दोस्त की बहन को पर्सनल रंडी बनाया
(Garam Ladki Chudai Kahani)
गर्म लड़की चुदाई कहानी में मेरे दोस्त ने अपनी बहन का एडमिशन मेरे कॉलेज में करवाया और हम दोस्त बन गए. उसकी जवानी मेरे लंड को खड़ा कर देती थी. मैंने एक ही रात में उसकी चूत और गांड दोनों मारी.
मेरा नाम रजनीश चतुर्वेदी है.
मेरी उम्र 27 साल, एथलीट शरीर और दिखने में हैण्डसम हूँ।
यह गर्म लड़की चुदाई कहानी उस समय की है जब मैं नॉएडा के एक कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा था।
मैं अपने कॉलेज के दूसरे वर्ष में था और वह समय था जब जूनियर कॉलेज में एडमिशन ले रहे थे.
रोहित नाम का मेरा एक दोस्त था जिसकी बहन भी हमारे कॉलेज में एडमिशन लेने आयी थी।
उसने मुझे फोन किया और कहा कि वह अपनी बहन के साथ आएगा और उसे मुझसे मिलवाएगा ताकि मैं उसके रहने, पढ़ाई आदि में मदद कर सकूं।
रोहित अपनी बहन के साथ हमारे कॉलेज आया.
उसका नाम दिव्या था।
मैं उसके रूप को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया।
वह 20 साल की मस्त माल थी, उसका शरीर गदराया हुआ था, होंठ भरे हुए थे, बेहतरीन चूचियां और शानदार चूत!
मैंने सोचा कि अगर इसको पेलना है तो इसकी मदद करनी होगी।
रोहित ने मुझे दिव्या से मिलवाया.
उसने मुझे हाय कहा.
मैंने नोटिस किया कि वह बहुत खुले विचार वाली लड़की है.
उसने गहरे गले वाली पीली टीशर्ट और काली जींस पहनी हुई थी।
उसकी जींस स्किन टाइट थी।
मैंने उसकी एडमिशन और अन्य कामों में मदद की।
जैसे-जैसे दिन बीतते गए, वह मेरे करीब होती गई।
हम कॉलेज के बाद साथ-साथ समय बिताने लगे।
मैं अक्सर उससे कहता कि वह बहुत सुंदर है।
एक बार मैंने कहा था कि पूरे कॉलेज में सबसे परफेक्ट बॉडी उसी की है.
तो वह सिर्फ हंस कर रह गयी।
एक दिन मैंने उसे शहर के एक पॉश होटल में डिनर के लिए आमंत्रित किया।
वह शुरू में झिझकी लेकिन बाद में मान गई।
मैं फूल लेकर उसके हॉस्टल चला गया और उसका इंतजार करने लगा।
वह जिस पोशाक में आई वह उसके शरीर को छिपाती कम दिखाती ज्यादा थी.
उसने हल्के नीले रंग की टॉप पहनी हुई थी और और ग़दर माल लग रही थी।
मेरा तो लंड खड़ा हो गया।
मैंने उसे फूल दिए जिससे वह खुश हो गई.
तभी मैंने उसकी सुन्दरता की तारीफ की कि वह बहुत अच्छी लग रही है और कार का दरवाजा खोला उसे कार में बैठाया।
डिनर के खाने के दौरान मैं उसकी मस्तानी जवानी को देख कर सोचता रहा सोचा कि यह बिना कपड़ों के कैसी लगेगी।
तेज़ संगीत के कारण हम ठीक से बात नहीं कर पा रहे थे; मैं जाकर उससे चिपक कर बैठ गया और कहा कि इस तरह हम एक दूसरे से ठीक से बातें कर सकते हैं।
बात करते-करते मैंने अपना हाथ उसकी गोद में रख दिया.
उसने कुछ नहीं कहा।
मैंने उससे डांस के लिए कहा और वह मान गयी।
गाना फास्ट ट्रैक था जिस पर हमने कुछ मिनटों तक डांस किया।
बाद में गाना धीमा हो गया।
मैंने उसे अपने हाथों में पकड़ रखा था और धीरे से मैंने अपना हाथ उसकी पतली कमर पर सरका दिया।
तब मैंने उसे अपने पास खींच लिया; उसकी चूचियां मेरी छाती से दबने लगी।
वह थोड़ा पीछे गई और कहा- जब इतने सारे लोग हों तो लिमिट क्रास करना ठीक नहीं है।
मैं समझ गया कि लौंडिया जल्दी ही चुदेगी।
हम कार में वापस गए.
