लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 13

(College Students Love Life Story)

This story is part of a series:

कॉलेज स्टूडेंट्स लव लाइफ स्टोरी कुछ दोस्तों के एक ग्रुप की मस्ती की हैं. इस ग्रुप में कुछ लड़के और कुछ लड़कियाँ हैं. ये सब आपस में क्या करते हैं.

हैलो आल … मैं सोनिया कमल वर्मा आपके मनोरंजन के लिए कॉलेज स्टूडेंट्स लव लाइफ स्टोरी की अगली कड़ी लेकर हाजिर हूँ.

अब तक आपने इस सेक्स कहानी में दोस्तों के एक ग्रुप की मस्ती को पढ़ना शुरू किया था. इस ग्रुप में लड़के लड़कियां सब बिंदास सेक्स से भरी बातें करते हैं.

पल्लवी और तन्वी बात करती हुई सो गई थीं. इधर आकाश और समीर बात करे थे.

समीर- ये हमारा आखिरी साल है. आकाश, इसके बाद का क्या प्लान है?
आकाश- अभी कुछ सोचा नहीं यार. और यार तेरी पूजा दी का कुछ हुआ?

समीर- नहीं यार … पता नहीं कहां से साला हिजड़ा लिखा था दी की किस्मत में … उस मादरचोद का लंड ही खड़ा नहीं होता.
आकाश- तो तू ही कुछ मदद कर उनकी. तेरी और दी की तो अच्छी जमती है?

समीर- मेरे कारण तो दी अभी तक टिकी हुई हैं. वरना अब तक तो उस गांडू से तलाक ले चुकी होतीं. पर यार, ये बात किसको पता ना चले.

आकाश- नहीं यार, तू डर मत. ये बात मेरे तक ही रहेगी. पर यार पिछली बार तो तूने पूजा दी की गांड भी मार दी थी, ये कैसे हुआ था!

समीर- यार, दी की सहेली आरती का सब किया-धरा था. उसी रांड ने भड़काया था कि अपने भाई से चुदवा ले, बाहर किसी को पता भी नहीं चलेगा. तेरी बदनामी भी नहीं होगी और चूत भी ठंडी हो जाएगी. तब से दी की चुदाई शुरू हुई थी. इस बार पूजा दी आईं … तो आरती बोलने लगी कि एक बार गांड मरवा कर भी देख ले … चूत से ज्यादा मजा आता है. वो साली खुद एक दिन बिना लंड के नहीं रहती. मायके में भाई और कजिन से चुदवाती है. ससुराल में खसम के साथ साथ देवर को भी फंसा रखा है छिनाल ने. साली कहती है मुझे एक लंड से मजा नहीं आता. जब दी ने साली को मेरे लंड का साईज बताया, तो एक बार तो मुझे भी लाईन मार रही थी. कहती है कभी हमारी भी सेवा कर दिया करो … बदले में गाढ़ी गाढ़ी मलाई चटाऊंगी.

‘अरे … फिर!’
‘फिर क्या … वो तो उसी समय मेरा लंड पकड़ कर मसलने लगी थी. वो तो दी आ गई थीं, नहीं तो कुतिया को वहीं पटक कर चोद देता मैं … मादरचोदी रंडी.’

आकाश- तो उसके बाद कभी मौका नहीं मिला क्या तुझे … मुझसे मिलवा दे, साली को दबा कर पेलूंगा. कब तक मैं मुठ मारता रहूंगा यार?

वो दोनों हंसने लगे.

इसी तरह की बातें करते हुए रात 8 बजे सब महाबलेश्वर पंहुच गए.

रिसॉर्ट में रहने की अच्छी व्यवस्था थी और पीछे की तरफ एक आलीशान स्वीमिंग पूल भी था. सब लोग ये देख कर खुश हो गए.

