एक ही चीज़ चाहिए सब लड़कों को-2
(Ek Hi Cheej Chahiye Sab Ladkon Ko- Part 2)
अब तक आपने पढ़ा..
सुमन मुझसे लगभग पट गई थी।
अब आगे..
सुमन सीढ़ियों में ऊपर चढ़ रही थी.. उसकी गांड इधर-उधर मटक रही थी।
अब हम सुमन के घर के अन्दर आकर मैंने कहा- घर तो बहुत अच्छा है आपका!
सुमन बोली- थैंक्स.. चलो अब मेरा रूम भी देख लो।
हम दोनों उसके रूम में गए.. सच में उसने अपना रूम काफी अच्छा सजा रखा था।
मैंने कहा- आज तुम बहुत ही सुदंर लग रही हो।
सुमन बोली- थैंक्स.. क्या पियोगे?
मैंने उसके मम्मे देखते हुए कहा- दूध पिला दो।
सुमन बोली- दूध.. कौन सा दूध?
मैंने उसके चूचों की तरफ इशारा किया और बोला- ये वाला।
सुमन बोली- जी सॉरी.. यहाँ से दूध नहीं निकलता।
मैंने कहा- कोई नहीं.. पर वहाँ हाथ लगा कर तो देख सकते हैं।
तो बोली- अभी नहीं जी.. और क्या पियोगे।
मैंने कहा- आपको जो पसन्द है वो पिला दो।
वो बोली- तुम यहीं बैठो मैं बना कर लाती हूँ।
मैंने कहा- यहाँ किससे बात करूँगा.. तुम्हारे साथ ही चलूँ।
तो सुमन बोली- ठीक है आओ।
अब सुमन रसोई में चाय बनाने लगी, मैंने कहा- एक बात पूछूँ?
तो सुमन बोली- हाँ पूछो..
मैंने कहा- सुमित कैसा लगता है तुमको?
सुमन बोली- अच्छा लगता है।
तो मैंने कहा- तुमने उसे अपना बॉय फ्रेंड क्यों नहीं बनाया?
सुमन बोली- ऐसे ही।
मैंने कहा- अब सच पूछ रहा हूँ तो सच ही बताओ न.. आपको कसम है आपकी मम्मी की.. सच बताओ क्या अभी तक कुछ हुआ नहीं तुम दोनों में?
अब सुमन थोड़ा चुप सी हो गई और बोली- यार आपने तो मम्मी की कसम दी है.. तो सच ये है कि सुमित और मैंने सेक्स किया है।
मैंने कहा- यार इसमें क्या बुरा है.. लाइफ तुम्हारी है कुछ भी कर सकती हो और ये ही तो टाइम और उम्र होती है मौज मस्ती की.. फिर नहीं तो शादी हो जाती है और सबका ख्याल रखते-रखते आपकी जरूरत पूरी नहीं हो पाती।
‘हम्म..’
फिर मैंने कहा- इससे पहले भी किसी और से किया है?
तो सुमन बोली- नहीं.. पर काफी लड़के पीछे हैं अभी भी!
मैंने कहा- चलो कोई नहीं.. अब हो ही इतनी खूबसूरत हो तो ऐसा होना तो लाज़मी है यार।
अब हम दोनों सुमन के रूम में आ गए और चाय पी।
मैंने कहा- अब डांस भी सिखाओ!
वो बोली- कौन सा स्टाइल सीखना है?
मैंने कहा- कपल डांस!
तो सुमन बोली- बहुत तेज हो तुम.. ठीक है।
अब सुमन ने एक सांग लगा दिया। मुझे अपने पास बुलाया और फिर मेरा एक हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर जैसे ही लगाया.. मेरा तो पूरा शरीर हिल गया.. जैसे कोई करन्ट लग गया हो।
फिर सुमन ने एक हाथ अपना मेरे कंधे पर रखा और ऐसे ही सुमन मुझे डांस सिखा रही थी। साथ ही हम दोनों एक-दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे।
कुछ ही देर ऐसे ही डांस करने पर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी कमर को दबा दिया।
सुमन बोली- यह क्या कर रहे हो, दर्द हो रहा है यार!
मैंने कहा- सॉरी!
