दूकान वाली कुंवारी लड़की के साथ ओरल सेक्स का मजा- 2
(Dick Sucking Hot Love Story)
डिक सकिंग हॉट लव स्टोरी में जवान लड़की को नंगी करने में मजा आया। उसका भरोसा जीतने के लिए मैंने उसकी चूत को जीभ से चोदकर ही इतना मजा दिया कि वो मेरी कायल हो गई!
दोस्तो, मैं हंट रकामदेव फिर हाज़िर हूँ जनरल स्टोर की लड़की की चुदाई का दूसरा भाग लेकर।
डिक सकिंग हॉट लव स्टोरी के पहले भाग
कुंवारी लड़की के साथ बाथरूम में स्नान
में आपको मैंने बताया कि रेणु और मेरे बीच हवस जाग चुकी थी।
मैंने उसने अपने घर बुला लिया, उसे नंगी करके उसके बदन को छुआ, सहलाया और फिर बाथरूम में ले गया।
वहां उसकी चूत, चूचों और गांड पर मैंने खूब साबुन रगड़ा।
उसने भी मेरे लंड को शावर जैल लगाकर खूब रगड़ा और फिर हम बाहर आ गए।
अब आगे की कहानी :
बाथरूम से बाहर आकर हमने एक दूसरे के बदन को सुखाया और फिर हम बेड पर जा पहुंचे।
उसे बिस्तर पर लेटा कर मैंने उसकी आँखों में देखा।
वह एकदम मादक हो गयी थी।
उसकी नशीली आँखें कह रही थी कि जो करना है कर सकते हो।
और फिर मैं अपने घुटनों पर उसकी टांगों के बीच आ गया। मैंने उन प्यारे स्तनों के साथ शुरुआत की और दोनों हाथों में लेकर मसलने लगा।
मैंने उसके बड़े बड़े चूचों को खूब चूसा, उसकी चूचियों के निप्पलों के घेरे को जीभ से गोल गोल चाटने लगा।
इन सब हरकतों से रेणु फिर से काफी उत्तेजित हो उठी।
वो पूरे उफान पर थी।
उसकी चूत पूरी गीली और चरम सीमा के एकदम करीब आ चुकी थी।
मैं काफी समय तक उन बड़े-बड़े मम्मों से खेलता रहा।
इसके बाद मैं धीरे-धीरे अपनी जीभ के साथ उसकी नाभि के चारों ओर घूमता रहा।
रेणु जोर-जोर से सिसकारियां भरने लगी; वह अपने कूल्हे उचकाने लगी थी।
अब मैं उसकी चूत के बालों पर चूमने लगा और अपने अंगूठे से उसकी चूत के दाने को जोर से दबाने लगा।
मैं धीरे-धीरे उसकी भीतरी जांघों पर चढ़ गया।
मैंने उसकी टांगें ऊपर कर दीं और अपनी जीभ को उसकी गुदा के चारों ओर थोड़ा सा टिका कर और ऊपर की ओर बढ़ना जारी रखा।
इतने में वह बौखला गई- आह्ह आईई … छूट जाऊंगी मैं … बह जाऊंगी … ओह्ह बहा दो मुझे!
