फेसबुक से पटी लौंडिया होटल में चुदी
(Facebook Sex Ka Maja)
फेसबुक सेक्स का मजा मुझे दिया एक लड़की ने जो मैंने फेसबुक से पटाई थी. दोस्ती होने के दो सप्ताह के भीतर वह होटल के कमरे में बिस्तर पर मेरे लंड के नीचे थी.
दोस्तो, मैं सूरज (बदला हुआ नाम) एक बार फिर अपनी सेक्स कहानी लेकर हाज़िर हूँ.
आप सभी ने मेरी पिछली कहानी
कुंवारी मौसी को गर्म करके चोदा
को बहुत प्यार दिया और कहानी के ज़रिए मुझे एक भाभी को चोदने का अवसर भी मिला.
वह सेक्स कहानी भी जल्दी ही पोस्ट करूँगा, पर प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए.
यह फेसबुक सेक्स की कहानी मेरी और मेरी एक फ़्रेंड शगुफ़्ता की है जो मुझे फ़ेसबुक से मिली.
कहानी शुरू करने से पहले मैं अपने बारे में आप लोगों बताना चाहूँगा.
मेरा नाम सूरज तो आपको पता ही है. हालांकि ये बदला हुआ नाम है.
मैं उत्तर प्रदेश से हूँ, पर मैं पिछले 18 सालों से दिल्ली में ही रह रहा हूँ.
दिखने में मैं सामान्य सा हूँ.
मेरी हाइट साढ़े पांच फीट की है और लंड का साइज़ 6 इंच लंबा है और यह काफी मोटा है.
मैंने बहुत सी लड़कियों को चोदा है और सभी को संतुष्ट किया है.
यह बात अभी कुछ समय पहले की ही है जब मुझे ऑफ़िस के काम से बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में जाना पड़ा.
उस दौरान मैंने फ़ेसबुक पर एक लड़की जिसका नाम शगुफ़्ता (बदला हुआ) था, को फ़्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी.
उसने स्वीकार भी कर ली.
एक-दो दिन ऑफ़िस के कार्यों में व्यस्त होने के कारण शगुफ़्ता से कुछ ख़ास बात नहीं हुई.
फिर 19-07-2022 को मुझे वहां से वापस आना था.
मैंने अपनी टिकट बुक की हुई थी.
जाने का समय हुआ तो मैं ट्रेन में बैठ गया और फ़ोन में फेसबुक को चालू कर लिया.
सामने से कुछ नोटिफिकेशन दिखे और मैंने शगुफ़्ता को मैसेज कर दिया.
कुछ देर बाद उसका रिप्लाई आया और बात धीरे धीरे आगे बढ़ी.
सही अवसर देख कर मैंने उससे उसका फ़ोन नम्बर मांग लिया.
थोड़े से नख़रे के बाद उसने मुझे नम्बर दे दिया.
अब व्हाट्सैप पर हमारी बात शुरू हो गयी.
ट्रेन में नेट्वर्क का इश्यू रहता है तो उस दिन तो ज़्यादा बात नहीं हुई.
मैं 20 जुलाई को दिल्ली पहुंचा और उससे बात शुरू हुई.
बातों बातों में मैंने उसे अपने बारे में बताया कि मैं गाने भी गा लेता हूँ और शायरी वग़ैरह भी लिखता हूँ.
उसे मेरी ये बात पसंद आयी.
मैंने उसे एक-दो गाने गा कर भी सुनाए.
इसी तरह हमारी बात रोजाना होने लगीं.
मैंने उसके लिए कुछ शायरियां भी लिखीं और उसे कॉल पर सुनाईं.
वह काफ़ी इम्प्रेस हो गयी.
इसी तरह 4-5 दिन गुजर गए.
फिर मैंने उससे मिलने के लिए पूछा तो उसने कहा- मिलेंगे, पर कुछ टाइम बाद!
मैंने उस वक्त उसको फ़ोर्स नहीं किया और सामान्य बातें करता रहा.
एक दिन मैंने फ़िल्मी स्टाइल में उसको सपने दिखाए कि अगर कोई ऐसी जगह होती, जहां सिर्फ़ हम दोनों होते और बैकग्राउंड में पियानो का रोमांटिक संगीत चल रहा हो, तो मैं सारा दिन तुम्हारा हाथ पकड़कर तुमको शायरी सुनाता रहूँ.