चिराग- दोस्तो, हम दो दो के ग्रुप में बंट जाते हैं और चार रूम में एडजस्ट कर लेते हैं. इससे सबको कंपनी भी मिल जाएगी. सब अपना अपना सोच लो, कौन किसके साथ रूम शेयर करेगा या करेगी.
स्नेहा- मैं ज्योति के साथ रूम शेयर करूंगी. क्यों ज्योति चलती है क्या 9 से 12 …?

आंख मारते हुए स्नेहा ने कहा, तो पल्लवी बोली- हां मैं और तन्वी.
आकाश- मैं समीर के साथ हो जाता हूँ.

चिराग- विराज तुझे मेरे साथ कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना?
विराज- नो प्रॉब्लम ब्रो.
चिराग- सब अपने अपने रूम में फ्रेश होकर आधे घंटे में यहीं हॉल में डिनर के लिए मिलते हैं. मैं सबके लिए डिनर बाहर से ऑर्डर कर देता हूँ.

उसके बाद सब अपने अपने रूम में चले गए.

स्नेहा और ज्योति के रूम में.

ज्योति- तू मेरे साथ क्यों आई बीसी? मैं चिराग के साथ उसके रूम में जाने वाली थी, पर तूने तेरी बहन चुदवा ली. नहीं तो आज ही मेरी मुनिया का उद्घाटन समारोह हो जाता.
वो अपनी चूत पर हाथ लगाती हुई कह रही थी.

स्नेहा- बता तो जरा कितनी आग लगी है तेरी चूत में … छिनाल साली.
इतना बोल कर स्नेहा ने झपट्टा मारा और उसकी चूत जींस के ऊपर से ही दबोच ली.

ज्योति- छोड़, छोड़ साली … क्या कर रही है. मैं तेरी होने वाली भाभी हूँ. अपने भाई के माल पर बुरी नजर रखती है कुतिया. ये किसी और की अमानत है रंडी.
स्नेहा- भैया के माल पर नहीं, होने वाली भाभी की बुर पर बुरी नजर है. देखने तो एक बार मेरी होने वाली भाभी की बुर कैसी है … चोदने लायक है भी या, बस मूतने के ही काम आती है.
उसने हंसते हुए कहा.

ज्योति- कुछ तो शर्म कर भोसड़ा चोदी!
स्नेहा- शर्म करूंगी, तो अपने भाई के साथ तेरी चुदाई कैसे देखूंगी, तैयार तो मैं ही करूंगी तुझे जानेमन!
ज्योति- चल चल आई बड़ी मेरी चुदाई देखने वाली.

इसी प्रकार की मस्ती करती हुई दोनों फ्रेश हुईं और तैयार होकर हॉल में आ गईं, जहां पहले से सभी बैठे थे.

पल्लवी और तन्वी डिनर टेबल पर लगा रही थीं, जिसमें स्नेहा और ज्योति ने मदद की.

फिर डिनर करते हुए चिराग बोला- डिनर के बाद सब आराम करते हैं. कल सुबह घूमने निकलेंगे, वैसे तो जिसको जहां जाना हो जा सकता है. मुझे तो नींद आ रही दोस्तो. ओके गुड नाईट फ्रेंड्स.

उसके बाद एक एक करके सभी गहरी नींद में चले गए.

डिनर के बाद स्नेहा ओर ज्योति अपने रूम आ गई थीं. कमरे में आते ही स्नेहा ने पहले अपनी टी-शर्ट उतारी. उसने अन्दर एक साटन की झीनी सी ब्रा पहनी थी, जिसमें उसकी 32 नाप की चूचियां कैद थीं.
उसके बाद उसने अपनी जींस भी उतार फेंकी. अब वो छोटी सी ब्रा पैंटी में रह गई थी.

स्नेहा- कैसी लग रही हूं भाभी?
उसने अपने हाथों से ऊपर उठा कर अपनी चूची हिला कर पूछा.

