गाँव की गोरी की चूत चुदाई
(Ganv Ki Gori Ki Chut Chudai)
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम आदित्य है.. मैं कानपुर (उत्तरप्रदेश) का रहने वाला हूँ.. मैं दिखने में बहुत सुन्दर और एक अच्छे शरीर का मालिक हूँ। मैं जिम भी जाता हूँ।
मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानी पढ़ी हैं.. बहुत सारी कहानियाँ अच्छी भी लगीं.. तो मैंने सोचा क्यों ना अपनी भी कहानी लिखूँ और लिख भी दी।
कहानी है मेरे गाँव में रहने वाली राधिका की.. बात उस समय की है.. जब मैंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी और मैं छुट्टियों में अपने गाँव गया था। गाँव में आने के बाद एक दिन की बात है.. मैं गाँव में घूम रहा था.. तभी देखा कि एक बहुत ही सुन्दर लड़की जा रही थी। क्या माल लग रही थी..
मैंने अपने गाँव के दोस्तों से पूछा तो उन्होंने बताया- यह लड़की तो तेरे घर के सामने ही रहती है और किसी लड़के को घास तक नहीं डालती!
फिर क्या था में लग गया उसे पटाने में.. लेकिन वो वाकयी में हाथ ही नहीं आ रही थी।
फिर मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया.. क्यों न उसकी सहेली से बात की जाए और मैंने उसकी सहेली से बात की।
उसने भी यही बताया कि मुश्किल काम है.. पर मैं कोशिश करूंगी।
‘ठीक है..’
वो बोली- जो तुम्हें कहना है.. वो एक पेपर में लिख कर दे दो।
मैंने वैसा ही किया.. हालांकि में डर भी रहा था कि कहीं वो मेरी शिकायत ना कर दे.. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और उसका जबाव आ गया।
उसमें लिखा था- पूरे कानपुर में कोई लड़की नहीं मिली क्या?
मैंने जबाव में कहा- लड़की तो बहुत मिली हैं.. पर आज तक कोई पसंद नहीं आई।
फिर इसी तरह मेरी उससे रोज बात होने लगी.. फिर प्यार की बातें हुईं.. मिलना भी हुआ.. पर अभी तक हमने एक-दूसरे छुआ नहीं था।
एक दिन की बात है.. मेरे घर के सारे लोग किसी के यहाँ गए हुए थे.. मैं घर पर अकेला था.. सिर्फ बूढ़ी दादी जी थीं।
मैंने उसे इशारा किया.. वो आ गई.. बोली- क्या बात है?
मैंने उसे बताया- घर पर कोई नहीं है सिर्फ़ दादी हैं।
तो बोली- क्या करूँ..?
मैंने कहा- आ जा न.. दादी भी सो रही हैं।
तो बोली- ठीक है.. रुक घर पर बोल कर आती हूँ कि एक सहेली के घर जा रही हूँ।
मैंने कहा- ठीक है.. पर जल्दी आना।
फिर मैं उसका इंतज़ार करने लगा.. कुछ ही देर में वो आ गई.. उसके आते ही मैंने उसे घर में खींचा और दरवाजा बंद कर दिया, उसको मैं कमरे में ले गया।
उसने कहा- क्या करोगे?
तो मैंने कहा- आज तक हमने एक-दूसरे को छुआ तक नहीं.. आज जी भर के एक-दूसरे को प्यार करेंगे।
तो बोली- ठीक है.. पर जल्दी करो।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसे चुम्बन करने लगा.. गाल पर और सब जगह.. खूब चूमा।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
चूमने के साथ ही दोनों हाथों से दूध भी दबाने लगा.. साथ ही मैं कुछ काँप भी रहा था.. क्योंकि मैंने इससे पहले कभी ये सब नहीं किया था।
मेरे मुँह से गर्म हवा निकल रही थी.. जिस्म का ताप बढ़ रहा था.. जैसे बुखार हो गया हो।
फिर धीरे-धीरे मैंने उसका टॉप उतार दिया। अब सिर्फ़ वो ब्रा में थी। मैंने वो भी उतार फेंकी।
सिर्फ़ वो पैंट पहने हुए पड़ी थी.. मैंने वो भी खींच कर उतारने की कोशिश की तो उसने मुझे रोक दिया और मुझसे कपड़े उतारने को कहा।
किसी लड़की को पहली बार नंगी देखकर मेरा तो पैन्ट फटा जा रहा था। फिर मैंने देर ना करते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों सिर्फ़ अंडरवियर में थे। मैं उसे चूमे जा रहा था और वो भी मुझे चूम रही थी।
फिर मैंने उसकी अंडरवियर भी उतार दी और अपनी भी.. अपना लण्ड मैंने उसे हाथ में पकड़ाया.. तो वो घबरा गई।
बोली- इतना बड़ा.. पहली बार देख रही हूँ।
मैंने कहा- बड़े में ही तो मज़ा है।
फिर क्या था वो लण्ड हिलाने लगी, मैं बहुत जोश में आ गया था, मैंने उसे लिटाया और उसके ऊपर मैं लेट गया, मैं अपना लण्ड उसकी चूत में डालने लगा.. पर मैं पहली बार चुदाई कर रहा था.. तो मुझे पता ही नहीं था कि कहाँ डालते हैं।
मैंने उससे कहा- कहाँ डालूँ?
तो कहने लगी- पहले तेल लगा ले..
मैंने झट से अपने लण्ड पर तेल लगाया और फिर डालने की कोशिश करने लगा.. फिर भी नहीं गया.. तो उसने हाथ में लौड़ा पकड़ कर छेद पर लगाया और बोली- अब ज़ोर लगा।
मैंने वही किया और एक जोर का धक्का मारा.. मेरा आधे से ज़्यादा लण्ड उसकी चूत में जा चुका था। वो दर्द से बिलख रही थी।
मैंने थोड़ा रुकने के बाद एक ज़ोर का धक्का मारा.. अबकी बार मैंने पूरा का पूरा लण्ड उसकी बुर में ठेल दिया और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा। इसी के साथ ही मैं उसे चूमे भी जा रहा था। पहली बार होने की वजह से मैं जल्दी ही झड़ गया।
वो कपड़े उठा कर जाने को हुई.. तो मैंने उससे कहा- थोड़ी देर और रुक जाओ।
पर बोली- फिर कभी..
मैंने भी कुछ नहीं कहा.. मेरा काम तो हो चुका था। फिर उसने अपने कपड़े पहने और चली गई। उसके बाद मैंने उसके साथ कई बार चोदन किया। वो सब अगली कहानी में शेयर करूँगा।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल करें.. धन्यवाद!
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