वह हंस दी.
फिर मैंने उससे ही पूछा- ऐसी कौन सी जगह है?
उसने खुद ही बताया- ऐसी तो सिर्फ़ एक ही जगह है … होटल!
बस मैंने मौके की नज़ाकत को समझते हुए उससे किसी होटल में आने के लिए बोला.
उस दिन वह झट से मान गयी.
शायद वह मेरे कहने का इंतजार ही कर रही थी.
फिर हम दोनों ने अपनी सुविधा के अनुसार एक दिन चुना और मिल कर फेसबुक सेक्स का मजा लेने का प्लान बनाया.
मैंने बहुत सी शायरी और कविताएं लिखीं ताकि मैं उसे सुना सकूँ.
इधर वक्त आ गया है जब मैं आप लोगों को शगुफ़्ता के बारे में कुछ बताऊं.
शगुफ़्ता की हाइट 5 फुट 4 इंच है.
रंग खुलता सा पर सांवला, आंखों पर चश्मे का पहरा रहता है.
वह दिखने में काफ़ी खूबसूरत है. उसका फ़िगर 32-30-34 का होगा.
सामने से कोई देखे तो एक बार को उसका भी मन करेगा कि उसे चोद लिया जाए.
क्योंकि जब मैंने उसे सामने से पहली बार देखा था तो मेरा भी यही हाल हुआ था.
टाइट जींस और ब्लैक टी-शर्ट पहन कर आयी थी.
सच में क्या क़यामत लग रही थी, शब्दों में तो बता ही नहीं सकता.
दिन बीते और वह दिन आया.
मैं उसे कुछ स्पेशल महसूस कराने के लिए सोचने लगा.
मैंने गुलाब के फूलों की पत्तियां ख़रीदीं ताकि बेड पर बिछाई जा सकें.
कमरे के लिए लाल रंग का जीरो वॉट का बल्ब भी लिया और साथ में दो मोमबत्तियां भी … ताकि रूम को ज़्यादा से ज़्यादा रोमांटिक बना सकूँ.
मैंने पहले ही कंडोम ख़रीद कर रख लिए थे.
निर्धारित समय और जगह पर वह आ गयी और मैं उसे लेने पहुंचा.
मैंने होटल में जाकर पहले ही पेमेंट कर दी थी … बस आईडी देना रह गया था.
उसे लेकर होटल पहुंच गया और हम दोनों ने आईडी देकर चेक इन किया.
चेक इन के बाद मैंने उसे बाथरूम में प्रतीक्षा करने को बोला और कमरे को पूरा सजा दिया, जैसा मैंने प्लान किया था.
टेबल लैम्प में से सामान्य बल्ब हटा कर अपना लाया हुआ रेड बल्ब लगा दिया.
पास रखी मेज पर मोमबत्ती जला कर रख दी और साथ में मैं अपना पोर्टेबल स्पीकर लेकर गया था तो मैंने उसमें पियानो का रोमांटिक म्यूज़िक चला दिया.
बेड पर मैंने गुलाब के फूलों के पत्ते बिछा दिए.
कमरा बहुत रोमांटिक लग रहा था.
तब मैंने उसे बाथरूम से बाहर बुलाया और वह देख कर बहुत खुश हुई.
हम दोनों गले मिले और मैंने उसके माथे पर किस कर दिया.
जैसा कि हम दोनों ने प्लान किया था, मैंने उसे अपने पास बिठाया और उसका सर अपनी गोद में रख कर उसे शायरी सुनाने लगा.
कुछ शायरी सुनाने के बाद उसकी आंखें नम हो गईं.
मैंने उसे फिर से किस किया और किस करते करते हम दोनों आगे बढ़ने लगे.
मैं उसके गले पर किस करने लगा और मेरे हाथ उसके मम्मों पर जाने लगे; मैं उन्हें दबाने लगा.
मैंने उसके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया.
उसकी भी सांसें तेज़ होने लगीं; उसकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर पड़ रही थीं जिससे मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी.