और उसे अपने और पास खींच कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया, फिर एकदम से ही उसके कोमल और प्यारे होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और जोर-जोर से चूमने लगा।
सुमन अभी अपने आपको छुड़ाने की कोशिश कर रही थी.. पर नहीं छूट पाई। अब मैं उसके जिस्म पर हाथ फेर रहा था। साथ ही मैं उसकी गर्दन पर भी जोर-जोर से चूमने लगा और एक हाथ से उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा।
अब सुमन सिसकारियाँ लेने लगी.. वो सुमन मेरे काबू में आ रही थी, मैं लगातार उसके कान और गर्दन पर चूमे जा रहा था।
कुछ ही पलों में सुमन पूरी तरह से मेरे काबू में आ गई थी, वो भी मुझे चूमने लगी थी.. लेकिन मैंने अब उसे अलग कर दिया और सुमन को ‘सॉरी’ बोला।
लेकिन सुमन का शायद ये अच्छा नहीं लगा और अब टाइम भी हो चला था.. तो मैंने सुमन से फिर से ‘सॉरी’ बोला और घर आ गया।
मैंने सोचा कि यार कुछ जल्दी कर दी.. शायद अब कुछ नहीं मिलेगा।
दोस्तो, आपको बता दूँ कि जब तक लड़की अपने मन से सेक्स के लिए राज़ी ना हो.. तब तक सेक्स करने का मजा ही नहीं आता।
घर वापस आते ही दिमाग में चल रहा था कि यार इतना अच्छा चांस मिला था और वो भी चला गया।
फिर शाम को सुमित की कॉल आई तो मैंने उसे सब बता दिया।
तो सुमित बोला- टेंशन मत ले, कुछ नहीं होगा।
फिर अगले दिन सुबह के 10 बजे कॉल आई मैंने मोबाइल में देखा तो सुमन की कॉल थी, मैंने कॉल उठा ली।
सुमन बोली- हैलो यश।
मैंने कहा- हाँ बोलो.. पर यार कल के लिए फिर से सॉरी..
बोली- कोई नहीं.. और आज मैं स्कूल नहीं गई हूँ और मन भी नहीं लग रहा है.. क्या तुम आ सकते हो?
मैंने कहा- ठीक है.. अभी आता हूँ।
फिर आधे घंटे में मैं सुमन के घर पहुँच गया और घंटी बजाई। कुछ ही देर में सुमन नीचे आई और दरवाजा खोला और मैं फिर से उसकी मचलती गांड को देखने लगा।
फिर जैसे ही सुमन सीधी हुई.. मैंने नजर हटा ली। उस टाइम सुमन ने जीन्स और टॉप पहना हुआ था।
आज हम दोनों नीचे वाले कमरे में ही थे, शायद आज सुमित चाभी दे कर गया होगा।
अब सुमन और मैं सोफे पर बैठे थे, सुमन बोली- मैं अभी चाय लाती हूँ।
कुछ ही देर में वो चाय बना कर लाई और बोली- यश तुम यहीं रुको.. मैं अभी आती हूँ।
फिर मैं सोचने लगा कि क्या सोच के रखा है इस लड़की ने.. और कोई लड़की होती तो बात भी नहीं करती।
मैंने चाय पी और कुछ ही देर में सुमन की आवाज आई- यश पीछे मुड़ना जरा। मैंने जैसे ही पीछे देखा मेरे तो होश ही उड़ गए।
यार वो गजब ढा रही थी.. सुमन ने शॉर्ट्स पहनी हुई थी और टॉप भी छोटा सा था। यूं समझो कि बस टॉप उसके चूचों तक ही आ रहा था। उसने गीले बालों को एक साइड में कर रखा था। मेरा तो उसको देखते ही लंड खड़ा हो गया। उसकी छोटी और गोल नाभि देख कर अब रहा नहीं जा रहा था।
मैंने कहा- बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रही हो।
‘थैंक्स..’
‘तुम कल के लिए मुझसे नाराज नहीं हो क्या?’
