक 5 रुपए के सिक्के के बराबर थे, एकदम भूरे और जोशीले…
फिर मैंने अपनी गति बढ़ाई और 15-20 मिनट में मैं धराशाई हो गया. मैंने अपना कंडोम निक्कल दिया लेकिन उसकी चूत अभी तक झरी नहीं थी, वो मुझसे कहने लगी- अपने लण्ड को डाले रखो अभी मेरा मन नहीं भरा…
मैं
ने कहा- कंडोम तो अब नहीं है?
तो उसने कहा- वैसे ही डाल दो…
तब वो सेक्स के चक्कर में अन्धी हो चुकी थी…
वो मुझे जोश में लाने के लिए तुरंत लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी… मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया… फिर उसकी चूत ने लण्ड का स्वागत किया.
20-25 धक्कों में वो झर गई.
मैं स्पीड में उसकी चूत में अपने लण्ड को अन्दर-बाहर कर रहा था…
मेरा फिर होने वाला था, मैंने उसकी चूत में से अपना लौड़ निकाला और उसकी चूचियों पर झार दिया…
फिर मैंने उसके बदन पर अपना वीर्य-रगड़ दिया, पूरी मालिश कर दी.
हम थोड़ी देर बाद उठे तो देखा कि चादर गन्दी हो चुकी थी, चादर को पानी में डाल कर हम दोनों साथ में नहाने लगे. मैंने उसे रगड़-रगड़ कर नहलाया, उसने मुझे…!
नहाने के बाद दोनों नंगे ही सो गये. मैं रात भर उसकी चूचियों से खेलता रहा और वो मेरे लण्ड से!
फिर अगले दिन हम लोग घूमने निकले, एक बीच पर साथ में नहाए और उसने मेरी लाई हुई पेंटी-ब्रा पहनी थी!
तब मैं समझा कि एक बार पिल गई तो सब शर्म ख़त्म हो गई उसकी!
अगली रात के कार्यक्रम के लिए मैं कंडोम लाया तो उसने फेंक दिया!
मैं समझा कि अब दोबारा सेक्स नहीं करेगी… पर उसके दिमाग में तो कुछ और था!
उसने मुझसे कहा- अगर तुमको रसगुल्ला पोलीथीन में रख कर चुसवाऊँ तो कैसा लगेगा? स्वाद मिलेगा? बिना कंडोम के जो मजा वो कंडोम लगा कर नहीं!
उस टूर के अगले 4 दिनों में बहुत कुछ हुआ.
आपके मेल बताएँगे कि… मैं लिखूँ या नहीं!
आपके मेल का इंतज़ार रहेगा!
धन्यवाद!
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