समय की नाजुकता जान मैं थोड़ा रुक गया।
इससे रेणु अचंभित हो गयी।
उसकी चूत के अंदर का तूफ़ान बाहर आते-आते रुक गया।
मैं उसे अभी खाली करके उसके आनंद को छीनना नहीं चाहता था, उसकी चूत के प्याले को पूरी तरह छलकाना चाहता था ताकि वो खुद ही झड़-झड़कर मुझे भी अपनी बारिश में भिगो दे।
वह वास्तव में अब चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार थी।
बस उसके चूत के दाने को एक बार चूसते ही उसकी चूत के अंदर के तूफ़ान ने अपना रूप लिया और बाहर आने का रास्ता बना लिया।
मैंने उसकी कमर को जोर से पकड़ा हुआ था क्यूंकि वह बेकाबू जंगली घोड़ी की तरह उछल रही थी।
वो घड़ी आ गयी थी जिसका रेणु ने कई महीनों से और मैंने कुछ दिनों से इंतज़ार किया था।
रेणु की चूत ने अपने अंदर दबाये उस तूफ़ान को पूरी ताकत से बाहर निकाला और मेरा मुंह उसकी चूत के रस में नहाने लगा।
मैंने एक-एक बूँद को चूसा-चाटा और पूरा पी गया।
रेणु ने दोनों हाथों से चादर को अपनी मुट्ठियों में भींच लिया था।
मैंने लगभग 10 मिनट तक उसकी चूत को, उसके दाने को अपनी जीभ से चाटा और धीरे से होंठों से दबाया और अपने दांतों से काटा भी।
वह पसीने से तर हो चुकी थी और थक गयी थी।
मैं उसके बगल में जाकर लेट गया।
तुरंत ही रेणु ने मुझे अपनी बाँहों में कस लिया।
मैंने भी उसे अपनी बाँहों में कस कर भींच लिया।
मैं बोला- कमाल कर दिया तुमने, तुम्हारी चूत का पानी बहुत ही टेस्टी है और मैं बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा हूँ इसे चख कर!
थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद रेणु ने मुझ से पूछा- क्या अब मेरी बारी है?
मैंने जवाब दिया- मेरा लंड तो बेताब है … जब चाहे तब शुरू हो सकती है।
उसने पूछा- एक झपकी ले लूं क्या मैं पहले?
मैं बोला- हां जरूर!
वो मुस्कराई और हम दोनों चम्मच की स्थिति में चिपक कर सो गए।
लगभग पौने घंटे के बाद मेरी आंखें खुलीं तो रेणु मेरे से पहले से उठ चुकी थी।
मुझे बाथरूम में पानी का शोर सुनाई दिया।
मैं आंखें बंद करके लेटा रहा।
वह बाथरूम से बाहर आई और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर सहलाते हुए बोली- यह आपकी वेक-अप कॉल है!
कहकर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया।
मैंने उसे देखा।
रेणु से लंड चूसने में कुशल नहीं थी लेकिन फिर भी मुझे काफी अच्छा लग रहा था।
कुछ देर बाद भी मेरा लन्ड सख्त नहीं हुआ और उसने अपने आप को पीछे खींच लिया और पूछा- क्या मैं कुछ गलत कर रही हूँ?
मैंने उसे आश्वासन दिया- बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन मेरे जैसे अनुभवी लोगों को थोड़ा समय लगता है।
वह बोली- मैंने केवल एक ही लंड चूसा है और वह भी बस 1-2 मिनट में झड़ जाता है। असल में उसके सख़्त होने की तो आप बात ही छोड़िए।
मैं- मैंने तुमसे कहा था कि इसमें धैर्य रखना होता है।
वह उठी और अपने पर्स के पास गई। उसने एक चॉपस्टिक्स निकाली और उसे अपने होंठों पर लगा लिया।
बोली- मुझे अपनी जीभ से लंड की नब्ज लेने में मजा आता है। आपने आज अभी मेरे लिए जो किया उसके बाद मैं अबतक की सबसे अच्छी लंड चूसने वाली बनना चाहती हूँ! मुझे सिखाएं कि इसे कैसे किया जाए।
