गंदी कहानी: रैगिंग ने रंडी बना दिया-11
(Gandi Kahani: Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 11)
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आप भी सोचते होंगे कि ये पिंकी लड़की होकर गंदी कहानी कैसे लिख लेती है. यह तो एक कला है दोस्तो…
कच्ची कली को मसलने यानि उसकी सील तोड़ने की चर्चा ही कितनी मादक होती है कि साली चुत किसी की भी खुले लेकिन आप लोगों के लंड फड़कने लगते हैं। इस स्टोरी में अब तक आपने जाना था कि संजय मोना को अपनी कमसिन भांजी की चुत की पहली रसधार निकलने के बारे में बता रहा था।
अब आगे..
संजय- ये हुई ना बात.. वैसे तू भी नहीं भी कहती तो भी मैं उसको चोद ही देता… हा हा हा हा हा..
दोनों ठहाका मार के हंसने लगे, फिर संजय ने सोचा अभी टीना को घर छोड़ आता हूँ.. कल पूजा के लिए कोई प्लान तैयार करूँगा और वो दोनों वहाँ से निकल गए।
दोस्तो, मज़ा आ रहा है ना.. आप सोच रहे होंगे कि मैं आपको संजय के घर लेकर गई और वहाँ किसी का इंट्रो नहीं दिया। अब ये टीना इतनी रात को बाहर है इसके घर वाले नहीं है क्या.. या फिर ये किसके मकान में दोनों मज़े ले रहे हैं। ऐसे बहुत से सवाल होंगे तो चलो पहले आपके सारे सवालों के जबाव दे देती हूँ।
फ्रेंड संजय के घर में उनकी मॉम हैं.. मगर उनका कहानी में कोई खास रोल नहीं है, इसी लिए इंट्रो नहीं दिया। वैसे ही और भी बहुत लोग कहानी में आएँगे मगर कुछ देर के लिए.. तो उनके लिए टाइम वेस्ट करने से कोई फायदा नहीं। आप खुद समझदार हो जब किसी की ज़्यादा जरूरत होगी, मैं बता दूँगी और रही इस मकान की बात.. तो ये कल कॉलेज में आपको पता लग जाएगी। अब हमारी टीना घर से बाहर है उसके बारे में बता देती हूँ।
टीना के पापा बहुत पहले गुजर गए थे, अब वो अपनी माँ और एक छोटे भाई के साथ रहती है, उसकी माँ बेचारी बीमार रहती है तो जल्दी सो जाती है और टीना जैसी फास्ट लड़की के लिए रात को घर से निकलना क्या मुश्किल है.. ये आप समझ ही गए होंगे।
आपको बताना चाहती हूँ कि एक और फ्रेंड का मेल आया है कि कहानी की मेन हीरोइन तो सुमन है.. वो कहाँ गायब हो गई है.. और कहानी भी अपने नाम के मुताबिक नहीं चल रही है तो दोस्तों सब्र करो.. सुमन ही मुख्य किरदार है मगर ये सब छोटी-छोटी कहानियां आपस में जुड़ती चली जाएंगी.. तब असली बात समझ आएगी।
मैंने शायद आपको ज़्यादा बोर कर दिया, चलो वापस इस सेक्स स्टोरी का मजा लेते हैं।
दोस्तो, इतनी ज़बरदस्त चुदाई के बाद मोना को बहुत अच्छी नींद आ गई.. कोई एक घंटा बाद काका जब वापस आए तो मोना करवट लिए नंगी ही सोई पड़ी थी।
काका- हाय मोना रानी कितनी प्यारी है रे.. तू सोई हुई तो और अच्छी लग रही है। अब इस लंड का क्या करूँ ये कमीना मानता ही नहीं.. चल एक बार और तेरी मस्त ठुकाई कर देता हूँ, फिर मैं भी सो जाऊंगा।
ऐसे ही बड़बड़ाते हुए काका मोना के पास गए और अपने लंड को मोना के होंठों पर फिराने लगे।
मोना नींद में थी.. मगर लंड का अहसास उसको हो रहा था, उसने हल्के से होंठ खोल दिए, जिससे काका का लंड उसके मुँह में घुस गया। अब काका धीरे-धीरे मोना के मुँह को चोदने लगे। थोड़ी देर ऐसा करने के बाद काका का लंड एकदम कड़क हो गया.. तब वो मोना के पैरों के पास आए और उसकी टांगें फैला कर एक ही झटके में पूरा लंड मोना की चुत में पेल दिया।
दर्द के मारे मोना की नींद हवा हो गई और वो सिसकते हुए बोली- ईईससस्स काका आह.. मार डाला रे आह.. कैसा तगड़ा लंड है, जब भी अन्दर जाता है आह.. मेरी तो जान ही निकाल देता है उफ़ आह..