उसने कहा- मुझे बहुत देर हो रही है और मेरे हॉस्टल का गेट बंद हो जाएगा।
मैंने मन ही मन सोचा कि तभी तो तुझे पेलने का मौका मिलेगा।
हम हॉस्टल पहुंचे; हॉस्टल के आसपास कोई नहीं था।
मैंने सोचा कि आज इसे चोदने का सही मौका है।
दिव्या ने पहल करते हुए गुड बाय किस के लिए कहा।
मैं एक शब्द भी नहीं बोला.
मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके गाल पर एक चुंबन दिया.
फिर मैं उसके रसीले होंठों के माध्यम से उसकी नशीली जवानी का रस चूसने लगा।
मैंने उसे अपनी जीभ मेरे मुख में देने के लिए कहा और मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में धकेल दी और उसके मुंह के हर कोने तक पहुंच गया।
तब मैंने उससे सीट पर लिटा दिया और 15-20 मिनट उसके होटों को चूसता रहा।
इस बीच हॉस्टल बंद हो चुका था।
वह डरने लगी।
मैंने उसे कहा- परेशान मत हो और मेरे घर चलो।
बेचारी क्या करती, तैयार हो गयी।
मैं अपने फ्लैट में अकेले ही रहता था।
मैंने मन में सोचा कि आज भगवान् ही बचाएँ तेरी चूत और गांड!
गाड़ी चलाते समय भी मैंने उसको कई बार चूमा।
मैंने उसका हाथ अपनी पैंट पर रख दिया और उसे अपना लंड दबाने को कहा.
वह समझ नहीं पा रही थी कि कैसे करे।
मैंने उससे कहा कि तुम बस मेरे लंड को कपड़ों के ऊपर से दबाती रहो और महसूस करो कि तुम्हारे हाथ में यह कैसे बड़ा होता है।
हम अपने फ्लैट पर आ गए; अंदर घुसते ही मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया और अपने शॉर्ट्स पहनने के लिए उसे दे दिए।
मैं बाहर गया और ठंडी बियर और कुछ सिगरेट लाया.
हालाँकि मैं सिगरेट कभी-कभी ही पीता था।
मैंने दो गिलास में बीयर डाली और उसे भी एक गिलास दिया.
लेकिन उसने कहा- मैं नहीं पीती।
मैंने कहा- मजा आएगा, तुम बस मजा लो।
उसने झिझकते हुए ग्लास ले लिया।
टॉप और शॉर्ट्स में वह बेहद सेक्सी लग रही थी।
उसकी दूधिया जांघों को देख कर मेरा लंड टनटना गया।
मैं उसके बगल में बैठ गया और उससे कहा कि रिलैक्स महसूस करे।
मैंने कहा कि मैं उसकी चूचियां देखना चाहता हूं।
उसने मुझसे कहा- सिर्फ एक बार!
मैंने उसका टॉप खींचा और शानदार चूचियां देखने के लिए अंदर झाँका।
तब मैंने उससे पूछा कि उसकी ब्रा का आकार क्या है.
उसने कहा- खुद देख लो!
जिस पर मैंने कहा- उसके लिए मुझे तुम्हारी चूचियां को पकड़ कर चेक करना होगा।
दिव्या ने कहा- तुम्हें रोक कौन रहा है।
मैंने धीरे से उसके टॉप में हाथ डाला और उसकी चूचियों को सहलाया और कहा- ये अब मेरी हैं और इन्हें ‘निंबी’ कहूँगा।
यह एक बेहतरीन अहसास था.
उसकी मुलायम चूचियां मसलने और चूसने के लिए शानदार चीज थी।
मैंने कहा- कपड़ों के ऊपर से ब्रा का आकार पता करना मुश्किल होगा।
धीरे-धीरे मैंने उसके टॉप के बटन खोलने शुरू किए और उसका टॉप उतार दिया।
अब वह सिर्फ ब्रा में थी।
मैंने उसकी ब्रा को चूमा और धीरे से उसकी ब्रा के ऊपर से हल्के से काट लिया।
तब मैंने उसे भी इसे उतारने के लिए कहा.
वह पीछे घूमी और कहा- हुक पीछे हैं, तुम इसे उतारो।
मैंने उसकी ब्रा उतार दी.
उसका साइज 36c था जो ब्रा पर लिखा था.
मैं उसकी चूचियां चाटने लगा.