ज्योति, जो बैग में से अपने कपड़े निकाल रही थी, पलट कर देखते हुए सीटी बजाकर बोली- क्या बात है जानेमन, ये बिजली किस पर गिराने का इरादा है?
उसने पीछे से आकर स्नेहा को बांहों में भर लिया और उसके गाल पर किस करते हुए मस्ती करने लगी- क्या बात है यार … तेरे आम तो दिन पर दिन बड़े होते जा रहे हैं, आज कल किससे दबवा रही है?

ये कहते हुए ज्योति ने स्नेहा की रसभरी चूचियों पर अपने हाथ रख दिए.

स्नेहा- अपनी किस्मत ऐसी कहां है यार … जो ये निगोड़ी चूचियां किसी मर्द के हाथों दब जाएं.
ज्योति- तो कहीं अपने ही भाई से तो नहीं दबवा रही छिनाल?

स्नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा- चुप कर छिनाल … शर्म कर वो मेरा भाई है, खसम नहीं. तूने क्या मुझे समीर की पूजा दीदी समझी है, जो अपने भाई से चुदवाती है.

ज्योति- हां यार … पूजा दीदी के बारे में मैं जब भी सोचती हूँ, तो मेरी चूत से पानी बहने लगता है … वो अपने ही सगे भाई से कैसे चुदवा लेती होगी और उसे कैसा लगता होगा. अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि समीर गया … उसका पेटीकोट उठाया, चूत में लंड डाला … चोदा और चला आया. दी अपने भाई का लंड भी चूसती होगी … और उससे अपनी चूत भी चटवाती होगी?

स्नेहा- हां यार … बोल तो तू सच रही है. पर तुझे चुदाई की इतनी नॉलेज कैसे है कि लंड चूसा जाता है और चूत चाटी जाती है?
ज्योति, स्नेहा को छोड़ कर अपने कपड़े बदलती हुई बोली- अरे यार, इतना तो आजकल के झांट झांट से बच्चों को भी पता है, जो अभी अंगूठा चूसते हैं.

फिर ज्योति ने एक छोटा सा नाईट गाऊन पहन लिया … वो भी बिना कोई ब्रा पैंटी के. जो उसके घुटनों से थोड़ा ऊपर था. इस गाउन में से उसकी सफेद दूध जैसी गोरी गोरी जांघें चमक रही थीं. वो अगर थोड़ा सा भी झुके … तो उसकी गांड का भूरा छेद दिखने लगे.
स्नेहा- साली मुझे तो बोल रही थी, पर तेरी ये चूचियां इतनी बड़ी कैसे हो गईं. कहीं तू ही तो नहीं चुपके से मेरे भाई से दबवाती फिरती है. ये देख पके आम के जैसे बढ़ते जा रहे हैं?

ज्योति- काश तेरी बात सच होती … तो मैं उससे सिर्फ अपनी चूची ही नहीं दबवाती, उसे तो अपनी गोद में लिटा कर दूध भी पिला देती … हाय कितना मजा आता. यार स्नेहा कुछ कर ना!
स्नेहा- ला मैं ही अपनी होने वाली भाभी का दूध पी लेती हूँ.

इतना बोल कर उसने ज्योति के बोबे पकड़ लिए और दबाने लगी.

ज्योति- हाय मत कर यार … चिराग की याद आने लगती है. काश वो तेरी जगह होता, तो कितना अच्छा लगता.
स्नेहा- तू कहे तो अभी बुला दूं भाई को, आज ही अपनी सुहागरात मना लेगा. साली जब वो तुझे कसके चोदेगा ना … तो तेरी सारी हड्डियां चटक जाएंगी जानेमन.

ज्योति- छोड़ यार … मेरी चूत में चीटियां रेंगने लगी हैं, फालतू गर्म मत कर … चल सोते हैं. कल घूमने जाने के लिए सुबह जल्दी उठना है.
स्नेहा मुस्कुराते हुए बोली- तेरी चूत में तो बस चींटियां ही रेंग रही हैं. मेरी चूत तो पूरी गीली हो गई. मैं बाथरूम से आती हूँ.

