दोस्त की हॉट गर्लफ़्रेंड की चुदाई- 1
(First Girl I Ever Touch)
फर्स्ट गर्ल की कहानी जिसमें मैंने अपनी जिन्दगी में किसी लड़की को सेक्स के इरादे से छुआ. वो मेरे दिसत की गर्लफ्रेंड थी और मेरे साथ सेक्स के लिए मेरे साथ थी.
दोस्तो, मेरा नाम चंदन है और मैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर का रहने वाला हूँ.
मैं पिछले बारह सालों से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. आप लोगों की कहानियां पढ़ कर मुझे बहुत अच्छा लगता है.
कॉलेज के दिनों में इन्हीं कहानियों को पढ़ कर मैंने बहुत बार अपना लंड हिलाया है.
अभी मेरी उम्र तीस साल है और कद 5 फुट 8 इंच है. मेरे लंड की लम्बाई क़रीब सात इंच है और मोटाई लगभग चार इंच है.
मुझे मेरी ज़िंदगी में पहली चूत चोदने के लिए मेरे दोस्त के ज़रिए मिली थी.
आज उसी सेक्स कहानी को मैं आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है तो हो सकता है कि कोई कमी रह जाए.
इसके लिए मैं आप लोगों से पहले ही माफ़ी मांग रहा हूँ.
यह फर्स्ट गर्ल की कहानी उन दिनों की है, जब मैं कॉलेज में अपने स्नातक की तीसरे साल की पढ़ाई कर रहा था.
पढ़ाई में अच्छा होने के कारण मेरे क्लास की कोई भी लड़की मुझे उस तरह भाव नहीं देती थी जिस तरह से किसी युवा लड़के को देना चाहिए था.
मैं कई बार लड़कियों से बात करने की कोशिश करता था लेकिन वो सब अपना काम करवा के निकल जाती थीं.
मुझे लगता था कि मैं कभी भी किसी लड़की से दोस्ती नहीं कर पाऊंगा.
फिर जब मेरी छुट्टियां शुरू हुईं तो काफी सारे छात्र घर चले गए थे.
मैं अपने चार दोस्तों के साथ हॉस्टल में ही रुक गया था.
उन दिनों मेरी लाइफ बहुत सही चल रही थी.
सुबह देर तक सोना और जब जिस चीज़ का मन करे, वो करना.
उन्हीं दिनों मेरा एक दोस्त मुझसे मिलने आया.
वो मेरे साथ ही रुक गया था.
रात में वो किसी से बहुत देर तक बात करता रहता था.
इधर मैं पढ़ाई कर रहा होता और उधर वो बात करते हुए अपने लंड को सहला रहा होता.
पहले तो मुझे कुछ पता नहीं चला लेकिन एक दिन हमने बीयर पीने का प्रोग्राम बनाया.
बीयर पीते पीते हम लोगों ने गर्लफ़्रेंड की बात करना शुरू कर दी.
पहले तो वो कुछ बताने को तैयार नहीं हुआ लेकिन जैसे ही हम लोगों ने एक एक बोतल बीयर खत्म की, उसने धीरे धीरे उस लड़की की बात शुरू कर दी.
उसने बताया कि उस लड़की की उम्र बाइस साल है और उसकी लम्बाई पांच फुट पांच इंच है. देखने में बहुत गोरी और सुंदर है.
लेकिन इसके बाद वो चुप हो गया.
फिर जैसे जैसे हमारा नशा बढ़ता गया, उसने उसके बारे में बहुत कुछ बताना शुरू कर दिया.
उसने नशे में बताया कि उस लड़की की गांड और चूचियां बहुत ही बड़ी हैं.
यह सुन के मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैं उससे उन दोनों के बारे में और बताने के लिए कहने लगा.
हम लोग काफ़ी रात तक उसकी गर्लफ्रेंड की बात करते रहे.
मेरे दोस्त ने बताया कि वह उसकी कई बार चुदाई कर चुका है.
ज़्यादा रात होने के कारण हम लोग सोने चले गए.
सोते समय भी वह उस लड़की से बातें कर रहा था.
