दोस्त की प्यारी बहन की चूत चुदाई की कहानी
(Dost Ki Pyari Bahan Ki Choot Chudai Ki Kahani)
बात उस समय की है जब मैं गुरूग्राम में रहता था और जिम में फिटनेस ट्रेनिंग देता था।
मैं 22 साल का हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है और लंड की साईज 7 इंच से ज्यादा है।
आज आपको मैं मेरे दोस्त की बहन के साथ किए गये सेक्स की कहानी बता रहा हूँ।
आज से तीन महीने पहले की बात है, मैं तब अपने एक दोस्त के साथ दो रूम के फ्लैट में रहता था। उसकी एक बहन थी जिसका नाम स्याली था, वो दिखने में बिल्कुल ही हॉट लगती थी, उसकी हाईट 5 फुट 6 इंच थी, वो मेरे रूम से कुछ दूर ही एक रूम लेकर अपनी एक सहेली के साथ रहती थी।
मैं अक्सर अपने दोस्त के साथ उसके पास जाता था, वो इतनी सुंदर और गोरी थी कि मैं बता नहीं कर सकता हूँ। मेरे मन में उसके साथ सेक्स करने का कई बार आया, लेकिन मौका ही नहीं मिलता था।
एक दिन वो मौका आ ही गया, मेरा दोस्त एक दिन के लिए अपने घर चला गया और जाते समय उसने मुझसे रात को स्याली के पास जाने को कहा क्योंकि उस दिन स्याली की सहेली भी अपने एक रिश्तेदार के पास चली गई थी।
मैं रात के आठ बज़े अपने रूम से स्याली के रूम पर पहुँचा, जो बिल्डिंग के ऊपरी फ्लोर पर था। वहाँ मैंने स्याली को हाफ पैंट और टीशर्ट में बेड पर बैठा पाया। मैं उसके गोरे पैरों को देखता रहा लेकिन उसने कभी ध्यान नहीं दिया।
फिर मैं कुछ देर तक उसके साथ बात करता रहा। अब मैं सोने के लिए तैयार होने लगा। मैंने अपनी पैंट खोलकर टावल लगा लिया और बेड पर लेट गया।
स्याली भी सीधी लेट गई और रूम के दरवाजा को बंद करके लाईट बुझाकर नाईट बल्ब को जलाकर मेरे बगल में आकर लेट गई, उसने अपनी पीठ को मेरी तरफ कर रखा था, मैं कुछ देर तक सोचता रहा, फिर कुछ देर के बाद मैंने फ़ाइनली सोच लिया कि अब मुझे देर नहीं करनी चाहिए, मैंने अपनी कमर को उसकी कमर से सटा दिया उसने अपनी कमर को थोड़ा सा खींचा, फिर मैंने थोड़ी देर के बाद अपनी कमर को उसकी कमर से सटाया।
अब वो दीवार से सट चुकी थी तो मैंने अपनी कमर को उसकी कमर से सटाने के बाद जैसे ही अपने हाथ को उसकी कमर पर रखा तो उसने बोला- यह क्या कर रहे हो?
मैंने बोला- वही जो एक जवान लड़का एक सुंदर जवान और हसीन लड़की को अकेले में पा कर करता है।
वो बोली- नहीं, मैं ये नहीं करूँगी!
तो मैंने बोला- क्यों, आपका मन नहीं करता?
तो वो बोली- नहीं, यह ग़लत है।
मैंने बोला- ग़लत क्या है, यह तो बिल्कुल सत्य है।
अब मैंने यह कहते हुए उसकी पैंट के बटन को खोल दिया और उसने मेरे हाथ को पकड़कर अपनी कमर से हटा दिया।
फ़िर मैंने पीछे से उसकी पैंट को खींच दिया, वो पैंट को खींच कर वापस पहनने लगी तो मैंने उसके हाथ को हटा दिया और उससे बोला- क्यों दिखावा कर रही है? तेरा मन भी तो है!
और मैंने उसकी पैंट को दोनों हाथों से पकड़ कर खोल दिया।
अब वो कुछ नहीं बोली। मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़कर दूसरे हाथ को उसके कूल्हे पर फेरते हुए अपने लंड को उसकी तिति (चूत) के छेद के पास ले गया।
मैंने एक हाथ से उसकी तिति को फैलाते हुए अपने लंड को उसमें जाने के लिए रास्ता दिखाया। फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत के होल के दरवाजे पर रखते हुए उसकी कमर को पकड़कर अपनी कमर का ज़ोर का झटका मारा और वो ‘आआआआ वउउऊककक आअ करके सिसक उठी।
मैंने पूछा- क्या हो गया?
तो वो बोली- हाआआआ आआआ!
अब मैंने अपने हाथ से उसकी कमर को पकड़कर अपनी तरफ खींचकर अपने लंड को उसकी चूत में जल्दी से जल्दी ले जाने के लिए ज़ोर ज़ोर के झटके मारने लगा, वो मेरे हर झटके के साथ ‘आहह ओह हाआआ आआअ’ की आवाज़ निकालती थी जो मेरे जोश को और बढ़ाती थी।
मैंने अपने पूरे लंड को उसकी भोसी में घुसा दिया था और 10 मिनट तक लंड पेलने के बाद मेरा पूरा वीर्य उसकी भोसी में गिर गया। फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाल दिया और कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहने के बाद में उठकर बाथरूम में चला गया।
मैंने पेशाब करने के बाद अपने लंड को पूरी तरह से साफ किया और टावल में रूम में आया तो अन्दर रूम में आने के बाद मैंने स्याली को वैसे ही बेड पर लेटा पाया।
मैं बोला- जाओ, बाथरूम नहीं जाना?
