कुंवारी लड़की ने घर बुला चूत दी

(Desi Ladki ki Pahli Chudai)

देसी लड़की की पहली चुदाई का मजा मुझे मिला शिमला की गोरी चिट्टी जवान लड़की को चोद कर! एक ऐप से मेरी उससे दोस्ती हुई. हम सेक्स की बात करने लगे.

दोस्तो, मैं राहुल (बदला हुआ नाम) शिमला में रहता हूँ.
मैं 34 साल का हूँ.

आज मैं आपको एक सच्ची घटना देसी लड़की की पहली चुदाई की बताने जा रहा हूँ.

एक दिन मैं एक डेटिंग साईट पर सर्फ कर रहा था.
उधर मैं एक लड़की अदिति (बदला हुआ नाम) से मिला.

वह लड़की शिमला से ही थी और वह ब्रेकअप के गम से उबरने के लिए उस ऐप पर आई थी.

उससे चैट करते करते मैंने उससे कांटैक्ट नंबर शेयर किए.
फिर हम दोनों बात करते करते काफी घुल-मिल गए.

उससे मेरी बातें अब सीधे फोन पर ही होने लगी थीं.
कभी कभी हम दोनों वीडियो कॉल पर बात भी करते थे.

ऐसी ही बातें होती रहीं और मैं उससे मिलने की गुजारिश करता रहा.
पर वह मिलने के लिए कभी भी राजी नहीं हो रही थी.

यूं ही दिन बीतते रहे और अंत में वह मिलने राजी हो गई.
उसने कहा- तुम रात को 8-9 बजे के बाद आना ताकि कोई पड़ोसी तुम्हें मेरे घर आते देख ना सके.
मैंने हां कह दी.

उससे मिलने से मैं पहले अपने आप को तैयार करने में लग गया.
मैंने अपने प्राइवेट पार्ट्स को क्लीन किया, बाज़ार जाकर कंडोम का पैकेट लिया और अपनी चमेली से मिलने के लिए तैयार हो गया.

चलने से पहले मैंने उसको कॉल किया और उससे पूछा- कुछ चाहिए?
तो उसने कहा कि मेरे लिए एक सिगरेट का पैकेट ले आना.

मैंने उससे अपना लाइव लोकेशन शेयर करने को बोला.
उसने तुरंत ही अपनी लाइव लोकेशन सेंड कर दी और बोली- अब जल्दी से आ जाओ.

मैं गोल्ड फ्लेक सिगरेट का पैकेट लेकर जल्द से उसके दी हुई लोकेशन पर पहुंच गया.

लोकेशन पर पहुंच कर मैंने उसको कॉल किया.
उसने अपने कमरे से बाहर आकर मुझे हाथ हिलाकर बुलाया और मैं उसके पीछे पीछे चलता गया.

अंततः मैं उसके घर पर पहुंच गया.
उसने जल्दी से दरवाजा बंद किया और बोली- मैंने सोचा ही नहीं था कि तुम रियल में आओगे!

मैंने उसके नितम्ब के पास से अपने हाथ डाले और उसे अपनी बांहों में उठा कर उसको हग कर लिया.

उस समय सर्दी का मौसम था तो मेरे हाथ काफी ठंडे थे.
उसने हीटर ऑन किया और बोली- हीटर से हाथ सेक लो.

वह मेरे लिए पानी लेकर आई.
मैंने पानी पिया और हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे.
यह हम दोनों की पहली मुलाक़ात थी.

वह सिगरेट सुलगा कर धुआँ उड़ा रही थी.
मुझे भी उससे कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि मैं भी कभी कभी सिगरेट पी लेता था.

दोस्तो, मैं अदिति के बारे में बारे में बताना ही भूल गया.
वह लगभग 26 साल की एक मस्त लड़की थी.
उसकी हाईट लगभग 5 फीट थी.

हम दोनों आपस में बातों ही बातों में एक दूसरे को छूने लगे.

उसने मुझसे खाने के लिए पूछा.
मैंने मना कर दिया.

फिर वह बोली- चलो रेस्ट कर लो.
उसने एक अतिरिक्त रज़ाई बेड पर रख दी और मुझसे बोली- तुम अलग रज़ाई में सो जाना.

मैंने कहा- नहीं बेबी, मैं यहां अकेले सोने नहीं आया हूँ … मैं तो तुमसे बातें करने आया हूँ.
फिर हम दोनों एक ही रज़ाई में बैठ गए.

हम दोनों ने एक दूसरे से बातें जारी रखीं और साथ में एक दूसरे का हाथ सहलाते रहे.

