तनीशा के बाद सुनीता की चूत मारी-1
(Tanisha Ke Baad Sunita Ki Chut Mari- Part 1)
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नमस्कार दोस्तो! उम्मीद है आप सब ठीक होंगे, मैं आर्यन आपका दोस्त फिर हाजिर हूँ अपनी आगे की कहानी सुनाने!
आपने मेरी पहली कहानी पढ़ी
मेरी गर्लफ़्रेण्ड तनीशा की जोरदार चूत चुदाई
तनीशा के साथ मेरा चक्कर कई दिनों तक लगा रहा, इस दौरान मैंने उसको उसके घर पर और मेरे फ्लैट में कई बार अलग अलग आसनों में चोद कर उसकी और अपनी संतुष्टि कर ली! पर बाद में हमारा क़िसी कारण ब्रेकअप हो गया और मैं अपने सिटी में आ गया। अब ना तनीशा से बात होती ना कोई सम्पर्क!
मैं अपने कामों में व्यस्त हो गया और उसे भूल गया, पर क्या करूँ, तनीशा ने मुझ चूत का ऐसा चस्का लगाया कि पूछो मत!
तनीशा से ब्रेकअप हुए दो महीने हो चुके थे और मैं चूत के दर्शन के लिए तरस गया पर मुझ ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा, मेरे दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में मेरी मुलाकात एक बेहद सुंदर लड़की से हो गई जो उसकी क्लासमेट थी।
जान-पहचान भी हो गई, उसका नाम सुनीता था, रंग सावला, 5’3′ कद, लंबे घने कमर तक लहराते बाल, उफ़्फ़! नशीली आँखे, वो मदहोश करने वाली हंसी, हाय!!
मैं तो देखते ही दीवाना हो गया!
अपने दोस्त से उसका नंबर ले लिया पर हिम्मत नहीं हो रही थी बात आगे बढ़ाने की, दोस्त की मदद से उससे फिर मुलाकात हो गई, और सोचा चलो कोशिश करने में क्या हर्ज़ है?
‘सुनीता, मुझ तुमसे कुछ कहना है, पहले बार मैंने तुम्हें पार्टी में देखा तो ऐसा लगा कि जैसे मैं तुमसे रोज़ मिलना चाहता हूँ, ऐसा लगता है कि तुम्हें देखता रहूँ, लगता है तुम्हें अपनी आँखों से कभी दूर ना होने दूँ!’
‘अच्छा! एक ही मुलाकात में यह हाल है? तो और मुलाकातें हो गई तो इससे भी बुरा हाल होगा जनाब आपका?’ और सुनीता हंसने लगी।
हम कहाँ कम थे! मैंने भी उससे कुछ प्यार भरे अंदाज़ में कहा- क्या करें! अब आप हो ही इतनी खूबसूरत कि कोई खुद को रोके भी तो कैसे? या तो आप घर से निकलना बंद करो, या फिर कोई ऐसे दवाई दो जिससे मेरा हाल बुरा ना होने पाए!
और मैंने उसको आँख मार दी!
फिर क्या था, मेरा बातों का जादू चल गया और वो शरमा कर मुस्कुरा दी, मैंने मन ही मन बोला- हंसी तो फंसी!
उसके बाद कई दिन हम यूँ ही मिलते रहे और अच्छे दोस्त बन गये, जब भी मुझ मौका मिलता मैं उसके खूबसूरती की दिल भर के तारीफ कर देता और वो खुश हो जाती!
एक दिन की बात है, मैं उससे लवर पॉइंट पर ले गया और अपने दिल की बात बता दी- सुनीता, ऐसा लगता है कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ और तुम्हारे साथ हर पल रहना चाहता हूँ! आइ लव यू!
और उसका हाथ पकड़ कर चूम लिया!
‘मैं भी तुम्हे पसंद करने लगी हूँ आर्यन!’ और वो शरमा गई।
मुझे सिग्नल मिल गया, मैंने आव देखा ना ताव, और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी। कुछ देर चुम्बन करने के बाद, हम अलग हुए और अपने घर के लिए निकल पड़े!
कई दिन फ़ोन पर सेक्स की बातें करके मैं उसको गर्म करता रहा और मूठ मार कर सो जाता। कई दिन ऐसे ही निकले!
एक दिन मौका मिल गया, सेक्स चैट में मैंने उसको बोला- काश तुम अभी मेरे पास होती तो मैं इतना प्यार करता कि तुम हमेशा के लिए मेरी हो जाती!
‘अच्छा! अभी क्या किसी और की हूँ क्या? तुम्हारी ही हूँ! जो चाहे वो कर लो! मैं मना करने वाली हूँ क्या?’