मैंने उससे कहा- यह तो वैसे काफी आसान है। जब तुम मेरे लंड को थोड़ा खड़ा कर दोगी और ज्यादा से ज्यादा जीभ का उपयोग करोगी तो चुसवाने वाले को भरपूर मजा आएगा। और सिर्फ चूसने पर इतना टाइम नहीं देना। नीचे से शुरू करो, लंड के दोनों टट्टों को चाटो और फिर अपनी जीभ को धीरे-धीरे मेरे सुपारे तक चाटते हुए जाओ जब तक कि तुम लंड के सिरे तक नहीं पहुंच जाती।
उसने ऐसा ही किया।
उसकी गर्म जीभ को मैंने महसूस किया और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
जैसे ही वो लंड के सुपाड़े पर पहुंची मैं सिहर उठा।
सिसकार कर मैंने कहा- आह्ह बेबी, अपनी जीभ को लंड के सिरे के चारों ओर घुमाओ। और टोपे के नीचे एक छोटा सा स्थान है जो सबसे संवेदनशील है।
रेणु हंसने लगी और बोली- क्या क्या बोल रहे हो आप … लेकिन मुझे अच्छा लग रहा है और मैं एक्साइटेड हो रही हूँ।
मैं- मेरी डॉल, अपनी सुन्दर आँखें खुली रखो और मुझे देखती रहो। तुम्हें मेरे रिएक्शन से पता चल जाएगा कि जब तुम्हारी गर्म जीभ उस जादुई जगह को छुएगी तो कैसे मेरे चेहरे पर आनंद तैरने लगता है।
उसने वैसा ही किया और मैजिकल स्पॉट को पा लिया, जहाँ चाटने से मैं बहुत उत्तेजित हो उठा।
मैंने उससे कहा- आह्ह बेबी … अब तो तुम मुझे जैसे पागल कर रही हो। अब ऐसे ही बार-बार करती रहो, और हर एक बार चाटने के बाद में थोड़ा धीमे चूसती रहो। बस इसे धीमा रखो।
कुछ देर रेणु के द्वारा चाटने का आनंद लेने पर मेरा लंड पागल सा हो गया और पूरी तरह से तनकर एकदम टाइट हो गया।
तब मैं समझ गया कि रेणु की मुख मैथुन की ट्रेनिंग को अगले लेवल पर ले जाने का समय हो रहा है।
मैं- अब लंड को बिना चूसे अपने मुँह में ले लो। चूसने से तुम्हारा गला कस जायेगा। जब मेरा लंड तुम्हारे गले के पिछले हिस्से को छुएगा तो तुम्हें घुटन सी महसूस होगी। सिर्फ प्रैक्टिस से ही तुम इस पर काबू पा सकती हो।
रेणु- जब मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ ऐसा करती हूँ, तो वह बस मुँह के आखिर तक ही पहुँच पाता है, घुटन जैसा कुछ महसूस ही नहीं होता, वो तो 2-3 बार में टांय-टांय फिस हो जाता है!
मैं- लेकिन जब मेरा लंड गले के पीछे हिस्से को छुएगा, तब भी करीब 2-3 इंच और अंदर जायेगा। जब लंड वहाँ हो तब तुम अपनी जीभ बाहर निकालो, उसे और खाने की कोशिश करो और अपने गले को रिलैक्स करो।
इसी वक्त तुम अपने सिर को नीचे धकेलो और पूरा निगल जाओ। अपनी आंखें खुली रखना और अपनी नाक से सांस लेना।
उसने ऐसा ही किया और लगभग पूरा लंड अंदर ले लिया।
लेकिन लेते ही उसने खांसते हुए लंड को फिर से बाहर निकाल दिया।
रेणु हांफती हुई- मैंने लगभग कर ही लिया था, है ना? मैं फिर से ट्राई करती हूँ।
उसने फिर से किया और फिर बाहर निकाला लेकिन हार नहीं मानी।
फिर पाँचवीं कोशिश में उसने मेरे लंड को पूरी तरह से अंदर निगल लिया।
मैं उसे सिखाते हुए भी इस पल को एन्जॉय कर रहा था।
बोली- अब क्या इस ट्रेनिंग के बाद मैं आपके लम्बे लंड का पुनः मज़ा ले सकती हूँ क्या? चाटना और चूसना शुरू कर सकती हूँ? मेरा गला थोड़ा दर्द कर रहा है, लेकिन अब मुझे आपका वीर्य चखने का बहुत मन कर रहा है।
मैंने हामी भर दी और कहा- जो चाहे कर लो अब तुम!
