गुलाबी चूत मेरे घर आई चुदाई के लिए
(Gulabi Choot Mere Ghar Aai Chudai Ke Liye)
यह सेक्सी कहानी है एक लड़की को पटा कर उसकी चूत चुदाई की.. वो खुद ही आ गई अपनी गुलाबी चूत लेकर मेरे घर चुदाई के लिए…
दोस्तो, मैं राज सिंह 24 साल का हूँ। कुछ समय पहले ही मैंने अन्तर्वासना पर एक लौंडिया पटा ली उसने भी मना नहीं किया और झट से हां कर दी.. बस फिर क्या था। मैंने उससे कहीं बाहर मिलने को कहा वो जरा भी नहीं शरमाई और झट से बोल दिया।
‘आज ऑफिस के बाद सीसीडी चलेंगे।’ मैंने सोचा कि मेरी तो निकल पड़ी।
ऐसा करते-करते एक हफ्ता हो गया और फिर मैंने उससे सेक्स के लिए मना लिया। वो वैसे भी इतनी भोली नहीं थी जितनी भेनचोद लग रही थी।
सुंदर तो इतनी थी कि क्या कहने। उसका कामुक फिगर, तनी हुई चूचियां, उठी हुई गांड, उसके रसभरे होंठ और उस पर लगी हुई मस्त लाल रंग की लिपिस्टिक.. अह.. बेहद मस्त लगते थे। उनको यदि कोई चूस ले तो समझो गुलाबजामुन का रस पी लिया हो।
वो पता नहीं कौन सा परफ्यूम लगाती थी.. उसकी खुशबू भी बहुत शानदार लगती थी। मेरा तो तन-मन उसको नंगी देखने के लिए फड़फड़ा रहा था।
जैसा कि हमने तय किया था कि वो मेरे घर आएगी।
तय शुदा दिन 24-06-13 को वो मेरे घर आई.. मैं भी तैयार ही था।
उसने घंटी बजाई मैंने जैसे ही दरवाजा खोला देखता ही रह गया। वो मादरचोद इतनी सुंदर लग रही थी.. नीचे चुस्त लैगिंग पहनी थी उसने.. उस पर ग्रीन कलर का टॉप था। होंठ तो उसके वैसे ही गुलाबी से दिखते थे और ऊपर से जानलेवा चश्मा पहने हुई थी।
वो ऐसे लग रही थी जैसे किसी मॉडलिंग के शूट में जा रही हो। मेरा मन तो किया कि अभी की अभी उसे शादी के लिए प्रपोज कर दूं लेकिन बिना शादी के ही चुदाई करने मिलने वाला था तो नहीं किया।
वो घर के अन्दर आ गई। मैंने पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थी। उसके अन्दर आते ही उसे मैंने अपनी बांहों में उठा लिया। उसकी खुशबू मुझे पागल सा कर रही थी। फिर कस के गले लगा लिया.. करीब दस मिनट तक गले लगा कर रखा क्योंकि उसके दूध मेरी छाती से टच हो रहे थे तो मैं उस रगड़ का पूरा मजा लेना चाहता था।
फिर मैंने उसे अपने हाथ से पानी पिलाया.. मैं उसकी आँखों में देखता हुआ पिलाता गया.. वो भी मेरी आँखों में आँखें डाल कर पीती गई।
उसने करीब तीन गिलास पानी पी लिया।
फिर शुरू हुआ हमारा सेक्सी सीन.. मैंने उसे मेरे बिस्तर पर फेंक दिया।
वो खुद ही उल्टा हो गई। उस वक्त उसकी गांड बहुत ज्यादा अच्छी लग रही थी। मैंने देर न करते हुए उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे उसका टॉप उतार दिया।
अन्दर रेड कलर की ब्रा पहनी थी उसने.. उसमें से उसके दूध बाहर आने को बेताब थे। मैंने उसकी एक चुची को चूसना शुरू कर दिया। करीब दस मिनट चुची चूसता रहा। इस बीच मैं उसकी गांड पर हाथ भी फिरा रहा था। उसके मुँह से जो सिसकारियां निकल रही थीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ वे मुझे उत्तेजित कर रही थीं।
वो भी हर चीज में मेरा साथ दे रही थी। लेकिन मुझे जिस चीज का इंतजार था वो पल आखिर आ ही गया। उसने जो तीन बोतल पानी पिया था.. उसका असर तो होना ही था। उसे बहुत जोर से पेशाब लगी लेकिन मैंने उसे जाने नहीं दिया। क्योंकि ऐसे में सेक्स का अपना ही मजा आता है।
फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी.. वो भी लाल कलर की ही थी। क्या मैंटेन किया था यारो.. उसने अपनी चूत के ऊपर एक लाइन में डिजाइन में बाल काटे थे.. सजी हुई चूत को देखकर ही मजा आ गया। फिर मैंने उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया।
बहुत मजा आ रहा था.. क्या खुशबू थी चूत की वाह!
