सौतेली मां बनी अंतरंग सखी- 4
(Forplay Sex With Boyfriend)
फोरप्ले सेक्स विद बॉयफ्रेंड का मजा मुझे तब मिला जब मेरी सहेलियों ने मेरे दोस्त को एक पार्टी में बुलाया. उसने मुझे प्रोपोज किया और तब मेरी सहेलियों के सामने हमने थोड़ा सेक्स किया.
कहानी के तीसरे भाग
जब मैंने पहली बार लंड चूसा था
में आपने पढ़ा कि कॉलेज टूर में लड़के लड़कियों के एक ग्रुप को सेक्स करते देखा. उन्होंने मुझे भी अपने खेल में शामिल कर लिया और मैंने अपने जीवन में पहली बार लंड चूसा.
उधर नेहा और रुचि भी लंड को चूस चूस कर खाली कर चुकी थी।
लड़के झड़ कर ठंडे हो गए थे इसलिए अब हमने चलने का फैसला किया।
अपने कपड़े पहनकर हम सब वापस बस में आ गए।
अब आगे फोरप्ले सेक्स विद बॉयफ्रेंड:
मुझे देख कर मेरी सहेलियों ने पूछा- क्या हुआ बहुत खुश है तू?
मैं बोली- बाद में बताऊंगी, आज तो अलग ही मजा उठा कर आई हूं मैं!
फिर धीरज सर और मोनिका मैम भी आ गए और हमारी बस वापस लौट आई।
तो चारू … यह पहली बार था जब किसी लड़के ने मुझे स्पर्श किया था।
ट्रिप के बाद मैंने अपनी सहेलियों को सब बात बताई तो उनको यकीन ही नहीं हुआ।
उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि मैं ऐसे मजे लेकर आई हूं।
उस ट्रिप के बाद मैं काफी खुल गई थी और मेरी सहेलियां भी अब सेक्स की बातें करने लगीं।
कभी कभी मजाक में हम लोग एक दूसरे के स्तन दबा देती तो कभी नितम्ब पर चमाट लगा देती।
चारू- वाउ मौसी, इसके बाद क्या हुआ? आपकी सील किसने तोड़ी थी?
मैं- बताती हूं चारू!
यह बात आज से 15 साल पहले की है।
उस वक्त मैं गर्ल्स कॉलेज जाती थी और मेरी उम्र 20 साल थी।
उन दिनों में मुझे जवानी की दहलीज पर कदम रखे ज्यादा वक्त नहीं हुआ था लेकिन मेरे उभरे हुए स्तन तब 32B आकार के हो चुके थे और मेरे गद्देदार नितंब जिनका साइज 34 था.
मेरे सतना और मेरे कूल्हे बाकी लड़कियों में मुझे अलग ही आकर्षण देते थे।
मेरे गोरे बदन को देख कर लड़के आहें भरते तो मेरे दिल में उत्तेजना की लहर उठती.
दिल करता था कि मोहल्ले के जवान लड़के मेरे आजू बाजू घूमें … लेकिन घर बार का ख्याल कर के मुझे अपनी अन्तर्वासना को काबू में रखना पड़ता।
सखी सहेलियों के साथ उत्तेजक बातें करने में मुझे बहुत मजा आता।
अपने ग्रुप में वीर्य का स्वाद चखने वाली मैं इकलौती थी इसलिए मेरी सहेलियां मुझसे खुलकर बातें करती थीं और मैं भी उन्हें खूब छेड़ती।
कभी कभी हम सहेलियां एक दूसरे के स्तन दबा कर और नितम्बों पर चपत लगा कर एक दूसरे से मस्ती करती।
तब आज की तरह होटल रूम नहीं थे और न ही हर जगह लड़का लड़की साथ पढ़ते थे.
इसलिए अभी तक मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं बना था.
लेकिन राजनगर के बहुत से लड़के मुझे चाहते थे, उन्ही में से एक लड़का था रोहित!
