मराठी मुलगी चुद गई होटल में- 1
(GF BF Sex Kahani)
GF BF Sex की पहली चुदाई की बात मेरी असिस्टेंट ने शराब के नशे में मुझे सुनाई जब हम काम के सिलसिले में मुंबई से जयपुर गये थे। सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया।
प्रिय अन्तर्वासना पाठकों को मुंबई से राहुल श्रीवास्तव का प्रणाम!
ये कहानी मैंने लॉक डाउन में लिखना शुरू की थी जो अब जाकर पूरी हुई है। आशा है आप सभी का लॉकडाउन में वक़्त अच्छा गुजरा होगा और सभी ने अपने परिवार के साथ अच्छे से एन्जॉय किया होगा।
इस दौरान कुछ ने अपनी पत्नी या पति के साथ काम सुख का लुत्फ़ उठाया होगा तो कुछ ने पड़ोसी के साथ, मगर सम्भोग का मज़ा तो लिया ही होगा।
लेकिन एक बात तो मैं कहूंगा कि मानसिक रूप से सभी लोग परेशान जरूर रहे होंगे।
कुछ अपनी नौकरी को लेकर, कुछ अपने परिवार को लेकर, तो कुछ किसी न किसी और कारण से!
खैर इन सब के बीच काम रस से भीगी कहानियां आपको जरूर सुकून देती होंगी।
यह GF BF Sex कहानी मेरे जीवन के अनगिनत पन्नों में से एक पन्ना है या यह भी कह सकते हैं कि ये मेरे जीवन में घटी छोटी सी घटना है जो शायद तीन या चार भागों में आपका पूरा मनोरंजन करेगी।
आप सब ने मेरी पिछली कहानियों को पढ़ा और सराहा, उसके लिए आपका बहुत धन्यवाद।
अन्तर्वासना पर मेरी पिछली कहानी थी: अंकल के लंड को मिली कुंवारी चुत
इसके बाद फ्री सेक्स कहानी साईट पर भी मेरी एक कहानी प्रकाशित हो चुकी है.
उसे आप FreeSexKahani .com पर मेरा इमेल या मेरे नाम से सर्च करके पढ़ सकते हैं.
मेरी जिंदगी का ये पन्ना कुछ पुराना है जिसको मैंने लॉकडाउन में दोबारा पढ़ कर देखा और याद किया।
जब याद किया तो शब्दों में भी ढाल दिया और अब आपसे शेयर कर रहा हूँ।
हो सकता है कि ये कहानी लॉकडाउन की मानसिक परिस्थितियों का शिकार हो क्योंकि ऐसी कहानी लिखते वक़्त वैसी फीलिंग आपके दिमाग और दिल में आनी चाहिए तभी कहानी पूर्ण रूप से एक कामग्रन्थ बनती है।
आजकल आप सबकी पसंद को देखते हुए कहानी के समयकाल और कुछ बातों में बदलाव किया है।
मंजुला पवार कहानी की नायिका है।
अपने बारे में कहूं तो मैं राहुल, एक आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक हूं।
मेरी हाईट 5.10 फीट है, वज़न करीब 75 किलो है।
मैं नियमित रूप से जिम भी जाता हूँ तो मेरी बॉडी थोड़ी थोड़ी कसी हुई है; मतलब चौड़े कंधे, सपाट पेट आदि।
मेरे सीने पर बाल भी हैं। रंग ज्यादा साफ नहीं है।
मेरी शादी हुए 2 साल हो चुके हैं और बच्चा अभी नहीं है।
ये बात तब की है जब मैं एक विदेशी कंपनी में रीजनल सेल्स हेड की जॉब में था।
मेरे टूर भी बहुत होते थे। कभी महाराष्ट, कभी गुजरात, मध्यप्रदेश, गोवा इत्यादि आना-जाना लगा रहता था।
अब मंजुला से आपका परिचय करवाता हूं।
मंजुला तकरीबन 22 साल की पारंपरिक मराठी लड़की थी जो मेरे ऑफिस में सेल्स कॉर्डिनेटर का काम करती थी।
वह मेरे एरिया की सेल्स टीम और मेरे बीच सहायक का काम करती थी।
मंजुला काफी आकर्षक व्यक्तित्व की स्वामिनी थी।
उसकी हाइट करीब 5.5 फीट, गोरा रंग और नयन नक्श काफी तीखे थे। उसकी पतली सी कमर और लंबे पैर थे, भरी हुई जाँघें और पीछे निकले हुए सुडौल चूतड़, उसकी चूचियां भी मस्त 34बी साइज़, जिसका मुझे बाद में पता चला था, की थीं।
कुल मिला कर चोदने लायक माल थी वो!