फिर पता नहीं वह एकदम से मेरी तरफ को झपटी और बोली- बताओ कौन सी बातें करने आए हो?
मैंने भी उसको बांहों में लिया और उसके होंठों पर किस कर दिया.

वह भी मेरा साथ देने लगी और हम एक दूसरे को किस करते रहे.

हमारा वह किस स्मूच में कब बदल गया, पता ही नहीं चला.

3-4 मिनट के बाद के बाद हम दोनों थोड़ी देर के लिए अलग हुए.

एक दो पल रुकने के बाद मैंने फिर से उसके होंठों पर किस किया.

इस बार मैंने प्यार से उसके होंठों को काटा … चूसा … और उसे किस करता हुआ गालों पर आ गया.
उसके गालों को दांतों से हाटते हुए वहां किस किया.
वह आह आह करने लगी.

फिर कान के नीचे किस किया, कान के निचले भाग को चूसा, काटा और धीरे से उसके कान में कहा- तुम बहुत हॉट और सेक्सी हो!
वह ‘उन्ह’ करके मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी और बोली- मुझे ऐसे ही प्यार करते रहो … अच्छा लग रहा है.

मैं उसे किस और बाइट करता रहा.

वह भी आनन्द के चलते ‘हम्म … हम्म उहह … उहह …’ की आवाजें निकालती रही और अपनी आंखें बंद करके लेटी रही.

फिर उसने अचानक से उठ कर मुझे कसके पकड़ लिया और वह भी मुझे किस करने लगी, मेरी पीठ को सहलाने लगी.

उसके दूध मेरे सीने में गड़ने लगे.
उससे मुझे उत्तेजना होने लगी तो मैं भी वापस उसकी गर्दन के ऊपर किस करते हुए उसे गर्म करने की कोशिश करने लगा.

फिर मैंने उसकी कॉलर-बोन के पास से उसकी बॉडी पर अपने मुँह से गर्म हवा छोड़ी जिससे उसकी पूरी बॉडी में सिहरन सी उठी और वह मेरे सीने से लिपट गई.
उसने मुझे ज़ोर से हग कर लिया.

मैंने उसकी पीठ को सहलाना शुरू किया और सहलाता सहलाता नीचे गांड के गोलों तक आ गया.
उनको सहलाया और भरपूर दबाया.

मस्त मक्खन के गोले थे.
उसकी आह निकल गई और वह मेरे लंड से अपनी चूत लड़ाने लगी.

मैंने वापस से उसकी गांड को अपनी हथेली से भर कर मसला तो वह मेरे कान में आह आह करने लगी।
वह धीरे से बोली- क्या कर रहे हो राजा … आह … लगती है न!
मैंने कहा- किधर लग रही है?

वह मेरे कान में ही फुसफुसाई- आगे लग रही है.
मैंने कहा- आगे किस चीज से लग रही है?

वह अपनी चूत को मेरे लौड़े से रगड़ कर बोली- कुछ चुभ रहा है.
मैंने लंड को उसकी चूत में अड़ाया और कहा- क्या अड़ रहा है?

वह बोली- यही गंदा बच्चा अड़ रहा है.
मैंने कहा- वह गंदा बच्चा नहीं है, एकदम चिकना है … देखोगी तो चूसने का मन करेगा.
वह हंस दी.

मैंने कहा- देखना है?
वह बोली- हम्म … देख लूँगी.

मैंने कहा- पहले तुमको दिखाना पड़ेगा!
वह बोली- तुमको क्या देखना है?

मैंने जबाव में उसकी कमीज़ को ऊपर कर दिया और उसकी नाभि के पास अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगा.
वह सिसकार उठी और अपने पेट को सिहराने लगी.

मैंने उसकी नाभि को अपनी जीभ से रच किया और जीभ को नुकीली करके नाभि में डाल कर उसे चाटने व चोदने लगा.

वह भी आनन्द के कारण ‘हम्म… हम्म उहह … उहह …’ की आवाजें निकाल रही थी.

मैं नाभि के साथ साथ उसके मम्मों को कमीज़ के ऊपर से ही हल्के हल्के हाथों से दबाता जा रहा था.
वह मादकता भरी आवाजें निकाल रही थी- आह आह … आज कितने दिन बाद मजा आ रहा है!

मैंने समझा कि इसके ब्वॉयफ्रेंड ने जबसे इसे चोदा नहीं है, तब से इसको लंड का स्वाद नहीं मिला है इसलिए आज तो यह पक्के में चूत में मेरा लंड ले लेगी.