वह एक सीधा सादा लड़का था और उसके पापा की किताबों, अखबार, मैंगजीन की दुकान थी।
रोहित मेरी सहेली निशा का पड़ोसी था और हमें कामुक किताबें लाकर देता था।
हम सखियां तब अश्लील किताबें पढ़ कर अपनी वासना पूर्ति करती थी।
जब उन किताबों में सेक्स का वाकया आता तो हमारी योनि भीग जाती।
हम सखियां इसी बहाने एक दूसरी को उत्तेजित कर के भीगा देतीं और एक दूजी के गुप्तांग छूकर उत्तेजित करती।
जबसे रोहित मुझसे मिला था वह मुझे दिल ओ जान से चाहने लगा था।
उसने कई बार निशा से कहा कि मैं उसके प्रेम निवेदन को स्वीकार कर लूं.
लेकिन मैं उसकी बातें मजाक समझकर उड़ा देती।
एक बार निधि का जन्म दिन था और कॉलेज में हम सहेलियां एक स्टोर रूम में इकट्ठी हुई।
गर्मी के दिन थे इसलिए ज्यादातर लड़कियां पहले ही घर के लिए निकल जाती थी।
उस दिन मैं अपनी बाकी चारों सहेलियों निधि, रीना, सीमा और वीना के साथ थी।
मैंने पूछा- बर्थडे का केक कहां है?
निधी- मंगवाया है, आता ही होगा।
तभी रोहित अपने साथ केक लेकर हमारे कमरे में आया।
उसे देख कर सभी लड़कियां मुस्कुरा दी लेकिन मैंने कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दी।
केक काटा गया और सबने एक दूसरे को केक खिलाया.
तब रोहित मेरे पास केक लेकर आया और मुझे खिलाने लगा।
मैंने केक खाया।
उसके बाद रोहित ने मुझे एक लिफाफा दिया।
मैंने लेने से मना कर दिया तो सबने कहा- खोल कर तो देख ले कि इसमें क्या है।
मैंने सखियों के दबाव में वह लिफाफा ले लिया और खोला.
तो उसमें रोहित के खून से लिखा लव लेटर था।
मैं हैरान थी ये सब देख कर!
वह घुटनों पर बैठ गया और बोला- वासू, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, प्लीज मुझे अपना बना लो, तुम्हारे बिना मैं मर जाऊंगा, आई लव यू वासु!
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहूं!
लेकिन मेरी सहेलियों ने कहा कि मुझे उसे अपना लेना चाहिए, आखिर इतने प्यार से उसने खून से लेटर लिखा है।
रोहित भी एक जवान हैंडसम गोरा चिट्टा लड़का था और देखने में भी अच्छा था.
तो मैंने हां कर दी।
वह इतना खुश हो गया कि उसने झट से मुझे गले से लगा लिया।
हम दोनों गले मिले तो वासना तो उठनी ही थी।
मेरी सहेलियों ने और आग में घी डाल दिया।
वीना बोली- तुम दोनों सिर्फ गले से ही लगे रहोगे या कुछ चुम्मा चाटी भी करोगे? हम देखने के लिए बेताब हैं।
रोहित ने मेरे गाल पर किस किया तो सब हंसने लगी।
निधि- अरे मेरे भोले राजा, गाल पर नहीं होंठों पर किस करो। इस तरह शर्मा शर्मा कर चुम्मा लोगे तो आगे बच्चे कैसे होंगे? रोहित तेरी लाई सेक्सी किताबें सबसे ज्यादा वासु ही पढ़ती है।
मैं ये सुनकर शरमा गई।
रोहित मुझसे सट गया.
और फिर मैं टेबल पर बैठ गई।
अब हमारे होंठ एक दूसरे के ठीक सामने थे।
रोहित ने मेरी कमर पर हाथ रख दिया और फिर अपना चेहरा मेरे मुंह के पास लाया।
उसने अपने होंठ मेरे गालों से रगड़े और फिर मेरे रसीले होंठों पर चुम्बन लिया।
फिर मेरे ऊपर के होंठ को अपने दोनों होंठों से दबा लिया।
उसने मेरे होंठ को संतरे की फांक की तरह चूसना शुरु कर दिया।
हम दोनों अब एक दूजे में खोने लगे थे।
मैंने भी उसके निचले होंठ को चूसा तो उसने दबाव बढ़ा दिया।
हमारे होंठ एक दूसरे से खेलने लगे.