सुमन बोली- कोशिश तो बहुत की.. पर पता नहीं क्यों तुम पर गुस्सा ही नहीं आ रहा है।
अब सुमन खुद ही मेरे पास आ कर खड़ी हो गई और बोली- कल जो तुमने किया था.. पर पता नहीं क्यों मुझे अच्छा लगा था।
इतना ही बोलते ही वो मेरे गले से लग गई और मुझे किस करने लगी।
मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा था, पर फिर मैंने मन में कहा कि छोड़ो यार.. और जब मजे मिल रहा है.. तो मौज करो।
अब मैंने भी सुमन को जोर से अपनी बाँहों में दबा दिया और सुमन के होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने और चूमने लगा। साथ ही खड़े-खड़े ही अब मैं एक हाथ से उसकी पीठ को सहला रहा था।
अगले पल मैंने उसे दीवार से लगा दिया और अब सुमन का चेहरा मेरी तरफ था और मैं उसके कोमल और नरम पेट को सहला रहा था। सच में ऐसा लग रहा था जैसे उसमें कोई नशा है।
सुमन की कामुक आवाजें निकलने लगीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
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मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ कर अलग-अलग करके तरफ दीवार से लगा दिया और उसकी गर्दन पर जोर-जोर से चूमने लगा। कभी उसके कान.. तो कभी उसके सीने पर.. और अब सुमन की सिसकारियां थोड़ी तेज हो गई थीं।
फिर मैं सुमन के चूचों को उसके टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा।
कुछ ही पल में मैंने उसकी टॉप को उतार दिया और देखा कि सुमन ने हरे रंग की ब्रा पहनी हुई है। उसका चिकना बदन मुझे और भी पागल कर रहा था।
सुमन ने अपने हाथ से मेरी जीन्स की चैन को खोला और मेरी जींस निकाल दी। अब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को निकाला और फिर मेरे लंड को आगे-पीछे करने लगी।
मैंने भी सुमन की शॉर्ट्स निकाल दी। उसने नीचे गुलाबी रंग की पैंटी पहनी हुई थी.. अब सुमन बस ब्रा-पैंटी में थी।
अब सुमन ने मेरी शर्ट को निकाल दिया। मैं सुमन को गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया और बेड पर पीठ के बल लेटा दिया।
मैं सुमन के ऊपर पेट के बल लेट गया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को जोर-जोर से दबाने लगा, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर-जोर से चूसने लगा। सुमन मेरा पूरा साथ दे रही थी।
मैंने सुमन की ब्रा को खोल दिया और देखा कि एकदम सफ़ेद और चिकने चूचे थे। मैं देर न करते हुए उसके चूचों को जोर-जोर से चूसने लगा, सुमन मस्त होने लगी ‘अअअहह.. आअह्ह.. ऊऊह्ह्ह्ह्.. यश बेबी.. और जोर-जोर से चूसो ऊह.. बहुत अच्छा लग रहा है..’
मैं भी उसके एक चूचे को जोर-जोर से दबाए जा रहा था, सुमन अब बहुत गर्म हो गई थी.. पर मैं उसे और गर्म करना चाहता था। मैं अब सुमन की टांगों के बीच में आ गया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा।
कुछ ही देर में मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया.. और अपना अंडरवियर भी उतार दिया।
मैं उसकी टांगों को चूम रहा था, फिर मैं हल्का सा ऊपर हुआ और उसकी नाभि पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमाने लगा।
सुमन- ऊओह्हह्ह.. आह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह्ह्..और करो..
मैं लगातार उसकी पूरी बॉडी पर अपना हाथ चला रहा था। अभी इतना हुआ ही था कि सुमन बोली- यश.. प्लीज़ डाल दो ना.. अब और रहा नहीं जा रहा है।
अब मैं दुबारा उसकी टांगों के बीच आ गया और सुमन की गोरी और चिकनी जाँघों को चूमने लगा। एक हाथ से उसकी चूत को सहला भी रहा था।
कुछ ही देर में मैं सुमन की चूत के दाने को चाटने लगा और सुमन मस्ती भरी सिसकारियाँ लेने लगी ‘आअह्ह्ह.. ऊओह.. ऊओह्ह्ह.. और चाटो.. और जोर-जोर से चाटो.. आह्ह्ह्ह..’
मैं जोर-जोर से उसके चूत के दाने को चाटने लगा। अब मैंने देखा कि उसकी चूत हद से ज्यादा गीली हो गई है.. तो अब मैं उसकी चूत को और चाटने लगा। कुछ ही पलों में सुमन जोर-जोर से सांस लेते हुए झड़ गई ‘ऊऊहह.. आआहह..’
