अवन्तिका की बेइन्तिहा मुहब्बत-1

(Avantika Ki Beinteha Muhabbt- Part 1)

This story is part of a series:

मेरा नाम मानस है। मैं 24 साल का हूँ, रायपुर में रहता हूँ। मेरी लंबाई 5.8 फीट है.. देखने में काफ़ी मैं स्मार्ट हूँ.. ऐसा लोग कहते हैं।

मैं रायपुर की ही एक बहुराष्ट्रीय स्टील कंपनी में बतौर डिप्टी मैनेजर के पद पर जॉब करता हूँ।

आप सभी पाठकों को बता दूँ कि अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली हिन्दी सेक्स कहानी है।

मेरे पड़ोस में एक़ लड़की अवन्तिका रहती है। उसका फिगर 38-29-36 है, हाइट पाँच फीट एक इंच है.. उम्र 21 साल की है। उससे मेरा दो साल से अफेयर चल रहा है।

मेरी अवन्तिका बहुत ही प्यारी और सुलझी हुई एक देसी भारतीय लड़की जैसी है जो सिर्फ अपने ब्वॉयफ्रेंड से बेइन्तिहा प्यार करती है। ज़िंदगी के यह 2 साल कैसे निकले.. मैं आपको इस कहानी में बताने जा रहा हूँ।

बात 2011 के बारिश के सीज़न की बात है। मैं और अवन्तिका हम दोनों की बाल्कनी आमने-सामने ही है और इस वर्ष हम दोनों ही नए थे और इधर इस घर में रहने आए थे।

मेरी सुबह रोज उसी को देख कर हुआ करती थी और वो भी मुझे देख कर उतना ही खुश हुआ करती थी।

पहली मुलाकात

यह सिलसिला दो महीना चला और वो दिन आ ही गया.. जब हमारी मुलाकात हुई।

यहाँ के एक मशहूर चौराहा वीआईपी चौक पर उसकी एक्टिवा स्कूटर का पिछला टायर पंचर था.. उस वक्त बहुत पानी गिर रहा था और रात के आठ बाज रहे थे।

अवन्तिका ब्लू डेनिम जीन्स और पिंक टी-शर्ट में बारिश में भीगी हुई बला की खूबसूरत लग रही थी। मुझे उसे आज देखते ही प्यार हो गया और मैं एक अलग ही दुनिया में खो गया।

वो मेरे पास आई और उसने कहा- मानस, क्या मेरी मदद करोगे?
मैं तुरंत सपनों की दुनिया से अचानक होश में आया और तुरंत जवाब दिया- हाँ वाइ नॉट..

मैंने अपनी गाड़ी पास के ही एक पेट्रोल पंप पर रखी और उसकी गाड़ी का पंचर सुधारवाया। तभी हमने मोबाइल नंबर्स एक्सचेंज किए.. फिर हम दोनों घर आए।

उसका रात को तकरीबन 11 बजे फोन आया और उसने अगले दिन सीसीडी में कॉफ़ी पर बुलाया, उसने आने का वादा ले लिया।

मैं निर्धारित समय जो कि चार बजे था.. सीसीडी छोटापारा पहुँच गया।

जैसे ही मैं सीसीडी पहुँचा.. मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं।
वो वहाँ पर एक घुटनों से ऊपर की लाल रंग की स्कर्ट और ब्लू टी-शर्ट में मौजूद थी। मैं उसे देखे कर एक अलग ही दुनिया में खो गया।

पर उसने अचानक से मुझे हाथों पर एक च्यूंटी काटी.. मैं तुरंत होश में आया और जो शब्द मेरे मुँह से पहला निकला वो था- अवन्तिका आई लव यू..
उसने कहा- धत बदमाश…

हमने वहाँ बैठ बहुत सारी बातें की और उस दिन हमने चार कॉफ़ी खत्म कीं।
हम दोनों नौ बजे घर लौटे।

मैं बहुत खुश था..
उसने उस दिन बाल्कनी से पहली बार मुझे फ्लाइयिंग किस दी।

ये बातों और मुलाक़ातों का दौर दो महीने तक चलता रहा। हम दोनों खास दोस्त से अब दो प्यार करने वाले जोड़ा बन गए थे।

आखिर में वो दिन दिसंबर में आ ही गया.. जिसका मुझे बेसब्री से इंतज़ार था। मेरे मम्मी-पापा और बहन एक हफ्ते के लिए 22 दिसंबर को क्रिसमस एंजाय करने कोलकाता जाने वाले थे.. और जिस दिन मुझे यह बात पता चली, उस दिन पंद्रह दिसंबर था।