मैंने थोड़ी देर तक उनकी बातों को सुनने का प्रयास किया लेकिन मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था, तो मैं सो गया.
दूसरे दिन हम लोग देर से उठे.
नाश्ता करने के बाद फिर से मैंने उस लड़की की बात छेड़ दी.
उसने बताया कि रात में दोनों का झगड़ा हो गया क्योंकि उसने रात में उस लड़की से ज़्यादा बात नहीं की.
उसने बताया कि उस लड़की को लग रहा है कि मैं उससे झूठ बोल रहा हूँ.
मैंने कहा- उसे ऐसा क्यों लग रहा है?
उसने मुझसे कहा कि तुम उस लड़की से बात करके उसे ये यक़ीन दिला दो कि मैं रात में तेरे पास रुका था और हम लोग अपनी पढ़ाई के कुछ प्रोजेक्ट आदि का काम कर रहे हैं.
मैंने उसके कहने पर उस लड़की से बात की और उसे बताया कि वो आजकल पढ़ाई में थोड़ा व्यस्त है.
मेरी बात सुनकर वो लड़की मान गयी.
उसके बाद मेरा वो दोस्त मेरे पास से चला गया और उसने दो दिन बाद मुझे फ़ोन किया कि मैं उस लड़की से फिर से बात करके उसको मनाऊं.
मैं बहुत खुश हुआ कि चलो, इस बहाने किसी मस्त लड़की से बात करने का मौक़ा मिल रहा है.
तो मैंने हां कर दी.
थोड़ी देर बाद मेरे पास एक नम्बर से फ़ोन आया.
जब मैंने फ़ोन उठाया, तो उधर से उसी लड़की की बहुत ही सेक्सी आवाज़ आयी.
उसकी आवाज़ सुन कर तो मेरी गांड में सुरसुरी होने लगी.
फ़ोन पर वो लड़की रो रही थी, किसी तरह मैंने उसे समझाया.
उस दिन उस लड़की से दस मिनट तक बात हुई.
उसने मेरे बारे में पूछा और मैंने उसके बारे में.
उसका नाम शिज़ा था.
फिर जब वो चुप हो गयी तो मैंने फ़ोन काट दिया.
दो दिन बाद उसका फ़ोन फिर से आया.
मुझे लगा कि फिर से कोई प्रॉब्लम हो गयी है.
जब मैंने उससे बात की तो उसने कहा कि मैंने तो ऐसे ही फ़ोन लगाया था.
ये सुन कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा.
काफ़ी देर तक हम लोग नार्मल बातें करते रहे.
अब उसके हर रोज़ फ़ोन आने लगे.
उससे बात करते करते लड़कियों से बात करने का मेरा डर भी कम होने लगा.
कभी कभी मैं भी उसे फ़ोन करने लगा.
ऐसे ही एक दिन फ़ोन पर बात करते हुए मैंने अपने दोस्त के बारे में पूछा तो उस लड़की ने बताया कि हम दोनों का ब्रेकअप हो गया है.
ये बात पता करने के लिए जब मैंने अपने दोस्त को फ़ोन किया तो वो बोला- हां, हमारा काफ़ी पहले ही ब्रेकअप हो चुका है और हम दोनों की अब कोई बात नहीं होती.
यह सुनकर मैं बड़ा खुश हुआ कि हो सकता है कि इसी लड़की के साथ मेरे लंड महाराज की चुत में घुसने की कामना पूरी हो जाए.
अब मैं उस लड़की से काफ़ी देर तक बात करता. धीरे धीरे हम लोग सेक्सी बातें भी करने लगे.
क़रीब बीस दिन तक बातें करने के बाद मैंने उस लड़की से मिलने के लिए पूछा तो पहले तो उसने थोड़ी ना की.
लेकिन बाद में वो एक शर्त पर मान गयी कि मुझे उसके शहर में आना पड़ेगा.
हमने दो दिन बाद मिलने का प्रोग्राम बनाया.
दो दिनों तक मैंने तीन बार अपने लंड को हिलाया और इसी आशा में लगा रहा कि हो सकता है, मुझे भी चोदने का सुख प्राप्त हो जाए.