ज्योति भी मुस्कुराते हुए बोली- जा जा … अपनी चुत ठंडी कर ले उंगली डाल के … कमीनी.
स्नेहा- तुझे अगर मुझ दया आ रही हो, तो तू मेरी चूत चाट कर ठंडी कर दे, तुझे भी मेरी मलाई चखने को मिल जाएगी.

ज्योति- रुक साली … मैं अभी चिराग को बुलाती हूँ. वही तेरी चूत चाट कर तो क्या, तू कहेगी … तो तुझे चोद कर भी ठंडी कर देगा.
स्नेहा- साली, तू मेरे चक्कर में अपना भला तो नहीं सोच रही कुतिया?

ये कहकर स्नेहा ने ज्योति को अपने साथ बेड पर गिरा लिया और उसके ऊपर चढ़ गई. स्नेहा ज्योति के गाल पर और होंठों पर दनादन पप्पियां करने लगी.

ज्योति- छोड़ साली … मेरे साथ लेस्बियन करेगी क्या?

इसी तरह मस्ती करते हुए दोनों सो गईं.

अगली सुबह दोनों नहा कर तैयार हुईं. स्नेहा ने आज टाईट फिटिंग वाली ब्लू जींस और ढीला ढाला ब्लैक कलर का टॉप पहना था.

वहीं ज्योति ने ब्लैक जींस के साथ व्हाइट स्लीवलैस टी-शर्ट, खुले बाल … सिर पर गॉगल्स पहने थे. वो गज़ब की हॉट माल लग रही थी.
दोनों तैयार होकर डाईनिंग हॉल में आईं … तो चिराग देखता रह गया.

स्नेहा ने ज्योति के कान में धीरे से कहा- देख भैया को … कैसे देख रहे हैं. लगता है … वो तो गए काम से. तू बच के रहना, कहीं यहीं पटक कर तेरे ऊपर न चढ़ जाएं.
ज्योति ने कुछ नहीं कहा.

फिर स्नेहा अपने भाई से बोली- क्या हुआ भैया … कहां खो गए?

ज्योति ने धीरे से शर्माते हुए कहा- चुप कर कहीं भी कुछ भी बोलती है.

चिराग शर्माते हुए बोला- क..कहीं नहीं.

इधर पल्लवी भी कम नहीं थी. उसने आज ब्लैक कलर की मिनी स्कर्ट पहनी थी, जो उसकी पैंटी के नीचे तक आ रही थी. जिसमें से उसकी गोरी गोरी जांघें साफ़ चमक रही थीं उसने ऊपर पिंक कलर का स्लीवलैस टॉप पहना था, जिसकी डोरियां कंधे पर थीं और बगल से ब्रा के स्ट्रेप बाहर दिखाई दे रहे थे. वो चलती फिरती सेक्स बम सी लग रही थी.

उसने एक बार विराज की तरफ देखा, जो उसे ही मुँह फाड़े देख रहा था. जिससे पल्लवी शर्मा गई.

दूसरी तरफ तन्वी भी कम नहीं थी. उसने आज ऊपर शॉर्ट टॉप और टॉप के अन्दर बिकनी ब्रा में से उसकी टेनिस बॉल साईज की चूचियां उभर कर कुछ ज्यादा ही बड़ी लग रही थीं. गहरे गले के टॉप से उसका क्लीवेज गहराई तक नज़र आ रहा था.
उसके नीचे पेट और पेट के नीचे गहरी नाभि. फिर स्कर्ट और उसके अन्दर साटन की चड्डी पहनी थी.

कोई भी लौंडिया किसी से कम नहीं लग रही थी. इन चारों तितलियों को जो एक बार देख ले, तो अपना लंड मसले बिना ना रहे..

सब लड़के ऐसे देख रहे थे, जैसे कि पहली बार इतना गर्म माल देख रहे हों. सबसे पहले चिराग को होश आया.

चिराग- तुम लोगों में से पहले यहां कौन कौन आ चुका है?
उसने बारी बारी सबकी तरफ देखा.