मंजुला साथ ही साथ माडर्न ख्यालात की भी थी।
उसके कई बॉयफ्रेंड भी थे।
मगर उससे मुझे कोई लेना देना नहीं था क्योंकि वो उसकी पर्सनल लाइफ थी और वो अपने काम में बहुत माहिर थी।
उसकी वजह से मैं कामचोर सा हो गया था ऑफिस में! मेरे ऑफिस से सम्बंधित सभी काम वो मिनटों में कर देती थी।
इस कारण वो मुझे बहुत पसंद थी।
कभी-कभी मंजुला को ऑफिस के काम से बाहर भी जाना पड़ता था जैसे मंथली सेल्स मीटिंग्स, डीलर्स एकाउंट्स क्लियरेंस आदि।
ऐसे ही एक बार मंजुला मेरे साथ जयपुर गई थी।
जयपुर में हमारी कंपनी ने अपने प्रोडक्ट्स की सेल्स और प्रदर्शनी रखी थी।
हमारा यह ट्रिप करीब 15 दिन का था जहाँ हम दोनों को सब कुछ मैनेज करना था।
अभी तक मेरे दिल में मंजुला को लेकर कोई गलत ख्याल नहीं था।
इस ट्रिप में मेरी बीवी भी मेरे साथ थी।
हम दोनों ही मध्य दिसम्बर में जयपुर पहुंच गए।
ये तो आप जानते हैं कि उत्तर भारत में दिसम्बर में सर्दी अच्छी खासी होती है और जयपुर में तो कुछ ज्यादा ही होती है।
मगर हमको रूम के अंदर इतना पता नहीं चलता था। हमारा शानदार 3 स्टार होटल था।
पहले 3 दिन मैंने और मेरी बीवी ने होटल के स्प्रिंग वाले गद्दे के बेड पर धुआँधार सम्भोग किया।
मेरी बीवी ने स्प्रिंग के गद्दों पर अपनी गांड उछाल-उछालकर मेरे लण्ड को चूत में लिया।
नयी जगह थी, बाहर सर्दी थी और अंदर गर्म रूम के साथ ही बेड के मस्त गद्दे … तो मेरी बीवी भी चुदासी होकर खूब चुदवा रही थी।
रात को चुदवाने की बात तो ठीक थी लेकिन पूरा दिन मैं काम में व्यस्त रहता था और बीवी बोर हो जाती थी।
फिर वो कहने लगी कि 10 दिन के लिए मायके हो आती हूं, तब तक यहां काम भी खत्म हो जाएगा यहां।
मैंने भी सोचकर उसको जाने को बोल दिया।
उसी शाम को बीवी को ट्रेन से रवाना करके मैं और मंजुला दोनों काम में व्यस्त हो गए।
रात 9 बजे हम जब फ्री हुए तब तक हम दोनों ही बुरी तरह मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके थे।
जब हम होटल पहुंचे तो मंजुला बोली- मैं फ्रेश हो लेती हूं, नहाकर नीचे डिनर के लिए चलते हैं।
मैंने बोला- ओके!
मैं भी फ्रेश होने चला गया।
अंदर जाकर याद आया कि बीवी तो गयी हुई है, आज तो चुदाई हो ही नहीं सकती।
मन मारकर मैं नहाने लगा।
नहा कर निकला ही था कि रूम की बेल बजी।
मैंने सोचा रूम सर्विस होगी।
मैंने टॉवल में ही रूम का दरवाज़ा खोला।
देखा तो सामने मंजुला थी।
लाल रंग की पतली सी शर्ट उसने पहनी थी, जिसे देखकर साफ पता लग रहा था कि नीचे ब्रा नहीं पहनी है।
नीचे टांगों में उसने पजामा डाला हुआ था।
मैं बोला- ओह्ह सॉरी! मैंने सोचा रूम सर्विस है।
वो बोली- सर, आप अभी तैयार नहीं हुए?