वह सिसकारने लगी और बोली- तुम मुझे क्रेजी कर रहे हो।
मैंने उसके निप्पलों को सहलाया, मसला, चाटा और चूसना शुरू कर दिया।
मैंने उससे पूछा- तुम मुझसे अपनी चूचियों के साथ क्या करवाना चाहोगी?
उसने कहा- बस इन्हें चूसते रहो।
उसकी चूचियां चूसते हुए मैं उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड की ओर ले आया जो बाहर आने के लिए बेताब था।
दिव्या मेरे लंड को मसलने लगी।
मैंने उससे कहा- इसे बाहर निकालो।
झिझकते हुए उसने मेरे पैंट की जिप खोली और मेरा लंड बाहर निकाल लिया।
मेरा लंड पूरा खड़ा हो कर लगभग 7 इंच का हो चुका था।
मैंने उसे ऊपर-नीचे करने को कहा जैसे मुट्ठ मारते हैं।
उसने मेरी मुट्ठ मारनी शुरू की और बोली कि उसे इसमें मजा आ रहा है क्योंकि लंड खूब कड़ा और बहुत गर्म हो गया है.
मैंने एक सिगरेट जलाई और उससे मेरा लंड चूसने को कहा।
मैं सिगरेट पी रहा था और वह मेरे लंड को अपने मुँह में लेने के लिए नीचे झुक गयी।
क्या शानदार अनुभव था कि मैं उसके चेहरे पर धुंआ उड़ा रहा था और वह लंड का मजा ले रही थी।
मैंने कुछ देर बाद अपना लंडामृत उसके हलक में छोड़ दिया जो सीधे उसके पेट में चला गया।
उसके बाद मैंने उसके होठों का खूब गहरा चुंबन लिया और उसकी चूचियों का मजा लेने लगा।
मैंने अपने पैरों से उसके शॉर्ट्स और फिर पैंटी उतार दी।
उसने अपने पैरों को एक-दूसरे पैर चढ़ा लिया और कहा कि वह शादी से पहले चुदाई नहीं करना चाहती।
मैंने सोचा कि साली आज तो तुझे चुदना ही पड़ेगा.
लेकिन मैं बोला- मैं सिर्फ देखना चाहता हूं … कुछ नहीं करूंगा।
उसने अपने पैर अलग कर लिए.
मैं नीचे गया और उसके चूत के छेद को देखा।
मेरे मुँह से निकल गया ‘क्या माल है।’
मस्त चूत थी … जैसे दोनों फांकों के बीच हल्का सा चीरा लगा हो।
मैं जब उसकी चूत चूमने के लिए नीचे गया तो उसने शुरू में विरोध किया लेकिन बाद में मुझे अपने क्लिटोरिस को चाटने दिया.
इस बीच मैंने अपनी उंगली उसके चूत की छेद में डाल दी।
वह दर्द और मजे से कराह उठी।
उसकी चूत गीली हो रही थी।
उसने कहा- प्लीज मत करो।
उह आह करती हुई वह बोली- अपनी उंगली बाहर निकालो।
लेकिन मैं अब उसे कहाँ छोड़ने वाला था।
मैंने उसकी चूत में अपने उंगली अन्दर-बाहर करना जारी रखा। साथ ही मैं उसकी चूचियां भी चूसता रहा।
अब वह अपनी गांड उछालने लगी।
मैंने फिर उसकी चूत में अपने जीभ डाल दी और दिव्या बेकाबू हो गयी।
मैंने सोचा कि यह उसे पेलने का सही समय है।
तब मैंने अपना लंड उसके चूत के छेद पर रखा और उसे छेड़ा.
वह चिल्लाई- नहीं … मत करो … मैं कुंवारी हूँ.
मैंने उसे दिलासा दिया- मुझे तुम पसंद हो. तुम मुझे पसंद हो. बुरा लगे तो तुम मुझे रोक सकती हो।
इसके पहले कि वो कुछ बोले, मैंने अपना लंड उसकी गीली हो चुकी चूत में पेल दिया.
उसकी तो चूत और गांड दोनों फट गयी।
वह दर्द के कारण कराह उठी.