मैंने सुमन की चूत चाटना जारी रखा करीब 2 मिनट सुमन की चूत चाटने पर मैंने उसको अपने ऊपर लेटा लिया।
अब सुमन मेरे ऊपर पेट के बल लेटी हुई थी। मैंने 69 का पोज़ किया.. जिससे सुमन मेरे लंड को चूसने लगी थी और मैं सुमन की चूत को चाट-चाट कर लाल कर रहा था।
कुछ ही मिनट की चटाई ने हम दोनों ने एक-दूसरे के मुँह में पानी निकाल दिया। इसके बाद 5 मिनट तक हम दोनों ऐसे ही लेट रहे।
कुछ देर-बाद मैं उठ कर फिर से सुमन के होंठों किस करने लगा और मैंने सुमन से पूछा- कोई क्रीम मिलेगी?
तो उसने मुझे क्रीम दी.. तो मैंने सुमन को फिर से पीठ के बल लेटा दिया। मैं दो उंगलियों में क्रीम ले कर सुमन की चूत में डालने लगा।
उसकी चूत वाकयी काफी टाइट थी।
मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली.. उसकी आवाज निकल गई ‘ओओओहह.. धीरे राजा..’
मैंने उंगली को अन्दर-बाहर करना शुरू किया। जल्दी ही मैंने दो उंगलियां चूत में डाल दीं तो सुमन फिर से कामुकता से मजा लेने लगी ‘ओओओहह.. यश..’
मैं अब जोर-जोर से उसकी चूत में उंगली करने लगा। सुमन मस्ती में तेज आवाज निकालने लगी ‘ऊऊहह.. आहह.. ओह्ह्ह्हा..तुम तो मुझे पागल करके ही छोड़ोगे.. आह्ह..’
कुछ मिनट मैं ऐसे ही उंगली अन्दर-बाहर करता रहा। अब देखा कि सुमन की चूत फिर से रसीली हो गई है।
मैंने फिर से उसकी चूत में ढेर सारी क्रीम लगा दी और अपने लंड पर भी लगा ली। अब मैं अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। कुछ देर रगड़ने पर सुमन बोली- यश अब डाल भी दो.. कितना तड़पाते हो तुम..
मैंने सुमन की चूत पर अपना लंड रखा और हल्का सा धक्का मारा.. तो सुमन ‘ओओहह.. आह..’ की आवाज में छटपटाने लगी।
जबकि अभी मेरा आधे से कम ही लंड सुमन की चूत में गया था। अब मैंने देर ना की.. और हल्का सा लंड बाहर निकाल कर थोड़ी जोर से धक्का दे दिया।
सुमन की तेज चीख निकल गई ‘आआहह.. ऊओईईई.. मम्मी.. क्या डाला है..?’
‘लौड़ा डाला है.. बेबी..’
उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे।
मेरा आधे से ज्यादा लंड अब सुमन की चूत में था। मैं दो मिनट रुक कर ऐसे ही उसके चूचों को चूसने लगा।
कुछ ही पलों में सुमन ने भी अपनी गांड हिलाना शुरू कर दिया, मैंने भी धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए, मैं चूत में धक्के लगाने के साथ ही उसके चूचों को भी दबा रहा था।
सुमन ‘ऊओह्हह्ह.. आअह्ह्ह..’ की जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी।
कुछ देर बाद मैंने देखा कि अब सुमन ठीक हो गई है.. तो मैं और जोर-जोर से उसकी चूत को चोदने लगा और अब पूरा लंड सुमन की चूत में घुस चुका था।
सुमन के मजा लेने के साथ ही मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज कर दी और जोर-जोर से सुमन की चुदाई करने लगा.. सुमन तो बस ‘आह्ह.. ह्ह्ह.. पेल दे.. आअहह..’ की आवाजें निकाले जा रही थी। जब वो ऐसी आवाज निकालती.. तो मैं और जोर-जोर से उसकी चुदाई करने लगता।
कुछेक मिनट ऐसे ही चुदाई हुई। अब मैंने सुमन की एक टांग को ऊपर अपने कंधे पर किया और फिर से उसकी जोर से चुदाई करना शुरू कर दिया। सुमन चूत चुदाई का मजा लेते हुए मस्ती भरी आवाजों से चुदाई को रंगीन कर रही थी।
‘ऊओह्ह्ह आअह्ह्ह.. आह्हहा.. यश.. ऐसे ही और चोदो.. और जोर से ऊह्ह्ह्ह्ह्..’