मैंने उसके मम्मों पर और ज़ोर डालना शुरू कर दिया.
उसकी आवाजें निकलने लगीं और वह आह आह करती हुई मेरे हाथों को अपने हाथों से अपने मम्मों को भिंचवाने लगी.
धीरे धीरे मैंने उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाला और उसकी कमर व पीठ पर हाथ फिराने लगा.
कुछ ही देर में मैं फिर से उसके मम्मों को दबाने लगा.
उसकी गर्म सांसें और उसकी ‘आह्ह्ह हम्म आह्ह …’ की आवाज़ें मुझे बहुत ज़्यादा उत्तेजित कर रही थीं.
मौका देख कर मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट उतार दी और साथ में उसकी ब्रा भी खोल दी.
उसके फुदकते दूध बड़े ही कामुक लग रहे थे.
मैंने झुक कर उसके एक दूध को अपने होंठों से सहला दिया.
उसने अपनी छाती उठा कर अपना दूध मेरे मुँह में दे दिया और अब वह मेरे होंठों से अपने निप्पल चुसवाने का सुख ले रही थी.
उसने सिर्फ़ जींस पहनी थी. वह केवल जींस में मुझे दूध पिलाती हुई कोई पेंटिंग सी लग रही थी.
मैंने धीरे धीरे उसके मम्मों को पूरा अन्दर भर कर चूसना और हल्के हल्के से काटना भी शुरू कर दिया जिससे उसकी हल्की और मीठी मीठी दर्द भरी आहें निकलने लगी थीं.
मैं उसकी छातियों से पेट पर सरक आया और उसकी नाभि तक किस करता हुआ चला गया.
उधर वह अपने दोनों हाथों से अपने दोनों दूध सहलाती हुई कराह रही थी और अपनी गांड उठा कर मेरे मुँह में अपनी नाभि देने का प्रयास कर रही थी.
धीरे धीरे मैं और नीचे को होता गया और उसकी जींस के बटन को खोल दिया.
जींस का बटन खुलने से उसकी जिप भी खुल सी गई थी तो मैंने हाथ से उसकी जिप को अपनी एक उंगली की मदद से नीचे को सरका दिया.
अब उसकी रेड कलर की पैंटी दिखाई देने लगी थी.
मैं किस करते हुए ही उसकी जींस को नीचे करता रहा.
जैसे जैसे उसकी जींस नीचे होती गई, मेरी किस भी नीचे होती जाती.
देखते ही देखते मैंने उसकी जींस और पैंटी दोनों को पूरी तरह से उसके जिस्म से अलग कर दिया और उसकी चूत पर अपनी जीभ रख कर उसका स्वाद चखने लगा.
इतनी मख़मली चूत, इतनी ज्यादा मुलायम कि बस उसे चूसने से ज्यादा खा जाने को दिल कर रहा था.
मैंने जीभ के साथ साथ एक उंगली भी उसकी चूत में डाली और उंगली को अन्दर बाहर करने लगा.
वह मेरे सर को अपनी चूत के ऊपर दबाए जा रही थी और मैं भी उसकी चूत का स्वाद चखने में पूरी शिद्दत से लगा था.
एक अलग ही नशा था उसकी चूत के रस में … उसकी चुदाई से ज़्यादा मुझे उसकी चूत चाटने में मजा आ रहा था.
मैं वापस उसके मुँह की ओर गया और उसके होंठों से होंठों को लगा कर किस करने लगा.
अब वह मेरे भी कपड़े उतारने लगी.
पहले उसने टी-शर्ट उतारी, फिर बाक़ी के सभी कपड़े उतार दिए.
अब हम दोनों पूर्ण रूप से नग्न और एक दूसरे में समा जाने को तैयार थे.
मैंने एक बार फिर उसकी चूत को चाटना और उसका स्वाद लेना शुरू किया.
लेकिन इस बार हम दोनों 69 की अवस्था में थे.
मेरा लंड उसके मुँह में … और उसकी चूत मेरे मुँह पर लगी थी.
हम दोनों एक दूसरे के लंड और चूत को अच्छे से चूस रहे थे.
दोस्तो, जब उसने मेरे लंड को चूसना शुरू किया तो मुझे ऐसा लगा कि मैं अभी ही निकल जाऊंगा.