दो दिनों के बाद मैं क़रीब बारह बजे उसके शहर पहुंचा.
जब मैं उससे मिला तो उसको देखता ही रह गया.
क्या मस्त माल थी!
मैं उसकी बड़ी बड़ी चूचियां और गांड को बस देखता ही रह गया.
एकदम तनी हुई चूचियां और उठी हुई गांड. साली पटाखा थी.
मैं उससे एक रेस्टोरेंट में मिला.
वो मुझसे ऐसे व्यवहार कर रही थी कि जैसे वो मेरी गर्लफ़्रेंड हो और मुझे ना जाने कितने दिनों से जानती हो.
यह देख कर मेरी भी थोड़ी हिम्मत बढ़ी.
वरना तो ये लग रहा था कि मैंने कुछ कहा और ये मुझे झापड़ न मार दे.
रेस्टोरेंट से बाहर आने क बाद मैंने हिम्मत करके उससे किसी एकांत जगह में चलने के लिए कहा.
उसने कहा- इस शहर में कोई ऐसी जगह नहीं है.
मैं उसकी तरफ देखने लगा.
उसने आगे कहा- मेरे पास एक आइडिया है. क्यों ना हम रिक्शे पर बैठ कर ऐसे ही घूमते रहें.
वो अगस्त का महीना था, तो हल्की हल्की बरसात हो रही थी और बहुत बादल भी छाए थे.
मुझे उसकी ये बात बहुत सही लगी.
वैसे भी उस शहर में मुझे तो कोई पहचानता नहीं था और शिज़ा ने भी दुपट्टे से अपना मुँह ढक रखा था.
हम रिक्शे पर बैठ कर एक सुनसान रास्ते पर निकल गए.
रास्ते में मैंने हिम्मत करके उसका हाथ पकड़ लिया.
उसने भी मेरा हाथ अच्छे से पकड़ कर दबा दिया.
इसके बाद मैं कुछ देर तक उसके हाथ को सहलाता रहा.
जब हमारी नज़रें मिलतीं तो वो धीरे से मुस्करा देती.
मैंने थोड़ी और हिम्मत दिखायी और उसके दुपट्टे के साइड से हाथ डाल कर उसकी चूचियों को हल्के से दबा दिया.
वो नाराज़ होने का नाटक करते हुए मुझे अपने हटाने लगी.
मैंने उससे कहा कि इतना दूर आने का इतना इनाम तो मिलना ही चाहिए.
वो हंसने लगी.
मुझे लगने लगा कि लाइन क्लीयर है.
मैंने उसकी चूचियों को कुछ और ज़ोर से दबा दिया.
उसने एक हल्की सी एक सिसकारी ली.
अब मैं धीरे धीरे से उसकी चूचियां दबाने लगा.
वो भी मज़े लेने लगी.
कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि वो भी मस्त होने लगी है तो मैंने उसके हाथ को उठा कर अपने लंड पर रख दिया और बैग से अपने पैरों को ढक लिया.
उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.
मेरे लंड को जैसे करेंट लग गया था क्योंकि पहली बार किसी लड़की ने मेरे लंड को छुआ था.
मेरी फर्स्ट गर्ल की छुअन से मैं तो सातवें आसमान में था.
मेरे लंड महाराज फूल कर एकदम कड़क हो चुके थे.
मैं उसकी चूचियों को और ज़ोर से मसलने लगा.
ये तो अच्छा था कि रिक्शा चलाने वाला आदमी एकदम बूढ़ा था, पर मुझे लग गया था कि वो भी सब समझ गया है.
वो धीरे धीरे रिक्शा चलाता रहा क्योंकि मैंने उसे अच्छे पैसे देने का वादा किया था.
थोड़ी देर बाद एक काफ़ी सुनसान जगह देखकर मैंने रिक्शे वाले से कहा कि वो रिक्शा रोक दे और यहीं इंतज़ार करे.
मैं और शिज़ा रिक्शे से उतर कर एक गली की तरफ़ गए, जहां एक आधा बना हुआ मकान था.