वो एक आज्ञाकारी शिष्या की तरह करती जा रही थी।
वह धीरे-धीरे इस हुनर में अब पारंगत होने की ओर बढ़ रही थी।
वो टट्टों से चाटते हुए लंड के सिरे तक जाती, सुपारे को गोल-गोल चाटती और चूसती, फिर लंड को मुँह में लेकर ऊपर से नीचे, फिर नीचे से ऊपर चूसती।
वह नाक से सांस लेते हुए जीभ बाहर निकाल कर पूरा लंड गले में निगल जाती।
ऐसा करते हुए वह मुझे अपनी मादक आँखों से देखती।
मेरा लंड और मैं दोनों पागल से हो गए थे।
मेरी साँसें तेज थीं।
हाल ऐसा था कि कभी मैं उसे रोकना चाहूँ और कभी पूरा माल उसके मुँह में गिराना चाहूँ।
मैं बस इस घड़ी को एन्जॉय कर रहा था।
करीब 5-7 मिनट वह अपना जलवा दिखाती रही और अब मैं पूरे माल की डिलीवरी उसके मुंह में करने के लिए तैयार था।
उसे बस कुछ और मिनट लगे और मैंने उसके मुँह में लंड का गरमा गर्म माल गिरा दिया।
वह थोड़ी हैरान दिखी लेकिन सब कुछ निगल गई।
डिक सकिंग हॉट लव में मुझे चरम आनंद की प्राप्ति हुई।
और हो भी क्यों न … आज एक नवकन्या को मैंने ट्रेनिंग दे कर मास्टर बना दिया था।
आज तक किसी सहभागी से इस तरह की मुख मैथुन की अनुभूति मुझे नहीं हुई।
सारा माल निगल कर वह बोली- वाह, आपके लिंग के गर्म वीर्य का स्वाद काफी अच्छा है। मेरे बॉयफ्रेंड का स्वाद बहुत खराब है, यक्क! मैं हमेशा उसे थूक देती हूँ, उसके बाद अपने दाँत ब्रश करती हूँ।
मैंने उससे कहा- कहते हैं कि हर आदमी और औरत के कामरस का स्वाद अलग होता है। शायद खानपान और एक्सेर्साइज़ की इसमें एक बड़ी भूमिका होती है। तुम भी कम नहीं। तुम्हारी चूत के पानी का स्वाद भी लाजवाब है! तुम्हारी चूत का स्वाद बहुत रसीला है, मुझे लगता है कि तुम फ्रूट्स ज्यादा खाती हो। खैर, अगर और स्वाद चखना चाहती हो तो तुम्हारे लिए कुछ बूंदें बाकी हैं।
मैंने लंड की जड़ पर सभी उंगलियों से एक साथ दबाया और ऊपर की ओर खींचकर लाने लगा।
टोपे पर कई बूंदें माल की बाहर निकल आईं।
रेणु ने मज़े से लंड को चाटा और चूस कर उसे साफ किया।
बोली- यम्मी, क्या मैं आपको किस कर सकती हूं?
मैं- हां जान … बिल्कुल!
बोली- जो मेरे मुंह में गया है उससे आपको परेशानी नहीं होगी?
मैं बोला- जान … संभोग में सब चलता है, वाइल्ड सेक्स में ऐसी चीजें बहुत की जाती हैं।
वह मेरे करीब आयी और मुझे फ्रेंच किस करने लगी और हमने गहराई से चूमा।
हमारी जीभ एक दूसरे को तलाश रही थी।
उसने मुझसे कहा कि उसका बॉयफ्रेंड ब्लोजॉब के बाद उसे किस नहीं करता।
मैं उसे कहना चाहता था पर खुद को रोका यह कहने से कि उसका बॉयफ्रेंड चूतिया है।
इतने में वो बोली- मैंने आपसे कहा था कि मैं सबसे अच्छी लंड चूसने वाली बनना चाहती हूँ। वैसे कितनी महिलाओं ने आपकी उस चीज़ को चूसा है?
मैं- मैंने गिनती नहीं की लेकिन लेकिन हर उम्र में बहुत सी लेडीज लाइफ में आयी। कहना मुश्किल है कि कौन बेस्ट थी।
उसने झटके से मेरी तरफ देखा, मुस्करायी और पूछा- तो मुझे नम्बर दो, मैं कितने तक पहुंची हूं।
मैंने कहा- तुम तो टॉप पर हो माय लिटल क्वीन!
