दोस्त की गर्लफ़्रेण्ड की फ़ुद्दी

(Dost Ki Girlfriend Ki Fuddi)

डियर मस्ताने लंड और गीली चूत को मेरा नमस्कार, मेरा नाम विकी है और मैं मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ.. मैं अपनी पहली कहानी पेश कर रहा हूँ

यह बात उन दिनों की हैं.. जब मैं जबलपुर में रहता था। इधर मेरी पहली नौकरी लगी थी और मैं अकेला एक कमरे में किराए से रहता था। मेरी हाइट 5’11” है और मेरा लंड पूरे 9″ का है.. उसकी मोटाई भी ढाई इन्च की है।
अभी तक कुंवारा होने की वजह से मैं काफ़ी ब्लू-फिल्म देखा करता था और मेरी कोई गर्ल-फ्रेंड भी नहीं थी.. तो मैं खुद को शांत करने के लिए बहुत मुठ्ठ मारा करता था।
मैं सोचता रहता था कि मुझे भी कभी कोई लड़की मिलेगी और मैं उसको जम कर चोदूँगा.. पर मुझे कोई मौका ही नहीं मिल रहा था।

मुझे आजकल 24 घंटे केवल सेक्स ही सूझता है। मैं ऑफिस से आकर घर पर बैठा ब्लू-फिल्म देख रहा था.. साथ में बीयर और सिगरेट भी पी रहा था।

अचानक मेरे पास बबलू भैया का फोन आया कि उनका एक दोस्त.. अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड को लेकर आना चाहता है.. और वो उसे कहीं नहीं ले जा सकता है.. वो केवल एक रात के लिए तुम्हारे कमरे पर रुकेगा.. सुबह वहाँ से चला जाएगा।
मैंने भी ‘हाँ’ कर दी.. मैंने सोचा.. शायद मुझे भी कुछ मिल जाएगा.. इस आशा से मैंने ‘हाँ’ कर दी थी।

वो तीनों लोग रात को मेरे घर आ गए।
मैंने जब उस लड़की को देखा तो देखता ही रह गया.. भरा हुआ शरीर.. तने हुए मम्मे.. बाहर को निकली उसकी गाण्ड.. देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया।

साली एक बार में मुझे दीवाना कर गई.. क्या बात थी.. मस्त माल जैसी कयामत थी।

फिर हम सबने खाना खाया और मैंने जाते हुए भैया से बोला- मुझे भी इसकी चूत मारनी है।
उन्होंने कहा- कल दिन भर तेरे साथ ही रहेगी.. खूब चोदना साली को..

रात भर मुझे नींद नहीं आई और मैं दरवाज़े से ताका-झाँकी करता रहा.. मगर कुछ नहीं हुआ तो मैं भी सो गया और सुबह कब हुई पता नहीं चला।

सुबह उठते ही भैया चले गए.. पर वो यहीं थी। खास बात तो यह थी कि मुझे उसका नाम भी नहीं पता था तो मैंने पूछा- आप सुबह क्या लेती हैं.. चाय या कॉफ़ी?
तो उसने जवाब दिया- चाय..

फिर धीरे से मैंने उसका नाम पूछा तो उसने बताया- मेरा नाम विजयता है और मैं सागर की रहने वाली हूँ।
फिर वो फ्रेश होने चली गई।

मैंने चाय बनाई और उसके सामने रख दी। वो मेरे कमरे में ही बैठकर चाय बिस्कुट खा रही थी कि अचानक उसने मेरे पास पड़ी सीडी देख ली और पूछ लिया- ये सीडी कौन सी मूवी की है?