मैं मन ही मन खुश होकर उसे किस करता हुआ पेट से ऊपर उसके मम्मों की तरफ आ गया.

वह मेरे सर को सहला रही थी और कोशिश कर रही थी कि मैं उसके मम्मों तक पहुंच जाऊं.

मैंने उसकी कमीज़ को सर के ऊपर से करके बाहर निकाल दिया.
सामने उसकी दोनों चूचियों को एक बार देखा और चूची पर अपना मुँह न लगा कर मैंने उसकी एक बगल को किस किया.
वह कसमसा गई.

क्या खूबसूरत बॉडी थी उसकी … बिल्कुल सेक्स की देवी लग रही थी.
उसके निप्पल का रंग भूरा था.

मैंने उसके एक मम्मे को एक हाथ में ले लिया और सहलाने व दबाने लगा.
दूसरे दूध पर मैं अपनी जीभ निप्पल के पास गोल गोल घुमाने लगा.

पहले वाले मम्मे के निप्पल को मैं उंगलियों में लेकर मरोड़ रहा था … खींच रहा था व दूसरे निप्पल को दांतों से काट रहा था, खींच रहा था व मुँह से दबा रहा था.

वह भी मेरी हर एक हरकत का भरपूर मजा ले रही थी.
आनन्द के कारण वह ‘हम्म … हम्म उहह … उहह …’ की आवाजें निकाल रही थी.
वह मेरे सिर को अपने मम्मों पर दबा रही थी.

फिर मैंने अदला बदली की … अर्थात जिसको हाथ से दबा रहा था, उसे मुँह में ले लिया … और दूसरे को हाथों से दबाना शुरू कर दिया.

वह गर्म सीत्कार भर रही थी.

मैं लगातार ऐसा करता गया और किस करता करता नीचे कमर के पास पहुंच गया.
मैं उधर फिर से उसको किस करने लगा.

उसकी सलवार के ऊपर से ही चूत को रगड़ने लगा, फिर सलवार का नाड़ा खोलने लगा.

अब वह एकदम से उठी और बोली- प्लीज़ बस इतना ही … इससे आगे नहीं … मैं अब तक वर्जिन हूँ.
जैसे ही उसने कहा कि वह कुंवारी है, मैं हक्का बक्का रह गया.

फिर मैंने कहा- प्लीज़ बेबी … करने दो न!
परंतु वह नहीं मानी.

मैं उसके होंठों पर फिर से किस करने लगा.
वह भी साथ देने लगी.

मैं उसके पूरे चेहरे पर चूमने लगा … कान के पास … कान के निचले हिस्से की लौ को काटा और चूसा.

फिर मैंने धीरे से कान में पूछा- कैसा लगा बेबी तुमको?
वह बोली- तुम तो बड़े एक्सपीरियंस्ड हो. मजा आ गया. तुमने तो बिना किए ही मेरा पानी निकाल दिया.

यह कह कर उसने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और बोली- सेक्स नहीं करना मुझे … मैंने तो तुमको ऐसे ही बुलाया था.
मैंने कहा- ठीक है, हम लोग सेक्स नहीं करेंगे, सिर्फ एक उंगली से चूत के दाने को रगड़ूँगा… और जीभ से चोदूंगा.

इसके लिए वह तैयार हो गई.

अब मैंने उसकी सलवार के नाड़े को खोला और पैंटी के ऊपर से ही चूत को किस कर दिया.
मैंने देखा कि पैंटी पर एक बड़ा सा गीला धब्बा हो गया था.
उस धब्बे पर मैंने नाक लगा कर सूँघा, तो बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी.

उस धब्बे वाली जगह को मैंने किस किया और धीरे धीरे से सलवार को उसकी टांगों से बाहर निकाल दिया.

अब मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से सहलाया और किस भी किया.
फिर दांतों की मदद से पैंटी को खींच कर नीचे सरका दिया.

आह … क्या खूबसूरत चूत थी.
बिल्कुल गोरी और हल्के हल्के बालों से घिरी हुई चूत एकदम मासूम लग रही थी.

उसकी चूत एकदम गीली हो गई थी.
मैंने चूत के होंठों को किस किया, वह सिहर उठी.

मैंने जीभ से चूत की पुत्तियों को चाटा और एक को होंठों से दबा कर खींचते हुए चूसा.

उसकी झांट का एक बाल मेरे मुँह में आकर जोर से खिंच गया.
वह ‘आह आह लग रही है बाल खिंच रहा है … आह’ कह कर चिल्लाई.
मैंने तुरंत उसकी चूत को छोड़ दिया.
इससे उसको मुझ पर भरोसा हो गया कि जब यह इंसान झांट का बाल भी टेड़ा नहीं कर रहा है तो चूत क्या चोदेगा.