कहती हुई वो अंदर आ गई।
मैंने कहा- हां बस शर्ट और शॉर्ट्स डालकर अभी तैयार हो जाता हूं।
जब मैंने कपड़े पहन लिए तो वो बोली- वाउ सर! आप तो बहुत स्मार्ट लग रहे हो, मैंने कभी आपके ऐसे रूप में नहीं देखा था।
मैंने भी मंजुला को कभी ऐसे बात करते हुए नहीं देखा था, हैरानी तो थोड़ी मुझे भी हो रही थी।
फिर वो बोली- सर, काफी रात हो गई है, खाना यहीं मंगवा लें क्या?
मैंने कहा- ठीक है, मंगवा लो। जब तक खाना आएगा तब तक मैं एक पैग रम पी लेता हूं।
मंजुला- सर रम है क्या आपके पास?
मैं बोला- हां, तुम्हें भी लेनी है क्या?
मंजुला- हाँ सर, यदि आपकी इज़ाज़त हो और आप वादा करें कि मुम्बई में किसी को नहीं बताएंगे तो मैं ले सकती हूं।
मैं बोला- मुझे कोई एतराज नहीं है। रही बताने की बात, तो ये बात जयपुर से बाहर नहीं जाएगी।
उसके चेहरे पर एक चमक सी आ गई जैसे उसे उसका मनपसंद खिलौना मिल गया हो।
मैंने सोचा कि मुम्बई में तो वो शायद नहीं पाती होगी और यहाँ कोई देखने वाला नहीं है, तो एन्जॉय करना चाहती होगी। मैंने रूम सर्विस को बोलकर सोडा, हॉट वाटर और कुछ चखना मंगवाया, तो मंजुला ने एक चिल्ली पनीर, फिश फ्राई और चिल्ली चिकन भी ऑर्डर कर दिया।
थोड़ी देर में वेटर गिलास सोडा, चखना और पानी लेकर आ गया।
वो बोला कि पनीर रेडी होते ही ले आएगा।
उसके जाने के बाद मैंने दो पैग बनाये और एक उसको दे कर बोला- चीयर्स!
मंजुला भी मस्त मुस्कान के साथ बोली- चीयर्स सर!
एक घूंट लेकर वो चखना लेने झुकी तो उसकी शर्ट के अंदर का सामान मुझे दिख गया।
उस एक पल की ही झलक ने मेरा नशा दोगुना कर दिया।
मेरा दिमाग घूम गया।
इसी पल में अचानक मेरे मन में मंजुला की चुदाई का ख्याल भी आ धमका।
सर्द रात थी … मेरी बीवी भी नहीं थी … और रम के सुरूर में लंड भी तन चुका था।
मैंने सोचा कि नशे के बहाने क्यों न मंजुला के साथ कुछ ट्राई किया जाए, अगर मान गई तो ठीक … वरना बोल दूंगा कि दारू के नशे में बहक गया था।
अब मेरे लंड का मुंड मेरे शॉर्ट्स में से उठा हुआ दिखने लगा था।
मंजुला जैसे माल को चोदने के ख्याल से ही अब लंड फटा जा रहा था।
फिर मैं उससे काम के बारे में बात करने लगा, अपॉइंट्मेंट्स के बारे में पूछने लगा।
बात करते हुए उसने पूरा गिलास खाली कर दिया।
मैंने उसके लिए एक और पैग बना दिया।
अब हमारा चिली पनीर और फिश फ्राई चिकन भी आ गया।
वेटर को साथ ही हमने खाने का ऑर्डर भी दे दिया ताकि दारू खत्म होने के समय तक खाना भी आ जाए।
मंजुला दूसरा पैग पी रही थी और थोड़ा सुरूर उसके चेहरे पर दिखने लगा था।
इसी मौके पर मैंने किस्मत आजमाने की सोची और बातों को मुम्बई की मॉडर्न लाइफ की तरफ मोड़ दिया।
मैं- मुम्बई में हर कुछ फ़ास्ट होता है और कोई जल्दी किसी रिलेशनशिप में नहीं पड़ता है, बस लाइफ को एन्जॉय करते हैं।
उसने कहा- हाँ सर, आपकी बात सही है। ये रिलेशन वगैरह बेकार की बात है, बस लाइफ एन्जॉय करना चाहिए, बाकी सब फालतू की बात है।
मुझे उसकी बातों से लगा कि वो हल्के नशे में है।
मैं बोला- हां, क्योंकि शादी के बाद तो फिर मौज मस्ती नहीं कर सकते हैं।
वो बोली- क्यों सर? शादी के बाद क्यों नहीं कर सकते?