तो मैंने उसे टाल दिया.. कहा- ऐसी ही फालतू है।

पर वो नहीं मानी.. मेरे मना करने के बाद भी उसने सीडी लगा दी।

फिर क्या था.. उसने जैसे ही सीडी चालू की.. कि पहले सीन में एक आदमी का बड़ा सा लंड लड़की के मुँह में दे कर खड़ा था और लड़की लंड ज़ोर-ज़ोर चूस रही थी।

मैंने सीडी बंद करनी चाही.. तो उसने मना कर दिया और बोली- तुमने कभी लंड चुसवाया है?
तो मैंने हकलाते हुए कहा- नहीं.. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।

वो मुस्कुराने लगी… मैंने भी सोचा कि इससे बढ़िया मौका नहीं मिलेगा।
मैंने उत्तेजित होकर उसके मम्मों को पकड़ कर उसे ज़ोर से चुम्बन कर लिया।

उसके होंठों का रस चूस कर मुझे तो मज़ा ही आ गया.. पहले उसने थोड़ा ना-नुकुर किया.. फिर वो मेरा साथ देने लगी।

ऐसा लग रहा था कि वो केवल अपनी प्यास बुझाना चाहती थी।
उसने मुझसे कहा- विकी, मैं तुम्हारा लंड देखना चाहती हूँ।

फिर क्या था.. मैंने अपना लंड उसे दिखाया और वो उसे देखते ही बोली- ओह्ह.. इतना बड़ा लंड.. मैंने आज तक नहीं देखा..
वो लपक कर मेरा लंड मुँह में डाल कर चूसने लगी।
मुझे भी जन्नत का मजा आने लगा.. क्या बताऊँ.. मैं तो जैसे सच्ची में जन्नत में आ गया था।
वो मजे से लंड चूस रही थी।

मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ..
तो उसने कहा- मेरे मुँह में ही निकाल दो.. मैं इसका स्वाद चखना चाहती हूँ।
मैंने अपना माल उसके मुँह में भर दिया.. उसने चाट कर मेरा माल पी लिया।

अब वो भी गरम हो गई थी.. उसने मुझसे उसकी चूत चाटने को कहा.. तो मैं झट से शुरू हो गया।

मुझे बहुत मज़ा आया.. जैसे ही मैंने जीभ उसकी चूत में डाली.. वो गरम होने लगी और बड़बड़ाने लगी- चाट मेरी चूत मादरचोद चाट.. आज तेरा लंड खाऊँगी.. और अपनी प्यास बुझाऊँगी.. अब मत तड़पा विकी.. मेरी जान.. चोद दे मुझे.. डाल दे अपना लंड.. मेरी चूत में आह्ह..

मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रखा और धक्का मारा.. उसकी चूत इतनी गीली थी कि एक बार में ही मेरा लंड अन्दर चला गया।
वो चीख उठी और बोली- धीरे डाल बहनचोद फाड़ेगा.. मेरी चूत को.. धीरे-धीरे डाल.. मेरे राजा..

फिर धीरे-धीरे उसे भी मज़ा आने लगा और वो ‘आह.. आई.. आहह.. ईई ईईई.. फक मी जानू.. फक.. यू फक मी..’ बोलने लगी।

तो मैंने भी चिल्लाना शुरू कर दिया- ले बहन की लौड़ी.. ले मेरा लंड खा.. और ले ले भोसड़ी की.. मादरचोदी.. आज तेरी भोसड़ी को मैं फाड़ कर भोसड़ा बना दूँगा।

‘आह्ह.. बना दे साले..’

फिर मैंने कहा- कुतिया बन जा..
वो कुतिया बन गई.. मैंने पीछे से लंड डाला और बहुत जम कर चोदा..
वो दो बार झड़ गई थी और अब मैं भी झड़ने वाला था।
मैंने पूछा- माल कहाँ लेना है?
तो वो बोली- चूत में ही डाल दो..

मैं 15-20 शॉट के बाद झड़ गया.. हम दोनों लेट गए।
वो मुझसे फिर से लिपट गई और मेरे लंड से खेलने लगी।
फिर वो बोली- तुमने आज मेरी प्यास शांत कर दी..

उस दिन मैंने उसे 6 बार चोदा.. रात को वो चली गई और बहुत खुश होकर गई।
पर वो दोबारा नहीं मिली..

यह मेरी पहली कहानी है.. अपने फीडबैक ज़रूर भेजिएगा।

 

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