पूरा एक हफ़्ता कैसे बीता.. मेरा दिल ही यह बात जानता है।

वो दिन आख़िर आ ही गया, मेरे माता-पिता की ट्रेन रात को दस बजे थी, सो शाम को मैं और अवन्तिका उर्जा पार्क में मिले और अगले दिन मिलने का प्रोग्राम तय किया।
हम दोनों बड़े ही खुश थे। मैंने रात को अपने माता-पिता को स्टेशन ड्रॉप किया और वापिसी में मैंने कन्डोम, सरसों के तेल की शीशी, नारियल तेल की शीशी और एक माज़ा जूस की एक लीटर का पैक खरीद लिया।

दोस्तो, मैं बता नहीं सकता.. कि 22 दिसंबर की वो रात कैसी बीती।

मैं और डंबो रात भर करीबन एक बजे तक फ़ेसबुक पर चैट करते रहे। मैं आप सभी को बताना चाहता हूँ कि मैं मेरी जान अवंतिका को प्यार से ‘डंबो’ बुलाता हूँ।

फिर 23 तारीख की सुबह हुई, मैं फ्रेश होकर अपना ब्रेकफास्ट बना रहा था, तभी डंबो का कॉल आया। उसने कहा- ठीक दस बजे तुम अपने घर का गेट खुला रखना।

मैंने वही किया। वो अपनी एक फ्रेण्ड ऐश्वर्या के साथ आने वाली थी। उसकी ये फ्रेंड यहाँ के मशहूर अख़बार में इंटर्नशिप कर रही थी। डंबो और ऐश्वर्या दोनों एक साथ अपनी स्कूटर पर आए।

ऐश्वर्या ने उसे तुरंत ड्रॉप किया और वो निकल गई।

जैसी ही डंबो अन्दर घुसी.. मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं।
डंबो एक येल्लो कलर के वन पीस फ्रॉक में थी। डंबो के साथ एक एयरबैग भी था.. पता नहीं उसमें क्या था।

जैसे ही डंबो अन्दर घुसी.. मैं उससे लिपट गया और मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया। वो हल्की से चौंकी और तुरंत मेरी गोद से उतर गई।
उसने कहा- शोना.. आज पूरा दिन और पूरी रात मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैं आज ऐश्वर्या के घर ग्रुप स्टडी का बहाना बना कर आई हूँ, इन हसीन लम्हों को मैं ज़िंदगी भर अपनी यादों में संजो कर रखना चाहती हूँ… प्लीज़ थोड़ा सब्र रखो ना जान।

असल में सुबह वो अपनी सहेली के साथ निकली थी और कुछ शॉपिंग करके आई थी।

दोस्तो, मैं आपको ये बताना भूल ही गया कि मेरी भोली सी अवन्तिका मुझे प्यार से शोना बुलाती है।
डंबो मेरी पड़ोसी थी.. सो उसे मेरे घर के एक-एक कोने की भली-भाँति जानकारी थी।

उसने मेरा कपबोर्ड खोला और उसमें से एक पर्पल रंग का कुर्ता और धोती निकाली। उसने मेरे गालों पर बड़े प्यार से हाथ रख कर कहा- शोना तुम ऊपर जाओ.. नहाओ, ये कपड़े पहनो और उसके बाद नीचे आना।

अभी मैं उससे कुछ कहता कि उसने मुझे धक्के देकर ऊपर भेज दिया। मैंने शावर लिया.. डियो लगाया, कपड़े पहने और डंबो के कहे मुताबिक नीचे आ गया।

जैसे ही मैं नीचे आया मैंने डाइनिंग टेबल पर देखा कि मेरा पसंदीदा खाना वहाँ रखा हुआ है। घर में अगरबत्ती लगी हुई है… और बेडरूम से एक रोमांटिक म्यूज़िक की आवाज़ आ रही है।

जैसी ही मैंने बेडरूम खोला, मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। मैंने देखा कि डंबो एक सुंदर से बंगाली दुल्हन के जोड़े में बैठी हुई थी। घूँघट गले तक, बेड पर पूरे पीले और लाल गुलाब के फूल बिखरे हुए।
मुझे उसने एक सुहागरात की छवि दिखा दी।

मेरा लंड इस पूरे सीन को देख कर सलामी देने लगा।
मैं बिस्तर पर आया और उससे पूछा- ये सब क्या है जान?