तो वो बिना कुछ बोले बाथरूम में चली गई।
मैंने अब अगले राउंड की तैयारी करनी शुरू कर दी। मैंने अपने लंड को सहलाया, जैसे ही स्याली रूम में आई मैंने उसे पूरे कपड़े उतारने के लिय बोला।
वो बोली- अब और भी चोदोगे?
मैंने बोला- हाँ, यह तो अभी ट्रायल था, अभी तो फ़ाइनल बाकी है!
उसने अपनी टी-शर्ट और ब्रा को खोल कर बेड के पास रख दिया, फिर मैंने उसके हाथ को पकड़कर अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ाते हुए उसे मुँह में लेने के लिए बोला क्योंकि मैं अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ था।
उसने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और झुक कर मेरे लंड को अपने मुँह में लेने के बाद चूसने लगी। कुछ देर में मैं बहुत गर्म हो गया, मैंने उसे लंड छोड़कर बेड पर लेटने के लिए बोला, उसने अपने मुँह से लंड को बाहर निकाल दिया और बेड पर सीधी लेट गई। मैंने उसकी जाँघ पर बैठकर उसे चूत को फैलाने के लिए बोला।
स्याली की चूत इतनी सुंदर थी कि मैं अपने लंड को एक झटके में ही पूरा अंदर डाल देना चाहता था। फिर मैंने अपने लंड को जैसे ही उसकी चूत के ऊपर रखा तो उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैला दिया।
मैंने अपने लंड के आगे के भाग को एक हल्के से झटके के साथ जैसे ही चूत के अंदर किया तो वो, आआआआहह की आवाज़ के साथ पूरी तरह से सिहर उठी, उसने अपने दोनों पैरों को पूरी तरह से टाईट कर दिया। मैंने उसकी दोनों तनी हुई चूचियों को अपनी दोनों हथेलियों में लेते हुए हल्का हल्का दबाना शुरू किया।
मैंने देखा कि उसने अपनी कमर को फिर से हिलाना शुरू कर दिया। अब उसके मुँह से फिर से ‘आआहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्स्स आअ’ की आवाज़ निकलने लगी।
फिर मैंने उसकी चूचियों को ज़ोर ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया, कुछ देर के बाद मैंने पूछा- मजा आ रहा है क्या मेरी जान?
तो वो कुछ नहीं बोली, सिर्फ़ मेरे हर झटके पर सिसकारी लेती रही।
अब मैं उसके पैरों को फैलाने के लिए उठकर बैठ गया और उसके पैरों को पकड़ कर फैला दिया, मैंने अपने पूरे लंड को उसकी चूत के अंदर ले जाने का पूरा फ़ैसला कर लिया, मैंने उसकी कमर को पकड़ कर एक ज़ोर का झटका मारा।
इस बार तो वो आाहह नहींईई आअहबब्ब्ब्बबा आआआअ मरीईईईई आआअ करके जैसे बुरी तरह से छटपटा उठी।
फिर जब मैंने उसकी चूत को देखा तो मेरा पूरा लंड उसकी गोरी चूत के अंदर जा चुका था। मैंने जब देखा कि वो ऐसे शांत नहीं होगी तो में उसके ऊपर लेट गया और उसके होठों को अपने होठों में लेकर दबा लिया और अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को मसलने लगा और मैंने ज़ोर ज़ोर से झटका लगाना भी शुरू कर दिया।
मैंने कुछ देर के बाद अपनी कमर के नीचे देखा तो पाया कि वो भी अब अपनी कमर को हिलाने लगी थी, शायद उसे भी अब मजा आ रहा था।
मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
तो उसने मुस्कुराकर हाँ में सिर को हिलाया।
कुछ देर तक इसी तरह से चुदाई करने के बाद मैंने अपने वीर्य को जैसे ही उसकी चूत में निकाला तो मैंने उसके होठों को कुछ देर अपने होठों में दबा लिया और एक तरफ उसकी दोनों चूचियों को मसलता रहा, दूसरी तरफ उसके होठों को चूसता रहा और उसने भी मेरा पूरा साथ दिया।
अब हम दोनों ही बुरी तरह से थक चुके थे। मैं कुछ देर तक उसके ऊपर लेटा रहा, फिर उठ कर अपने लंड को निकाल कर स्याली की बगल में लेट गया और कुछ देर में हम दोनों वैसे ही सो गये।
फिर सुबह जब नींद खुली तो सुबह के 8 बज़ रहे थे, मुझे अपने काम पर जाना था तो मैं उठकर तैयार हो गया और स्याली भी उठ गई थी, वो भी खुश थी।
मैंने मुस्कुराते हुए पूछा- कैसी लगी रात की घटना?
तो वो मुस्कुराते हुए बोली- बहुत अच्छा लगा।
मैंने उसके कपड़े पहनने के बाद दरवाज़ा खोला और अपने रूम के लिए निकल गया।
इसके बाद मौका लगते ही उसे 2 बार ओर चोदा, फिर मैंने वो जगह छोड़ दी और मैं अकेला पड़ गया।
आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी, अगर कोई भी कहानी पढ़ो तो जवाब ज़रूर देना कि कहानी कैसी लगी अच्छी बुरी या मध्यम?
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