उसने फिर कहा- मुझे पेशाब जाना है।
मैंने फिर उसे जाने नहीं दिया और बुर चाटता ही रहा।
इतने में वो झड़ गई और उसको इसमें इतना आनन्द आया कि उसने मुझे उठ कर चूम लिया। अब मैंने उसे पेशाब करने के लिए जाने दिया।
लेकिन मैं भी साथ ही गया मुझे जवान लड़कियों को मूतते हुए देखना बहुत पसंद है। पेशाब करते वक्त जो आवाज आती है.. वो मुझे दीवाना सा बना देती है। फिर हम दोनों बिस्तर पर आए.. वो लेट गई।
इस बार मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दी, साथ ही उसकी गांड में भी उंगली की, ताकि गांड मारते वक्त वो ज्यादा नखरे ना करे। क्योंकि मेरा तो पहले से ही उसकी गांड मारने का प्लान था। मेरा भी जोश अब सातवें आसमान पर पहुंच चुका था मैंने चुदाई शुरू कर दी। उसकी चूत टाइट थी.. शायद वो तीसरी या चौथी बार ही चुद रही होगी। मैंने पूछा भी नहीं.. मुझे क्या करना, मैं तो चुदाई के लिए उतावला हुए जा रहा था। जैसे मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा.. भेनचोदी फिर से झड़ गई।
उसने बड़े ही प्यार से मुस्कुरा कर बोला कि बिना कुछ किए मेरा यह हाल है, तो जब चुदाई शुरू करोगे तो क्या करोगे?
मैंने बिना कुछ कहे मेरा लंड एक ही बार में उसकी चूत में घुसेड़ दिया, उसकी चीख निकल गई। लंड अन्दर घुसेड़ते ही मैंने उसके ऊपर लेट गया और चूचियों को चूसने लगा। अब वो मचलने लगी क्योंकि मेरा लंड उसकी चूत की तह तक जा चुका था और मैं उसे हिला भी नहीं रहा था.. इसलिए उसे और भी ज्यादा मजा आ रहा था।
कुछ पल बाद मैंने लंड की चोट देना शुरू कर दिया। पहले धीरे-धीरे हिलाया, उसने बोलना शुरू कर दिया। उसका पहला शब्द था- मां चोद दे भोसड़ी के..
यह हिंदी चुदाई की सेक्सी कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मुझे गुस्सा आ गया और मैंने लंड की स्पीड तेज कर दी। उसकी आंख नम हो गईं.. उसका रोने जैसा चेहरा हो गया। मुझे दया आ गई, मैंने लंड निकाल लिया और उसे औंधा करके उसकी गांड चाटी क्योंकि अब उसकी गांड मरवाने की बारी थी। मैंने अपना लंड जैसे ही उसकी गांड की छेद पर टिकाया, उसने अपने हाथ से मुझे रोक दिया और मेरा लंड खुद अपने छेद पर टिका कर कहा- अब दो धक्का!
मैंने बिना देर किए जोर से झटका लगा दिया.. पर लंड अन्दर नहीं गया। फिर थोड़ा तेल लगाया और धक्का दिया तो लंड ऐसे अन्दर घुस गया कि मजा ही आ गया।
यहां मैं उसकी गांड मार रहा था और चूत पर उंगली कर रहा था कि वो फिर एक बार झड़ गई। अब तक साली करीब पांच बार झड़ चुकी थी।
अब मेरा भी लंड थक चुका था दो-तीन चोट के बाद मैं भी झड़ गया और थक कर वहीं उसके बगल में लेट गया।
ये अब तक का सबसे बेहतरीन सेक्स था।
अब तो आए दिन उसकी चुदाई करता रहता हूं.. हालांकि उसकी शादी भी हो गई है। लेकिन बेचारा उसका पति उसके लिए कुछ कर ही नहीं पाता, सो मेरी चुदाई बदस्तूर जारी है।
दोस्तो, इस सेक्सी कहानी के बारे में फीडबैक जरूर करना।
आपका दोस्त राज सिंह
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