मुझ मेरा सिग्नल और ग्रीन होता दिखाई दिया, और अगले दिन मैंने अपने दोस्त के फ़्लैट पर सुनीता को बुला लिया। दोस्त का फ़्लैट अच्छा था, बेड और टीवी था, उसने गर्लफ्रेंड्स को चोदने के लिए ही ले रखा था।
दोपहर को करीब 2:30 बजे सुनीता आई, उसने टाइट जीन्स और स्लीव लेस टाइट टॉप पहना हुआ था!
उफ़!! क्या कयामत लग रही थी यारों! वो इतनी सुंदर दिख रही थी कि मन कर रहा था अभी शादी कर लूँ और हर रोज़ हमीमून मनाऊँ!! क्या फिगर थी उसकी, 36 28 34, हाय! मैं तो देख कर पागल सा हो गया।
‘आज क्या पूरी तैयारी में आई हो, मुझे पागल बना कर छोड़ोगी? ऐसी बम्ब चीज तो मैंने कभी नहीं देखी!’ और मैंने उसको गले लगा लिया और उसकी गर्दन पर चूम लिया।
‘डोर तो बंद कर लो! कोई देख लेगा!’
मैंने दरवाजा बंद कर लिया और उसको बेडरूम में ले गया, थोड़ी देर बातें कर मैं उसको चूमने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी। करीब दस मिनट चूमाचाटी करने के बाद मैं उसके वक्ष पर हाथ फेरने लगा, और हल्के हल्के उसके स्तन सहलाने लगा! उसने मुझ रोका नहीं! और मैं चुम्बन करते करते, दोनों हाथों से उसके उरोज दबाता रहा!
कुछ ही देर में वो गर्म हो गई, मैंने पूछा- अच्छा लगा?
वो शरमा गई और कुछ नहीं कहा, उसने अपनी आँखें नीचे कर ली! इसका मतलब था कि वो इस खेल का मज़ा ले रही थी! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने धीरे से उसका टॉप उतार दिया और उसके बूबे आज़ाद पंछी के जैसे उछल कर बाहर आ गये! उसने भूरे काले रंग की नेट वाली ब्रा पहनी थी, मैं ब्रा के ऊपर से उसके बूबे चूसने लगा और एक हाथ से उसके दूसरे उभार को दबाने लगा।
वो पूरी गर्म हो चुकी थी, धीरे से मैंने अपनी शर्ट और पैंट निकाल दी और अंडरवीयर में आ गया, जैसे ही उसने मेरे उभरे हुए लंड को देखा तो उसकी आँखें जैसे चमक गई और उसने मेरी अंडरवीयर के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी।
ना जाने कब से मैं इस मौके के तलाश में था!
हम फिर से चूमाचाटी करने लगे और मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी, हाय! एकदम गोल गोल और चिकने चिकने बूबे मेरे सामने थे, उसके बूबे पर एक तिल था जो उसकी सुंदरता और बढ़ा रहा था!
मेरे अंदर एक हैवानियत सी छा गई और मैं टूट पड़ा उसके वक्ष पर! कुत्ते की तरह मैं उसकी चूचियाँ चूसने-चाटने-निचोड़ने लगा, कस के दबाने लगा, अपने दांतों से काटने लगा था, और वो ‘आहह आहह आहह उफ़!! आउच!! धीरे धीरे प्लीज़, दर्द हो रहा है।’ कह रही थी।
पर मैं कहाँ सुन रहा था?
मैंने 15-20 मिनट में उसके बूबे चाट-काट कर लाल लाल कर दिए थे! वो मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी, मसलने लगी।
हम पूरे जोश में आ गये थे! मैंने उसकी जीन्स और भूरे काले रंग की पैंटी एक साथ निकाल फेंकी और उसको पूरी नंगी कर दिया और उसके ऊपर आकर उसको पागलों की तरह चूमने लगा गर्दन पर होंठ पर! मैंने उसके होंठ काट कर उनमें से खून निकाल दिया!
वो भी मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ाने लगी, मुझ नोचने लगी, मेरे बालों में हाथ फेरने लगी!
हम ने 69 पोज़िशन बना ली, उसकी गुलाबी चूत देख मुझ से रहा नहीं गया और मैं उसे किसी भूखे भेड़िए की तरह चाटने लगा, उसके अनार के दाने को ऊँगली में पकड़ के ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और वो मेरे लंड को गपागप चूसने लगी जैसे कोई स्त्री इमली को चूस हो!
वो मेरे लंड को मसल देती, कभी पूरा गले तक उतार लेती, कभी काट लेती। पूरे कमरे में हम लोगों की ‘आहह आहह’ की आवाज़ गूंजने लगी। 10 मिनट की इस कामक्रीड़ा में उसने एक बार पानी छोड़ दिया और मैंने भी अपना वीर्य उसके मुख में छोड़ दिया!
कहानी जारी रहेगी।
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