मैं कुछ देर के लिए रुका और अब मैंने डॉगी स्टाइल में करके पेलना शुरू किया। मैंने सुमन को पहले उसको बेड पर ही घुटनों के बल खड़ा किया.. फिर उसको आगे को झुका दिया और सर को नीचे बेड पर रखने को बोल दिया, इसके बाद मैं भी घुटनों के बल खड़ा हो गया।
अब मैं उसकी कमर पकड़ कर उसकी चूत को चाटने लगा, सुमन फिर से ‘आआह्हह.. आह्ह..’ करने लगी।
कुछ देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद मैंने अपना लंड सुमन की चूत से निकाल कर बाहर किया और चूत के मुहाने पर टिकाए रखा। सुमन को थोड़ी राहत सी मिली ही थी कि मैंने फिर से एक जोर के धक्के के साथ उसकी चूत में लंड अन्दर तक पेल दिया। उसकी चूत गीली तो थी ही.. जिससे लंड आराम से उसकी जड़ तक पहुँच कर अन्दर-बाहर हो रहा था।
उसकी एक तेज ‘आह्ह..’ भी निकल गई थी।
पीछे से उसकी कमर इतनी मस्त लग रही थी। उसकी गोरी-गोरी गांड को देख कर मुझे और भी जोश आ रहा था। अब सुमन की चूत में मैं हल्के-हल्के से लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। कुछ देर धीरे-धीरे चुदाई करने के बाद मैं उसकी चुदाई जोर-जोर से करने लगा। हम दोनों की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी।
‘ओह्ह..चोदो और जोर-जोर से.. आह्ह..’
इस पोज़ में मानो तो सुमन ने अपनी मादक सिसकारियाँ कुछ तेज ही कर दी थीं, मैं उसकी चुदाई धकापेल करता ही जा रहा था।
कुतिया के पोज में देर तक चुदाई करने के बाद मैंने अब सुमन को पेट के बल लेटा दिया, फिर उसकी चूत में लंड डाल कर फिर से उसकी चुदाई करना चालू कर दी।
सुमन और मैं दोनों ही पसीने से पूरे नहा लिए थे।
इस पोज में सुमन को चोदते हुए अभी कोई 4 से 5 मिनट हुआ होगा कि सुमन एक तेज ‘आआह्ह्ह्ह्ह्..’ करते हुए झड़ गई।
उसके झड़ने के बाद मैंने अपनी फुल स्पीड में सुमन की चुदाई करना चालू रखी।
सुमन अब और जोर-जोर से सीत्कार करने लगी। अभी 20 से 30 धक्के ही मारे होंगे कि मुझे लगा कि अब मेरा पानी भी निकलने वाला है।
मैंने कहा- कहाँ निकालूँ?
तो सुमन बोली- बाहर..
इतना बोलते ही जैसे ही मैंने सुमन की चूत से लंड बाहर निकाला.. लौड़े ने सारा पानी उसके पेट पर गिरा दिया।
कुछ पल बाद मैंने उसका पेट साफ़ किया और उसके साथ लेट गया और उसको चूमने लगा।
सुमन भी मुझसे लिपट गई और बोली- थैंक यू यश.. आज मुझे बहुत मजा आया.. तुम तो सच में बहुत मजा देते हो।
मैंने कहा- क्यों सुमित ने मजे नहीं दिए थे क्या?
सुमन बोली- नहीं यार.. तब इतना मजा नहीं आया था।
फिर मैंने कहा- कुछ खाने को है?
तो सुमन बोली- हाँ है।
सुमन कपड़े पहनने लगी तो मैंने कहा- खाने को बोला है.. कपड़े पहनने को नहीं बोला जी।
सुमन बोली- क्यों.. अभी और करना है क्या?
मैंने कहा- और क्या.. एक बार से क्या होता है.. अभी तो बहुत टाइम भी है।
सुमन आँख मारते हुए बोली- ठीक है।
सुमन के साथ चुदाई की दास्तान आपको पसंद आ रही हो तो लिखना आगे की कहानी भी लिखूंगा।
भाभियां और लड़कियां जरूर बताएं कि कैसी लगी स्टोरी। सेक्सी भाभी और लड़कियों की मेल का इन्तजार रहेगा।
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