उसने एक ब्लेड निकाल कर अपना अंगूठा काट लिया.. मुझे डंबो की इस हरकत पर बड़ा गुस्सा आया, पर दूसरे ही पल जो अदा उसने दिखाई.. उसका मैं कायल हो गया। उसने मेरे राईट हाथ का अंगूठा लिया.. अंगूठे को मेरे खून में डुबोया और उस खून को उसने अपने सिर की मांग में भर लिया।

मैंने तुरंत कहा- शोना.. ये क्या कर लिया तुमने?
उसने कहा- जान ये हक सिर्फ़ अपने पति को ही दूँगी.. और अब तुम मेरे पति हुए।

मैं अचानक से एक दुविधा की मुद्रा में आ गया.. तभी मुझे गालों पर च्यूंटी काटते हुए उसने कहा- शोना.. मैं जानती हूँ कि तुम एक बंगाली परिवार से हो और मैं एक महाराष्ट्रीयन परिवार से, तुम मुझसे शादी करो ना करो.. पर आज मैं तुम्हें अपना पति मानती हूँ। शोना.. मैं आपसे ये वादा करती हूँ कि मैं आपको कभी मुझसे शादी करने के लिए नहीं कहूँगी, पर आज मुझे से ये हक मत छीनिए।

उसकी ये बात सुनकर मेरी आंखों में आँसू आ गए। जैसे ही मेरा पहला आँसू गिरा, उसने मेरे होंठों को कसके चूम लिया। उसके इस प्यार को देखते हुए मैं भी अपने आपको रोक नहीं पाया। मैं भी उसे बेइन्तिहा चूमने लगा।
चुंबन करते-करते उसने मेरे लंड पर हाथ रखा, तो एक अजीब सी बिजली मेरे शरीर में दौड़ गई।

मैं उसे कई मिनट तक लगातार गले में.. कानों में.. और होंठों पर चूमता रहा।
मैंने धीरे से उसका ब्लाउज उतारा, उसने अन्दर पिंक कलर की ब्रा पहनी थी।
मैं उसके दोनों मम्मों को देख कर पागल सा हो गया।

फिर उसने भी बड़े प्यार से अपनी नाखूनों को धीरे-धीरे चुभोते हुए मेरा कुर्ता उतारा।

अब फिर से चुम्बन का दौर चला। इस बार कुछ अलग ही हुआ उसने एक डेरी मिल्क और थोड़े से शहद को अपने दोनों हाथों से पूरा मसल कर मेरे मुँह पर लगा दिया। फिर उसने उस पूरे डेरी मिल्क और शहद को किस करते करते बड़े ही गरम अंदाज़ में साफ किया।

अब मैंने उसकी ब्रा को उसके शरीर से अलग कर दिया। ब्रा हटते ही जो दृश्य मेरे सामने था.. वो शायद पूरी दुनिया में किसी भी मर्द को पागल कर सकता था।
उसके दोनों मम्मे मेरे दोनों हाथों में जैसे-तैसे बस आ ही पा रहे थे।

मैं उन दोनों मम्मों को एक छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा। डंबो मेरे सर को अपने दोनों हाथों से अपने छाती की ओर खींच रही थी और हल्की-हल्की सी सिसकियाँ ले रही थी।

मेरे सिर से उसका हाथ कब मेरी कमर पर पहुँचा और कैसे उसने मेरी बनियान मुझसे अलग की.. मैं समझ ही नहीं पाया।
अब हम दोनों आधे नंगे थे… मैं धोती में और व सिर्फ़ आधी खुली हुई साड़ी में।

टाइम निकलता ही जा रहा था.. दोपहर के बारह बजे थे।

मैंने फिर उसको उसकी साड़ी और पेटीकोट से बड़े रोमांटिक ढंग से सॉल्सा डांस के अंदाज़ में अलग किया।

अब वो सिर्फ़ पिंक कलर की पैन्टी में थी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

उसने एक बड़े ही बदमाश अंदाज़ में मेरी धोती की गांठ खींच दी।
वो अपनी पैन्टी में और मैं अपने जॉकी नेकर में था।

चुंबन का एक बेहद ही नशीला दौर शुरू हुआ.. जिसमें ना मुझे पता चला.. ना ही डंबो को पता चला कि कब हम दोनों के शरीर से सारे कपड़े हट गए।

दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी डंबो की उफनती जवानी में गोता लगाने का मन होने लगा होगा.. बस आप जल्दी से अपने ईमेल मुझ तक भेजिए और मेरे हाथों डंबो की जवानी को चुदने का पूरा मजा लीजिए।

[email protected]
कहानी जारी है।

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top