मैंने रोहित के बाल थाम लिए और उसे भरपूर तरीके से किस करने लगी।
यह मेरी पहली किस थी।
रोहित भी बखूबी मेरे होंठ चूम रहा था.
उसने इतनी तेजी से मेरे होंठ चूसे कि मेरे ऊपर के होंठ से खून निकल आया।
लेकिन प्यार में डूबे हम दोनों एक दूसरे में ऐसे खोए हुए थे कि हमें इस बात का लिहाज भी न रहा कि मेरी सखियां हम दोनों को देख रही थी।
तभी हमारी सखियों ने हमें रोका।
वीना- तुम दोनों एक दूसरे को चूमते ही रहोगे या कुछ और भी होगा? क्यूंकि कॉलेज बंद होने वाला है और हमें आगे की फिल्म भी देखनी है।
रोहित- मुझे बाकी की फिल्म दिखाने में कोई ऐतराज नहीं है, अगर वासु को कोई दिक्कत न हो तो!
मैं चुम्बन करने से ही बहुत उत्तेजित हो चुकी थी, कुछ न बोली और शर्मा कर चेहरा छुपा लिया।
अब लड़की अगर शर्मा कर चुप रह जाए तो ये उसकी हां ही होती है।
मेरी सहेलियां मेरे पास आ गई और फिर मेरा दुपट्टा हटा दिया और फिर मेरा कुर्ता उतार दिया।
अब मैं एक बैंगनी रंग की ब्रा में सबके सामने थी।
मेरी सहेलियों में मेरे स्तन सबसे ज्यादा आकर्षक थे क्योंकि अब तक मैं ब्रा पहनने लगी थी और मेरी सहेलियां अभी भी कमीज पहनती थी।
रोहित ने भी अपना शर्ट उतार दिया और फिर वह भी टॉपलेस होकर मेरे पास खड़ा हो गया।
उत्तेजनावश मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और फिर धीरे धीरे नीचे आने लगी।
मैंने रोहित के निप्पलों को भी चूमा।
मेरी सहेलियां मेरे फोरप्ले सेक्स विद बॉयफ्रेंड का बखूबी इस नजारे का मजा ले रही थी।
रोहित ने भी मेरी गर्दन को चूमा और फिर मेरे क्लीवेज से खेलने लगा।
उसने मेरे क्लीवेज पर जीभ फिराना शुरू कर दिया।
मेरी ब्रा उसकी जीभ से टकरा कर गीली होने लगी।
रोहित ने मेरे नितम्ब सहलाने शुरू किए, जिससे मेरी उत्तेजना और अधिक बढ़ गई।
तभी मेरी सहेली निशा मेरे पास आई और रोहित से बोली- इसकी ब्रा उतार के इसके संतरों का मजा लो, इसे बड़ा नाज है अपने संतरों पर!
रोहित ने यह सुना तो ब्रा के ऊपर से ही मेरे स्तनों को दबा दिया।
मेरे चेहरे पर दर्द भरी मुस्कुराहट आई.
तो उसने मेरी पीठ को टटोलना शुरू कर दिया और मेरी ब्रा के हुक खोलने लगा.
लेकिन वह असफल रहा।
तभी निधि मेरे पीछे आई और एक ही हाथ से मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया।
मेरी ब्रा ढीली हो गई तो रोहित ने अपने हाथ से मेरी ब्रा मेरे जिस्म से अलग कर दी।
मेरे हसीन संतरे सबके सामने आ गए तो मैंने अपने हाथों से उनको ढक लिया.
मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया था और मैं जमीन में गड़ी जा रही थी।
तभी वीना और सीमा ने मेरे दोनों हाथों को पकड़ लिया और मेरे बदन से अलग कर दिया।
और मेरे दोनों हाथ उन दोनों के कब्जे में थे।
मेरे रसीले स्तनों को देखकर मेरी सहेलियां भी मेरे पास आ गई और अपने हाथों से मेरे स्तनों को दबाने लगी।
वीना- इसके स्तन देख रहे हो रोहित, कितने रस भरे हैं।
यह कहकर उसने मेरे स्तन दबाए।
मेरे संतरों पर दाब पड़ते ही मेरा चेहरा दर्द से लाल हो गया तो रोहित ने कहा- इसे ऐसे मत करो वीना, अब ये अनमोल रत्न मेरी अमानत हैं।
यह कहकर उसने मेरे निप्पल पकड़ लिया और उन्हें किशमिश की तरह मसलने लगा।
अभी मेरे स्तन पूर्ण विकसित नहीं हुए थे और निप्पलों का उभार भी हल्का ही था इसलिए ऐसे स्तनों को रगड़ने में लड़कों को अलग ही मजा आता है।
रोहित ने अब मेरे स्तनों को दबाने और मसलना शुरू कर दिया।
वह एक एक्सपर्ट मर्द की तरह उन्हें निचोड़ने में लगा था।
मेरे स्तनों पर पहली बार किसी ने धावा बोला था इसलिए मुझे भी खूब मजा आ रहा था।
रोहित ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मैं उससे चिपक गई।
वह अब टेबल पर बैठ गया और मैं उसकी बांहों में थी।
रोहित ने मेरी स्कर्ट में हाथ डाल दिया और मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरे चूतड़ मसलने लगा।
मेरी सखियां मेरी इज्जत लूटने का इंतजार कर रही थी।
रोहित मेरे स्तनों को मुंह में भरकर उन्हें चूसता जा रहा था।
अब मेरी पैंटी भी धीरे धीरे गीली हो गई थी।
कुछ देर तक मेरे स्तन चूसने के बाद रोहित ने मुझे टेबल पर लिटा दिया।
रोहित ने मेरे दोनों हाथ जकड़ लिए और फिर मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंठ चूमने लगा।
रोहित अब धीरे धीरे अपनी कमर हिला कर मुझे चोदने जैसी एक्टिंग करने लगा।
हमारे होंठ एक दूसरे से उलझे ही थे कि अचानक रोहित की सांसें बहुत तेज हो गई और उसने मुझे जकड़ लिया।
फिर जोर से मुझे दबाकर छोड़ दिया।
रोहित अचानक से ढीला पड़ गया और फिर वह मेरे ऊपर से उठ गया।
मैंने देखा कि उसकी पैंट पर दाग था स्खलन का।
रोहित बहुत शर्मिंदा हो गया और फिर कपड़े पहन कर वह वहां से निकल गया।
मेरी भी अधूरी चुदाई का मजा मेरी सखियों ने खूब लिया था।
अब मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और फिर अपना हुलिया संभाला।
मेरे गोरे बदन पर जगह जगह चुम्बन के निशान पड़े थे और मुझसे ज्यादा खुश मेरी सखियां थी।
निशा- यार वासु, तू भी कम कमीनी नहीं है, बेचारे रोहित को निचोड़ कर रख दिया।
मैं- सालियो, बहुत मजा ले कर देख रही थी तुम लोग! जब वह मेरी लेने में लगा था, मुझे तो लगा कि आज ही सुहागरात हो जायेगी।
वीना- तू परेशान मत हो, पहली बार है, आगे से ऐसा नहीं होगा।
इसके बाद हम सभी घर आ गए.
लेकिन घर पर एक घटना हमारा इंतजार कर रही थी।
इसके आगे की कथा मैं आपके सामने कुछ समय बाद लाऊंगी।
आशा है कि आपको पसंद आयेगी।
तो दोस्तो, आपको फोरप्ले सेक्स विद बॉयफ्रेंड कैसा लगा?
अभी तक की कहानी पर आप आने विचार मुझे बताएं.
[email protected]
फोरप्ले सेक्स विद बॉयफ्रेंड से आगे की कहानी:
What did you think of this story??
Comments