धीरे-धीरे मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया।
शुरू में उसने मुझे रुकने के लिए कहा लेकिन बाद में उसने चोदने का इशारा किया।
वह मेरे धक्कों की लय से मेल खाने के लिए अपने चूतड़ों को उछालने लगी।
लगभग बीस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद में उसके अन्दर ही झड़ गया।
असल में जब मैं सील तोड़ता हूँ तो अपना लंडामृत लडकी की चूत में ही छोड़ता हूँ ताकि उसे इसका अहसास जीवन भर बना रहे।
फिर हम चिपक कर चुम्बन लेते रहे।
थोड़ी देर बाद मैंने उसे फिर से गर्म करना शुरू कर दिया।
जब वह पूरी तरह से गर्म हो गयी तो मैंने उसके अपना लंड चुसवा कर गीला करवाया और उसे पेट के बल लिटा दिया।
फिर मैं उठा और मेज की दराज से एक जेली निकाली और उसके चूतड़ों को चूमते हुए हुए उसकी मस्त गांड की छेद में जेली डालता रहा।
वह मेरी चूमा-चाटी का मजा ले रही थे जबकि मैं उसकी गांड की भी सील तोड़ने की साजिश में लगा था।
असल में मित्रो, जब लौंडिया पट जाती है तो वह चूत तो झक मार कर देगी ही … तो फोकस गांड पर रहना चाहिए।
मेरा तो मानना है कि अगर माल पटाया है तो उसकी गांड जरूर मारनी चाहिए।
अगर गांड ना मारी तो माल पटाने का कोई लाभ नहीं।
खैर, उसकी गांड जेली से गीली हो गयी और उसे पता तक नहीं चला।
मैं अब अपना लंड ले कर उसके सामने पहुंच गया और उसे लंड चाटने का इशारा किया।
वह फिर मेरा लंड चाटने लगी।
जब लंड खूब गीला हो गया तो मैंने उससे कहा- अब एक नये अनुभव के लिए तैयार हो जाओ।
उसने मुस्कुराते हुए हामी भरी।
मैं अब उसकी गांड पर चढ़ गया और अपने लंड से उसके चूत को टच किया।
वह सिहर उठी और अपनी चूत में लंड घुसने का इंतजार करने लगी।
लेकिन मैंने अपने उसके गांड के पाटों को खोला और अपने लंड के सुपारे से उसके छेद को छुआ।
वह कुछ समझे, इसके पहले ही मैंने अपना लंड उसकी गांड में पेल दिया।
पहले तो उसे कुछ समझ में ही नहीं आया कि क्या हुआ है।
लेकिन जब उसे अपने गांड में लंड घुसने का अहसास हुआ तो वह चिल्ला उठी।
मैंने इसकी परवाह किये बिना ही अपना पूरा लंड उसकी गांड में पेल दिया और उसके ऊपर लेट कर अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को पकड़ कर उसे अपने कण्ट्रोल में कर लिया और उसके गालों को चूमते हुए उसके गांड मरने लगा।
वह कटते हुए बकरे की तरह चिल्ला रही थी लेकिन मैं आराम से उसकी गांड मारता रहा।
कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और उसकी चिल्लाहट अब सिसकारियों में बदल गयी।
मैंने उसे पुचकारते हुए कहा पूछा- मजा आ रहा हैं न डार्लिंग?
दिव्या सिसकारती हुई बोली– रजनीश तुमने एक रात में मेरा सब लूट लिया।
मैंने हँसते हुए कहा- यह सब मत सोचो मेरी जान, बस मजा लो।
अब दिव्या भी अपनी गांड उछलने लगी।
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ाई और उसकी गांड में अपने माल छोड़ दिया ताकि उसे इसका गर्म-गर्म चिपचिपा अहसास बना रहे।
उस रात मैंने उसे दो बार और चोदा।
अगले तीन साल तक दिव्या मेरी पर्सनल रंडी बनी रही।
मैंने उसे चोद-चोद कर निखार दिया।
उसकी गांड बहुत मस्त हो गयी।
तीन साल बाद मैं कालेज से निकलने के बाद बैंगलोर चला गया।
दिव्या भी दूसरे लड़के से पट गयी, आखिर मैंने उसे लंड का चस्का जो लगा दिया था।
बाद में उन दोनों ने शादी भी कर ली।
अब भी दिल्ली में मौका मिलने पर हम मजा ले लेते हैं क्योंकि उसे मैंने गांड मारने का जो मजा दिया वो उसे अपने पति से नहीं मिलता है क्योंकि वो एक शरीफ बंदा है जो केवल चूत से ही काम चलाता है।
वैसे भी बीवी की केवल चूत ही मारी जाती है।
गांड अपनी माल की या दूसरे की बीवी मारनी चाहिए।
गर्म लड़की चुदाई कहानी पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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