थोड़ा अन्दर जाने के बाद मैंने इधर-उधर देखा और शिज़ा की कमर पकड़कर अपनी ओर खींच लिया.
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए.
पहली बार मैंने किसी लड़की को इस तरह छुआ था तो मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने उसे एक दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और एक हाथ से उसकी चूची और दूसरे हाथ से उसकी बड़ी सी गांड को दबाने लगा.
उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया.
शिज़ा भी मस्ती से ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड मसलने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
क़रीब दो मिनट के बाद पीछे से किसी जानवर की सरसराहट की आवाज़ आयी, तो मैंने डर के मारे उसको छोड़ दिया.
हम दोनों काफ़ी मस्ती में आ चुके थे लेकिन वो जगह आगे और कुछ करने के लिए ठीक नहीं थी.
इसलिए शिज़ा ने अपने कपड़े ठीक किए.
मैंने भी पैंट में खड़े अपने कड़क लंड को अडजस्ट किया और वापस आकर रिक्शे पर बैठ गए.
मैंने रिक्शे वाले को पास के किसी रेस्टोरेंट में ले जाने के लिए कहा.
रास्ते भर मैं शिज़ा की चूचियां सहलाता रहा और वो मेरा लंड सहलाती रही.
रेस्टोरेंट में हमने अपने अपने मुँह हाथ धोए.
वहां बैठ कर मैंने शिज़ा से कहा कि हम किसी होटल में चल सकते हैं क्या?
लेकिन उसने मना कर दिया.
इतना होने के बाद मुझे अभी भी बहुत डर लग रहा था कि कहीं किसी को कोई शक ना हो जाए.
मेरे लिए ये सब किसी सपने से कम नहीं था.
शाम हो चुकी थी और अंधेरा बढ़ रहा था तो शिज़ा ने घर जाने को बोला.
उसके बाद वहां से वो रिक्शा पकड़ कर अपने घर चली गयी.
मैं भी अपना लंड सहलाते सहलाते बस स्टैंड की तरफ़ चल दिया और बस पकड़कर अपने हॉस्टल आ गया.
रात में मैंने शिज़ा की चूचियों और गांड के बारे में सोच कर दो बार मुठ मारी, तब जाकर मेरे लंड महराज को तसल्ली हुई.
इसके बाद कुछ दिनों तक मेरी शिज़ा से बात होती रही.
अब हम खुल कर चुदाई की बात करने लगे.
मैं रात रात भर उससे चुदाई की बात करता था और मुठ मारकर सो जाता था.
मैंने उससे फिर से मिलने के बारे में पूछा.
उसकी भी चूत लंड मांग रही थी तो उसने सहमति दे दी.
लेकिन जगह के बारे में वो चिंतित थी.
चूँकि मेरा कॉलेज शुरू हो गया था, तो हॉस्टल में लड़के आ चुके थे.
मेरे कुछ मित्र जो एक दूसरे कॉलेज में पढ़ते थे, उन्होंने एक निजी हॉस्टल में कमरा किराए पर ले रखा था.
सेमेस्टर की छुट्टियों के समय वो दोस्त अपने घर जा रहे थे तो मैंने एक दोस्त से बात करके उसके कमरे की चाभी ले ली.
उसी दिन मैंने शिज़ा को बताया कि जगह का जुगाड़ हो गया है लेकिन वह सिर्फ़ रात में ही सही है.
शिज़ा की भी चूत में आग लगी थी, तो थोड़ी प्लानिंग करने के बाद वो मेरे शहर में आने को राज़ी हो गयी.
हमने तीन दिन बाद मिलने का प्लान बनाया.
उस दिन रात में मैंने फिर से उसकी गांड दूध के बारे में सोचते हुए मुठ मारी और सो गया.
दोस्तो, शिज़ा से मिल कर उसकी भरपूर जवान चूत की चुदाई कैसे हुई, वो लिखूँगा.
आप मुझे मेल करके बताएं कि आपको मेरी फर्स्ट गर्ल की कहानी कैसी लग रही है.
[email protected]
फर्स्ट गर्ल की कहानी का अगला भाग:
What did you think of this story??
Comments