अब मैंने अपने एक हाथ की दो उंगलियों से चूत की फांकों को फैलाते हुए चौड़ा किया और जीभ को नुकीली करके अन्दर पेल दिया.

जीभ का खुरदुरापन चूत की खाज को राहत देने लगा.
उसे अपनी चूत में मीठा दर्द होने लगा और वह अपनी गांड उठा कर मेरी जीभ से अपनी चूत को रगड़वाने लगी.

मैं भी पूरी तन्मयता से उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा.
इसी के साथ मैं अपने दूसरे हाथ से चूत के दाने को भी रगड़ता रहा.

कभी मैं दाने को जीभ से भी छेड़ देता, तो कभी मम्मों को दबा देता.

कुछ ही देर में वह झड़ गई और मैं उसकी चूत का सारा रस चाट गया.

दोस्तो, देर रात तक हम दोनों ऐसा करते रहे … फोरप्ले करते रहे.

काफी रात ऐसे ही कट गई.
वह सो गई और मैं अपने लंड को पकड़ कर लेट गया.

मुझे उसकी चूत चोदने का मन कर रहा था लेकिन उसकी मादक जवानी को देख कर मैं उसे खोना नहीं चाहता था.

वह भी पक्की जिद्दी थी, अपनी चूत में लंड नहीं घुसवाना चाह रही थी.

जब हम दोनों सोने लगे, तब रात के दो बज गए थे.

हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए थे.

फिर रात के तीन बजे का समय हुआ था.
उस वक्त मुझे अपने लौड़े पर गीलेपन का अहसास हुआ.

मैंने बिना हिले-डुले अपनी आंख को हल्के से खोला तो वह मेरे लंड को चूस रही थी.

लंड खड़ा होने लगा और कुछ ही देर बाद वह मेरे लंड पर बैठ कर अपनी चूत रगड़ने लगी.

उस वक्त मेरे दिमाग में यही आया कि यह अपनी चूत की खुजली से परेशान है और बस यूं ही चूत लंड से रगड़वा कर झड़ जाएगी और सो जाएगी.
मैंने कुछ नहीं किया बस लेटा रहा.

लंड एकदम कड़क हो गया था और वह चूत को लौड़े पर रगड़ रही थी.
फिर उसने अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत के छेद में लगाया और सुपारे पर बैठने की कोशिश करने लगी.

अब लंड में दिमाग तो होता नहीं है, जरा सा जोर लगा तो लंड चूत में घुस गया.

वह एकदम से चीख पड़ी और मैंने मामले की गंभीरता को समझते हुए भी उसकी कमर को पकड़ कर अपने लौड़े पर दबाए रखा.

इससे हुआ यह कि वह अपनी चूत को लंड से हटा ही न सकी और उसी वक्त मैंने उसे पकड़ कर अपने नीचे पलटा लिया.
वह सब इतनी तेज गति से हुआ कि लंड सरसराता हुआ और चूत फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.

देसी लड़की की पहली चुदाई से चिल्लाने लगी थी कि मैंने उसके मुँह को बन्द कर दिया और धक्का देने चालू कर दिए.

कुछ ही देर में चूत की सिलाई खुल गई और लंड ने चूत को भोसड़ा बनाने का काम द्रुत गति से आरंभ कर दिया.

वह भी उत्तेजित अवस्था में थी तो कुछ कह ही न सकी.
करीब दस मिनट की चुदाई में वह झड़ गई और मैं उसकी चूत का सत्यानाश करता रहा.

करीब और दस मिनट बाद मैंने लंड को चूत से खींचा और उसकी चूत के ऊपर ही रस टपका दिया.
वह हंस रही थी और हांफ रही थी.

उसे हंसता देख कर मैं भी खुश था.

वह ठंडी सांस भर कर बोली- पप्पू पास हो गया!
मैंने पलकें झपकाईं तो वह बोली- तुम सच्चे दोस्त निकले … तुमने मेरी नंगी जवानी को बिना चोदे मेरी बात को माना, इसलिए तुमको मैंने इनाम में अपनी चूत चुदाई का मौका दे दिया.

दोस्तो, मैं खुश था कि कम से कम मैंने किसी को जबरन नहीं चोदा.

इसकी बाकी की सेक्स कहानी अगले अंक में लिखूँगा.
आपको देसी लड़की की पहली चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
[email protected]

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