मैं खुद को सातवें आसमान पर महसूस कर रहा था.
वह इतनी मादक तरीक़े से मेरे लंड को चूस रही थी, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो.
कुछ मिनट तक हम दोनों ने एक दूसरे को चूसा, फिर मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया.
मैंने कंडोम अपने लंड पर लगाया और उसकी चूत पर लौड़े को सैट कर दिया.
उसकी नजरों से नजरें मिलाते हुए मैंने एक ही बार अपने लंड को उसकी चूत में पूरा ठोक दिया.
चूंकि वह पहले भी कई बार सेक्स कर चुकी थी तो लंड को अन्दर जाने में ज़्यादा परेशानी नहीं हुई.
फिर भी उसकी चूत ज्यादा बार नहीं चुदी थी तो काफी टाइट थी.
मुझे उसको चोदने में बहुत आनन्द आ रहा था.
मेरे हर एक धक्के के साथ उसकी मादक स्वर से भरी आवाज़ निकल रही थी ‘आह्ह्ह हम्म आह्ह ईई आह्ह ऐसे ही करते रहो … और तेज ह्म्मम …’
उसकी ऐसी आवाज़ें सुन कर मुझमें और जोश भर जाता और मैं और तेज़ी से उसकी चुदाई करने लगता.
पूरे कमरे में फ़च्च फच्च और चट चट की आवाज़ें आ रही थीं.
बैकग्राउंड में बजता पियानो का म्यूज़िक कामुकता को एक अलग स्तर पर ले जा रहा था.
मैं उस फ़ीलिंग को, उस मोमेंट को लिख कर नहीं बता सकता.
जो भी था … बहुत लाजवाब था.
फिर हम दोनों ने आसन बदला और अब वह मेरे ऊपर आ गयी.
मैं उसके नीचे दबा था.
वह मेरे लौड़े पर चूत फंसा कर ऊपर नीचे हो रही थी और साथ ही उसके मम्मे भी उछल रहे थे.
मैं दोनों हाथों से उसके मम्मों को पकड़ कर दबाने लगा और नीचे से और ज़ोर से धक्के मारने लगा.
उसके उछलने की स्पीड बढ़ने लगी थी जिससे साफ़ पता चल रहा था कि वह अब स्खलित होने वाली थी.
कुछ देर और ऊपर नीचे होने के बाद वह तेज आवाज करती हुई स्खलित हो गयी और ढीली पड़ गयी.
मैंने उसे यूं ही लंड पेले हुए आसन बदला और अब उसे मिशनरी पोज में चोदने लगा.
उसकी चूत बहुत रसीली हो गई थी तो मैंने लंड निकाल लिया और उसे खींच कर बेड के किनारे पर लाकर कुतिया बना दिया.
मैं बेड के नीचे खड़ा हो गया और उसकी चूत में लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
हमारी चुदाई को लगभग 20 मिनट होने वाले थे.
अब मुझे भी ऐसा लग रहा था कि मैं किसी भी समय स्खलित हो सकता हूँ.
मैंने चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी.
अगले कुछ और देर की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
झड़ कर हम दोनों एक दूसरे की बांहों में लेट गए.
हम दोनों ने कुछ देर आराम करने के बाद लंच किया और कुछ रोमांटिक बातें की.
मूड बन गया तो फिर से एक बार चुदाई का दौर शुरू हुआ.
इस बार आधा घंटा से भी ज्यादा देर तक चुदाई का दौर चला.
उसके बाद हम दोनों ने नहा कर अपने अपने कपड़े पहने और होटल से चेक आउट कर लिया.
बाहर आकर मैंने कैब बुलाई और उसे उसके घर के पास छोड़ कर मैं अपने घर चला गया.
यह पूरी सेक्स कहानी शुरू से आख़िर तक 13 दिन की है. उन्नीस जुलाई को बात शुरू हुई थी और एक अगस्त को हम दोनों चुदाई के लिए एक होटल में गए थे.
तो दोस्तो, यह थी मेरी कहानी फ़ेसबुक सेक्स की!
आपको कैसी लगी, प्लीज कमेंट्स करें.
मेरी ईमेल आइडी है
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