आकाश- हां मैं ओर तन्वी यहां पहले भी आ चुके हैं … फैमिली ट्रिप में.
चिराग खुश होते हुए बोला- गुड … यहां घूमने लायक कई जगह हैं. कृष्णा मंदिर, कृष्णा नदी, मंकी पाईंट, मैप्रो गार्डन और मुल्सी झील है … और हां लंच भी वहीं कहीं कर लेंगे. मैं ये कहना चाहता हूं कि आज यहां जितना भी घूमना फिरना होना है … वो ..

पल्लवी बीच में बात काटते हुए बोली- कल वापिस जाना है क्या … शिट!
चिराग- ओ हैल्लो मैडम … पहले पूरी बात तो सुन लो महारानी. फिर बीच में बोलना.

सब पल्लवी की बात पर हंस पड़े.

चिराग- कल हम लोग पंचगनी जाएंगे, जो यहां से करीब 19-20 किलोमीटर यानि करीब एक घंटे का रास्ता है. पंचगनी को स्ट्रॉबेरी का शहर भी कहा जाता है. जहां वाटरफॉल, जंगल और लवर पाईंट भी हैं.

चिराग ने ये बात ज्योति की तरफ देखते हुए कही, जिससे ज्योति शर्मा गई और उसने सिर झुका लिया. शर्मीली मुस्कुराहट उसके चेहरे पर आ गई.

तन्वी ने हंसते हुए कहा- लो शुरू हो गई लैला मजनूं की लव स्टोरी.
समीर- अब क्या यहीं टाईम बर्बाद करना है … चलना नहीं है क्या! चलो जल्दी जल्दी नाश्ता फिनिश करो … हमें निकलना है.

उसके बाद सब नाश्ता करके, उसी बस में बैठ गए, जिससे वो सब आए थे. पर सभी एक एक सीट छोड़. इस बार ज्योति चिराग की बगल वाली सीट पर खिड़की के साईड बैठी थी. पल्लवी, विराज के बगल में, स्नेहा आकाश के साथ हो गई, जिससे तन्वी समीर के पास बैठ सके. नहीं तो दोनों भाई बहन आपस में बोर हो जाते.

विराज ने मुस्कुराते हुए कहा- आज अच्छी लग रही हो … आई लव यू पल्ली.
पल्लवी ने आश्चर्य से देखते हुए कहा- लव यू टू विराज. तुम जानते हो, ये सुनने के लिए मेरे कान तरस रहे थे … लव यू, लव यू टू … आज मुझे सब कुछ मिल गया कसम से विराज … तुमने ये पहले क्यों नहीं कहा?

विराज- मैं तुम्हारी आंखों में हमेशा प्यार देखता हूँ … पर मैं मजबूर हूँ पल्ली.
पल्लवी- जानती हूँ, सब कुछ जानती हूं. ज्योति से लेकर परिवार तक … पर आज मैं बता देती हूं … जब तक तुम्हारी सारी प्रॉब्लम खत्म नहीं हो जाती हैं, मैं तब तक शादी के लिए नहीं कहूंगी. पर प्यार का इजहार करना भी जरूरी होता है विराज.
विराज- शुक्रिया पल्ली, आज तुमने मेरे मन पर पड़ा बहुत बड़ा बोझ हल्का कर दिया.

इतना बोल कर विराज ने पल्लवी का चेहरा पकड़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर एक लम्बा किस कर दिया और ‘लव यू पल्ली.’ कह दिया.

पल्लवी शर्मा कर विराज के सीने से चिपक गई- लव यू माय लव.

इस कॉलेज स्टूडेंट्स लव लाइफ स्टोरी में आगे और भी रस बरसने वाला है. आपको मजा आ रहा होगा, तो सेक्स कहानी के लिए अपने मेल भेजना न भूलें.
आपकी सोनिया वर्मा
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कॉलेज स्टूडेंट्स लव लाइफ स्टोरी का अगला भाग: लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 14

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