मैं- अगर बीवी या पति को इस बात का बुरा लग गया तो?
मंजुला- हां सर, वो तो है। सर … क्या आपने शादी से पहले भी एन्जॉय किया था?
मैं- एन्जॉय … किस तरह का?
मंजुला- वही … गर्लफ्रेंड वाला!
मैं- तुम्हारा मतलब है सेक्स?
मंजुला- हाँ, शायद वही या किसिंग वगैरह।
मैं- हाँ किया था न, लेकिन शादी के बाद नहीं किया … और तुमने?
मंजुला- हाँ एक दो बार ट्राई किया था मगर मज़ा नहीं आया और दर्द भी बहुत हुआ। वैसे भी, रूम की समस्या रहती है, और फिर मुंबई हो या कोई भी शहर, कोई देख ले तो क्या कहे। होटल में जाओ तो भी रिस्क रहता है।
इस वक्त मंजुला पर दारू का नशा बढ़ने लगा था और वो नहीं जानती थी कि वो क्या बोलती जा रही है। या शायद फिर वो खुद भी इन सब बातों को करके मौके का फायदा उठाने की सोच रही थी, मैं इस बारे में नहीं कह सकता था।
मैं बोला- दर्द तो पहली बार का ही होता है, जब तुम अगली बार करोगी तो दर्द नहीं होगा। शायद तुम्हारा बॉयफ्रेंड ही अनाड़ी होगा, इसलिए तुम्हें मजा नहीं आया। अनुभवी लोग तो पहली बार में ही पूरा मजा दे देते हैं। अगली बार करना तो किसी अनुभवी के साथ ही करना … फिर देखो कैसा मजा आता है!
वो बोली- हम्म … हो सकता है।
मंजुला दो पैग पी चुकी थी और उनका असर उस पर साफ दिख रहा था।
उसकी आंखें लाल हो गई थीं।
मैंने अपना दूसरा और उसका तीसरा पैग बना दिया।
फिर पूछा- तो कब ट्राई किया था तुमने? और किसके साथ किया था?
मंजुला बताने लगी:
एक था सर … मेरे ही कॉलेज का था, आप उसके बारे में नहीं जानते हैं। कई दिनों से वो मेरे पीछे पड़ा था। बार-बार मुझे रिसॉर्ट में ले जाने की बात कर रहा था। उसकी बातों से मेरा मन भी करने लगा था। मैंने उसको हां कह दिया।
ये बात आज से लगभग 6 महीने पहले की है। संडे का दिन था और हम गुजरात हाईवे के एक रिसॉर्ट में गए थे। रूम ले लिया था और मुझे काफी डर लग रहा था।
फिर अंदर रूम में जाकर जब उसने करना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा। मेरा डर भी कम होने लगा था। मुझे करवाने में मजा आ रहा था।
उसके बाद पता नहीं, वो बहुत जोर जोर से करने लगा और मुझे तेज दर्द होने लगा। खून भी निकलने लगा। मेरी हालत खराब हो गई। जैसे तैसे करके हमने खत्म किया और मुझे कुछ मजा नहीं आया। मुझे लगा इसी को सेक्स कहते होंगे। हमारे यहां तो मराठी परिवारों में सेक्स शादी के बाद ही होता है। मुझे नहीं पता था कि कैसे होता है, कैसा लगता है। मैंने तो अपनी उत्सुकता के लिए हां कर दी थी। लेकिन दर्द के सिवाय मुझे कुछ नहीं हाथ लगा।
मैं ध्यान से उसकी बात सुन रहा था क्योंकि वो नशे में अपनी पहली चुदाई की कहानी बता रही थी।
मेरा लण्ड निक्कर में तना हुआ साफ साफ नज़र आ रहा था।