वो हंसने लगी और मेरे लंड को सहलाते हुए बोली- मैं नंबर1 बनना चाहती हूँ।
फिर पूछने लगी- क्या आपको सच में मेरी चूत के पानी का टेस्ट अच्छा लगा?
मैंने कहा- मैं अभी भविष्य में भी उसका और अधिक स्वाद चखना पसंद करूंगा।
वो बोली- शायद हम दोनों ही!
रेणु खुश होते हुए बोली- मुझे आपका मैजिकल स्पॉट लंड पर मिल गया।
कहते हुए वह मेरे लंड को सहला रही थी।
मैंने उसे पलटते हुए घुमाया और उसकी चूत मेरे होंठों के पास आ गई।
मैंने उसकी चूत को चूमा और वह सिहर उठी।
फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर दबा दी।
यह मुश्किल था क्योंकि वह बहुत टाइट थी।
मैंने पहले जो कुछ भी किया था, वह उसके क्लिट पर बहुत अधिक केंद्रित था, उसकी गांड के उस संक्षिप्त भ्रमण को छोड़कर।
इसलिए यह पहली बार था जब मैं उसकी चूत को जीभ से चोद रहा था।
हम 69 पोजीशन में आ गए थे।
क्या नज़ारा था।
मदमस्त गांड और बंद कली सी प्यारी चूत
कोई कैसे इन्हें चोदे बिना रह सकता है।
लेकिन रेणु की भावनाओं का सम्मान करने का वादा किया था मैंने!
और वादा तो वादा होता है।
क्या पता भविष्य में मौका मिले चोदने का … मैं बस यही सोचकर रह जाता था।
खैर, मैंने अंगूठे से चूत के दाने को दबाया और जीभ से उसकी गर्म चूत को चोदने लगा।
ऐसा करना रेणु को पसंद आया और वह एन्जॉय करने लगी।
उसने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ा हुआ था।
लेकिन वह उसे चूस नहीं रही थी।
उसका पूरा ध्यान उसकी चूत पर था।
वह अपनी कमर को तेजी से हिलाने लगी।
वह धीरे-धीरे मशीन की तरह चूत को चलाने लगी और करते-करते एकाएक उसकी चूत ने एकदम से पानी छोड़ दिया।
झड़ते हुए वो मेरे लन्ड के ऊपर ही निढाल हो गयी।
उसकी गहरी और गर्म साँसें मेरे लंड से टकरा रही थीं।
इतनी देर में मेरा लंड पूर्ण आकर ले चुका था।
और उसे फिर से रेणु ने अपने होंठों पर खींच लिया।
अब वह फिर से मेरे लन्ड को एन्जॉय करने लगी और पहले की तरह खूब चूसना चाटना शुरू कर दिया।
उसे सच में मेरे ‘मैजिक स्पॉट’ मिल गए थे।
अब वह मास्टर हो चुकी थी।
अब रेणु को ‘सकिंग क्वीन’ कहना गलत न था।
उसने अपने अंगूठे को मेरे लंड की जड़ पर एक खास नस पर दबाया और अपनी जीभ से सुपारे को गोल-गोल चाटने लगी।
उसने मेरे लन्ड पर लगभग 5 मिनट तक कड़ी मेहनत की।
खून रोकने के लिए उसने अपना अंगूठा जड़ पर रखा था और 4 या 5 बार पूरे लन्ड को गले की गहराई तक निगल गई।
जैसे ही उसने ऐसा किया मैंने उसकी गुदा को चाटना शुरू कर दिया और उसे वास्तव में मजा आने लगा।
केवल 10 मिनट के भीतर मैंने पूरा लन्ड का माल उसके मुँह में उड़ेल दिया।
पूरी तरह से लन्ड को साफ़ करने के बाद उसने मुड़कर मुझे जोर से चूमा।
“तुम एक होनहार और तेज स्टूडेंट हो डॉल!” मैंने कहा।
“एक्चुअली, यू आर ए ग्रेट टीचर!” उसने जवाब दिया।
फिर पूछने लगी- और आप वहां (गुदा द्वार पर) क्या कर रहे थे, क्या वो जगह हाईजीनिक (चाटने के लिए साफ) है?
