गाँव की देसी लड़की की चूत की सील तोड़ी
(Ganv Ki Desi Ladki Ki Chut Ki Seal Todi)
दोस्तो आपने मेरी पहली कहानी
कजिन की सहेली खुद चूत चुदाने आई
पढ़ी. आपको पसंद आई. धन्यवाद.
अन्तर्वासना पर यह मेरी दूसरी सेक्स स्टोरी है।
मेरा नाम रोहित उर्फ़ पेलेखान है, मेरी हाईट 5 फीट 4 इंच है और रंग सांवला है। मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है, जो बहुत मोटा है।
उस वक्त दीवाली का माहौल था.. गाँव में चारों तरफ घरों की सफाई आदि चल रही थी। गाँव में ही मेरी एक गर्लफ्रेंड थी बबली… वो बिल्कुल देसी लड़की है जैसी भारत के गाँवों की लड़कियाँ होती हैं. उसके घर वालों ने दीवाली की खरीददारी के लिए शहर जाना था.
उनके जाने के बाद करीब 11 बजे मैं अपनी जुगाड़ बबली के घर गया.. और मैंने देखा कि वो भी घर की धुलाई सफाई कर रही थी और भीगी हुई थी।
भीगने के कारण वो एकदम हॉट लग रही थी, भीगे कपड़ों में उसकी गांड क्या मस्त लग रही थी। उसे इस हालत में देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने ठान लिया कि आज इसे ज़रूर चोदूंगा।
आपको बता दूँ कि हम दोनों में पहले से ही लफड़ा चल रहा था लेकिन मैं अब तक उसे चोद नहीं पाया था।
तभी उसने पानी लेने के लिए बाल्टी उठाई और अन्दर के नल पर चली गई। मैं भी उसके पीछे-पीछे चला गया। उसके करीब पहुँच कर मैंने उसे पीछे से कस कर पकड़ लिया और उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो बोली- यार अभी ऐसा मत करो कोई देख लेगा।
तो मैंने कहा- आज मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ.. आज तो मुझे तेरी चाहिए ही चाहिए है।
उसने कहा- ठीक है.. तुम ऊपर छत पर चलो.. मैं आती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है।
उसकी घर की छत का जीना नल के बगल से ही था तो मैं छत पर चला गया और उसका वेट करने लगा।
करीब 2 मिनट बाद वो भी छत पर आ गई।
उसके आते ही मैंने उसको पकड़ कर किस करना शुरू कर दिया और किस करते हुए मैंने उसके सारे कपड़े खोल दिए। कुछ ही देर में वो मेरे सामने पूरी नंगी ही खड़ी थी। नंगी होने पर मैंने देखा कि उसकी चुत क्या मस्त लग रही थी.. पिंक कलर की फूली हुई उसकी चुत और उस पर हल्के-हल्के बाल उगे हुए थे।
मेरा लंड तो उसको चोदने के लिए एकदम लोहे जैसा सख़्त हो गया।
वहाँ एक चटाई पड़ी थी, मैंने उसे चटाई पर बिठा दिया। वो बैठ कर मेरा पैन्ट खोलने लगी। मेरी पैन्ट खोल कर उसने जैसे ही मेरी अंडरवियर नीचे खींची, मेरा लंड तोप की तरह खड़ा हो गया।
वो मेरे लंड का साइज़ देख कर डर गई और बोलने लगी- रोहित नहीं.. मत करो, बहुत दर्द होगा।
मैंने उसे अपनी बांहों में लेते हुए समझाया कि कुछ नहीं होगा.. डरो मत।
आख़िर मेरे बहुत मनाने के बाद वो मान गई। फिर मैंने उसे वहीं पर लिटा दिया और देर ना करते हुए अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर अपने लंड के सुपारे को उसकी चुत के छेद पर टिका दिया। इसके बाद मैंने उसकी आँखों में देखा और उसके दोनों हाथों को पकड़ कर एक ज़ोर का धक्का दे मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चुत को फाड़ते हुए अन्दर घुस गया।
वो चिल्लाने लगी तो मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर उसे चुप किया। वो छूटने की कोशिश करने लगी तो मैंने उसे पकड़ कर रखा और लंड के धक्कों को थोड़ा रोक दिया।
फिर कुछ देर मैं उसे राहत हुई तो मैंने एक और ज़ोर का झटका मारा। इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चुत को फाड़ कर अन्दर घुस गया। मैंने देखा कि उसकी चुत में से खून निकल रहा था।
तो मैंने कहा- बबली, तुम्हारी सील टूट गई.. अब तुम्हारा कुंवारापन ख़त्म हो गया, अब तुम्हें चुदने में कम दर्द होगा।
इस पर वो हल्के से मुस्कुराई, और मैं अपने लंड को आगे-पीछे करने लगा। उसकी चुत से खून निकल रहा था तो मैंने अपना लंड उसकी चुत में ही रख कर उसकी ही चड्डी से खून साफ़ किया।
फिर लंड आगे-पीछे करके उसे ट्रेन के इंजन की तरह चोदने लगा। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई, उसकी चुत पानी से भर कर और भी मस्त हो गई।
मैं अभी बाक़ी था.. सो उसको धकापेल चोदने लगा। उसे चोदते वक़्त उसकी चुत से क्या मस्त रसीली ‘फॅक फॅक फॅक फॅक..’ की आवाज़ आ रही थी।
मैं उसके ऐसे ही कई मिनट तक चोदता रहा। फिर मैंने उससे पूछा- मेरा माल निकलने वाला है.. कहाँ निकालूं?
तो उसने कहा- अन्दर ही डाल दे।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो फिर से झड़ने वाली ही थी कि तभी हम दोनों साथ में झड़ गए.. मैंने अपना सारा माल उसकी चुत में ही छोड़ दिया।
मेरा और उसका सारा मिला-जुला पानी उसकी चुत में एकदम से भर कर बाहर गिरने लगा। फिर मैंने कुछ पल बाद अपना लंड उसकी चुत से निकाल लिया। उसने बड़े प्यार से मेरे लंड को अपनी चड्डी से पोंछ कर साफ़ किया और अपने मुँह में लेकर लंड चूसने लगी।
उसने मेरा लंड चूस-चूस कर फिर से खड़ा कर दिया।
मैंने कहा- अब पलट जाओ।
तो उसने बोला कि क्या करोगे?
मैंने कहा- अब तुम्हारी गांड मारूँगा।
तो वो डरते हुए पलट गई और फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रख कर धीरे-धीरे ठेलना शुरू किया। कुछ ही देर में मेरा लंड उसकी गांड में घुस गया और मैं उसे छोड़ने लगा। वो दर्द से तड़फ रही थी लेकिन मेरी ख्वाहिश पूरी करने की वजह से चुपचाप सहन किए जा रही थी।
कई मिनट देसी लड़की की गांड मारने के बाद मैं फिर से झड़ गया और मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में छोड़ दिया।
मैं अपने कपड़े पहन कर वहाँ से चला आया।
दोस्तो, देसी लड़की की चुत और गांड की चुदाई की यह मेरी अपनी सच्ची सेक्स स्टोरी है। आप मुझे मेल कर सकते हैं।
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