काका- तेरी चुत भी तो ऐसी ही है, जितना भी चोदो.. ऐसा लगता है पहली बार चोद रहा हूँ। ले रानी अब संभाल उह उह..
काका पूरी ताक़त से झटके मारने लगे और मोना भी गांड उछाल-उछाल कर उनका साथ देने में लग गई।
काका ने कई मिनट तक अलग-अलग पोज़ बना कर मोना की चुदाई की। वो ना जाने कितनी बार झड़ी होगी तब कहीं जाकर काका के लंड का लावा फूटा।
उसके बाद काका ने उससे कहा- अब आराम से सोजा.. कल तेरी गांड भी मारनी है।
मोना- आह.. आ काका… सच्ची आप ना होते तो मेरी ये प्यास कभी ना बुझती! उफ़… चुत का चबूतरा बना दिया आज अपने अब आप भी सो जाओ और भगवान के लिए सो ही जाना.. वापस मत चढ़ जाना.. अब मेरी बिल्कुल भी चुदवाने की हिम्मत नहीं है।
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काका- हा हा हा हा… नहीं आऊंगा रानी तू अब आराम से सो जा!
काका के जाने के बाद मोना ने कपड़े पहने और सुकून की नींद सो गई।
सुबह सुमन के घर में वही रोज का माहौल था। सुमन ने आज रेड एंड वाइट कॉम्बिनेशन पहना था और बाल भी खुले रखे हुए थे। आज वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी।
गुलशन- अरे वाह.. क्या बात है मेरी गुड़िया तो आज बहुत प्यारी लग रही है।
सुमन- थैंक्स पापा, आप भी स्मार्ट लग रहे हो… हा हा हा हा..
गुलशन- चल हट बदमाश कहीं की, अपने बाप से शरारत करती है.. अब चल जल्दी कर तुझे कॉलेज नहीं जाना क्या?
सुमन- सॉरी पापा आपको बताना भूल गई। मेरी फ्रेंड टीना यहीं पास में रहती है.. आज मैं उसके साथ जाऊंगी, आप जाओ।
कल टीना ने जाते टाइम सुमन को बता दिया था कि वो उसके पास ही रहने आ गई है और कल से कॉलेज साथ ही जाएगी।
गुलशन- ठीक है भाई.. ये अच्छा हुआ अब सीधा अपनी दुकान पर चला जाऊंगा।
गुलशन जी के जाने के बाद सुमन भी घर से निकल गई। आज उसकी गली के लड़के उसको बहुत घूर कर ऐसे देख रहे थे जैसे भोसड़ी के दूर से ही लंड फेंक कर उसकी चुत में डाल देंगे।
उधर सुमन तो अपनी मस्ती में चली जा रही थी। एक लंबी गली पार करके बाहर मेन रोड से दायीं ओर टीना का घर था। सुमन सीधे उसके घर के पास पहुँच गई और डोरबेल बजाई तो टीना की मॉम बाहर आ गईं।
सुमन- नमस्ते आंटी जी।
गायत्री- अरे आ गई बेटी.. टीना तेरी ही बात कर रही थी अभी.. आजा अन्दर आजा..!
सुमन उनके पीछे घर में चली गई। घर में कुछ खास साजो-सामान नहीं था.. बस नॉर्मल सा घर था। गायत्री के कहने पर सुमन सामने के कमरे में चली गई।
टीना- अरे आओ मेरी प्यारी गुड़िया.. आज क्या बात है बहुत ब्यूटीफुल लग रही हो।
सुमन- थैंक्स दीदी.. आप भी बहुत सुंदर लग रही हो।
टीना- काहे की सुंदर यार.. आज तो नहाई भी नहीं हूँ.. साले ये पीरियड्स को भी अभी आना था।
सुमन- हे राम दीदी, धीरे बोलिए, आंटी सुन लेंगी।
टीना- हा हा हा हा तू भी ना एकदम आइटम है यार.. ये तो सब को आते है इसमें शर्माना कैसा? अब तू हमारे ग्रुप की हो गई है.. पता है ना संजय ने क्या कहा था.. बदल जा अब तू.. ओके!
सुमन- ओके दीदी.. जैसा आप कहो अब चलें.. देर हो रही है?
टीना- अरे रुक मेरी जान तुझे यहाँ ऐसे ही थोड़े बुलाया मैंने.. तू पहले अपना अभी का टास्क तो पूरा कर ले।
सुमन- इस टाइम कैसा टास्क..? हम लेट हो जाएंगे दीदी।
टीना- अरे तू फिर ‘ना’ बोली? चल तू जाने दे, तुझसे कुछ नहीं होगा। अब संजय को मैं साफ-साफ मना कर देती हूँ ओके।
सुमन- सॉरी दीदी.. मेरा वो मतलब नहीं था हम शाम को कर लेंगे ना!