मंजुला भी कई बार उसको देख चुकी थी।
वो हर बार देख कर मुस्करा देती थी।
फिर थोड़ा रुककर वो आगे GF BF Sex की बात बताने लगी- तो सर, जब सब हो गया तो हम दोनों ने कपड़े पहने और खाना खाकर वहां से हम जल्दी से निकल गए। मुझसे चला नहीं जा रहा था दर्द की वजह से। रास्ते में उसने एक पेनकिलर दिया। घर पहुंचने तक दर्द काफी कम हो चुका था।
कुछ दिन बाद मेरे बॉयफ्रेंड के घर में कोई नहीं था, तो वो मुझे अपने घर ले गया।
वहां हम जब बातें कर रहे थे तो अचानक उसने मेरे गाल पर किस कर लिया और बाँहों में लेकर मेरे लिप्स को किस करने लगा।
मेरा भी मूड बन गया।
फिर धीरे-धीरे सब कपड़े उतार कर वो मेरे ऊपर आ गया। जैसे ही उसने मेरी (चूत) में डाला, मुझे फिर से दर्द हुआ।
वो करता रहा और मुझे दर्द होता रहा।
उसका काफी मोटा और बड़ा था। तीन-चार मिनट लगातार करके वो खाली हो गया और फिर एक तरफ लेट गया।
मैं बहुत अजीब सा महसूस कर रही थी। मुझे लगा कि ऐसे ही होता होगा एन्जॉयमेंट!
लेकिन मुझे इस एन्जॉयमेंट में रत्ती भर भी मजा नहीं आया।
जैसा मैंने अपनी दोस्तों से सुना था, सेक्स में बड़ा मजा आता है, पूरी बॉडी रिलैक्स हो जाती है। शरीर में सनसनी सी फैल जाती है। लेकिन मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ। मुझे तो दर्द का बड़ा ही भयानक अनुभव हुआ।
मैं- तुम लोगों ने एक दूसरे को प्यार या फोरे प्ले नहीं किया था क्या?
मंजुला- ये क्या होता है?
यहाँ मुझे ऐसा लगा कि वो मुंबई जैसे अल्ट्रा मॉडर्न शहर से होकर भी सेक्स के बारे में ज्यादा नहीं जानती है।
हो सकता है कि पारिवारिक पृष्ठभूमि ऐसी हो कि जहाँ सेक्स को ज्यादा तवज़्ज़ो न देते हों। मतलब उसे ये सेक्स-सम्भोग तो पता था लेकिन ये नहीं पता था कि इसको एन्जॉय कैसे करते हैं।
मुझे उसकी नादानी पर हँसी आ गई लेकिन मैंने रोक ली।
फिर मैं बोला- फोरेप्ले मतलब कपड़े उतार कर एक दूसरे के जिस्म को रगड़ना, सहलाना, चूमना और एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट्स को छूना, चूमना चूसना आदि।
मंजुला- नहीं, ऐसा कुछ नहीं हुआ।
मैं- तभी तो तुमको मज़ा नहीं आया। शायद तुम्हारी चूत गीली नहीं हुई होगी और रस भी नहीं छोड़ा होगा। तभी लण्ड डालने पर दर्द हुआ होगा।
अबकी बार मैंने खुलकर चूत और लण्ड का नाम लिया।
उसने शर्म से गाल लाल तो किये लेकिन ऐतराज़ नहीं जताया। मतलब साफ था कि वो ये सब पसंद कर रही थी।
उसका मूड भी बना हुआ लग रहा था। ये सब मेरे लिए जैसे एक ग्रीन सिग्नल था। इसलिए मैं अब आगे बढ़ने के लिए तैयार था।
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GF BF Sex कहानी का अगला भाग: मराठी मुलगी चुद गई होटल में- 2
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