मैंने उसे बताया कि अच्छी तरह नहाने के बाद उसकी गुदा बिल्कुल उसके मुंह की तरह साफ थी।
दोस्तो, मैं यह जानता था कि उसे गांड का छेद चटवाने में बहुत मजा आया, लेकिन फिर भी मैं उससे मुंह से सुनना चाहता था।
मैंने पूछा तो वो बोली- बहुत अच्छा लगा … लेकिन यह थोड़ा सरप्राइज़ था। मुझे पता है कि आप पहली बार भी इसके करीब गए थे। लेकिन दूसरी बार में आपने छेद को चाट ही लिया। क्या मैं भी आपके वहां (गुदा के साथ) ऐसा कर सकती हूं?
दोस्तो, मेरा बहुत मन था कि रेणु को परमिशन दे दूं लेकिन मैं आने वाले टाइम के लिए भी कुछ बचाकर रखना चाहता था।
बात पलटते हुए मैंने कहा- क्यों न अगली बार जब हम मिलें तो कैसा रहेगा? अगली बार तुम मुझे एक अच्छी बैक मसाज दो और मैं पेट के बल लेटा रहूँ और उसके बाद जो कह रही हो वो करो, फिर मेरे लंड को खूब चूसो? तुम ऐसा करोगी तो यह बेस्ट चीज होगी मेरे लिए!
वो पूछने लगी- तो फिर ये ‘अगली बार’ कब आने वाला है, कल?
मैंने उससे कहा- हो सकता है … अच्छा एक बात बताओ, क्या तुम मॉर्निंग में ही स्टोर के काम के बाद आ सकती हो या शाम को ही आ पाओगी?
रेणु ने जवाब दिया- सेम टाइम सेम प्लेस!
वह मेरे करीब आकर मेरे बदन से लिपट गई।
बोली- आज के लिए धन्यवाद गुरूजी!
वह मेरी बाँहों में सो गई और मैं उसकी बाँहों में!
दोपहर के करीब 3:30 रहे होंगे जब मेरी आँख खुली।
शॉवर की आवाज़ आ रही थी।
अंदर बाथरूम में वह कुछ गुमनाम धुन गा रही थी।
मैं उसके साथ फिर से नहाने के लिए ललचा रहा था लेकिन मैं उसे घर जाने लिए देर भी नहीं करवाना चाहता था।
तो मैं लेटा रहा।
रेणु बदन पौंछते हुए बाहर आयी और अपने कपडे़ पहनने लगी।
मैं उसके खूबसूरत बदन को निहारता रहा।
वह मेरे पास आई और मेरे लंड को चूमने के लिए झुकी, किस करके बोली- गुड बाय जान … मैं तुम्हारा बाद में ख्याल रखूंगी।
फिर मेरे करीब आकर मेरे होंठों को उसने चूम लिया और बोली- वो जो छोटा लड़का (लंड) मुझे ललचा रहा है, मैं उसे अभी चूसना चाहती हूँ, लेकिन मुझे देर हो रही है। मैं क्लास का बहाना करके निकली थी। मैं आपको इसी टाइम पर मिलूंगी।
मैं- हां मुझे भरोसा है। मैंने उसके नितम्बों को थोड़ा निचोड़ते हुए जवाब दिया।
उसने फिर से मेरे लंड को चूमा और मैं वापस लेट गया।
वह चली गई।
ऐसा लगा जैसे यह सब सिर्फ एक सपना था लेकिन यह हकीकत थी।
दोस्तो, आपको जवान लड़की की चूत चूसने वाली इस कहानी में मजा आया हो तो मुझे जरूर अपनी प्रतिक्रियाएं दें।
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