मुझे इससे क्या !
(Mujhe Isase Kya-1)
दोस्तो, मेरा नाम आदित्य है और मैं सूरत गुजरात से हूँ।
मैंने अन्तर्वासना की हर एक कहानी पढ़ी है जिससे मुझे भी लगा कि मुझे भी अपनी कहानी आप लोगों को बतानी चाहिए।
बात उस समय की है जब मैं बीकॉम के दूसरे साल की पढ़ाई कर रहा था। मेरी दोस्तों में रंजना भी थी जो मेरी ही क्लास में थी।
मैं आपको पहले रंजना के बारे में बता दूँ !
वह एक मस्त, गोरी और जबरदस्त लड़की थी। उसकी बदनाकृति 34-30-34 थी, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी मस्त थी रंजना।
मैं हमेशा रंजना को पटाने की सोचता था और उसके नाम की मुठ भी कभी-कभी मार लेता था।
कहते हैं ना कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं !
मुझे रंजना को पटाने का मौका भी जल्दी ही मिल गया।
बात 14 फरवरी मतलब वलेंटाइन डे की है, मैंने रंजना को प्रोपोज किया और रंजना ने हां करके मेरे दिल को हरा भरा कर दिया।
मैं बहुत खुश था उस दिन।
मैंने उस खुशी में अपने सारे दोस्तों को और रंजना को राज एम्पायर में मूवी की पार्टी दी और हम दोनों साथ में अलग सीट पर बैठे। यहाँ मैंने रंजना को खूब चूमा और उसके वक्ष पर भी खूब हाथ मारे पर हमें इतने में सकून कहाँ था !
25 फरवरी 2010 को हमने दुम्मास जो सूरत का प्रसिद्ध सी-प्लेस है वहाँ जाने की योजना बनाई और मैंने एक कमरा दो घंटे के लिए बुक करवा दिया।
कमरे में पहुँच कर हमने थोड़ी देर यहाँ वहाँ की बातें की फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटाकर जबरदस्त चूमा-चाटी चालू कर दी। दस मिनट के इस दौर के बाद रंजना और मैं दोनों ही जोश में आ गए, मेरा पप्पू (लण्ड) जींस के अंदर ही सलामी देने लगा और मैंने अपनी जींस उतार दी।
मेरा 7′ का लण्ड खुशी से फूल गया था क्योंकि उसे आज एक मस्त चूत जो मिलने वाली थी।
आपको एक बात बता दूँ कि अगर आप किसी लड़की के पीठ पर चुम्बन करो तो वो तुरंत गर्म हो जाती है और मैंने वही किया।
फिर मैंने रंजना की कुर्ती उतार दी और ब्रा का हुक भी खोल दिया और सीधे कर उसकी ब्रा से उसके चूचों को आज़ाद कर दिया।
सच दोस्तो, उसके उरोज देखकर मैं तो पागल सा ही हो गया। मैंने तुरन्त उन्हें अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा। इस पर रंजना की आँखें बंद हो गई और मैंने अपनी शर्ट भी उतार फेंकी। लण्ड अंडरवियर को फाड़ कर बाहर आने को बेताब था तो मैंने अंडरवियर भी उतार कर एक तरफ़ फेंक दिया।
मैंने अपना कड़क और खड़ा लण्ड रंजना की चूत पर कपड़ों के ऊपर से रख दिया जिससे वो और गर्म हो गई और बोली- प्लीज़ आदित्य, अब मुझसे अपने ऊपर काबू नहीं हो रहा है।
मैंने तुरंत उसकी पजामी और चड्डी उतार दी, चूत पर थोड़े बाल थे, मैंने पूछा- तो उसने बोला कि अभी 14 तारीख को ही अपनी चूत साफ़ की थी।
मैंने झट से नीचे होकर चूत पर अपना मुँह रख दिया और चाटने लगा तो रंजना सिसकारियाँ भरने लगी।
पूरे कमरे में मादक सिसकारियाँ ही गूंज रही थी- आह्ह उम्म्म्म आह्ह ओह्ह्ह्ह !
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था उसकी गुलाबी चूत चाटने में !
उसने कहा- मुझे भी कुछ दो ना प्लीज़ आदित्य?
मैं तुरंत 69 की अवस्था में आ गया और अब मेरा लण्ड रंजना के मुँह में और उसकी चूत मेरे मुँह पर थी। लगभग 5 मिनट के बाद हम अलग हुए और मैंने देर ना करते हुए अपने लण्ड पर ढेर सारा थूक लगाया और उसकी चूत फैला कर अन्दर डालने लगा।
लण्ड जैसे ही उसकी चूत में गया, वो दर्द से चिल्लाने लगी- आआअह्ह्ह ह्ह्ह !
वो लगभग चीख ही पड़ी थी।
मैंने फिर लण्ड निकाल लिया और उसकी चूत में भी थूक लगाया और फिर से डाला। इस बार लण्ड उसकी चूत में अंदर जा रहा था। मैंने एक जोरदार झटका मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में था पर उसका खून नहीं निकला।
मैं समझ गया कि यह लड़की पहले से खेली-खाई है, पर मुझे इससे क्या !
मुझे तो चूत मिल रही थी चोदने के लिए ! मुझे और क्या चाहिए था !
जैसे मेरा पूरा लण्ड उसकी गर्म चूत में गया, मैंने जबरदस्त चुदाई चालू कर दी। वो भी अपनी कमर उठाकर चुदाई में मेरा साथ देने लगी। उसकी सिसकारियाँ मेरा जोश बढ़ा रही थी। इसी तरह मैंने उसे लगभग 15 मिनट चोदा और तब तक वो एक बार बीच में झड़ गई थी पर चुदाई चालू रहने के कारण उसका पानी बाहर निकल नहीं पाया और फच्च फच्च की आवाज़ करने आने लगी रंजना की चूत से ।
मेरा भी अब आने वाला था तो मैंने भी झटके तेज कर दिए। फिर हम दोनों ने एक साथ ही अपना माल निकाल दिया।
इसके बाद 5 मिनट तक मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा कर रखा, फ़िर निकाल लिया।
फिर हमने वहीं पर और तीन बार चुदाई की।
आगे की कहानी फिर कभी…
इसमें कुछ भी बनावटी नहीं जोड़ा गया है सब हकीकत लिखी है।
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