टीना- शाम का टास्क दूसरा है.. समझी अब करना है या जाना है?
सुमन- करना है दीदी.. जल्दी कहो क्या करूँ?
टीना- ये हुई ना बात.. रुक बताती हूँ तुझे क्या करना है?
टीना ने रूम बंद किया और अपनी अलमारी से एक 7″ का डिल्डो (नकली लंड) निकाला और सुमन के सामने कर दिया।
सुमन की तो आँखें फटी की फटी रह गईं.. उसने अपने हाथ मुँह पे रख लिए।
सुमन- हे राम दीदी ये क्या है.. और आप के पास ये कहाँ से आया?
टीना- अच्छा, तुझे नहीं पता ये क्या है?
सुमन- नहीं दीदी सच में मुझे नहीं पता ये क्या है.. मगर ये तो आदमी के..
टीना- अरे चुप क्यों हो गई बोल बोल.. यही तो तेरा टास्क है.. जल्दी कर लेट अब तू कर रही है।
सुमन- दीदी मुझे शर्म आ रही है।
टीना- तुम फिर वही राग अलापने लगीं.. जल्दी बोलो.. अभी और भी काम बाकी है?
सुमन- ये वो आदमी के ल्ल..ल्लिंग जैसा लग रहा है दीदी।
टीना- गुड अच्छा वैसे तो तू बहुत भोली बनती है.. फिर तुझे इसका कैसे पता लगा?
सुमन- क्या दीदी आप भी ये तो 9वीं क्लास में ही साइन्स की किताब में था.. इसका पिक था और इसके बारे में लिखा भी था, तब से पता है।
टीना- धत तेरी की.. जानकारी भी ली तो किताबों से.. अरे पगली इसको लिंग नहीं लंड कहते हैं लंड.. समझी!
सुमन- छी दीदी, ये तो सब गाली है।
टीना- अरे सच्ची इसका यही नाम है.. अच्छा वो सब जाने दे.. इसको हाथ में लेकर देख तुझे कैसा महसूस होता है?
सुमन ने डरते-डरते नकली लंड को ऐसे पकड़ा जैसे वो कोई साँप हो।
सुमन- दीदी ये तो रबड़ का है.. कितना डरावना है ना ये!
टीना- वाह भाई वाह.. कोई तो इसको देख के कहता है.. वाउ सो बिग और तुम हो कि इसे डरावना बता रही हो।
सुमन- मुझे जैसा फील हुआ मैंने आपको बता दिया मगर एक बात समझ नहीं आई कि ये लिंग का मॉडल आपके पास कहाँ से आया.. ये तो किसी डॉक्टर के पास या लैब में होना चाहिए?
टीना- अरे मेरी भोली सुमन, कौन सी दुनिया में है तू.. ये मॉडल नहीं डिल्डो है.. इससे लड़कियां चुत की खुजली मिटाती हैं।
सुमन- दीदी आप कितने गंदे शब्दों का यूज करती हो.. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा.. आप सिंपल भाषा में समझाओ ना।
टीना- ओह गॉड.. ये लड़की भी ना.. अच्छा छोड़.. ये बता तुम फिंगरिंग करती हो या किसी से सुना होगा.. करना तो तुम्हारे बस का कहाँ है?
सुमन- नहीं दीदी वो क्या होती है.. मुझे नहीं पता!
टीना- ओ माय गॉड, तू सच में पक्की आइटम है.. चल कॉलेज चल देर हो रही है.. ये डिल्डो वाला टास्क शाम को ही करना।
सुमन बेचारी असमंजस में पड़ गई, वो कुछ बोल भी नहीं पाई और चुपचाप टीना के साथ कॉलेज चली गई।
दोस्तो, आप में से कुछ लोग जरूर कहेंगे ये बकवास है.. आज के जमाने में ऐसा नहीं हो सकता कि किसी को ये भी पता ना हो तो आपको बता दूँ आप की तरह सभी इतने फास्ट नहीं है और ना ही सब नेट पर ये सब देखते हैं। मेरी खुद की जानकारी में ऐसी कई लड़कियां हैं जिनको फिंगरिंग का पता ही नहीं है। लड़की जाने दो.. कुछ लड़के भी हैं जिन्होंने आज तक मुठ नहीं मारी। भाई ये दुनिया बहुत बड़ी है.. इसमें हर किस्म के इंसान मौजूद हैं।
अब आगे चलो यहाँ क्या ज्ञान ले रहे हो आप लोग.. हा हा हा हा हा हा..
तो साथियो, अब आगे सुमन के टास्क के बारे में और कुछ अलग मसले भी पेश करूँगी.. तब तक आप मेरी इस गंदी कहानी पर मेल कीजिएगा।
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